हरियाणा में राजस्थान रोडवेज की बस में टिकट को लेकर महिला पुलिसकर्मी और कंडक्टर के बीच हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस विवाद के बाद जहां हरियाणा पुलिस ने राजस्थान रोडवेज की बसों के चालान काटने शुरू कर दिए थे। वहीं अब राजस्थान में भी हरियाणा रोडवेज की बसों के चालान कटने शुरू हो गए हैं। इसके बाद दोनों राज्यों में अजीबो-गरीब स्थिति बन गई है। दोनों राज्यों की ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई में रोडवेज कर्मचारी और यात्री दोनों परेशान हो रहे हैं। चालान काटने के समय बसों को कई-कई देर तक खड़ा रखा जाता है। हरियाणा पुलिस पिछले 3 दिनों में राजस्थान रोडवेज की करीब 90 बसों के चालान काट चुकी है। इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी का भी वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में वो राजस्थान रोडवेज की बस का चालान काट रहा है। इसके बाद राजस्थान में भी हरियाणा रोडवेज की 26 बसों के एक ही दिन में चालान किए गए। यह चालान जयपुर में हुए हैं। 9 बसों के चालान सिंधी कैंप और 17 बसों के चालान सड़वा मोड़ पर हुए। महिला पुलिसकर्मियों ने किराया नहीं दिया
दरअसल, हरियाणा की एक महिला पुलिसकर्मी राजस्थान रोडवेज की बस में सफर कर रही थी, लेकिन बस कंडक्टर के किराया मांगने पर किराया नहीं दे रही थी। इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। इसमें महिला पुलिसकर्मी कहती हुई नजर आ रही है कि वह किराया नहीं देगी, क्योंकि बस में पुलिस का किराया फ्री होता है। जबकि, बस का कंडक्टर कहता हुआ सुनाई दे रहा है कि बस में सफर करना है तो 50 रुपए का टिकट लेना ही होगा। ऐसे में अन्य यात्री भी पुलिसकर्मी से किराया देने के लिए कहते हैं, इसके बाद भी महिला पुलिसकर्मी किराया नहीं देती। कर्मचारियों को नियमों की पालना के आदेश
राजस्थान रोडवेज के अधिकारियों ने हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस द्वारा बसों का चालान किए जाने पर रोडवेज की ओर से सभी कर्मचारियों को सचेत कर दिया है। ड्राइवरों को नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों को भी बसों के कागजात पूरे रखने, सीट बेल्ट लगाने और फर्स्ट एड जैसी किट जैसे नियमों को पूरा करने के बाद ही राजस्थान की ओर जाने की सलाह दी गई है। कंडक्टर से महिला पुलिसकर्मी की पूरी बहस… कंडक्टर : किराया लाओ। पुलिसकर्मी : टिकट नहीं कटती। कंडक्टर : हमारे यहां कटती है। लाओ, 50 रुपए दो, धारूहेड़ा जाना है तो। पुलिसकर्मी : नहीं मिलते। कंडक्टर : क्यों नहीं मिलते? यात्रा करनी है तो लगेंगे। पुलिसकर्मी : नहीं लगेंगे। कंडक्टर (बस रुकने के लिए सीटी मारकर) : आ जाओ फिर, उतर लो। पुलिसकर्मी : नहीं उतरना। कंडक्टर : यात्रा करनी है तो किराया दो, नहीं तो उतर लो। पुलिसकर्मी (शब्दों को खींचते हुए) : नहीं उतरना। कंडक्टर : यात्रा करनी है कि नहीं? पुलिसकर्मी : यात्रा करनी है। कंडक्टर : फिर 50 रुपए दो। पुलिसकर्मी : नहीं मिलेंगे। स्टाफ चलेगा। स्टाफ चलता है। कंडक्टर : नहीं, कोई स्टाफ नहीं है। 