प्रदेश सरकार की ओर से फंड मिलने के बाद तीन चरण में 11 वेिंंडंग जोन बनाने हैं। जोन के लिए बूथ, वाहन पार्किंग, रास्ते, टॉयलेट, बिजली, पानी और सीवर आदि जरूरी संसाधनों को व्यवस्थित कर स्ट्रीट वेंडरों को बूथ अलॉट किए जा सकें। तीन चरण में विकसित होंगे 11 स्ट्रीट वेंडिंग जोन हरियाणा सरकार की ओर से वर्ष 2018 में वेंडरों का सर्वे शुरू कराया गया। 4 हजार 500 स्ट्रीट वेंडर चिह्नित कर जरूरी कागजातों के साथ वेरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी हुई। सभी स्ट्रीट वेंडरों का अस्थाई पंजीकरण किया, लेकिन कोराना को देखते केंद्र सरकार ने पूरी पॉलिसी में बदलाव कर नया पोर्टल बनाया। पीएम स्वनिधि योजना शुरू की। इसके जरिए स्ट्रीट वेंडरों का रजिस्ट्रेशन करते हुए उन्हें तीन कैटेगरी में 10, 20 और 50 हजार का लोन भी दिलाने का प्रबंध किया। तब से अब तक जिले में 7 हजार 600 स्ट्रीट वेंडरों को पीएम स्वनिधि योजना में पंजीकरण करते हुए लोन आवंटित कराए जा चुके हैं। हालांकि, पंजीकरण 12,500 स्ट्रीट वेंडरों का हो चुका है। सर्कुलर रोड ओल्ड आईटीआई ग्राउंड, नया बसस्टैंड, सेक्टर-1, 2, 3 की मार्केट, गांधी कैंप, राजीव चौक दिल्ली बाईपास के पास केंद्रीय विद्यालय के सामने, जींद बाईपास चौक, माडल टाउन आदि स्थलों को वेिडंग जोन निर्माण के लिए चिंह्नित किया है। भास्कर न्यूज | रोहतक केंद्र की तरफ से अपडेट किए जाने के फेर में 4 साल से लंबित शहर के 12 से अधिक प्रमुख बाजार और चौक-चौराहे अतिक्रमण और अनाधिकृत ढंग से लग रही रेहड़ियों, फड़ियों के चलते ट्रैफिक जाम के हालात से जूझ रहे हैं। इनकी वजह से जहां दिनभर जाम लगता है। वहीं, शहरवासियों का पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है, लेकिन अब वेंडिंग जोन प्रोजेक्ट के पटरी पर लौटने की उम्मीद है। चिह्नित किए गए 11 वेंडिंग जोन के लिए संबंधित सभी विभागों से एनओसी नगर निगम को मिल गई है। अगली कार्रवाई साइटों के स्थानांतरण की है, ताकि डिटेल इंप्लीमेंटेशन प्लान यानी डीआईपी तैयार करके चंडीगढ़ से निर्माण के लिए बजट मांगा जा सके। सीपीओ कार्यालय की मानें तो विधानसभा चुनाव के बाद यानि डेढ़ महीने के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा। प्रोजेक्ट पूरा होने पर रेहड़ी और पटरी से छुटकारा मिल जाएगा। ^ 11 वेंडिंग जोन बनेंगे। संबंधित विभागों को एनओसी मिल गई है। डिटेल इंप्लीमेंटेशन प्लान यानी डीआईपी तैयार करने की है, विस चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद काम शुरू होगा। इसके बाद मुख्यालय फाइल भेजकर निर्माण के लिए फंड मंगाया जाएगा। फिर काम शुरू कर दिया जाएगा। -जगदीश चंद्र, सिटी प्रोजेक्ट ऑफिसर। प्रदेश सरकार की ओर से फंड मिलने के बाद तीन चरण में 11 वेिंंडंग जोन बनाने हैं। जोन के लिए बूथ, वाहन पार्किंग, रास्ते, टॉयलेट, बिजली, पानी और सीवर आदि जरूरी संसाधनों को व्यवस्थित कर स्ट्रीट वेंडरों को बूथ अलॉट किए जा सकें। तीन चरण में विकसित होंगे 11 स्ट्रीट वेंडिंग जोन हरियाणा सरकार की ओर से वर्ष 2018 में वेंडरों का सर्वे शुरू कराया गया। 