अबोहर के गांव अमरपुरा में लोहड़ी पर हुए हादसे में एक 6 वर्षीय बच्चा गंभीर रुप से झुलस गया। गांव निवासी कालू राम का 6 वर्षीय बेटा दिवांशु अपने घर के आंगन में पतंग उड़ा रहा था कि आंगन में रखी भट्टी पर गर्म हो रहे पानी में अचानक गिर गया। परिजन तुरंत बच्चे को स्थानीय सरकारी अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए उसे फरीदकोट रेफर कर दिया। चिकित्सकों के अनुसार बच्चे के दोनों पैर पूरी तरह से झुलस चुके थे। कुछ दिन पहले छत से गिरा था बच्चा यह घटना पतंगबाजी से जुड़े खतरों की ओर इशारा करती है। कुछ दिन पहले भी एक बच्चा पतंग उड़ाते समय छत से गिर गया था, जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसे भी अस्पताल से रेफर करना पड़ा था। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने अभिभावकों से अपील की है कि त्योहार के दौरान बच्चों को पतंग उड़ाते समय विशेष सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि बच्चों के पतंग उड़ाते समय उनके साथ किसी वयस्क का होना जरूरी है, ताकि खुशी का यह त्योहार किसी दुखद घटना का कारण न बने। अबोहर के गांव अमरपुरा में लोहड़ी पर हुए हादसे में एक 6 वर्षीय बच्चा गंभीर रुप से झुलस गया। गांव निवासी कालू राम का 6 वर्षीय बेटा दिवांशु अपने घर के आंगन में पतंग उड़ा रहा था कि आंगन में रखी भट्टी पर गर्म हो रहे पानी में अचानक गिर गया। परिजन तुरंत बच्चे को स्थानीय सरकारी अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए उसे फरीदकोट रेफर कर दिया। चिकित्सकों के अनुसार बच्चे के दोनों पैर पूरी तरह से झुलस चुके थे। कुछ दिन पहले छत से गिरा था बच्चा यह घटना पतंगबाजी से जुड़े खतरों की ओर इशारा करती है। कुछ दिन पहले भी एक बच्चा पतंग उड़ाते समय छत से गिर गया था, जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसे भी अस्पताल से रेफर करना पड़ा था। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने अभिभावकों से अपील की है कि त्योहार के दौरान बच्चों को पतंग उड़ाते समय विशेष सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि बच्चों के पतंग उड़ाते समय उनके साथ किसी वयस्क का होना जरूरी है, ताकि खुशी का यह त्योहार किसी दुखद घटना का कारण न बने। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पर बैठक शुरू:मुश्किल में सुखबीर, बागी गुट की माफी पर चर्चा; खालिस्तान समर्थक आतंकियों की तस्वीरों पर भी विचार आज यानी सोमवार को पंजाब के अमृतसर में सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक से पहले श्री हरिमंदिर साहिब के दो नवनियुक्त ग्रंथियों का सेवा संभाल कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें श्री दमदमा साहिब में पांच प्यारों की सेवा कर रहे भाई केवल सिंह और बटाला निवासी कथावाचक भाई परविंदरपाल सिंह ग्रंथी का कार्यभार संभाला। इस दौरान पांचों तख्तों के जत्थेदार भी मौजूद रहे। इसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की अध्यक्षता में बैठक शुरू होने वाली है। जिसमें पांचों तख्तों के जत्थेदार पहुंचे हैं। इस बैठक में दो प्रमुख विषयों पर चर्चा होगी। जिसमें शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के बागी गुट द्वारा दी गई माफी पर चर्चा होगी। इसके साथ ही गोल्डन टेंपल के म्यूजियम में खालिस्तानी आतंकियों की तस्वीरों को लगाने पर भी विचार किया जाना है। श्री अकाल तख्त साहिब पर बैठक से जुड़ी तस्वीरें- दरअसल बागी गुट द्वारा दी गई माफी में अध्यक्ष सुखबीर बादल को पूरी तरह निशाने पर लिया गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। खालिस्तान समर्थकों की तस्वीरें लगाने के मुद्दे पर विचार बैठक में स्वर्ण मंदिर के संग्रहालय में खालिस्तान समर्थकों की तस्वीरें लगाने के मुद्दे पर विचार किया जाना है। अभी दो दिन पहले ही ज्ञानी रघबीर सिंह ने पाकिस्तान में मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी और दल खालसा के संस्थापक गजिंदर सिंह के श्रद्धांजलि समारोह में स्वर्ण मंदिर परिसर में बने संग्रहालय में खालिस्तान समर्थकों की तस्वीरें लगाने की इच्छा जताई थी। 