पंजाब में शिरोमणि अकाली दल का अंदरूनी कलह बढ़ती जा रहा है। अब फतेहगढ़ साहिब में जिला जत्थेबंदी ने एक बैठक करके पार्टी प्रधान सुखबीर बादल से मांग की है कि बगावत करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। साथ ही सुखबीर बादल के समर्थन का प्रस्ताव भी पास किया गया। यूथ विंग अध्यक्ष की अगुवाई में बैठक अकाली दल में आपसी फूट के चलते दिनोदिनों दोनों गुट एक दूसरे खिलाफ मीटिंग्स कर रहे हैं। आज फतेहगढ़ साहिब में यूथ विंग अध्यक्ष सरबजीत सिंह झिंझर की अगुवाई में बैठक हुई। जिसमें जिला इकाई के पदाधिकारी शामिल हुए और ऐलान किया कि वे सुखबीर बादल के साथ हैं। झिंझर ने कहा कि इसके साथ ही उनकी तरफ से एक प्रस्ताव पास करके पार्टी प्रधान से यह मांग की गई है कि जो लोग पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं उन्हें बाहर निकाला जाए और वापस कभी अकाली दल में शामिल न किया जाए। चंदूमाजरा के करीबी रहे गैरहाजिर फतेहगढ़ साहिब में काफी समय से पहले ही अकाली दल में आपसी फूट पार्टी को कमजोर कर चुकी है। पंथक हल्का कभी अकाली दल का गढ़ होता था और आज यहां पार्टी को अपनों से बचाकर रखना ही इनके लिए बड़ी चुनौती हो गया है। सुखबीर बादल के समर्थन में हुई बैठक से भी जिले के कई अकाली नेता गायब थे। इनमें काफी नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा के करीबी हैं। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल का अंदरूनी कलह बढ़ती जा रहा है। अब फतेहगढ़ साहिब में जिला जत्थेबंदी ने एक बैठक करके पार्टी प्रधान सुखबीर बादल से मांग की है कि बगावत करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। साथ ही सुखबीर बादल के समर्थन का प्रस्ताव भी पास किया गया। यूथ विंग अध्यक्ष की अगुवाई में बैठक अकाली दल में आपसी फूट के चलते दिनोदिनों दोनों गुट एक दूसरे खिलाफ मीटिंग्स कर रहे हैं। आज फतेहगढ़ साहिब में यूथ विंग अध्यक्ष सरबजीत सिंह झिंझर की अगुवाई में बैठक हुई। जिसमें जिला इकाई के पदाधिकारी शामिल हुए और ऐलान किया कि वे सुखबीर बादल के साथ हैं। झिंझर ने कहा कि इसके साथ ही उनकी तरफ से एक प्रस्ताव पास करके पार्टी प्रधान से यह मांग की गई है कि जो लोग पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं उन्हें बाहर निकाला जाए और वापस कभी अकाली दल में शामिल न किया जाए। चंदूमाजरा के करीबी रहे गैरहाजिर फतेहगढ़ साहिब में काफी समय से पहले ही अकाली दल में आपसी फूट पार्टी को कमजोर कर चुकी है। पंथक हल्का कभी अकाली दल का गढ़ होता था और आज यहां पार्टी को अपनों से बचाकर रखना ही इनके लिए बड़ी चुनौती हो गया है। सुखबीर बादल के समर्थन में हुई बैठक से भी जिले के कई अकाली नेता गायब थे। इनमें काफी नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा के करीबी हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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