सहारनपुर में अग्निवीर भर्ती रैली को लेकर कम उत्साह दिखाई दे रहा है। तीन दिनों की भर्ती में उम्मीद से कम अभ्यर्थी दौड़ने के लिए पहुंचे। पहले दिन 986 और दूसरे दिन 968 अभ्यर्थी मैदान पर दौड़े। दूसरे दिन भर्ती में 1500 अभ्यर्थी आने थे, लेकिन 532 अभ्यर्थी ऐसे रहे, जो भर्ती रैली में शामिल नहीं हुए। तीसरे दिन 1506 अभ्यर्थियों का रजिस्ट्रेशन था। जिसमें से 1282 अभ्यर्थी पहुंचे। वहीं भर्ती में आए तीन अभ्यर्थियों की दौड़ में दाएं पैर की हड्डी टूट गई। बता दें, 27 दिसंबर यानी आज बुलंदशहर, डिबाई, खुर्जा, रामपुर, सुआर, टांडा, बिलासपुर, शाहाबाद, मिलक जिलों के अभ्यर्थी मैदान में दौड़ेंगे। सामान्य भर्ती के पद भर्ती रैली होगी। 1600 मीटर की दौड़ लगानी होगी। भर्ती चार राउंड में पूरी होगी। तीसरे की भर्ती के लिए सड़कों पर युवा स्टेडियम के पास रास्ते में बैरिकेडिंग कर सेना के जवानों ने प्रवेश पत्र दिखाने के बाद अभ्यर्थियों को जाने दिया। सेना द्वारा जारी भर्ती में रोजाना 1500 अभ्यर्थी शामिल होने की उम्मीद है। रेस में पास होने के बाद अन्य फिजिकल टेस्ट से गुजरना हुआ। उसके बाद मेडिकल प्रक्रिया शुरू होगी। तीन से 5 जनवरी तक होगा मेडिकल मेरठ में आर्मी भर्ती के डायरेक्टर कर्नल सत्यजीत बेबले ने बताया- स्टेडियम में बने सिंथेटिक ट्रैक पर युवाओं ने 1600 मीटर की दौड़ लगाई, जो चार राउंड में पूरी हुई। दौड़ में पास होने वाले अभ्यर्थियों को अन्य प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। 24 दिसंबर से दो जनवरी तक दौड़ होगी। तीन से पांच जनवरी तक मेडिकल परीक्षण होगा। दौड़ के बाद फिजिकल कराते हुए सेना के जवान। पुलिसकर्मियों ने संभाली ट्रैफिक व्यवस्था भर्ती ग्राउंड के बाहर 182 पुलिस कर्मियों की भी ड्यूटी लगाई गई। जिसमें दो सीओ, 18 इंस्पेक्टर और 41 सब इंस्पेक्टर तैनात रहे। ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के लिए भी पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई है। रोजाना 1400 से 1500 अभ्यर्थी भर्ती में शामिल होंगे। भर्ती में पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, गौतमबुद्धनगर, हापुड, गाजियाबाद, बागपत, मेरठ और बुलंदशहर के युवा शामिल हुए। अंबाला रोड से हुई एंट्री अंबाला रोड पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी कार्यालय के पास से अभ्यर्थियों को प्रवेश कराया गया। एंट्री गेट पर सीओ, इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर और 12 कांस्टेबलों की ड्यूटी रही। आईसीआईसी बैंक से पहले अंबाला रोड, पेट्रोल पंप, रेलवे स्टेशन, कुतुबशेर तिराहा, गुरुनानक गर्ल्स इंटर कॉलेज गांधी पार्क, जनमंच, रोडवेज बस अड्डे पर ड्यूटी रही। अग्रसेन चौक, घंटाघर, जीपीओ तिराहा, कांशीराम बस स्टैंड पर भी पुलिस तैनात रहे। फिजिकल परीक्षा में लाने हैं ये डॉक्यूमेंट डायरेक्टर कर्नल सत्यजीत बेबले ने बताया- 10वीं और 12वीं की मूल मार्कशीट समेत ओपन स्कूल या प्राइवेट पढ़ने वाले अभ्यर्थी कक्षा 9वीं या 11वीं की