अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान ने नहीं खोले गेट:कई पाक नागरिक भारत में फंसे; परिवारों से दूर हुई कई महिलाएं

अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान ने नहीं खोले गेट:कई पाक नागरिक भारत में फंसे; परिवारों से दूर हुई कई महिलाएं

पंजाब में अटारी बॉर्डर पर आज पाकिस्तान की तरफ से गेट ही नहीं खोला गया। जिसके बाद कई पाकिस्तानी आज भारत में ही फंसे रह गए हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का असर अब दोनों देशों के नागरिकों पर पड़ रहा है। दोनों देशों के नागरिक, जो बुधवार तक अपने देश नहीं लौटे, वे अब फंस चुके हैं। भारत पहले ही ऐलान कर चुका है कि अगर पाक नागरिक नहीं लौटते, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। दिल्ली निवासी मुहम्मद शरीक अपनी दो बहनों नबीला राज और शरमीन इरफान के साथ अटारी-वाघा सीमा पर पहुंचा, लेकिन ‘विवाद’ के चलते उन्हें पाकिस्तान वापस जाने से रोक दिया गया। नबीला और शरमीन का विवाह कई साल पहले पाकिस्तान में हुआ था। दोनों बहनें तकरीबन 45 दिन के वीजा पर भारत आई थीं, ताकि अपनी बीमार मां से मिल सकें। लेकिन अब जब उन्हें वापस लौटना है, तो दोनों देशों की पेचीदगियों ने उन्हें फंसा दिया है। शरीक ने बताया कि दोनों बहनों के पास भारतीय पासपोर्ट हैं, जबकि उनके बच्चों के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट हैं। इंसानियत पर भारी हुई कागजी दीवारें दोनों बहनें बॉर्डर पर रोती नजर आई। बार-बार पाकिस्तान वापस जाने की गुहार लगाती रहीं। उन्होंने कहा- हमारे बच्चे पाकिस्तान में हैं। हमें समझ नहीं आ रहा कि अब क्या करें। सरकार से विनती है कि हमें इंसानियत के नाते अपने बच्चों के पास लौटने दिया जाए। दूसरे परिवार भी इसी हाल में फंसे मुहम्मद शरीक ने बताया कि वहां कई और परिवार भी ऐसे हैं, जिनके बच्चे भारत में हैं और मां पाकिस्तान में या इसके उलट। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी विवाद और पारस्परिक तनाव का सबसे बड़ा नुकसान ऐसे बॉर्डर लाइन परिवारों को उठाना पड़ रहा है। पंजाब में अटारी बॉर्डर पर आज पाकिस्तान की तरफ से गेट ही नहीं खोला गया। जिसके बाद कई पाकिस्तानी आज भारत में ही फंसे रह गए हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का असर अब दोनों देशों के नागरिकों पर पड़ रहा है। दोनों देशों के नागरिक, जो बुधवार तक अपने देश नहीं लौटे, वे अब फंस चुके हैं। भारत पहले ही ऐलान कर चुका है कि अगर पाक नागरिक नहीं लौटते, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। दिल्ली निवासी मुहम्मद शरीक अपनी दो बहनों नबीला राज और शरमीन इरफान के साथ अटारी-वाघा सीमा पर पहुंचा, लेकिन ‘विवाद’ के चलते उन्हें पाकिस्तान वापस जाने से रोक दिया गया। नबीला और शरमीन का विवाह कई साल पहले पाकिस्तान में हुआ था। दोनों बहनें तकरीबन 45 दिन के वीजा पर भारत आई थीं, ताकि अपनी बीमार मां से मिल सकें। लेकिन अब जब उन्हें वापस लौटना है, तो दोनों देशों की पेचीदगियों ने उन्हें फंसा दिया है। शरीक ने बताया कि दोनों बहनों के पास भारतीय पासपोर्ट हैं, जबकि उनके बच्चों के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट हैं। इंसानियत पर भारी हुई कागजी दीवारें दोनों बहनें बॉर्डर पर रोती नजर आई। बार-बार पाकिस्तान वापस जाने की गुहार लगाती रहीं। उन्होंने कहा- हमारे बच्चे पाकिस्तान में हैं। हमें समझ नहीं आ रहा कि अब क्या करें। सरकार से विनती है कि हमें इंसानियत के नाते अपने बच्चों के पास लौटने दिया जाए। दूसरे परिवार भी इसी हाल में फंसे मुहम्मद शरीक ने बताया कि वहां कई और परिवार भी ऐसे हैं, जिनके बच्चे भारत में हैं और मां पाकिस्तान में या इसके उलट। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी विवाद और पारस्परिक तनाव का सबसे बड़ा नुकसान ऐसे बॉर्डर लाइन परिवारों को उठाना पड़ रहा है।   पंजाब | दैनिक भास्कर