पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने आरोप लगाया कि राज्य में मौजूदा कृषि संकट के लिए AAP और भाजपा समान रूप से जिम्मेदार हैं। वे किसानों से बदले की भावना से एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। यह राज्य को आर्थिक रूप से बर्बाद करने की गहरी साजिश है। इस भयावह स्थिति की जिम्मेदारी लेने के बजाय दोनों सरकारें झूठ बोलने में लगी हुई है। किसानों के मुद्दे पर लोगों का ध्यान भटकाने की चालें दोनों सरकार द्वारा चली जा रही हैं। नशा एक पुराना गंभीर मुद्दा है, लेकिन इसका इस्तेमाल अन्य मुद्दों पर पर्दा डालने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। चीमा बोले- पंजाब का सबसे बड़ा मुद्दा धान प्रबंधन का शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि आज पंजाब में असली मुद्दा धान खरीद प्रणाली का पूरी तरह से ध्वस्त हो जाना है। भारी कटौती के बाद किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी कम दाम पर अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं। लेकिन किसानों की इस खुली लूट की जिम्मेदारी लेने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। स्टोरेज के लिए जगह नहीं होने के कारण मंडियों से धान का उठाव नहीं हो पा रहा है। दूसरे राज्यों में भेजे गए चावल को अस्वीकार कर दिया जाना। ये सभी चावल गुणवत्ता परीक्षण के बाद भेजे गए थे। डीएपी खाद की भारी कमी और कालाबाजारी हो रही है। साथ ही बढ़ता कर्ज और कानून व्यवस्था सभी प्रमुख मुद्दे हैं। लेकिन राज्य और केंद्र सरकार दोनों अपनी कमियों को छुपाने के लिए नशे का शरारती कार्ड खेल रही हैं। अगर नशा बढ़ा है तो उसके लिए कोई और नहीं बल्कि दोनों सरकारें जिम्मेदार हैं। लेकिन आज असली मुद्दा पंजाब की रीढ़ कृषि को बचाने का है। आज दोनों सरकारें ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाकर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही हैं। पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने आरोप लगाया कि राज्य में मौजूदा कृषि संकट के लिए AAP और भाजपा समान रूप से जिम्मेदार हैं। वे किसानों से बदले की भावना से एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। यह राज्य को आर्थिक रूप से बर्बाद करने की गहरी साजिश है। इस भयावह स्थिति की जिम्मेदारी लेने के बजाय दोनों सरकारें झूठ बोलने में लगी हुई है। किसानों के मुद्दे पर लोगों का ध्यान भटकाने की चालें दोनों सरकार द्वारा चली जा रही हैं। नशा एक पुराना गंभीर मुद्दा है, लेकिन इसका इस्तेमाल अन्य मुद्दों पर पर्दा डालने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। चीमा बोले- पंजाब का सबसे बड़ा मुद्दा धान प्रबंधन का शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि आज पंजाब में असली मुद्दा धान खरीद प्रणाली का पूरी तरह से ध्वस्त हो जाना है। भारी कटौती के बाद किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी कम दाम पर अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं। लेकिन किसानों की इस खुली लूट की जिम्मेदारी लेने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। स्टोरेज के लिए जगह नहीं होने के कारण मंडियों से धान का उठाव नहीं हो पा रहा है। दूसरे राज्यों में भेजे गए चावल को अस्वीकार कर दिया जाना। ये सभी चावल गुणवत्ता परीक्षण के बाद भेजे गए थे। डीएपी खाद की भारी कमी और कालाबाजारी हो रही है। साथ ही बढ़ता कर्ज और कानून व्यवस्था सभी प्रमुख मुद्दे हैं। लेकिन राज्य और केंद्र सरकार दोनों अपनी कमियों को छुपाने के लिए नशे का शरारती कार्ड खेल रही हैं। अगर नशा बढ़ा है तो उसके लिए कोई और नहीं बल्कि दोनों सरकारें जिम्मेदार हैं। लेकिन आज असली मुद्दा पंजाब की रीढ़ कृषि को बचाने का है। आज दोनों सरकारें ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाकर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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