टीसी और 10वीं या 12 वीं पास होने का गजट नोटिफिकेशन साथ रख सकते हैं। अग्निवीर ट्रेड्समैन के लिए आठवीं पास सर्टिफिकेट बीईओ या डीईओ से प्रमाणित होना चाहिए। अग्निवीर ट्रेड्समैन के लिए जन्मतिथि लिखा हुआ ट्रांसफर सर्टिफिकेट भी आवश्यक है। डोमिसाइल और जाती प्रमाण पत्र की मूल प्रति के साथ ही गांव के प्रधान या नगर निगम की ओर से जारी अविवाहित होने का प्रमाण पत्र भी लाना होगा। अग्निवीर भर्ती का ये हैं शेड्यूल सहारनपुर में अग्निवीर भर्ती रैली को लेकर कम उत्साह दिखाई दे रहा है। तीन दिनों की भर्ती में उम्मीद से कम अभ्यर्थी दौड़ने के लिए पहुंचे। पहले दिन 986 और दूसरे दिन 968 अभ्यर्थी मैदान पर दौड़े। दूसरे दिन भर्ती में 1500 अभ्यर्थी आने थे, लेकिन 532 अभ्यर्थी ऐसे रहे, जो भर्ती रैली में शामिल नहीं हुए। तीसरे दिन 1506 अभ्यर्थियों का रजिस्ट्रेशन था। जिसमें से 1282 अभ्यर्थी पहुंचे। वहीं भर्ती में आए तीन अभ्यर्थियों की दौड़ में दाएं पैर की हड्डी टूट गई। बता दें, 27 दिसंबर यानी आज बुलंदशहर, डिबाई, खुर्जा, रामपुर, सुआर, टांडा, बिलासपुर, शाहाबाद, मिलक जिलों के अभ्यर्थी मैदान में दौड़ेंगे। सामान्य भर्ती के पद भर्ती रैली होगी। 1600 मीटर की दौड़ लगानी होगी। भर्ती चार राउंड में पूरी होगी। तीसरे की भर्ती के लिए सड़कों पर युवा स्टेडियम के पास रास्ते में बैरिकेडिंग कर सेना के जवानों ने प्रवेश पत्र दिखाने के बाद अभ्यर्थियों को जाने दिया। सेना द्वारा जारी भर्ती में रोजाना 1500 अभ्यर्थी शामिल होने की उम्मीद है। रेस में पास होने के बाद अन्य फिजिकल टेस्ट से गुजरना हुआ। उसके बाद मेडिकल प्रक्रिया शुरू होगी। तीन से 5 जनवरी तक होगा मेडिकल मेरठ में आर्मी भर्ती के डायरेक्टर कर्नल सत्यजीत बेबले ने बताया- स्टेडियम में बने सिंथेटिक ट्रैक पर युवाओं ने 1600 मीटर की दौड़ लगाई, जो चार 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ड्यूटी रही। अग्रसेन चौक, घंटाघर, जीपीओ तिराहा, कांशीराम बस स्टैंड पर भी पुलिस तैनात रहे। फिजिकल परीक्षा में लाने हैं ये डॉक्यूमेंट डायरेक्टर कर्नल सत्यजीत बेबले ने बताया- 10वीं और 12वीं की मूल मार्कशीट समेत ओपन स्कूल या प्राइवेट पढ़ने वाले अभ्यर्थी कक्षा 9वीं या 11वीं की टीसी और 10वीं या 12 वीं पास होने का गजट नोटिफिकेशन साथ रख सकते हैं। अग्निवीर ट्रेड्समैन के लिए आठवीं पास सर्टिफिकेट बीईओ या डीईओ से प्रमाणित होना चाहिए। अग्निवीर ट्रेड्समैन के लिए जन्मतिथि लिखा हुआ ट्रांसफर सर्टिफिकेट भी आवश्यक है। डोमिसाइल और जाती प्रमाण पत्र की मूल प्रति के साथ ही गांव के प्रधान या नगर निगम की ओर से जारी अविवाहित होने का प्रमाण पत्र भी लाना होगा। अग्निवीर भर्ती का ये हैं शेड्यूल उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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भजनलाल परिवार से जुड़े कृष्णलाल काकड़ बताते हैं, ‘1970 की बात है। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, चौधरी बंसीलाल और भजनलाल के साथ हरियाणा के दौरे पर थीं। रास्ते में इंदिरा गांधी गेहूं का खेत देखकर रुकीं और पूछा कि यह कौन सी किस्म है। चार एकड़ जमीन पर लगी गेहूं की फसल में एक एकड़ फसल अलग क्यों दिख रही? बंसीलाल ने कहा कि बहनजी मैं बाजरा वाला हूं। हमारे यहां बाजरा उगाया जाता है। गेहूं के बारे में मुझे नहीं मालूम। भजनलाल ने बताया कि जमींदार ने 3 एकड़ गेहूं बेचने के लिए बोया है और एक एकड़ में परिवार के लिए देसी गेहूं लगाया है। इसी बीच किसान इकट्ठा हो गए। इंदिरा ने किसानों से पूछा तो वही बात सामने आई, जो भजनलाल ने बताई थी। इस घटना के बाद से भजनलाल का कद और बढ़ गया।’ रातों-रात जनता पार्टी की सरकार को कांग्रेस सरकार में बदल दिया
1977 में बुरी तरह हारने वालीं इंदिरा गांधी ने 1980 के लोकसभा चुनाव में जोरदार वापसी की। कांग्रेस को 529 में से 343 सीटें मिलीं। चौधरी चरण सिंह की जनता पार्टी 41 सीटों पर सिमट गई। तब हरियाणा में जनता पार्टी की सरकार थी और भजनलाल बिश्नोई मुख्यमंत्री। केंद्र में सत्ता बदलते ही भजनलाल को एहसास हो गया कि अब उनकी सरकार भी खतरे में है। उन्हें डर था कि इंदिरा गांधी गैर-कांग्रेसी सरकारों को बर्खास्त करेंगी, क्योंकि इमरजेंसी के बाद जनता पार्टी सरकार ने भी कई राज्यों में कांग्रेस की सरकारें बर्खास्त की थीं। हरियाणा कैडर के IAS ऑफिसर रहे राम वर्मा अपनी किताब ‘थ्री लाल्स ऑफ हरियाणा’ में लिखते हैं, ‘20 जनवरी 1980 को चौधरी भजनलाल फूलों का गुलदस्ता लेकर इंदिरा गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे। मुलाकात के दौरान इंदिरा ने कहा- ‘भजनलाल जी, आप अपने घर में वापसी कर लीजिए, लेकिन मेजॉरिटी लेकर आना, वर्ना मैं आपका राज कायम नहीं रख पाऊंगी। मुझे हरियाणा असेंबली भंग करनी पड़ेगी।’ ठीक दो दिन बाद यानी, 22 जनवरी 1980 को भजनलाल ने इंदिरा गांधी के सामने बहुमत पेश कर दिया। भारतीय राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार था जब रातों-रात एक पार्टी की पूरी कैबिनेट दूसरी पार्टी की सरकार में बदल गई। राम वर्मा लिखते हैं, ‘उस दौरान चौधरी भजनलाल एक बड़े सूटकेस के साथ संजय गांधी से मिले थे। भजनलाल से कहा गया था कि यह सूटकेस मेनका गांधी की मां के घर पहुंचाना है। बाद में भजनलाल ने अपने किसी आदमी से कहा कि मुझे मालूम नहीं था कि नेहरू परिवार में पैसा भी चलता है, वर्ना मैं कब का राजपाट ले लेता।’ जलेबी के लिए भजनलाल से नाराज हो गए राजीव गांधी
चौधरी भजनलाल के मित्र रामरिध काकड़ के बेटे कृष्णलाल काकड़ एक दिलचस्प किस्सा बताते हैं, ‘23 मई 1985 को दोपहर का वक्त था। सिरसा का सर्किट हाउस नेताओं से खचाखच भरा था। हेलिकॉप्टर कहां उतरेगा, गाड़ी कहां पार्क होगी, कोई सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी तो कोई लंच के इंतजाम में व्यस्त था। प्रधानमंत्री राजीव गांधी कुछ ही देर में वहां पहुंचने वाले थे। दूसरी तरफ डिप्टी कमिश्नर यानी, जिलाधिकारी ईश्वर दयाल स्वामी के पर्सनल असिस्टेंट आदमपुर बाजार में भूरा हलवाई की दुकान पर