अमृतपाल के गांव में रखा गया अखंड पाठ:नहीं मनाएंगे खुशी, माता-पिता बोले- सभी धर्मों का सहयोग मिला; 6 के बाद रिहाई के प्रयास

अमृतपाल के गांव में रखा गया अखंड पाठ:नहीं मनाएंगे खुशी, माता-पिता बोले- सभी धर्मों का सहयोग मिला; 6 के बाद रिहाई के प्रयास

पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट पर सभी रिवायती पार्टियों को पीछे कर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के आरोपों में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद में अमृतपाल सिंह ने जीत हासिल की है। अमृतपाल सिंह के माता-पिता बलविंदर कौर व तरसेम सिंह ने सुबह ही बढ़त का संदेश मिलने के बाद गांव के गुरुघर में अखंड पाठ शुरू करवा दिया। अमृतपाल सिंह की माता बलविंदर कौर ने बताया कि 6 जून को इसका भोग पड़ने के बाद अमृतपाल की रिहाई का प्रयास शुरू हो जाएगा। वहीं, उन्होंने समर्थकों से भी अपील की है कि कोई खुशी न मनाई जाए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने ब्लू स्टार ऑपरेशन की बरसी को देखते हुए खुशी न मनाने को कहा है। उनका आदेश मानते हुए कोई कार्यक्रम नहीं रखा गया है। ब्लू स्टार ऑपरेशन के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए अखंड पाठ का भोग रखा गया है, जिसका भोग 6 जून को डाला जाएगा। उसके बाद ही अगला कार्यक्रम रखा जाएगा। दैनिक भास्कर ने बलविंदर कौर व तरसेम सिंह से बातचीत की। जिसमें उन्होंने समर्थकों का धन्यवाद भी किया है। भास्कर- पहले राउंड से ही बढ़त में रहा अमृतपाल, क्या कहेंगे। बलविंदर कौर- मैं समर्थकों का धन्यवाद करना चाहूंगी। हम सभी धर्मों का सत्कार करते हैं। सभी ने धर्म से ऊपर उठ समर्थन दिया। धर्म को एक तरफ रख सभी धर्म के लोगों ने अमृतपाल का प्रचार किया। सभी समर्थकों से अपील है कि जीत का जश्न ना मनाया जाए। शहीदी दिहाड़ा चल रहा है, ये जीत भी शहीदों को समर्पित है। भास्कर- अमृतपाल को विपक्षीय पार्टियों ने एक पक्षीय सोच का इंसान कहा? बलविंदर कौर- अमृतपाल को उन इलाकों से भी बढ़ मिली, जहां दूसरे धर्मों के लोग अधिक थे। हम सभी धर्मों को चाहते हैं। अमृतपाल खुद सभी धर्मों का सत्कार करते हैं। यहां नशा छोड़ने के लिए आने वाले युवाओं से हिंदू भी थे, मुस्लिम भी थे। सभी धर्मों के लोगों ने भी उनका सहयोग भी किया। भास्कर- अमृतपाल को बाहर लाने के लिए क्या प्रयास करेंगे। क्या ये प्रयास सिर्फ अमृतपाल के लिए होंगे या अन्य साथियों के लिए भी?
बलविंदर कौर- 6 जून को अखंड पाठ का भोग डाला जाएगा। उसके बाद वकीलों से मिला जाएगा और अमृतपाल सिंह को बाहर लाने के प्रयास किए जाएंगे। ये प्रयास सिर्फ अमृतपाल के लिए ही नहीं, उनके सभी साथियों के लिए एक साथ होंगे। इन्होंने सिर्फ अमृतपाल को टारगेट किया था। अगर अमृतपाल बाहर आए गए तो सभी साथी भी बाहर आ जाएंगे। भास्कर- परिवार राजनीति से दूर रहा है, परिवार से पहला व्यक्ति चुनावों में उतरा। ये सफर कैसा रहा? तरसेम सिंह – इसमें संगत ने सहयोग किया। ये सफर गुरु साहिब की कला ही थी। उन्होंने रास्ता दिखाया और हम आगे चलते गए। संगतों ने खुद सारी जिम्मेदारी उठाई। भास्कर- अमृतपाल सिंह से कोई बातचीत हुई? तरसेम सिंह- 25 मई को मेरी बात हुई थी। दो दिन पहले उनकी पत्नी किरणदीप कौर भी मिलने गई थी। उन्होंने संगत का धन्यवाद किया था। उनसे फोन पर संपर्क नहीं हुआ, लेकिन उन्हें जीत का संदेश मिल गया होगा। जेल वाले भी इतनी जानकारी उन तक पहुंचा ही देते हैं। भास्कर- अगले के कार्यक्रम क्या रहेंगे? तरसेम सिंह- अब सरकार से अपील है कि उन्हें जल्द से जल्द छोड़ा जाए, ताकि