50 रुपए लगेंगे। पुलिसकर्मी : नहीं लगेंगे। एक महिला यात्री (पुलिसकर्मी से) : अरे भाई दे दो। पुलिसकर्मी : नहीं, हरियाणा में पुलिस का स्टाफ चलता है। कंडक्टर : इसमें (राजस्थान बस में) नहीं चलता। पुलिसकर्मी : हरियाणा में चलता है। कंडक्टर : फ्लाइंग आएगी तो परेशानी हो जाएगी। पुलिसकर्मी : कोई बात नहीं। मैं बात कर लूंगी। कंडक्टर : डिपार्टमेंट वाले नहीं सुनते। नीयत खराब होती है। पुलिसकर्मी : कोई बात नहीं, नीयत खराब होती है तो। अफसर आएंगे तो मैं बात कर लूंगी। कंडक्टर : उतर लो। नहीं तो किराया दो। पुलिसकर्मी : नहीं उतरूंगी। मैं जबरदस्ती ऐसे नहीं दे सकती। मुझे नहीं देना। इतना तो सोचो कि क्या टाइम है, लेडीज जा रही है। कंडक्टर : गाड़ी यहीं खड़ी रहेगी। आगे नहीं जाएगी। पुलिसकर्मी : हां तो यहीं खड़ी करके रख। जहां ले जाना है, वहां ले चल। नीचे नहीं उतरूंगी। एक महिला यात्री : अरे थोड़ा 10-20 रुपए कम करके दे दो। पुलिसकर्मी : नहीं दूंगी, नहीं उतरूंगी। कंडक्टर : क्यों? सैलरी नहीं मिलता आपको? पुलिसकर्मी : सैलरी से ही कटते हैं। कंडक्टर : राजस्थान रोडवेज में नहीं कटते। पुलिसकर्मी : कोई बात नहीं, नहीं कटते तो। हरियाणा में चलाओगे तो कटेंगे। एक पुरुष यात्री : मैडम यह क्या बात हो गई? आप वर्दी में हो, किराया दे दो। पुलिसकर्मी : तो वर्दी में होकर भी किराया लेगा? पुरुष यात्री : मैडम यहां सभी स्टाफ हैं। ये कोई बात थोड़े ही आपकी। आपकी वजह से सभी लोग लेट हो रहे हैं। गाड़ी भी बंद करवा दी आपने। पुलिसकर्मी : मैंने बंद नहीं करवाई है। मैं नहीं उतरूंगी। यात्री : क्या आप भी 50 रुपए के लिए हंगामा करवा रहे हो। क्या महकमे में हो आप? पुलिसकर्मी : महकमे में ही हैं। यात्री : सारा महकमा ही बैठा है यहां। पुलिसकर्मी : बैठा रहने दो। मैं नीचे नहीं उतरूंगी, किराया नहीं मिलेगा। हरियाणा में राजस्थान रोडवेज की बस में टिकट को लेकर महिला पुलिसकर्मी और कंडक्टर के बीच हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस विवाद के बाद जहां हरियाणा पुलिस ने राजस्थान रोडवेज की बसों के चालान काटने शुरू कर दिए थे। वहीं अब राजस्थान में भी हरियाणा रोडवेज की बसों के चालान कटने शुरू हो गए हैं। इसके बाद दोनों राज्यों में अजीबो-गरीब स्थिति बन गई है। दोनों राज्यों की ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई में रोडवेज कर्मचारी और यात्री दोनों परेशान हो रहे हैं। चालान काटने के समय बसों को कई-कई देर तक खड़ा रखा जाता है। हरियाणा पुलिस पिछले 3 दिनों में राजस्थान रोडवेज की करीब 90 बसों के चालान काट चुकी है। इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी का भी वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में वो राजस्थान रोडवेज की बस का चालान काट रहा है। इसके बाद राजस्थान में भी हरियाणा रोडवेज की 26 बसों के एक ही दिन में चालान किए गए। यह चालान जयपुर में हुए हैं। 9 बसों के चालान सिंधी कैंप और 17 बसों के चालान सड़वा मोड़ पर हुए। महिला पुलिसकर्मियों ने किराया नहीं दिया
दरअसल, हरियाणा की एक महिला पुलिसकर्मी राजस्थान रोडवेज की बस में सफर कर रही थी, लेकिन बस कंडक्टर के किराया मांगने पर किराया नहीं दे रही थी। इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। इसमें महिला पुलिसकर्मी कहती हुई नजर आ रही है कि वह किराया नहीं देगी, क्योंकि बस में पुलिस का किराया फ्री होता है। जबकि, बस का कंडक्टर कहता हुआ सुनाई दे रहा है कि बस में सफर करना है तो 50 रुपए का टिकट लेना ही होगा। ऐसे में अन्य यात्री भी पुलिसकर्मी से किराया देने के लिए कहते हैं, इसके बाद भी महिला पुलिसकर्मी किराया नहीं देती। कर्मचारियों को नियमों की पालना के आदेश
