सांसद बर्क बोले- दंगे के समय संभल में नहीं था:SIT के 20 सवालों के जवाब दिए, 3 बार पानी पीया; 4 इंस्पेक्टर घेरे रहे संभल हिंसा के दौरान सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क संभल में नहीं थे। यह बयान उन्होंने SIT को दिया है। 8 अप्रैल (मंगलवार) को SIT ने सपा सांसद से 3 घंटे पूछताछ की। मंगलवार को थाना नखासा में CO असमोली कुलदीप सिंह ने सांसद बर्क से पूछताछ की। केस के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर अमित कुमार समेत 7 इंस्पेक्टर भी मौजूद थे। इस दौरान थाने में माहौल बेहद सख्त नजर आया। CO के सामने कुर्सी पर सांसद बर्क बैठे थे। CO ने बर्क से 50 सवाल पूछे। सूत्रों की मानें, तो सांसद ने करीब 20-25 सवालों के सीधे जवाब दिए। लेकिन, कई सवालों पर या तो चुप्पी साध ली या गोलमोल जवाब दिए। पूछताछ के दौरान सांसद बर्क के दोनों ओर 3-4 इंस्पेक्टर खड़े रहे। 3 घंटे में बर्क ने 3 बार पानी पिया। पूरे समय तनाव में दिखे। संभल कोतवाली में सपा सांसद पर भड़काऊ भाषण देने की FIR दर्ज है। पढ़िए सपा सांसद से क्या सवाल पूछे गए… सवाल: 19 नवंबर, 2024 को सर्वे की जानकारी कैसे मिली?
जवाब: लोगों के फोन आने लगे थे, तब मैं जामा मस्जिद पहुंचा। सवाल: 22 नवंबर को नमाज के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भड़काऊ बयान क्यों दिया?
जवाब: लोकतंत्र में सबको बोलने का हक है। मैंने वरशिप एक्ट पर बात की थी। कोई गलत बात नहीं कही थी। सवाल: 24 नवंबर को सर्वे के समय आप कहां थे?
जवाब: मैं संभल में नहीं था, दिल्ली में संसद सत्र में शामिल हुआ था। फोन पर कुछ लोगों से बातचीत जरूर हुई थी। सवाल: आपके खिलाफ संभल कोतवाली में भड़काऊ भाषण का मुकदमा दर्ज है?
जवाब: यह मुकदमा गलत है। मैं उस दिन संभल में मौजूद ही नहीं था और कोई भड़काऊ बात नहीं कही। सवाल: एडवोकेट जफर अली का दावा है कि आपने फोन कर भीड़ जुटाने को कहा?
जवाब: मैंने उनसे बात की थी, लेकिन उन्होंने पुलिस के सामने क्या कहा, यह मुझे नहीं पता। वो एडवोकेट हैं, वही जानें। अब जानिए पूरा मामला… पुलिस ने बर्क को दिल्ली जाकर दिया था नोटिस
संभल पुलिस ने 26 मार्च को दिल्ली जाकर सांसद बर्क को नोटिस दिया था। सांसद को 8 अप्रैल को SIT के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। 4 दिन पहले जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट ने SIT को बताया था- सांसद बर्क ने उन्हें जामा मस्जिद के सर्वे रोकने के लिए कहा था। बर्क ने कहा था- शाही जामा मस्जिद हमारी है और हमारी ही रहेगी। जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई थी हिंसा
संभल में कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर 24 नवंबर, 2024 की सुबह 6.30 बजे जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंचे थे। टीम देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में तीन हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद भगदड़ जैसे हालात हो गए। अचानक पथराव शुरू हो गया, पुलिस को भागना पड़ा। बवाल इतना बढ़ गया कि पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे फिर लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा। उग्र भीड़ ने 3 चौपहिया और 5 बाइकों में आग लगा दी। हालात कई घंटे बेकाबू रहे। सड़कों से 4 ट्रॉली पत्थर हटाए गए। हिंसा में गोली लगने से 4 युवकों की मौत हुई। सीओ अनुज चौधरी और एसपी के PRO के पैर में गोली लगी। एसपी समेत 15 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए। सांसद, विधायक का बेटा और 800 अज्ञात आरोपी