वे यहां आकर अगुवाई कर सकें। वे युवाओं को नशे से दूर कर सकें। अन्य पंजाब के मुद्दों को उठाएं और उनका हल किया जाए। पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट पर सभी रिवायती पार्टियों को पीछे कर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के आरोपों में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद में अमृतपाल सिंह ने जीत हासिल की है। अमृतपाल सिंह के माता-पिता बलविंदर कौर व तरसेम सिंह ने सुबह ही बढ़त का संदेश मिलने के बाद गांव के गुरुघर में अखंड पाठ शुरू करवा दिया। अमृतपाल सिंह की माता बलविंदर कौर ने बताया कि 6 जून को इसका भोग पड़ने के बाद अमृतपाल की रिहाई का प्रयास शुरू हो जाएगा। वहीं, उन्होंने समर्थकों से भी अपील की है कि कोई खुशी न मनाई जाए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने ब्लू स्टार ऑपरेशन की बरसी को देखते हुए खुशी न मनाने को कहा है। उनका आदेश मानते हुए कोई कार्यक्रम नहीं रखा गया है। ब्लू स्टार ऑपरेशन के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए अखंड पाठ का भोग रखा गया है, जिसका भोग 6 जून को डाला जाएगा। उसके बाद ही अगला कार्यक्रम रखा जाएगा। दैनिक भास्कर ने बलविंदर कौर व तरसेम सिंह से बातचीत की। जिसमें उन्होंने समर्थकों का धन्यवाद भी किया है। भास्कर- पहले राउंड से ही बढ़त में रहा अमृतपाल, क्या कहेंगे। बलविंदर कौर- मैं समर्थकों का धन्यवाद करना चाहूंगी। हम सभी धर्मों का सत्कार करते हैं। सभी ने धर्म से ऊपर उठ समर्थन दिया। धर्म को एक तरफ रख सभी धर्म के लोगों ने अमृतपाल का प्रचार किया। सभी समर्थकों से अपील है कि जीत का जश्न ना मनाया जाए। शहीदी दिहाड़ा चल रहा है, ये जीत भी शहीदों को समर्पित है। भास्कर- अमृतपाल को विपक्षीय पार्टियों ने एक पक्षीय सोच का इंसान कहा? बलविंदर कौर- अमृतपाल को उन इलाकों से भी बढ़ मिली, जहां दूसरे धर्मों के लोग अधिक थे। हम सभी धर्मों को चाहते हैं। अमृतपाल खुद सभी धर्मों का सत्कार करते हैं। यहां नशा छोड़ने के लिए आने वाले युवाओं से हिंदू भी थे, मुस्लिम भी थे। सभी धर्मों के लोगों ने भी उनका सहयोग भी किया। भास्कर- अमृतपाल को बाहर लाने के लिए क्या प्रयास करेंगे। क्या ये प्रयास सिर्फ अमृतपाल के लिए होंगे या अन्य साथियों के लिए भी?
बलविंदर कौर- 6 जून को अखंड पाठ का भोग डाला जाएगा। उसके बाद वकीलों से मिला जाएगा और अमृतपाल सिंह को बाहर लाने के प्रयास किए जाएंगे। ये प्रयास सिर्फ अमृतपाल के लिए ही नहीं, उनके सभी साथियों के लिए एक साथ होंगे। इन्होंने सिर्फ अमृतपाल को टारगेट किया था। अगर अमृतपाल बाहर आए गए तो सभी साथी भी बाहर आ जाएंगे। भास्कर- परिवार राजनीति से दूर रहा है, परिवार से पहला व्यक्ति चुनावों में उतरा। ये सफर कैसा रहा? तरसेम सिंह – इसमें संगत ने सहयोग किया। ये सफर गुरु साहिब की कला ही थी। उन्होंने रास्ता दिखाया और हम आगे चलते गए। संगतों ने खुद सारी जिम्मेदारी उठाई। भास्कर- अमृतपाल सिंह से कोई बातचीत हुई? तरसेम सिंह- 25 मई को मेरी बात हुई थी। दो दिन पहले उनकी पत्नी किरणदीप कौर भी मिलने गई थी। उन्होंने संगत का धन्यवाद किया था। उनसे फोन पर संपर्क नहीं हुआ, लेकिन उन्हें जीत का संदेश मिल गया होगा। जेल वाले भी इतनी जानकारी उन तक पहुंचा ही देते हैं। भास्कर- अगले के कार्यक्रम क्या रहेंगे? तरसेम सिंह- अब सरकार से अपील है कि उन्हें जल्द से जल्द छोड़ा जाए, ताकि वे यहां आकर अगुवाई कर सकें। वे युवाओं को नशे से दूर कर सकें। अन्य पंजाब के मुद्दों को उठाएं और उनका हल किया जाए।   पंजाब | दैनिक भास्कर