अनिल विज का सीएम सैनी पर हमला:बोले- जबसे CM बने, तब से उड़नखटोले पर घूम रहे; ये मेरी नहीं MLA-मंत्रियों की आवाज

अनिल विज का सीएम सैनी पर हमला:बोले- जबसे CM बने, तब से उड़नखटोले पर घूम रहे; ये मेरी नहीं MLA-मंत्रियों की आवाज

हरियाणा के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर सीधे हमला बोला है। विज ने कहा है कि नायब सैनी जब से मुख्यमंत्री बने है तब से उड़न खटोला पर हैं। ये सिर्फ उनकी नहीं बल्कि सभी MLA और मंत्रियों की आवाज है। विज बोले चुनाव के दौरान उन्हें किसी बड़े नेता ने हराने की कोशिश की और उनपर हमला हुआ। आज सरकार बने 100 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब उन्हें इस मामले में फर्क नहीं पड़ता। अनिल विज अधिकारियों के द्वारा उनके द्वारा दिए गए निर्देशों पर कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज हैं। ग्रीवेंस मीटिंग से कर चुके किनारा हरियाणा के बिजली एवं परिवहन मंत्री अनिल विज अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं। विज दोटूक कह चुके हैं कि वे अब ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे। इसके पीछे की वजह बताते हुए विज ने कहा कि इस मीटिंग में उनके दिए आदेश लागू नहीं किए जाते। उन्होंने यहां तक चेतावनी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो वे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की तरह अनशन करने को भी तैयार हैं।विज को शुक्रवार को सिरसा और कैथल में ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में शामिल होना था। उससे पहले उनका यह बयान आया है। ऐसे में माना जा रहा है कि वे इस मीटिंग से दूरी बना सकते हैं। कैबिनेट मीटिंग में हो चुके नाराज सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के परिवहन एवं बिजली मंत्री अनिल विज अम्बाला से कुछ अधिकारियों का तबादला कराना चाहते हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद कहा था कि कुछ अधिकारी उन्हें हरवाना चाहते थे। इसके बाद विज ने तबादले के लिए कहा था। इनमें आईएएस और आईपीएस स्तर के अधिकारी भी हैं। हाल ही में कैबिनेट की बैठक में भी विज ने इस मामले को रखा था। यहां सीएमओ के एक सीनियर अधिकारी को लेकर गरमा-गरमी भी हो गई थी। विज बैठक में उठ गए थे। तब से यह मामला बढ़ता जा रहा है। पहले भी नाराज हो चुके अनिल विज 1. भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में विज को को गृह मंत्री बनाया था, लेकिन सीआईडी विज के बजाय तत्कालीन सीएम मनोहर लाल को रिपोर्ट कर रही थी। इससे विज नाराज हुए। बाद में मनोहर लाल ने सीआईडी को गृह विभाग से अलग कर दिया। 2. पिछले कार्यकाल में विज के गृह विभाग संभालने के बाद सीएमओ से आईपीएस के तबादलों की लिस्ट भेजी गई। विज ने यह वापस कर दी। कहा कि पहले चर्चा क्यों नहीं की? तत्कालीन सीएम मनोहर लाल ने उन्हें चंडीगढ़ बुलाकर मामले को शांत किया। 3. तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव से भी विज का 36 का आंकड़ा रहा। यादव के 2 वर्ष पूरे होते ही विज ने सरकार को लिखा कि उन्हें रिलीव किया जाए। इसके बाद भी वे 2-3 माह और पद पर रहे। इसके बाद वापस केंद्र में डेपुटेशन पर चले गए। 4. 12 मार्च 2024 को जजपा से गठबंधन तोड़ मनोहर लाल को हटाकर नायब सिंह सैनी को सीएम बनाने की घोषणा हुई तो विज नाराज होकर बैठक से चले गए।। फिर मंत्री भी नहीं बने व शपथग्रहण समारोह में भी नहीं गए। हरियाणा के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर सीधे हमला बोला है। विज ने कहा है कि नायब सैनी जब से मुख्यमंत्री बने है तब से उड़न खटोला पर हैं। ये सिर्फ उनकी नहीं बल्कि सभी MLA और मंत्रियों की आवाज है। विज बोले चुनाव के दौरान उन्हें किसी बड़े नेता ने हराने की कोशिश की और उनपर हमला हुआ। आज सरकार बने 100 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब उन्हें इस मामले में फर्क नहीं पड़ता। अनिल विज अधिकारियों के द्वारा उनके द्वारा दिए गए निर्देशों पर कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज हैं। ग्रीवेंस मीटिंग से कर चुके किनारा हरियाणा के बिजली एवं परिवहन मंत्री अनिल विज अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं। विज दोटूक कह चुके हैं कि वे अब ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे। इसके पीछे की वजह बताते हुए विज ने कहा कि इस मीटिंग में उनके दिए आदेश लागू नहीं किए जाते। उन्होंने यहां तक चेतावनी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो वे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की तरह अनशन करने को भी तैयार हैं।विज को शुक्रवार को सिरसा और कैथल में ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में शामिल होना था। उससे पहले उनका यह बयान आया है। ऐसे में माना जा रहा है कि वे इस मीटिंग से दूरी बना सकते हैं। कैबिनेट मीटिंग में हो चुके नाराज सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के परिवहन एवं बिजली मंत्री अनिल विज अम्बाला से कुछ अधिकारियों का तबादला कराना चाहते हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद कहा था कि कुछ अधिकारी उन्हें हरवाना चाहते थे। इसके बाद विज ने तबादले के लिए कहा था। इनमें आईएएस और आईपीएस स्तर के अधिकारी भी हैं। हाल ही में कैबिनेट की बैठक में भी विज ने इस मामले को रखा था। यहां सीएमओ के एक सीनियर अधिकारी को लेकर गरमा-गरमी भी हो गई थी। विज बैठक में उठ गए थे। तब से यह मामला बढ़ता जा रहा है। पहले भी नाराज हो चुके अनिल विज 1. भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में विज को को गृह मंत्री बनाया था, लेकिन सीआईडी विज के बजाय तत्कालीन सीएम मनोहर लाल को रिपोर्ट कर रही थी। इससे विज नाराज हुए। बाद में मनोहर लाल ने सीआईडी को गृह विभाग से अलग कर दिया। 2. पिछले कार्यकाल में विज के गृह विभाग संभालने के बाद सीएमओ से आईपीएस के तबादलों की लिस्ट भेजी गई। विज ने यह वापस कर दी। कहा कि पहले चर्चा क्यों नहीं की? तत्कालीन सीएम मनोहर लाल ने उन्हें चंडीगढ़ बुलाकर मामले को शांत किया। 3. तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव से भी विज का 36 का आंकड़ा रहा। यादव के 2 वर्ष पूरे होते ही विज ने सरकार को लिखा कि उन्हें रिलीव किया जाए। इसके बाद भी वे 2-3 माह और पद पर रहे। इसके बाद वापस केंद्र में डेपुटेशन पर चले गए। 4. 12 मार्च 2024 को जजपा से गठबंधन तोड़ मनोहर लाल को हटाकर नायब सिंह सैनी को सीएम बनाने की घोषणा हुई तो विज नाराज होकर बैठक से चले गए।। फिर मंत्री भी नहीं बने व शपथग्रहण समारोह में भी नहीं गए।   हरियाणा | दैनिक भास्कर