पहुंचे। उन्होंने हलवाई से जलेबी पैक करने को कहा तो हलवाई ने जवाब दिया, अरे साहब! जलेबी से ज्यादा स्वाद तो बर्फी में है। आप बर्फी ले जाओ। हलवाई की बात मानकर वे बर्फी ले आए। इधर, राजीव गांधी सर्किट हाउस पहुंच चुके थे। लंच के समय सीएम भजनलाल और राजीव गांधी खाना खाने बैठे। राजीव गांधी ने कहा, जलेबी कहां है। भजनलाल ने डिब्बा खोला, तो जलेबी की जगह बर्फी निकली। राजीव गांधी ने कहा, मुझे तो जलेबी खानी थी। इसके बाद हंगामा मच गया। भजनलाल ने आदमपुर से जलेबी लाने के लिए काफिला भेजा, लेकिन राजीव गांधी चले गए। भजनलाल गुस्से में लाल थे और उन्होंने डिप्टी कमिश्नर का तबादला कर दिया। 1999 में इन्हीं ईश्वर दयाल स्वामी ने भजनलाल को करनाल लोकसभा सीट से हराया। भजनलाल केंद्र में गए, तो पत्नी को अपनी पारंपरिक सीट से उतारा
1986 में राजीव गांधी ने भजनलाल को केंद्र में बुला लिया। उन्हें पर्यावरण और वन मंत्रालय का जिम्मा दिया गया, लेकिन वे आदमपुर सीट परिवार के लिए सुरक्षित रखना चाहते थे। उन्होंने पत्नी जसमा देवी को 1987 में विधानसभा चुनाव लड़वाया। जनता ने बिश्नोई परिवार पर भरोसा जताते हुए जसमा देवी को विधायक के रूप में चुन लिया। इस तरह आदमपुर सीट पर बिश्नोई परिवार का राज कायम हुआ, जो आज भी बरकरार है। कुलदीप को विधायक बनाने के लिए आडवाणी को फोन किया भजनलाल को दो बेटे और एक बेटी हुई। बड़ा बेटा चंद्रमोहन, छोटा बेटा कुलदीप और बेटी रोशनी। 1993 में एक विधायक पुरुषभान के निधन के बाद पंचकूला जिले की कालका सीट खाली हो गई। इस सीट पर उपचुनाव जीतकर चंद्रमोहन ने राजनीतिक पारी शुरू की। बड़े बेटे को राजनीति में उतारने के बाद भजनलाल छोटे बेटे को भी राजनीति में लेकर आए। 1998 की बात है। आदमपुर में एक बड़ी रैली की तैयारी चल रही थी। भजनलाल ने छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई को राजनीति में उतारने के लिए रैली रखी थी। मंच से भजनलाल बोले, ‘अगर किसी को आदमपुर सीट पर दावा जताना है, तो बता दो। मैं योग्यता के हिसाब से टिकट दिला दूंगा।’ लोग खामोश रहे। इसके बाद भजनलाल ने कहा- नहीं तो मैं कुलदीप को तैयार करता हूं। इसके बाद आवाज आई- हां! कुलदीप को बना दो। उस समय केंद्र में NDA सरकार थी और हरियाणा में भाजपा के सहयोग से बंसीलाल मुख्यमंत्री थे। भजनलाल और बंसीलाल में राजनीतिक दुश्मनी थी। इस वजह से बंसीलाल के बेटे चौधरी सुरेंद्र सिंह ने आदमपुर उपचुनाव में कुलदीप के लिए अड़ंगा लगाना शुरू कर दिया। कुलदीप के लिए मुश्किलें बढ़ती देख भजनलाल ने लालकृष्ण आडवाणी को फोन किया और सुरेंद्र सिंह पर लगाम कसने के लिए कहा। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई आदमपुर सीट से चुनाव जीत गए। साल भर बाद ही भाजपा ने बंसीलाल सरकार से समर्थन वापस ले लिया। जमीन विवाद में कांग्रेस से निकाले गए तो नई पार्टी बनाई
2005 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिला। भजनलाल मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे, लेकिन हरियाणा की कमान मिली भूपेंद्र सिंह हुड्डा को। इससे भजनलाल और हुड्डा में तकरार हो गई। कांग्रेस आलाकमान ने भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई को डिप्टी सीएम बनाया। आलाकमान को लगा कि इससे भजनलाल और भूपेंद्र सिंह के बीच तकरार खत्म हो जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। एक साल बाद यानी, 2006 में भजनलाल ने छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई के साथ मिलकर भूपेंद्र हुड्डा का विरोध शुरू कर दिया। इसकी वजह थी स्पेशल इकोनॉमिक जोन यानी, SEZ की जमीनें। दरअसल, हुड्डा सरकार ने SEZ जमीनें रिलायंस ग्रुप को बेची थीं। इसे लेकर भजनलाल ने हुड्डा के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इसके बाद हुड्डा ने दोनों को कांग्रेस से निकाल दिया। जबकि भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन डिप्टी सीएम बने रहे। 2 दिसंबर 2007 को हरियाणा की राजनीति में नया मोड़ आया। कांग्रेस से निकाले जाने के बाद कुलदीप ने रोहतक में ट्रैक्टर रैली की। इसमें लाखों की संख्या में भीड़ इकट्ठा हुई। हुड्डा के मुख्यमंत्री होते हुए उनके राजनीतिक गढ़ रोहतक में इतनी बड़ी रैली करना मामूली बात नहीं थी। इसी रैली में एक नई पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस यानी, हजकां का गठन हुआ। बेटे ने इस्लाम कबूला, चंद्रमोहन से चांद मोहम्मद बने साल 2008, चंद्रमोहन ने इस्लाम धर्म कबूला और अनुराधा बाली से शादी कर ली। चंद्रमोहन, चांद मोहम्मद हो गए और अनुराधा बाली, फिजा हो गईं। इससे नाराज भजनलाल ने चंद्रमोहन को अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया। उन्होंने चंद्रमोहन के हिस्से की संपत्ति उनकी पहली पत्नी और बच्चों के नाम कर दी। हालांकि चंद्रमोहन और फिजा का रिश्ता ज्यादा नहीं चला और चंद्रमोहन उन्हें छोड़ कर अपनी पहली पत्नी के पास वापस चले गए। 2012 में अनुराधा की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। वे अपने कमरे में मृत पाई गई थीं। 2018 में चंद्रमोहन के फिर से राजनीति में सक्रिय होने की चर्चा उठी, लेकिन वे चुनावी मैदान में नहीं उतरे। हिसार सीट से आखिरी बार सांसद बने भजनलाल
2009 में चौधरी भजनलाल ने अपनी पार्टी हजकां से हिसार सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ा। ये उनका आखिरी चुनाव था। उन्होंने संपत सिंह को 6 हजार वोटों से हराया। 2009 में ही हरियाणा विधानसभा चुनाव हुए। तब तक चंद्रमोहन भी कांग्रेस और अपनी दूसरी पत्नी फिजा (अनुराधा बाली) को छोड़कर पिता की पार्टी में आ गए थे। चंद्रमोहन ने दोबारा हिंदू धर्म अपना लिया था। हालांकि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। कांग्रेस ने 90 विधानसभा सीटों में से 40 और इनेलो ने 31 पर जीत दर्ज की। वहीं, 6 सीटें जीतकर हरियाणा जनहित पार्टी किंगमेकर बनकर उभरी, लेकिन भूपेंद्र हुड्डा ने रातों-रात इसके 5 विधायक तोड़ लिए और सरकार बना ली। इससे भजनलाल को काफी धक्का लगा। 3 जून 2011 को भजनलाल का निधन हो गया। पिता की मौत के बाद कुलदीप बिश्नोई ने पिता की राजनीतिक विरासत आगे बढ़ाई। बड़ा बेटा कांग्रेस में और छोटा बेटा बीजेपी में