4 हजार 500 स्ट्रीट वेंडर चिह्नित कर जरूरी कागजातों के साथ वेरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी हुई। सभी स्ट्रीट वेंडरों का अस्थाई पंजीकरण किया, लेकिन कोराना को देखते केंद्र सरकार ने पूरी पॉलिसी में बदलाव कर नया पोर्टल बनाया। पीएम स्वनिधि योजना शुरू की। इसके जरिए स्ट्रीट वेंडरों का रजिस्ट्रेशन करते हुए उन्हें तीन कैटेगरी में 10, 20 और 50 हजार का लोन भी दिलाने का प्रबंध किया। तब से अब तक जिले में 7 हजार 600 स्ट्रीट वेंडरों को पीएम स्वनिधि योजना में पंजीकरण करते हुए लोन आवंटित कराए जा चुके हैं। हालांकि, पंजीकरण 12,500 स्ट्रीट वेंडरों का हो चुका है। सर्कुलर रोड ओल्ड आईटीआई ग्राउंड, नया बसस्टैंड, सेक्टर-1, 2, 3 की मार्केट, गांधी कैंप, राजीव चौक दिल्ली बाईपास के पास केंद्रीय विद्यालय के सामने, जींद बाईपास चौक, माडल टाउन आदि स्थलों को वेिडंग जोन निर्माण के लिए चिंह्नित किया है। भास्कर न्यूज | रोहतक केंद्र की तरफ से अपडेट किए जाने के फेर में 4 साल से लंबित शहर के 12 से अधिक प्रमुख बाजार और चौक-चौराहे अतिक्रमण और अनाधिकृत ढंग से लग रही रेहड़ियों, फड़ियों के चलते ट्रैफिक जाम के हालात से जूझ रहे हैं। इनकी वजह से जहां दिनभर जाम लगता है। वहीं, शहरवासियों का पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है, लेकिन अब वेंडिंग जोन प्रोजेक्ट के पटरी पर लौटने की उम्मीद है। चिह्नित किए गए 11 वेंडिंग जोन के लिए संबंधित सभी विभागों से एनओसी नगर निगम को मिल गई है। अगली कार्रवाई साइटों के स्थानांतरण की है, ताकि डिटेल इंप्लीमेंटेशन प्लान यानी डीआईपी तैयार करके चंडीगढ़ से निर्माण के लिए बजट मांगा जा सके। सीपीओ कार्यालय की मानें तो विधानसभा चुनाव के बाद यानि डेढ़ महीने के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा। प्रोजेक्ट पूरा होने पर रेहड़ी और पटरी से छुटकारा मिल जाएगा। ^ 11 वेंडिंग जोन बनेंगे। संबंधित विभागों को एनओसी मिल गई है। डिटेल इंप्लीमेंटेशन प्लान यानी डीआईपी तैयार करने की है, विस चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद काम शुरू होगा। इसके बाद मुख्यालय फाइल भेजकर निर्माण के लिए फंड मंगाया जाएगा। फिर काम शुरू कर दिया जाएगा। -जगदीश चंद्र, सिटी प्रोजेक्ट ऑफिसर। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
करनाल में दो सीटों पर उतारे कांग्रेस ने प्रत्याशी:असंध में गोगी और नीलोखेड़ी गोंदर पर खेला दाव, तीन सीटों पर प्रत्याशियों का इंतजार
करनाल में दो सीटों पर उतारे कांग्रेस ने प्रत्याशी:असंध में गोगी और नीलोखेड़ी गोंदर पर खेला दाव, तीन सीटों पर प्रत्याशियों का इंतजार हरियाणा विधानसभा चुनावों की तैयारी में कांग्रेस ने अपने 31 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें करनाल जिले की 5 विधानसभाओं में से असंध और नीलोखेड़ी सीटों पर भी स्थिति साफ हो गई है। कांग्रेस ने असंध से मौजूदा विधायक शमशेर सिंह गोगी पर फिर भरोसा जताया है। जबकि नीलोखेड़ी में मौजूदा विधायक धर्मपाल गोंदर पर भरोसा जताया है। जो 2019 में आजाद उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे। हालांकि, इन दोनों सीटों से कई दावेदार मैदान में थे, लेकिन अंततः पार्टी ने गोगी और गोंदर को ही चुना। जबकी इंद्री, करनाल व घरौंडा विधानसभा के प्रत्याशियों के नाम अभी जारी नहीं कए है। असंध विधानसभा पर गोगी का मजबूत पकड़
