अबोहर के गुरू कृपा कालोनी में बीती रात एक घर में 9 फुट लंबा कोबरा सांप घुस गया। जिसे देखते ही परिवार वालों के होश उड गए। घर में कोबरा घुसने से पूरे मोहल्ले में भय का माहौल बना हुआ है। क्षेत्रवासियों ने वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने 15 मिनट के रेस्क्यू के बाद कोबरा को काबू कर लिया। जानकारी के अनुसार, गुरु कृपा कालोनी की गली नंबर 2 के रहने वाले अजय शर्मा ने बताया कि बीती देर रात उसके पारिवार की महिलाएं घर की रसोई मे खाना बना रही थी। इसी दौरान उनकी नजर सिलेंडर के पास पड़ी तो देखा कि एक कोबरा कुंडली मारे बैठा है। जिस पर वह तुरंत रसोई से बाहर आई और परिजनों को बताया। जब परिवार के लोगों ने देखा तो कोबरा करीब 9 फुट लंबा था। उन्होने इसकी जानकारी जंगलात विभाग के अधिकारियों को दी। मात्र 15 मिनट में ही वन गार्ड कुलवंत और उनकी टीम मौके पर पहुंची और सांप को रेस्कयू कर अपने साथ ले गई। जिसके बाद मोहल्ले के लोगों ने राहत की सांस ली। अबोहर के गुरू कृपा कालोनी में बीती रात एक घर में 9 फुट लंबा कोबरा सांप घुस गया। जिसे देखते ही परिवार वालों के होश उड गए। घर में कोबरा घुसने से पूरे मोहल्ले में भय का माहौल बना हुआ है। क्षेत्रवासियों ने वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने 15 मिनट के रेस्क्यू के बाद कोबरा को काबू कर लिया। जानकारी के अनुसार, गुरु कृपा कालोनी की गली नंबर 2 के रहने वाले अजय शर्मा ने बताया कि बीती देर रात उसके पारिवार की महिलाएं घर की रसोई मे खाना बना रही थी। इसी दौरान उनकी नजर सिलेंडर के पास पड़ी तो देखा कि एक कोबरा कुंडली मारे बैठा है। जिस पर वह तुरंत रसोई से बाहर आई और परिजनों को बताया। जब परिवार के लोगों ने देखा तो कोबरा करीब 9 फुट लंबा था। उन्होने इसकी जानकारी जंगलात विभाग के अधिकारियों को दी। मात्र 15 मिनट में ही वन गार्ड कुलवंत और उनकी टीम मौके पर पहुंची और सांप को रेस्कयू कर अपने साथ ले गई। जिसके बाद मोहल्ले के लोगों ने राहत की सांस ली। पंजाब | दैनिक भास्कर
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जगराओं में पॉवरकाम कर्मचारी की मौत:बिजली ठीक करने खंभे पर चढ़ा, करंट लगने से तोड़ा दम, कर्मचारियों ने दिया धरना पंजाब के जगराओं में चुंगी नंबर 5 के नजदीक बिजली की सप्लाई ठीक कर रहे पॉवरकाम कर्मचारी की कंरट लगने से मौत हो गई। मृतक की पहचान मनदीप सिंह निवासी गांव ढोलन के रूप में हुई है। हादसा उस समय हुआ देर शाम शिकायत मिलने पर पॉवरकाम कर्मचारी मनदीप सिंह चुंगी नंबर पांच के पास लगे एक खंभे पर बिजली की सप्लाई ठीक करने के लिए चढ़ा। इस दौरान उसे कंरट लगा और वह सीधे सड़क पर आकर गिरकर घायल हो गया। मनदीप के साथी कर्मी उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डाक्टर ने उसे मृतक घोषित कर दिया। इस बात का पता चलते ही पॉवरकाम में ठेकेदार के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों का गुस्सा फूट गया और दर्जनों कर्मचारियों ने शनिवार की देर रात शिकायत घर के बाहर धरना लगा कर पॉवरकाम और पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। धरना लगा रहे कर्मचारियों का कहना था कि, उन्हें सेफ्टी सामान कभी नहीं दिया जाता। वह हर समय अपनी जान हथेली पर लेकर काम करते हैं, यहां तक कि उन्हें टार्च ग्लब्स और सीढी तक भी नहीं दी जाती। इतना ही नहीं दस दस फीडरों पर दो ही कर्मियों से मेनटनेंस काम लिया जाता है। कर्मियों ने बताया कि पॉवरकाम की घटिया कारगुजारी के चलते रोजाना उनके साथी मौत के मुंह में जा रहे है। सरकार ठेकेदारी सिस्टम के अधीन काम करने वाले कर्मियों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है और ठेकेदार कर्मियों की सुरक्षा के लेकर कोई इंतजाम नहीं करते हैं।
बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे
बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे पंजाब में BJP एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाई लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवनीत सिंह बिट्टू को अपनी कैबिनेट में शामिल कर एक बार फिर सिखों को साधने की कोशिश की है। बिट्टू लोकसभा चुनाव में लुधियाना सीट पर कांग्रेसी उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के सामने हार गए थे। पंजाब से आतंकवाद खत्म करने का श्रेय बिट्टू के दादा सरदार बेअंत सिंह को ही जाता है। बेअंत सिंह ने पंजाब का CM रहते हुए सुपर कॉप केपीएस गिल को आतंकियों के खात्मे के लिए फ्री हैंड दिया था। उनसे नाराज खालिस्तान समर्थकों ने 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ में पंजाब सेक्रेटेरिएट के बाहर बम विस्फोट करके बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी। उस धमाके में बेअंत सिंह के साथ 3 कमांडो समेत 17 लोगों की जान चली गई थी। राज्य में अमन-शांति स्थापित करने के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर देने वाले बेअंत संह और उनके परिवार को पंजाब के कुल 38.5% हिंदू पसंद करते रहे हैं। रवनीत बिट्टू को मंत्री बनाने का फायदा BJP को पंजाब में जल्दी होने वाले नगर निगम, पंचायत और पांच विधानसभा सीटों के उपचुनाव में मिल सकता है। रवनीत बिट्टू इस समय न तो लोकसभा सांसद हैं और न ही राज्यसभा के मेंबर। पंजाब विधानसभा में महज 2 विधायक होने के चलते BJP यहां से उन्हें राज्यसभा भेजने की पोजिशन में भी नहीं है। ऐसे में पार्टी उन्हें हरियाणा या किसी दूसरे स्टेट से राज्यसभा में भेज सकती है। हरियाणा में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा रोहतक सीट से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में उन्हें 15 दिन के अंदर अपनी राज्यसभा सीट खाली करनी होगी। हरियाणा में भाजपा की सरकार भी है। रवनीत बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके भाजपा की पंजाब में जिन 4 चीजों पर नजर है, आइए उन्हें वन-बाई-वन समझते समझते हैं। 1. पोते के बहाने दादा की लीगेसी को भुनाने की अप्रोच
रवनीत सिंह बिट्टू के परिवार का पंजाब में अलग सियासी रसूख है। उनके दादा स्व. बेअंत सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे। पंजाब में आतंकवाद खत्म करने की कीमत अपनी जान देकर चुकाने वाले बेअंत सिंह को पंजाबी, खासकर हिंदू बिरादरी आज भी याद करती है।भाजपा की कोशिश बिट्टू के बहाने उनके दादा की लीगेसी को भुनाने की है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में रवनीत बिट्टू ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने दादा बेअंत सिंह के फोटो होर्डंग्स और बैनर में लगाए थे। 2. 60% सिख आबादी पर नजर
पंजाब में 60% आबादी सिखों की है। बिट्टू पगड़ीधारी सिख हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पार्टी इस आबादी के करीब जाने की कोशिश कर रही है। बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके BJP ने उन लोगों को जवाब देने की कोशिश की है जो उसे पंजाब विरोधी बताते हैं।पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि बिट्टू के मंत्री बनने से पंजाबियों में उसे लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा। पार्टी की रणनीति सिख चेहरों को आगे रखते हुए ग्रामीण एरिया में पैठ बनाने की है। 3. सिख चेहरे की कमी पूरी, अकाली दल से आगे निकली पार्टी
पंजाब के अंदर BJP का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसी लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को पीछे छोड़ते हुए भाजपा वोट शेयर के मामले में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 9% के आसपास था जो 2014 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 18.56% पर पहुंच गया। दूसरी तरफ 2019 के लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल का वोट शेयर 27.45% था, जो 2024 में गिरकर 13.42% रह गया। वोट शेयर के मामले में BJP से आगे सिर्फ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी रही। प्रत्याशियों की जमानत जब्त होने के मामले में भी भाजपा का प्रदर्शन अकाली दल के मुकाबले बेहतर रहा। अकाली दल के 13 में से 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। बठिंडा से हरसिमरत कौर बादल, फिरोजपुर से नरदेव सिंह बॉबी मान और अमृतसर से अनिल जोशी ही अपनी जमानत बचा पाए। इसके मुकाबले भाजपा के 13 में से सिर्फ 4 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। इनमें खडूर साहिब के मंजीत सिंह मन्ना मियाविंड, बठिंडा से परमपाल कौर सिद्धू, संगरूर से अरविंद खन्ना और फतेहगढ़ साहिब से गेजाराम शामिल रहे। भाजपा पंजाब की 13 सीटों में से 3 सीटों पर तो दूसरे स्थान पर रही। इनमें लुधियाना, जालंधर और गुरदासपुर सीट शामिली है। पार्टी 6 सीटों-अमृतसर, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, होशियारपुर व पटियाला में तीसरे स्थान पर रही। इसके अलावा, नवजोत सिद्धू के पार्टी छोड़ जाने के बाद भाजपा के पास पंजाब में कोई सिख चेहरा नहीं बचा। BJP ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को साथ जोड़कर इस कमी को पूरा करना चाहा लेकिन बढ़ती उम्र के कारण कैप्टन सक्रिय राजनीति से लगभग किनारा कर चुके हैं। ऐसे में रवनीत बिट्टू के आने से पार्टी की सिख चेहरे की तलाश खत्म होती नजर आ रही है। 