Waqf Amendment Bill: वक्फ बिल को लेकर जेडीयू में नाराजगी बरकरार! बिना कुछ बोले PC से उठ कर गए कई अल्पसंख्यक नेता

Waqf Amendment Bill: वक्फ बिल को लेकर जेडीयू में नाराजगी बरकरार! बिना कुछ बोले PC से उठ कर गए कई अल्पसंख्यक नेता

<p style=”text-align: justify;”><strong>JDU Press Conference:</strong> वक्फ बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो गया है. इसे लेकर जेडीयू के कई नेताओं ने नाराजगी जताई है और सात नेताओं ने इस्तीफे तक दे दिए. इस बीच पार्टी के बड़े अल्पसंख्यक नेताओं ने एकजुटता दिखाने की कोशिश करते हुए पटना में शनिवार को एक प्रेस कॉन्फेंस की, जिसमें कई बड़े नेता नहीं बोले. यहां तक के मीडिया के सवाल का जवाब तक नहीं दिया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डेमेज कंट्रोल को लेकर रखी गई थी पीसी&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल जेडीयू में वक्फ बिल को लेकर जो नाराजगी और भगदड़ मची थी, उसी डेमेज कंट्रोल को लेकर ये पीसी रखी गई थी, लेकिन संयोग से ये असफल रही. हालांकि जेडीयू के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने कहा कि वक्फ बिल पर नीतीश के पांच सुझाव माने गए, तब जाकर पार्टी ने इस पर अपना समर्थन दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अशरफ अंसारी और प्रवक्ता अंजुम आरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है. नीतीश के रहते अल्पसंख्यक समाज के हितों की रक्षा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता है. दोनों नेताओं ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर हमारी पार्टी ने पांच सुझाव दिए थे, सभी मान लिए गए तब समर्थन किया गया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वक्फ पर जदयू के 5 सुझाव यह थे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>1- जमीन राज्य का मामला है, इसलिए नए कानून में भी यह प्राथमिकता बरकरार रहे.<br />2- नया कानून पूर्व प्रभावी नहीं हो<br />3- अगर वक्फ की कोई संपत्ति रजिस्टर्ड नहीं है, लेकिन उस पर कोई धार्मिक भवन जैसा मस्जिद दरगाह आदि बनी हो तो उससे छेड़-छाड़ ना की जाए.<br />4- वक्फ संपत्ति से जुड़े विवादों के निराकरण के लिए जिलाधिकारी से ऊपर के अधिकारी को अधिकृत किया जाए.<br />5- वक्फ बोर्ड की संपत्ति के डिजिटलाइजेशन के लिए 6 महीने की समय सीमा बढ़ाई जाए.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि जेडीयू के सारे सुझाव मान लिए गए हैं. वहीं इस पीसी में पूर्व सांसद अहमद अशफाक करीम, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अफजल अब्बास, एमएलसी गुलाम गौस, खालिद अनवर जैसे नेता भी मौजूद रहे. इन्होंने पिछले दिनों से वक्फ बिल का खुलकर विरोध किया था, लेकिन उन्हें पीसी में कुछ बोलने नहीं दिया गया या उन्होंने कुछ बोलना मुनासिब नहीं समझा. कुछ मिलाकर जो पीसी एकजुटता दिखाने और डैमेज कंट्रोल के लिए बुलाई गई थी, वह सफल नहीं कही जा सकती.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/waqf-amendment-bill-passed-bjp-leader-syed-shahnawaz-hussain-claimed-after-passing-of-waqf-bill-threats-received-2919046″>BJP नेता शाहनवाज हुसैन का बड़ा दावा, ‘वक्फ बिल के पास होने के बाद मिल रहीं धमकियां, ऐसे लोगों की…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>JDU Press Conference:</strong> वक्फ बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो गया है. इसे लेकर जेडीयू के कई नेताओं ने नाराजगी जताई है और सात नेताओं ने इस्तीफे तक दे दिए. इस बीच पार्टी के बड़े अल्पसंख्यक नेताओं ने एकजुटता दिखाने की कोशिश करते हुए पटना में शनिवार को एक प्रेस कॉन्फेंस की, जिसमें कई बड़े नेता नहीं बोले. यहां तक के मीडिया के सवाल का जवाब तक नहीं दिया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डेमेज कंट्रोल को लेकर रखी गई थी पीसी&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल जेडीयू में वक्फ बिल को लेकर जो नाराजगी और भगदड़ मची थी, उसी डेमेज कंट्रोल को लेकर ये पीसी रखी गई थी, लेकिन संयोग से ये असफल रही. हालांकि जेडीयू के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने कहा कि वक्फ बिल पर नीतीश के पांच सुझाव माने गए, तब जाकर पार्टी ने इस पर अपना समर्थन दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अशरफ अंसारी और प्रवक्ता अंजुम आरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है. नीतीश के रहते अल्पसंख्यक समाज के हितों की रक्षा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता है. दोनों नेताओं ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर हमारी पार्टी ने पांच सुझाव दिए थे, सभी मान लिए गए तब समर्थन किया गया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वक्फ पर जदयू के 5 सुझाव यह थे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>1- जमीन राज्य का मामला है, इसलिए नए कानून में भी यह प्राथमिकता बरकरार रहे.<br />2- नया कानून पूर्व प्रभावी नहीं हो<br />3- अगर वक्फ की कोई संपत्ति रजिस्टर्ड नहीं है, लेकिन उस पर कोई धार्मिक भवन जैसा मस्जिद दरगाह आदि बनी हो तो उससे छेड़-छाड़ ना की जाए.<br />4- वक्फ संपत्ति से जुड़े विवादों के निराकरण के लिए जिलाधिकारी से ऊपर के अधिकारी को अधिकृत किया जाए.<br />5- वक्फ बोर्ड की संपत्ति के डिजिटलाइजेशन के लिए 6 महीने की समय सीमा बढ़ाई जाए.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि जेडीयू के सारे सुझाव मान लिए गए हैं. वहीं इस पीसी में पूर्व सांसद अहमद अशफाक करीम, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अफजल अब्बास, एमएलसी गुलाम गौस, खालिद अनवर जैसे नेता भी मौजूद रहे. इन्होंने पिछले दिनों से वक्फ बिल का खुलकर विरोध किया था, लेकिन उन्हें पीसी में कुछ बोलने नहीं दिया गया या उन्होंने कुछ बोलना मुनासिब नहीं समझा. कुछ मिलाकर जो पीसी एकजुटता दिखाने और डैमेज कंट्रोल के लिए बुलाई गई थी, वह सफल नहीं कही जा सकती.&nbsp;</p>
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