राजस्थान रोडवेज के अधिकारियों ने हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस द्वारा बसों का चालान किए जाने पर रोडवेज की ओर से सभी कर्मचारियों को सचेत कर दिया है। ड्राइवरों को नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों को भी बसों के कागजात पूरे रखने, सीट बेल्ट लगाने और फर्स्ट एड जैसी किट जैसे नियमों को पूरा करने के बाद ही राजस्थान की ओर जाने की सलाह दी गई है। कंडक्टर से महिला पुलिसकर्मी की पूरी बहस… कंडक्टर : किराया लाओ। पुलिसकर्मी : टिकट नहीं कटती। कंडक्टर : हमारे यहां कटती है। लाओ, 50 रुपए दो, धारूहेड़ा जाना है तो। पुलिसकर्मी : नहीं मिलते। कंडक्टर : क्यों नहीं मिलते? यात्रा करनी है तो लगेंगे। पुलिसकर्मी : नहीं लगेंगे। कंडक्टर (बस रुकने के लिए सीटी मारकर) : आ जाओ फिर, उतर लो। पुलिसकर्मी : नहीं उतरना। कंडक्टर : यात्रा करनी है तो किराया दो, नहीं तो उतर लो। पुलिसकर्मी (शब्दों को खींचते हुए) : नहीं उतरना। कंडक्टर : यात्रा करनी है कि नहीं? पुलिसकर्मी : यात्रा करनी है। कंडक्टर : फिर 50 रुपए दो। पुलिसकर्मी : नहीं मिलेंगे। स्टाफ चलेगा। स्टाफ चलता है। कंडक्टर : नहीं, कोई स्टाफ नहीं है। 50 रुपए लगेंगे। पुलिसकर्मी : नहीं लगेंगे। एक महिला यात्री (पुलिसकर्मी से) : अरे भाई दे दो। पुलिसकर्मी : नहीं, हरियाणा में पुलिस का स्टाफ चलता है। कंडक्टर : इसमें (राजस्थान बस में) नहीं चलता। पुलिसकर्मी : हरियाणा में चलता है। कंडक्टर : फ्लाइंग आएगी तो परेशानी हो जाएगी। पुलिसकर्मी : कोई बात नहीं। मैं बात कर लूंगी। कंडक्टर : डिपार्टमेंट वाले नहीं सुनते। नीयत खराब होती है। पुलिसकर्मी : कोई बात नहीं, नीयत खराब होती है तो। अफसर आएंगे तो मैं बात कर लूंगी। कंडक्टर : उतर लो। नहीं तो किराया दो। पुलिसकर्मी : नहीं उतरूंगी। मैं जबरदस्ती ऐसे नहीं दे सकती। मुझे नहीं देना। इतना तो सोचो कि क्या टाइम है, लेडीज जा रही है। कंडक्टर : गाड़ी यहीं खड़ी रहेगी। आगे नहीं जाएगी। पुलिसकर्मी : हां तो यहीं खड़ी करके रख। जहां ले जाना है, वहां ले चल। नीचे नहीं उतरूंगी। एक महिला यात्री : अरे थोड़ा 10-20 रुपए कम करके दे दो। पुलिसकर्मी : नहीं दूंगी, नहीं उतरूंगी। कंडक्टर : क्यों? सैलरी नहीं मिलता आपको? पुलिसकर्मी : सैलरी से ही कटते हैं। कंडक्टर : राजस्थान रोडवेज में नहीं कटते। पुलिसकर्मी : कोई बात नहीं, नहीं कटते तो। हरियाणा में चलाओगे तो कटेंगे। एक पुरुष यात्री : मैडम यह क्या बात हो गई? आप वर्दी में हो, किराया दे दो। पुलिसकर्मी : तो वर्दी में होकर भी किराया लेगा? पुरुष यात्री : मैडम यहां सभी स्टाफ हैं। ये कोई बात थोड़े ही आपकी। आपकी वजह से सभी लोग लेट हो रहे हैं। गाड़ी भी बंद करवा दी आपने। पुलिसकर्मी : मैंने बंद नहीं करवाई है। मैं नहीं उतरूंगी। यात्री : क्या आप भी 50 रुपए के लिए हंगामा करवा रहे हो। क्या महकमे में हो आप? पुलिसकर्मी : महकमे में ही हैं। यात्री : सारा महकमा ही बैठा है यहां। पुलिसकर्मी : बैठा रहने दो। मैं नीचे नहीं उतरूंगी, किराया नहीं मिलेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर