अमृतसर में रात को एक और धमाका सुना गया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक यह धमाका रात करीब 8 बजे अमृतसर बाईपास पर स्थित फतेहगढ़ चूड़ियां पुलिस चौकी में सुना गया। इसमें किसी के मारे जाने या घायल होने की सूचना नहीं है। लेकिन घटनास्थल पर 6X6 इंच का गड्ढा देखा जा सकता है। इसकी जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। जिस फतेहगढ़ चूड़ियां पुलिस चौकी को निशाना बनाया गया, वह पिछले साल बंद हो चुकी थी। धमाके की सूचना मिलते ही पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर अन्य अधिकारियों के साथ पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना कर मामले की जानकारी ली। उन्होंने धमाके से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि पास में ही पुलिस टीम ने चेक पोस्ट बना रखी थी। धमाके की आवाज सुनते ही टीम मौके पर पहुंच गई। लेकिन यहां कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। कमिश्नर बोले- अफ़वाह नहीं फैलाई जानी चाहिए लेकिन पुलिस कमिश्नर ने इसे ग्रेनेड हमला कहने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि ग्रेनेड का असर बहुत ज़्यादा होता है। लेकिन वो असर यहां नहीं दिख रहा है। इसलिए किसी तरह की अफ़वाह या अफ़वाह नहीं फैलाई जानी चाहिए। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह ने कहा कि यह चौकी पहले चालू थी, लेकिन पिछले साल इसे बंद कर दिया गया था। अब इसका इस्तेमाल आम लोगों के लिए नहीं होता। पुलिसकर्मी हमले संबंधी सबूत उठाता कैमरे में हुआ कैद हालांकि अमृतसर पुलिस इसे ग्रेनेड हमला नहीं मान रही, लेकिन धमाके के बाद पुलिसकर्मी विस्फोट संबंधी सबूत जुटाता हुआ दिखाई दिया। स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल में कार्यरत अमरजीत सिंह ने खुद बताया कि धमाके की सूचना मिली थी। वे अभी पहुंचे हैं। यहां से मिली संदिग्ध वस्तु को वे अपने सीनियर्स को दे देंगे। संदिग्ध वस्तु क्या है, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। विपक्षीय दलों ने सरकार को घेरा घटना के बाद ही विपक्षीय दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। सूचना मिलने के बाद ही कांग्रेस और अकाली दल के नेताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालना शुरू कर दिया। उन्होंने इस घटना के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया। मुख्यमंत्री मान इस्तीफा दें अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल सीएम भगवंत मान से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भारत-पाक सीमा पर क़ानून और व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो गई है। दो महीनों में 12 से अधिक धमाके हुए हैं और पुलिस जवाब देने असमर्थ है। सरकार की नालायकी कांग्रेस के अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला ने भी सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि अभी अमृतसर बाईपास स्थित फतेहगढ़ चूडियां रोड पुलिस चौकी में हुआ ग्रेनेड हमला सरकार की नालायकी है। कब-कब हुईं 10 घटनाएं बीते साल 24 नवंबर के बाद पंजाब में धमाकों का सिलसिला शुरू हुआ था। इस घटना को मलाकर तब से लेकर अभी तक 11 घटनाएं हो चुकी हैं। 24 नवंबर- अजनाला थाने के बाहर RDX लगाया गया था। हालांकि, यह फटा नहीं। इसकी जिम्मेदारी हैप्पी पासियां ने ली थी, जबकि इस मामले में पुलिस 2 आरोपियों को पकड़ चुकी है। उनसे हैंड ग्रेनेड भी बरामद किए गए थे। 27 नवंबर- गुरबख्श नगर में बंद पुलिस चौकी में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। यह हमला भी बंद चौकी में हुआ था। 2 दिसंबर- एसबीएस नगर के काठगढ़ थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। इस मामले में भी पुलिस ने 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया था और उनसे हथियार बरामद किए गए थे। 4 दिसंबर- मजीठा थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ तो पुलिस ने हमला मानने से ही इनकार कर दिया। पुलिस का कहना था कि उनके एक कर्मी की बाइक का टायर फटा है। हालांकि, इलाके के पूर्व विधायक बिक्रम मजीठिया ने थाने की तस्वीरों के साथ इसे आतंकी घटना बताया था। 13 दिसंबर- अलीवाल बटाला थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। इस घटना की जिम्मेदारी भी हैप्पी पासियां और उसके साथी ने ली थी। इस घटना को भी रात के समय ही अंजाम दिया गया। 17 दिसंबर- इस्लामाबाद थाने में ग्रेनेड विस्फोट किया गया। सुबह जब खबर फैली तो पुलिस कमिश्नर और लोकल पुलिस ने इसे ब्लास्ट नहीं बताया, लेकिन दोपहर DGP पंजाब खुद अमृतसर पहुंचे और उन्होंने माना कि यह एक आतंकी घटना थी और बम फोड़ा गया था। 