2016 में कुलदीप ने हरियाणा जनहित कांग्रेस का विलय कांग्रेस में कर दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में कुलदीप ने हिसार लोकसभा सीट से बेटे भव्य बिश्नोई को टिकट दिलवाया, लेकिन वे बुरी तरह चुनाव हार गए और तीसरे नंबर पर रहे। भाजपा के चौधरी बृजेंद्र सिंह ने उन्हें करीब 4.19 लाख वोटों से हराया था। यह पहला मौका था जब आदमपुर के लोगों ने बिश्नोई परिवार से अलग किसी को वोट दिया था। ये कुलदीप बिश्नोई की राजनीति को तगड़ा झटका था। इस हार के बाद कुलदीप बिश्नोई को लगने लगा कि भाजपा ही आने वाले चुनावों में उनके बेटे को चुनाव जिताएगी। अगस्त 2022 में कुलदीप, पत्नी और बेटे के साथ भाजपा में शामिल हो गए। हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी ने भव्य बिश्नोई को आदमपुर सीट से टिकट दिया है। जबकि चंद्रमोहन आज भी कांग्रेस में बने हुए हैं।
हिसार-दिल्ली रेलमार्ग की 4 ट्रेनें होंगी कैंसिल:9 का होगा रुट बदल कर संचालन, शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग कार्य
हिसार-दिल्ली रेलमार्ग की 4 ट्रेनें होंगी कैंसिल:9 का होगा रुट बदल कर संचालन, शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग कार्य पंजाब और हरियाणा के अधिकतर यात्रियों को दिल्ली जाने के लिए जनवरी महीने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण है कि उत्तर रेलवे के दिल्ली डिवीजन के शकूरबस्ती स्टेशन पर तकनीकी कार्य के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग कार्य किया जा रहा है। इस कारण बीकानेर मंडल से संबंधित रेल यातायात प्रभावित रहेगा। बठिंडा से सिरसा हिसार होकर रोहतक के रास्ते दिल्ली जाने वाली किसान एक्सप्रेस 5 जनवरी से 16 जनवरी तक रोहतक तक की संचालित की जाएगी। इसके अलावा ट्रेन नंबर 04090 हिसार से नई दिल्ली जाने वाली ट्रेन 14 और 16 जनवरी को रद्द रहेगी। वहीं, भिवानी से तिलकब्रिज जाने वाली ट्रेन 14738 भी इसी दिन रद्द रहेगी। गाड़ी संख्या 14731, दिल्ली-बठिंडा 29 दिसंबर, 1 जनवरी से 4 जनवरी तक दिल्ली से अपने निर्धारित समय से 30 मिनट देरी से प्रस्थान करेगी। ये ट्रेनें रद रहेंगी…
1. गाड़ी संख्या 14738, तिलकब्रिज-भिवानी एक्सप्रेस 14.01.25 व 16.01.25 को रद्द रहेगी। कुल 2 ट्रिप। 2. गाड़ी संख्या 14737, भिवानी- तिलकब्रिज एक्सप्रेस 15.01.25 व 17.01.25 को रद्द रहेगी। कुल 2 ट्रिप। 3. गाड़ी संख्या 04090, हिसार-नई दिल्ली एक्सप्रेस 14.01.25 व 16.01.25 को रद्द रहेगी। कुल 2 ट्रिप रदद् रहेंगी। 4. गाड़ी संख्या 04089, नई दिल्ली-हिसार एक्सप्रेस 14.01.25 व 16.01.25 को रद्द रहेगी। कुल 2 ट्रिप रद्द रहेंगी। ये ट्रेनें आंशिक रद रहेंगी