4. 2027 पर नजर, बिट्टू में देख रही फ्यूचर लीडरशिप
भाजपा बेशक इस लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन उसका टारगेट 2027 में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव है। इसकी शुरुआत पार्टी ने एक तरह से 2022 के विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद शुरू कर दी थी। अपना जनाधार बढ़ाने और रूरल एरिया में पैठ बनाने के लिए सिलसिलेवार ढंग से कांग्रेस और अकाली दल के बड़े चेहरों को पार्टी जॉइन करवाई गई। इनमें कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, परनीत कौर, रवनीत सिंह बिट्टू, केवल सिंह ढिल्लों, सुशील रिंकू, अरविंद खन्ना, पूर्व कांग्रेसी सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी, अकाली दल के पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर शामिल हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन ढाई साल पड़े हैं। रवनीत बिट्टू अभी जवान हैं। आनंदपुर साहिब और लुधियाना लोकसभा सीट से 3 बार कांग्रेस का सांसद रहने के अलावा वह पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान भी रहे हैं। भाजपा नेतृत्व को लगता है कि यदि उन्हें पार्टी की रीति-नीति के हिसाब से ढाल लिया जाए तो वह आने वाले कई बरसों तक पंजाब में पार्टी के लिए काम कर सकते हैं। पार्टी के बड़े चेहरे चुनाव हारे
भाजपा ने पहली बार पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। इनमें कुछ बड़े चेहरे भी थे। पार्टी एक भी सीट जीत नहीं पाई। होशियारपुर लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश की पत्नी अनीता सोमप्रकाश तीसरे स्थान पर खिसक गईं। अमृतसर सीट पर पार्टी उम्मीदवार तरनजीत सिंह संधू और पटियाला सीट पर पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर भी तीसरे स्थान पर रहीं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
मोहाली में अवैध निर्माण पर लगाए नोटिस:GMADA ने 30 दिन में मांगा जवाब; लोग बोले- अधिकारियों की मिलीभगत से बन रही इमारतें
मोहाली में अवैध निर्माण पर लगाए नोटिस:GMADA ने 30 दिन में मांगा जवाब; लोग बोले- अधिकारियों की मिलीभगत से बन रही इमारतें मोहाली के न्यू चंडीगढ़ के सिसवां, माजरा और कुब्बाहेड़ी गांवों में हो रहे अवैध निर्माण पर ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMADA) ने सख्ती दिखाते हुए नोटिस चस्पा किए हैं। ग्माडा अधिकारियों ने अवैध निर्माण करने वालों को 30 दिन में जवाब दाखिल करने का समय दिया है। अगर समय पर जवाब नहीं दिया गया, तो अवैध इमारतों पर कार्रवाई कर उन्हें गिराया जा सकता है। खेतों में बन रही हैं अवैध इमारतें जानकारी के मुताबिक, न्यू चंडीगढ़ के आसपास के इलाकों में खेतों में अवैध इमारतें बन रही हैं। GMADA की रैगुलेटरी विंग ने इन निर्माणों पर पहले भी नोटिस जारी किए थे, लेकिन इसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रहे। मंगलवार को ग्माडा की टीम ने सिसवां, माजरा और कुब्बाहेड़ी गांवों में दोबारा से नोटिस चस्पा किए। GMADA की टीम ने की कार्रवाई GMADA के जेई कुशल शर्मा ने बताया कि न्यू चंडीगढ़ क्षेत्र में अवैध निर्माण पर टीम समय-समय पर कार्रवाई कर रही है। सिसवां क्षेत्र में बनी अवैध इमारतों को पहले भी नोटिस जारी किए गए थे। अब 30 दिन में जवाब दाखिल न करने पर इमारतें गिराने की कार्रवाई की जाएगी। मिलीभगत का आरोप स्थानीय लोगों का कहना है कि GMADA अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध निर्माण हो रहे हैं। नोटिस जारी करने के बावजूद इमारतें तैयार हो जाती हैं। लोगों का आरोप है कि अगर अधिकारियों ने समय पर कार्रवाई की होती, तो यह अवैध निर्माण न होते।