किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की अगुआई में हजारों किसानों और मजदूरों ने अमृतसर के रणजीत एवेन्यू दशहरा ग्राउंड में पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि भगवंत मान सरकार मोदी सरकार के इशारे पर काम कर रही है और किसानों पर अत्याचार कर रही है। मीडिया से बातचीत करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों को बातचीत के बहाने बुलाया और हिरासत में ले लिया। इतिहास में यह पहली बार है कि सरकार ने इस तरह से धोखे से आंदोलनकारी किसानों को हिरासत में लिया है। उन्होंने कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया, महिलाओं को जेलों में डाला गया और उनका मंच भी तोड़ दिया गया। किसान नेताओं का कहना है कि भगवंत मान पहले खुद को किसानों का हितैषी बताते थे, लेकिन अब वह मोदी सरकार के इशारे पर किसानों का दमन कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार भाजपा की ‘बी-टीम’ के तौर पर काम कर रही है और केंद्र सरकार के कदमों का समर्थन कर रही है। किसानों की मांगें – गिरफ्तार किसान नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए। – किसानों का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई सरकार करे। – किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए की गई कार्रवाई की न्यायिक जांच हो। जल्द होगा बड़े आंदोलन का ऐलान किसान नेताओं ने ऐलान किया कि आने वाले दिनों में राज्यभर में बड़े प्रदर्शन और पुतला दहन कार्यक्रम किए जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने किसानों की मांगें नहीं मानीं, तो आंदोलन और तेज होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना का आरोप किसान नेताओं ने कहा कि हरियाणा सरकार खुद सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन अब पंजाब सरकार ही कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रही है। सरकार किसानों पर ज़ुल्म कर रही है, जिसका मुकाबला पूरे संयम और संघर्ष से किया जाएगा। आंदोलन जारी रहेगा किसान नेताओं ने साफ कर दिया कि भगवंत मान सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जो सरकार किसानों के हक़ में नहीं है, उसे इसका राजनीतिक परिणाम भुगतना पड़ेगा। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की अगुआई में हजारों किसानों और मजदूरों ने अमृतसर के रणजीत एवेन्यू दशहरा ग्राउंड में पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि भगवंत मान सरकार मोदी सरकार के इशारे पर काम कर रही है और किसानों पर अत्याचार कर रही है। मीडिया से बातचीत करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों को बातचीत के बहाने बुलाया और हिरासत में ले लिया। इतिहास में यह पहली बार है कि सरकार ने इस तरह से धोखे से आंदोलनकारी किसानों को हिरासत में लिया है। उन्होंने कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया, महिलाओं को जेलों में डाला गया और उनका मंच भी तोड़ दिया गया। किसान नेताओं का कहना है कि भगवंत मान पहले खुद को किसानों का हितैषी बताते थे, लेकिन अब वह मोदी सरकार के इशारे पर किसानों का दमन कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार भाजपा की ‘बी-टीम’ के तौर पर काम कर रही है और केंद्र सरकार के कदमों का समर्थन कर रही है। किसानों की मांगें – गिरफ्तार किसान नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए। – किसानों का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई सरकार करे। – किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए की गई कार्रवाई की न्यायिक जांच हो। जल्द होगा बड़े आंदोलन का ऐलान किसान नेताओं ने ऐलान किया कि आने वाले दिनों में राज्यभर में बड़े प्रदर्शन और पुतला दहन कार्यक्रम किए जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने किसानों की मांगें नहीं मानीं, तो आंदोलन और तेज होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना का आरोप किसान नेताओं ने कहा कि हरियाणा सरकार खुद सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन अब पंजाब सरकार ही कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रही है। सरकार किसानों पर ज़ुल्म कर रही है, जिसका मुकाबला पूरे संयम और संघर्ष से किया जाएगा। आंदोलन जारी रहेगा किसान नेताओं ने साफ कर दिया कि भगवंत मान सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जो सरकार किसानों के हक़ में नहीं है, उसे इसका राजनीतिक परिणाम भुगतना पड़ेगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