1. गाड़ी संख्या 14732, बठिंडा-दिल्ली 5 जनवरी से 16 जनवरी तक बठिंडा से प्रस्थान करेगी वह रोहतक तक संचालित होगी। यह रेलसेवा रोहतक-दिल्ली के मध्य आंशिक रद्द रहेगी। 2. गाड़ी संख्या 14731, दिल्ली-बठिंडा 5 जनवरी से 16 जनवरी तक दिल्ली के स्थान पर रोहतक से संचालित होगी। यह रेलसेवा दिल्ली-रोहतक के मध्य आंशिक रद्द रहेगी। 3. गाड़ी संख्या 12482, श्रीगंगानगर-दिल्ली एक्सप्रेस 5 जनवरी से 16 जनवरी तक श्रीगंगानगर से प्रस्थान करेगी। यह ट्रेन रोहतक स्टेशन तक संचालित होगी। यह रेलसेवा रोहतक-दिल्ली के मध्य आंशिक रद्द रहेगी। 4. गाड़ी संख्या 12481, दिल्ली-श्रीगंगानगर 5 जनवरी से 16 जनवरी तक दिल्ली के स्थान पर रोहतक स्टेशन से संचालित होगी। यह रेलसेवा दिल्ली-रोहतक के मध्य आंशिक रद्द रहेगी। ये ट्रेनें रूट बदलकर चलेंगी
1. गाड़ी संख्या 12485, नान्देड-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस 6 जनवरी, 9 जनवरी और 13 जनवरी को नान्देड से प्रस्थान करेगी वह परिवर्तित मार्ग नई दिल्ली- आदर्शनगर -पानीपत-जींद होकर संचालित होगी। 2. गाड़ी संख्या 14030, मेरठ कैंट-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस 7 जनवरी, 14 जनवरी और 16 जनवरी को मेरठ कैंट से प्रस्थान करेगी, यह परिवर्तित मार्ग नई दिल्ली-दिल्ली सराय-दिल्ली कैंट होकर संचालित होगी। 3. गाड़ी संख्या 22451, बान्द्रा टर्मिनस-चंडीगढ़ एक्सप्रेस 6 जनवरी और 13 जनवरी को बांद्रा टर्मिनल से प्रस्थान करेगी और परिवर्तित मार्ग रेवाड़ी-भिवानी-रोहतक होकर संचालित होगी। 4. गाड़ी संख्या 12439, नान्देड-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस 12 जनवरी को नान्देड से प्रस्थान करेगी। यह परिवर्तित मार्ग नई दिल्ली-आदर्शनगर दिल्ली-पानीपत-जींद होकर संचालित होगी। 6. गाड़ी संख्या 14727, श्रीगंगानगर-तिलकब्रिज एक्सप्रेस 13 जनवरी को श्रीगंगानगर से प्रस्थान करेगी और परिवर्तित मार्ग दिल्ली कैंट-दिल्ली सराय-नई दिल्ली-तिलकब्रिज होकर संचालित होगी। 7. गाड़ी संख्या 15909, डिब्रुगढ़-लालगढ़ एक्सप्रेस 12 जनवरी और 14 जनवरी को डिब्रुगढ़ से प्रस्थान करेगी तथा बदले गए मार्ग दिल्ली-सोनीपत-गोहाना-जींद होकर संचालित होगी। 8. गाड़ी संख्या 14728, तिलकब्रिज-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस 14 जनवरी को तिलक ब्रिज से प्रस्थान करेगी और परिवर्तित मार्ग नई दिल्ली-दिल्ली सराय-दिल्ली कैंट होकर संचालित होगी। 9. गाड़ी संख्या 12481, दिल्ली-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस 28 दिसंबर और 1 जनवरी से 4 जनवरी तक दिल्ली से प्रस्थान करेगी और परिवर्तित मार्ग दिल्ली- सोनीपत-गोहाना-जींद होकर संचालित होगी। यह ट्रेनें रेगुलेट रहेगी 1. गाड़ी संख्या 14731, दिल्ली-बठिंडा एक्सप्रेस 29 दिसंबर और 1 जनवरी से 4 जनवरी तक दिल्ली से प्रस्थान करेगी। यह गाड़ी 30 मिनट दिल्ली जंक्शन से लेट चलेगी एवं आगे 30 मिनट किशनगंज/दया बस्ती स्टेशन पर रेगुलेट रहेगी।
2. गाड़ी संख्या 15909, डिब्रुगढ-लालगढ एक्सप्रेस दिनांक 24 दिसंबर, 25 दिसंबर, 28 दिसंबर, 29 दिसंबर, 5 जनवरी और 13 जनवरी को डिब्रुगढ़ से प्रस्थान करेगी यह दिल्ली किशनगंज स्टेशन पर 30 मिनट रेगुलेट रहेगी।