<p style=”text-align: justify;”><strong>IIT Kanpur:</strong> देश में अन्नदाता की भूमिका कितनी अहम है ये शायद हम सभी लोग समझते हैं कैसे किसान दिन रात मेहनत कर के हमें अन्न उपलब्ध कराते हैं लेकिन इनकी पैदावार में संसाधनों का अभाव एक बड़ी समस्या है और इसके साथ ही मौसम की मार, पानी और खाद भी समय समय पर इनके लिए समस्या साबित होती है. अब किसानों की पैदावार में खाद पानी और दवा की आवश्यकता कब और कितनी है इसके लिए किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा.अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के एक प्लेटफार्म से किसान को पल भर में पता चल जाएगा कि जमीन में फसलों की अच्छी पैदावार के लिए कितना और कब पानी, खाद और दवा देनी है. कानपुर आईआईटी में एक स्टार्टअप में एआई का एक प्लेटफार्म तैयार किया गया है जो किसानों की खेत की मिट्टी में खाद पानी और दवा की आवश्यकता और उसकी गुणवत्ता बता देगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कानपुर आईआईटी में एक स्टार्टअप के दौरान एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया गया जो इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चलते काम करेगा. इसकी खसियत है कि ये किसी भी कृषि भूमि की मिट्टी की गुणवत्ता, उसके पोषक तत्व, पानी खाद की मात्रा यहां तक की उसमें पानी की कितनी कमी है इसका भी पता लगा लेगा और जानकारी उपलब्ध कराएगा. इससे किसान अपनी फसल और खेती में उपयोग होने वाली मिट्टी को स्वस्थ रख सकेगा. एआई की मदद से किसानों की फसलों में होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/ifWmRLHQ6Ss?si=AOw76VEMnxcSW_Yr” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”>किसानों की पैदावार भी बढ़ाई जा सकती है और फसल में कोई कीट लग रहा है तो उसे भी बचाया जा सकता है. फसलों की निगरानी से लेकर मौसम के बदलते मिजाज की भी जानकारी मिलेगी. वहीं इस प्लेटफार्म को तैयार करने वाले ईएसआईसी के संबद्ध ये तैयार किया गया है. अगर इसके परीक्षण की बात की जाए तो इसके सफल परीक्षण राजस्थान, मध्यप्रदेश और अफ्रीका में भी मिट्टियों पर किया गया है. अभी तक मिट्टी की जांच में तकरीबन एक हजार रुपए का खर्च आता था लेकिन इस तकनीक से किसान एक एकड़ भूमि की जांच महज 300 रुपए में कर सकेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसान बढ़ा सकते हैं पैदावार</strong><br />इस स्टार्टअप को लेकर कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर इंचार्ज एआईआईसी (आईआईटी) दीपू फिलिप ने बताया कि इसके कई परीक्षण हो चुके हैं जोकि सफल साबित हुए हैं. इस तकनीक से किसान अपनी पैदावार को बढ़ा सकते हैं. अपनी भूमि की गुणवत्ता को जान सकते हैं और इसमें खर्च होने वाले पैसे भी बेहद कम है. इसके अलावा इसमें मौसम की जानकारी , पोषक तत्वों ,कीट के लिए दवाएं आदि की जानकारी समय पर मिल सकेगी ,भविष्य में किसानों के लिए बड़ी कारगर साबित होने वाली चीज होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-congratulations-team-india-for-beat-pakistan-by-six-wickets-in-icc-champions-trophy-2025-2890924″><strong>’विराट विजय की हार्दिक बधाई’, PAK को हराने पर CM योगी ने टीम इंडिया को अलग अंदाज में दी बधाई</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>IIT Kanpur:</strong> देश में अन्नदाता की भूमिका कितनी अहम है ये शायद हम सभी लोग समझते हैं कैसे किसान दिन रात मेहनत कर के हमें अन्न उपलब्ध कराते हैं लेकिन इनकी पैदावार में संसाधनों का अभाव एक बड़ी समस्या है और इसके साथ ही मौसम की मार, पानी और खाद भी समय समय पर इनके लिए समस्या साबित होती है. अब किसानों की पैदावार में खाद पानी और दवा की आवश्यकता कब और कितनी है इसके लिए किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा.अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के एक प्लेटफार्म से किसान को पल भर में पता चल जाएगा कि जमीन में फसलों की अच्छी पैदावार के लिए कितना और कब पानी, खाद और दवा देनी है. कानपुर आईआईटी में एक स्टार्टअप में एआई का एक प्लेटफार्म तैयार किया गया है जो किसानों की खेत की मिट्टी में खाद पानी और दवा की आवश्यकता और उसकी गुणवत्ता बता देगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कानपुर आईआईटी में एक स्टार्टअप के दौरान एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया गया जो इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चलते काम करेगा. इसकी खसियत है कि ये किसी भी कृषि भूमि की मिट्टी की गुणवत्ता, उसके पोषक तत्व, पानी खाद की मात्रा यहां तक की उसमें पानी की कितनी कमी है इसका भी पता लगा लेगा और जानकारी उपलब्ध कराएगा. इससे किसान अपनी फसल और खेती में उपयोग होने वाली मिट्टी को स्वस्थ रख सकेगा. एआई की मदद से किसानों की फसलों में होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/ifWmRLHQ6Ss?si=AOw76VEMnxcSW_Yr” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”>किसानों की पैदावार भी बढ़ाई जा सकती है और फसल में कोई कीट लग रहा है तो उसे भी बचाया जा सकता है. फसलों की निगरानी से लेकर मौसम के बदलते मिजाज की भी जानकारी मिलेगी. वहीं इस प्लेटफार्म को तैयार करने वाले ईएसआईसी के संबद्ध ये तैयार किया गया है. अगर इसके परीक्षण की बात की जाए तो इसके सफल परीक्षण राजस्थान, मध्यप्रदेश और अफ्रीका में भी मिट्टियों पर किया गया है. अभी तक मिट्टी की जांच में तकरीबन एक हजार रुपए का खर्च आता था लेकिन इस तकनीक से किसान एक एकड़ भूमि की जांच महज 300 रुपए में कर सकेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसान बढ़ा सकते हैं पैदावार</strong><br />इस स्टार्टअप को लेकर कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर इंचार्ज एआईआईसी (आईआईटी) दीपू फिलिप ने बताया कि इसके कई परीक्षण हो चुके हैं जोकि सफल साबित हुए हैं. इस तकनीक से किसान अपनी पैदावार को बढ़ा सकते हैं. अपनी भूमि की गुणवत्ता को जान सकते हैं और इसमें खर्च होने वाले पैसे भी बेहद कम है. इसके अलावा इसमें मौसम की जानकारी , पोषक तत्वों ,कीट के लिए दवाएं आदि की जानकारी समय पर मिल सकेगी ,भविष्य में किसानों के लिए बड़ी कारगर साबित होने वाली चीज होगी.</p>
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अब AI बताएगा मिट्टी को कब चाहिए खाद और पानी! आईआईटी कानपुर ने हासिल की एक और उपलब्धि
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