असंध से विधायक शमशेर सिंह गोगी एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। 2019 में उन्होंने बीएसपी के नरेंद्र राणा को 1703 वोटों से हराया था, जबकि भाजपा के बख्शीश सिंह विर्क तीसरे स्थान पर रहे थे। गोगी की जनसंपर्क और भाषण कला के कारण वे जनता के बीच खासे लोकप्रिय हैं। उनकी मिलनसारिता और क्षेत्र में लगातार उपस्थिति ने कांग्रेस को एक बार फिर उनके पक्ष में निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया। क्यों मिला गोगी को टिकट
गोगी कांग्रेस के सैलजा गुट से आते हैं, और पार्टी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी मौजूदा विधायक का टिकट नहीं काटा जाएगा। गोगी की क्षेत्र में मजबूत पकड़, जनता के बीच उनकी छवि, और कांग्रेस के लिए उनकी निष्ठा को देखते हुए उन्हें फिर से मैदान में उतारा गया है। क्यों कटी शेरप्रताप शेरी और सुरेंद्र नरवाल की टिकट
असंध से शेरप्रताप शेरी और सुरेंद्र नरवाल जैसे दावेदार भी टिकट की उम्मीद में थे। हालांकि, शेरप्रताप शेरी क्षेत्र में उतने सक्रिय नहीं थे, जिससे उनका टिकट कट गया। वहीं सुरेंद्र नरवाल ने हुड्डा गुट से आते है। चार्चाए ये भी है कि उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत से राहुल गांधी को चिट्ठी लिखकर टिकट की मांग की थी, लेकिन पार्टी ने अनुभव और जनता के साथ उनके संवाद की कमी के कारण उन्हें टिकट नहीं दिया। नीलोखेड़ी विधान धर्मपाल गोंदर की मेहनत लाई रंग
नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। गोंदर ने 2019 में आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। जिसके बाद उन्होंने भाजपा को अपना सर्मथन दिया। अब कुछ समय पहले उन्होंने भाजपा से सर्मथन वापस लेकर कांग्रेस में शामिल हुए थे।
अपने कार्यकाल में उन्होंने जनता के बीच अपनी पकड़ और क्षेत्र में किए गए कार्यों के कारण खुद को साबित किया है। 2000 में इनेलो की टिकट पर भी उन्होंने चुनाव जीता था, 2009 में भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ा। लेकिन जब 2014 और 2019 में जब पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो 2019 में भाजपा से अलग होकर आजाद चुनाव लड़ने का फैसला किया और जनता ने उन्हें अपना विधायक चुना। क्यों मिला गोंदर को टिकट
गोंदर की जनता के बीच मजबूत पकड़ और आजाद उम्मीदवार के रूप में उनकी जीत कांग्रेस के लिए अहम रही। पार्टी ने माना कि गोंदर कांग्रेस के टिकट पर इस बार और भी बड़े अंतर से जीत सकते हैं, इसलिए उन्हें टिकट दिया गया। गोंदर की कार्यशैली और जनता के प्रति उनकी निष्ठा भी पार्टी के इस फैसले में महत्वपूर्ण रही। क्यों कटी राजेश वैद्य और राजकुमार वाल्मीकि की टिकट
नीलोखेड़ी से राजेश वैद्य और राजकुमार वाल्मीकि जैसे दावेदार भी टिकट की दौड़ में थे। राजेश वैद्य अनुसूचित जाति के वोटर्स पर मजबूत पकड़ रखते थे, लेकिन 2009 में बीएसपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव हारने और कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी ने अनुभव की कमी के चलते उन्हें टिकट नहीं दिया। वहीं, राजकुमार वाल्मीकि भी टिकट की आस में थे, लेकिन पार्टी ने गोंदर को ज्यादा सक्षम समझा और उनका टिकट काट दिया।
राजनीतिक समीकरण: कांग्रेस के सामने चुनौती