हिंसा के बाद संभल पुलिस ने सांसद जियाउर्रहमान बर्क, सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल समेत 800 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था। अब तक मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली समेत 80 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। घटना की जांच के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया था। तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग में रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा अध्यक्ष, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और पूर्व डीजीपी एके जैन, और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद सदस्य के रूप में शामिल हैं। आयोग की टीम अब तक संभल में चार बार जांच के लिए जा चुकी है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई 11 अप्रैल को लखनऊ में आयोग के सामने पेश होकर अपना बयान देंगे और सबूत भी सौंपेंगे। 23 मार्च को मस्जिद के सदर की हुई थी गिरफ्तारी
23 मार्च को संभल पुलिस ने जामा मस्जिद के सदर जफर अली को घर से उठाकर कोतवाली ले गई थी। करीब 4 घंटे कोतवाली में पूछताछ की। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। जेल जाते वक्त जफर ने कहा था- हिंसा के बाद मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसलिए मुझे जेल भेजा गया। मुझे फंसाया गया है, क्योंकि मैंने पुलिस वालों की पोल खोल दी थी। मैंने बता दिया था कि बच्चों को इन्होंने मारा है। हिंसा में जितने भी लोग मारे हैं, उन्हें पुलिस और प्रशासन ने मारा है। 4 दिन पहले SIT ने संभल ADJ द्वितीय कोर्ट में केस डायरी दाखिल की है। इसमें 24 नवंबर को हुई हिंसा को लेकर कई बातें सामने आई थीं। इसके बाद अपर जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश सैनी ने बताया- जफर अली के फोन की डिटेल जब खंगाली गई तो पाया गया कि इसमें सपा सांसद बर्क भी मुख्य साजिशकर्ता हैं। उन्होंने बताया था- जब जफर अली से SIT ने पूछा कि क्या सपा सांसद को सर्वे के बारे में जानकारी नहीं थी। इस पर सदर ने कहा, उनको पूरी जानकारी थी। उन्होंने 23 नवंबर की रात मुझे फोन करके सर्वे के बारे में बात की थी। सांसद ने जामा मस्जिद के आस-पास भीड़ जमा करने के लिए बोला था। उन्होंने यह भी कहा था, मैं अभी संभल के बाहर हूं। ये काम तुम्हें ही करना है। किसी भी हाल में ये सर्वे नहीं होना चाहिए। हरिओम प्रकाश सैनी ने बताया, सपा सांसद बर्क ने जफर अली को 23 नवंबर की रात 12 बजकर 32 मिनट पर फोन किया था। कहा था, मैं बेंगलुरु में हूं, मैं मौके पर नहीं हूं। तुम वहां पर हो, तुम जामा सदर हो, तुम लोगों को इकट्ठा कर सकते हो। लोगों को जमा करो। सर्वे किसी भी कीमत पर नहीं होना चाहिए। 24 नवंबर को 7 बजकर 1 मिनट से 8 बजे तक फोन पर बात की है। भीड़ को इकट्ठा करने के लिए मैसेज किए हैं। सपा सांसद ने अपने फोन से भी बात की है। पीआरओ के फोन से भी बात की है। हिंसा होने के बाद बर्क ने जफर से कहा था- आप पीसी करिए और बताइए कि जितने भी लोग मरे हैं, वो पुलिस की गोली से मरे हैं। पुलिस ने अवैध तमंचे से गोली चलाई है। ———————- ये खबर भी पढ़ें- संभल हिंसा- बर्क से थाने में 3 घंटे पूछताछ, 12 वकील लेकर पहुंचे सांसद, बोले- मैंने SIT को सारे जवाब दे दिए संभल हिंसा मामले में सांसद जियाउर्रहमान बर्क से SIT ने नखासा थाने में 3 घंटे पूछताछ की। थाने से बाहर निकलकर बर्क ने कहा- SIT ने मुझसे जो सवाल किए हैं, उनके जवाब मैंने दे दिए हैं। अभी जांच चल रही है।इससे पहले, सांसद बर्क सुबह 11 बजे 12 वकीलों के साथ थाने पहुंचे। SIT प्रभारी सीओ कुलदीप सिंह, इंस्पेक्टर अमित कुमार समेत 3 अफसरों ने हिंसा को लेकर उनसे सवाल किए। पढ़ें पूरी खबर