2023 से अभी तक मारे गए तीन आतंकियों की तस्वीरों को गोल्डन टेंपल में लगाने पर विचार चल रहा है। जिसमें पहला नाम हरदीप सिंह निज्जर का है। जिसकी 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सिर में गोली मारकर हत्या की थी। इस सूची में दूसरा नाम खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवड़ का है। जिसकी 6 मई 2023 को लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं, तीसरा नाम गजिंदर सिंह का है, जो 1981 में इंडियन एयरलाइंस के प्लेन को हाईजैक कर पाकिस्तान के लाहौर ले गया था। माफीनाम में बागी गुट का निशाना सुखबीर बादल की ओर अकाली दल का बागी गुट, जिसकी अध्यक्षता प्रेम सिंह चंदूमाजरा कर रहे हैं, ने 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब को माफीनामा सौंपा था। बागी गुट का कहना था कि वे पार्टी की तरफ से की गई गलतियों के लिए माफी मांग रहे हैं। लेकिन पूरे माफीनामे में अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल पर ही निशाना साधा गया था। बागी गुट के अकाल तख्त को सौंपे माफीनामे में कबूली 4 गलतियां… 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत: 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी: श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई: 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ: SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। जाने खालिस्तानी आतंकियों को, जिनकी तस्वीर अजायबघर में लगाई जानी है-
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जालंधर में AAP प्रत्याशी के घर का होगा घेराव:बरनाला में शिक्षा प्रोवाइडर अध्यापक यूनियन की बैठक, बोले- मांगे पूरी नहीं कर रही सरकार शिक्षा प्रोवाइडर टीचर्स यूनियन पंजाब द्वारा अपनी मांगों को लेकर पंजाब सरकार के खिलाफ आरपार की लडाई का ऐलान किया गया है। जिसके अंतर्गत अब शिक्षा प्रोवाइडर टीचर्स ने जालंधर उप चुनाव में आम आदमी पार्टी के विरोध का ऐलान किया है। शिक्षा प्रोवाइडर अध्यापकों ने 30 जून को जालंधर उप चुनाव लड़ रहे आप प्रत्याशी महिंदर भगत के घर का घेराव करने का फैसला लिया है। बरनाला में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा प्रोवाइडर अध्यापक यूनियन के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह भोतना ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने 8736 कच्चे अध्यापकों को केवल कागजों, बोर्डों, बैनरों और भाषणों में नियमित किया है, जबकि हकीकत में वेतनवृद्धि तक का नाम नहीं लिया गया है। क्योंकि रेगुलर अध्यापकों को सभी सुविधाओं (ग्रेड-पे आदि) से वंचित रखा गया है। तब भी गांव टंकी पर लंबे संघर्ष के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री ने संगठन को बुलाकर वादा किया था कि आप संघर्ष खत्म करो, मैं पूरा करूंगा। उन्होंने कहा कि, सीएम ने आश्वासन दिया था कि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद सभी अधूरी मांगें मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा के बाद भी मुख्यमंत्री ने न तो कोई बैठक की और न ही कोई संतोषजनक समाधान निकाला। इसलिए संगठन अब अपने वादे को याद दिला रहा है कि मुख्यमंत्री अपना वादा पूरा करें। उन्होंने कहा कि 30 जून को पंजाब भर से शिक्षा प्रोवाइडर टीचर्स आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी महिंदर भगत के घर का घेराव करेंगे।