असंध और नीलोखेड़ी में टिकट वितरण के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस में भी टिकट कटने के बाद भाजपा की तरह इस्तीफों की झड़ी लगेगी या नेता एकजुट होकर पार्टी के उम्मीदवारों का साथ देंगे। कांग्रेस के लिए यह भी महत्वपूर्ण होगा कि वे भाजपा से नाराज वोटर्स को अपने पाले में लाने के लिए किस तरह की रणनीति अपनाते हैं। कुल मिलाकर, कांग्रेस ने अपने अनुभवी और मजबूत पकड़ वाले नेताओं पर भरोसा जताया है, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि टिकट से वंचित हुए नेता पार्टी से नाराज होकर विपक्ष का हाथ न थाम लें।
किरण चौधरी नहीं देंगी विधायकी से इस्तीफा:इसके पीछे हरियाणा BJP की प्लानिंग; राज्यसभा इलेक्शन में फायदा, फ्लोर टेस्ट में बहुमत में दिखेगी
किरण चौधरी नहीं देंगी विधायकी से इस्तीफा:इसके पीछे हरियाणा BJP की प्लानिंग; राज्यसभा इलेक्शन में फायदा, फ्लोर टेस्ट में बहुमत में दिखेगी कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन करने वाली हरियाणा की तोशाम विधानसभा सीट से विधायक किरण चौधरी विधायकी से इस्तीफा नहीं देंगी। यह हरियाणा बीजेपी की मेगा प्लानिंग का हिस्सा है। इस प्लानिंग के जरिए बीजेपी राज्यसभा सीट में फायदा लेगी। इसके साथ ही यदि मानसून सत्र के दौरान विश्वास मत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट भी कराया जाता है तो भी विधानसभा में भाजपा बहुमत में दिखेगी। अभी ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि किरण चौधरी या श्रुति को भाजपा हरियाणा से हाल ही में खाली हुई एक राज्यसभा सीट के लिए आगामी कुछ दिनों में होने वाले उपचुनाव में उम्मीदवार बना सकती है। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। किरण या श्रुति के अलावा भी पार्टी कोई अन्य उम्मीदवार बनाती है तो भी बीजेपी, कांग्रेस के मुकाबले मजबूत स्थिति में रहेगी। अब पढ़िए कैसे राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को होगा फायदा… वोटिंग के लिए व्हिप जारी नहीं कर सकती कांग्रेस
कानूनी विश्लेषक और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार ने बताया कि बीजेपी ने जान-बूझ कर सोची समझी रणनीति के कारण किरण से इस्तीफा नहीं दिलवाया है। अगले कुछ दिनों में हरियाणा से खाली हुई राज्यसभा सीट के उपचुनाव में मतदान की आवश्यकता होती है तो उस परिस्थिति में किरण सदन में कांग्रेस विधायक रहते हुए भी भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर सकती है। इसकी वजह यह है कि राज्यसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने विधायकों को वोटिंग के संबंध में निर्देश देने के लिए व्हिप नहीं जारी किया जा सकता है। इसका फायदा बीजेपी राज्यसभा चुनाव की वोटिंग में उठाएगी। विधानसभा में बहुमत में आई बीजेपी
किरण चौधरी के भाजपा में आने से विधानसभा में नायब सैनी की मौजूदा सरकार की 87 सदस्यीय सदन में विधायकों की संख्या एक बढ़कर 44 (स्पीकर को मिलाकर) हो गई है। इस संख्या में बीजेपी के 41 विधायक हैं, जबकि 1 हलोपा विधायक गोपाल कांडा, किरण चौधरी और एक निर्दलीय विधायक किरण चौधरी शामिल हैं। चूंकि अभी सदन में 87 विधायक हैं, ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 44 हो गया है, जो भाजपा के पास है। यदि मानसून सत्र के दौरान विश्वास मत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट होता है तो बीजेपी यहां विपक्ष के मुकाबले बहुमत में दिखाई देगी। किरण के इस्तीफे का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी
सूत्रों का कहना है कि अगर किरण चौधरी इस्तीफा नहीं देने का फैसला करती हैं तो कांग्रेस स्पीकर को लिखित में भेज सकती है कि चौधरी ने पार्टी छोड़ दी है और सदन की उनकी सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए। हालांकि इसके बाद स्पीकर को प्रतिनिधित्व मिल जाता है तो उन्हें यह तय करना होता है कि वह विधायक के रूप में बनी रह सकती हैं या नहीं। सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही कोई निर्णय आने की संभावना नहीं है। किरण की तरह JJP के 2 विधायकों पर कार्रवाई लंबित
हरियाणा विधानसभा चुनाव में करीब 4 महीने बाकी हैं, भाजपा को समर्थन करने वाले 2 जेजेपी विधायक सदन के सदस्य बने हुए हैं। अगर मानसून सत्र के दौरान विश्वास मत लाया जाता है तो वे भाजपा का समर्थन करेंगे। जेजेपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्पीकर को एक ज्ञापन दिया है, जो स्पीकर के पास लंबित है। उम्मीद है कि किरण चौधरी के खिलाफ कांग्रेस का ज्ञापन विधानसभा स्पीकर के खिलाफ पेश किया जाएगा।
करनाल में मानवता हुई शर्मसार:14 साल की नाबालिग को किया गर्भीवती, प्रशासन की टीम ने किया रेस्क्यू
करनाल में मानवता हुई शर्मसार:14 साल की नाबालिग को किया गर्भीवती, प्रशासन की टीम ने किया रेस्क्यू हरियाणा के करनाल में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। करनाल के कर्ण पार्क में एक छह माह की गर्भवती नाबालिग मिली है। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और करनाल सीडब्ल्यूसी, अपना आशियाना तथा सिविल लाइन करनाल की टीम मौके पर पहुंची। दोनों टीमों ने नाबालिग की काउंसिलिंग की। अब पुलिस नाबालिग के साथ ऐसा कृत्य करने वाले आरोपी की तलाश कर रही है। इसके साथ ही बच्ची के परिवार तक भी पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। कर्ण पार्क में मांग रही थी भीख गर्भवती नाबालिग कर्ण पार्क में घूम रही थी और आने जाने वाले लोगों से भीख में पैसे मांग रही थी। लोगों को बच्ची की हालत देखकर शक हुआ। जिसके बाद उन्होंने अपना आशियाना की टीम का जानकारी दी। अपना आशियाना की टीम ने सीडब्ल्यूसी को बुलाया और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। अपना आशियाना की टीम ने बताया कि बच्ची अभी तक खुलकर कोई बात नहीं बता पा रही है और बार-बार अपने बयान बदल रही है। अब बच्ची को पुलिस स्टेशन लेकर जाएंगे जहां पर उसकी काउंसलिंग की जाएगी, ताकि बच्ची अपने बारे में या फिर अपने परिवार के बारे में कुछ बता सके। पुलिस जुटी जांच में सिविल लाइन थाना से बच्ची को रेस्क्यू करने पहुंची पुलिस अधिकारी ने बताया कि कर्ण पार्क से 14 साल की बच्ची मिली है, जो गर्भवती है। अभी बच्ची से पूछताछ की गई है और बच्ची गर्भवती है या नहीं इसको लेकर मेडिकल करवाया जाएगा। कोई लड़का छोड़कर गया ईआरवी 411 इंचार्ज राजेश कुमार ने बताया कि हमारे पास इवेंट आया था कि कर्ण पार्क में एक गर्भवती नाबालिग है। जिसके कोई लड़का छोड़कर गया है। जिसके बाद पुलिस सिविल लाइन यहां पर पहुंच गई थी और वे बच्ची को लेकर चले गए है। पहले मेडिकल होगा, उसके बाद गर्भवती है या नहीं, इसका पता चल पाएगा। मामले की जांच की जा रही है।