19 दिसंबर- पंजाब के भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे गुरदासपुर जिले की बंद पड़ी पुलिस चौकी बख्शीवाला पर आतंकी हमला हुआ। पुलिस द्वारा किसी मामले में जब्त किए गए ऑटो पर आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका। 21 दिसंबर- गुरदासपुर के कलानौर क्षेत्र में बंगा वडाला गांव की पुलिस चौकी रात को धमाके से दहल गई। इस हमले की जिम्मेदारी भी बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ली थी। 9 जनवरी – अमृतसर की गुमटाला चौकी पर भी हमले की सूचना फैली थी। पुलिस अभी तक इसे हमला नहीं मान रही है। आतंकी संगठन बब्बर खालसा ने इस घटना पर भी सोशल मीडिया पर पोस्ट को वायरल किया था। 15 जनवरी – अमृतसर के मजीठा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जैंतीपुर शराब कारोबारी स्वर्गीय पप्पू जैंतीपुर के घर पर ग्रेनेड हमला हुआ था। बीते कुछ सालों में बड़ी आतंकी घटनाओं के बाद ये पहला मामला था जब आतंकियों ने किसी रिहायश को निशाना बनाया। अमृतसर में रात को एक और धमाका सुना गया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक यह धमाका रात करीब 8 बजे अमृतसर बाईपास पर स्थित फतेहगढ़ चूड़ियां पुलिस चौकी में सुना गया। इसमें किसी के मारे जाने या घायल होने की सूचना नहीं है। लेकिन घटनास्थल पर 6X6 इंच का गड्ढा देखा जा सकता है। इसकी जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। जिस फतेहगढ़ चूड़ियां पुलिस चौकी को निशाना बनाया गया, वह पिछले साल बंद हो चुकी थी। धमाके की सूचना मिलते ही पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर अन्य अधिकारियों के साथ पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना कर मामले की जानकारी ली। उन्होंने धमाके से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि पास में ही पुलिस टीम ने चेक पोस्ट बना रखी थी। धमाके की आवाज सुनते ही टीम मौके पर पहुंच गई। लेकिन यहां कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। कमिश्नर बोले- अफ़वाह नहीं फैलाई जानी चाहिए लेकिन पुलिस कमिश्नर ने इसे ग्रेनेड हमला कहने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि ग्रेनेड का असर बहुत ज़्यादा होता है। लेकिन वो असर यहां नहीं दिख रहा है। इसलिए किसी तरह की अफ़वाह या अफ़वाह नहीं फैलाई जानी चाहिए। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह ने कहा कि यह चौकी पहले चालू थी, लेकिन पिछले साल इसे बंद कर दिया गया था। अब इसका इस्तेमाल आम लोगों के लिए नहीं होता। पुलिसकर्मी हमले संबंधी सबूत उठाता कैमरे में हुआ कैद हालांकि अमृतसर पुलिस इसे ग्रेनेड हमला नहीं मान रही, लेकिन धमाके के बाद पुलिसकर्मी विस्फोट संबंधी सबूत जुटाता हुआ दिखाई दिया। स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल में कार्यरत अमरजीत सिंह ने खुद बताया कि धमाके की सूचना मिली थी। वे अभी पहुंचे हैं। यहां से मिली संदिग्ध वस्तु को वे अपने सीनियर्स को दे देंगे। संदिग्ध वस्तु क्या है, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। विपक्षीय दलों ने सरकार को घेरा घटना के बाद ही विपक्षीय दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। सूचना मिलने के बाद ही कांग्रेस और अकाली दल के नेताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालना शुरू कर दिया। उन्होंने इस घटना के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया। मुख्यमंत्री मान इस्तीफा दें अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल सीएम भगवंत मान से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भारत-पाक सीमा पर क़ानून और व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो गई है। दो महीनों में 12 से अधिक धमाके हुए हैं और पुलिस जवाब देने असमर्थ है। सरकार की नालायकी कांग्रेस के अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला ने भी सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि अभी अमृतसर बाईपास स्थित फतेहगढ़ चूडियां रोड पुलिस चौकी में हुआ ग्रेनेड हमला सरकार की नालायकी है। कब-कब हुईं 10 घटनाएं बीते साल 24 नवंबर के बाद पंजाब में धमाकों का सिलसिला शुरू हुआ था। इस घटना को मलाकर तब से लेकर अभी तक 11 घटनाएं हो चुकी हैं। 24 नवंबर- अजनाला थाने के बाहर RDX लगाया गया था। हालांकि, यह फटा नहीं। इसकी जिम्मेदारी हैप्पी पासियां ने ली थी, जबकि इस मामले में पुलिस 2 आरोपियों को पकड़ चुकी है। उनसे हैंड ग्रेनेड भी बरामद किए गए थे। 27 नवंबर- गुरबख्श नगर में बंद पुलिस चौकी में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। यह हमला भी बंद चौकी में हुआ था। 2 दिसंबर- एसबीएस नगर के काठगढ़ थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। इस मामले में भी पुलिस ने 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया था और उनसे हथियार बरामद किए गए थे। 4 दिसंबर- मजीठा थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ तो पुलिस ने हमला मानने से ही इनकार कर दिया। पुलिस का कहना था कि उनके एक कर्मी की बाइक का टायर फटा है। हालांकि, इलाके के पूर्व विधायक बिक्रम मजीठिया ने थाने की तस्वीरों के साथ इसे आतंकी घटना बताया था। 13 दिसंबर- अलीवाल बटाला थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। इस घटना की जिम्मेदारी भी हैप्पी पासियां और उसके साथी ने ली थी। इस घटना को भी रात के समय ही अंजाम दिया गया। 17 दिसंबर- इस्लामाबाद थाने में ग्रेनेड विस्फोट किया गया। सुबह जब खबर फैली तो पुलिस कमिश्नर और लोकल पुलिस ने इसे ब्लास्ट नहीं बताया, लेकिन दोपहर DGP पंजाब खुद अमृतसर पहुंचे और उन्होंने माना कि यह एक आतंकी घटना थी और बम फोड़ा गया था। 19 दिसंबर- पंजाब के भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे गुरदासपुर जिले की बंद पड़ी पुलिस चौकी बख्शीवाला पर आतंकी हमला हुआ। पुलिस द्वारा किसी मामले में जब्त किए गए ऑटो पर आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका। 21 दिसंबर- गुरदासपुर के कलानौर क्षेत्र में बंगा वडाला गांव की पुलिस चौकी रात को धमाके से दहल गई। इस हमले की जिम्मेदारी भी बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ली थी। 9 जनवरी – अमृतसर की गुमटाला चौकी पर भी हमले की सूचना फैली थी। पुलिस अभी तक इसे हमला नहीं मान रही है। आतंकी संगठन बब्बर खालसा ने इस घटना पर भी सोशल मीडिया पर पोस्ट को वायरल किया था। 15 जनवरी – अमृतसर के मजीठा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जैंतीपुर शराब कारोबारी स्वर्गीय पप्पू जैंतीपुर के घर पर ग्रेनेड हमला हुआ था। बीते कुछ सालों में बड़ी आतंकी घटनाओं के बाद ये पहला मामला था जब आतंकियों ने किसी रिहायश को निशाना बनाया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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संपत नेहरा राजस्थान के चूरू जिले के सादुलपुर में गांव कालरी का रहने वाला है। संपत के पिता चंडीगढ़ पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर थे। वह चंडीगढ़ के DAV कॉलेज में पढ़ता था। संपत नेशनल लेवल डीकैथलॉन (हर्डल रेस) सिल्वर मेडलिस्ट भी रह चुका है। जिसमें उसे कई अवॉर्ड भी मिले। वह पढ़ाई में अच्छा था और उसकी कद-काठी भी अच्छी थी। उसके पिता की इच्छा थी कि ग्रेजुएशन के बाद वह पुलिस में भर्ती हो जाए। कॉलेज में लॉरेंस का जूनियर
संपत नेहरा डीएवी कॉलेज में लॉरेंस का जूनियर था। जहां वह लॉरेंस वाले छात्र संगठन स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) से भी जुड़ा रहा। संपत स्टूडेंट पॉलिटिक्स में भी काफी एक्टिव रहता था। इसी दौरान वह कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस के संपर्क में आया। इसी बीच उनका किसी छात्र नेता से झगड़ा हो गया। जिसके बाद उनकी क्राइम की दुनिया में एंट्री की नींव पड़ी। कार लूट केस में गिरफ्तार हुआ, कस्टडी से भागा
संपत नेहरा के स्टूडेंट से गैंगस्टर बनने की शुरुआत जनवरी 2016 में हुई। जब वह बंदूक की नोक पर कार लूटने के केस में गिरफ्तार हुआ। इसके बाद जून, 2017 को वह साथी कैदी के साथ पुलिसकर्मी की आंखों में मिर्ची पाउडर झोंककर फरार हो गया था। इसके बाद वह लॉरेंस का भरोसेमंद बन गया। संपत को गैंगवार, हथियार सप्लाई और हवाला मनी के मामले में एक्सपर्ट माना जाता है। इसके अलावा वह सटीक निशाने वाला शार्प शूटर माना जाता है। संपत ने 2 बार सलमान खान को मारने की कोशिश की 1. पहली बार पिस्तौल होने की वजह से नहीं मार सका
पुलिस सूत्रों की माने तो 2021 में लॉरेंस ने काले हिरण का शिकार का बदला लेने के लिए सलमान खान को मारने के लिए संपत नेहरा को सुपारी दी थी। प्लान के मुताबिक वह मुंबई भी पहुंच गया था। वह मुंबई के वाशी इलाके में रहा। जहां से उसने सलमान के घर यानी ‘गैलेक्सी अपार्टमेंट’ की रेकी की थी। संपत ने मौका देख कर सलमान पर गोली भी चलाने का प्लान बना लिया था। हालांकि, उसके पास जो पिस्तौल थी उससे दूर तक निशाना नहीं साधा जा सकता था। सलमान हमेशा बॉडीगार्ड से घिरे रहते हैं, इसलिए हमले के विफल होने की संभावना देख लॉरेंस के कहने पर संपत ने यह हमला कैंसिल कर दिया था। 2. दूसरी बार स्प्रिंग राइफल मंगाई, पर गिरफ्तार हो गया
पहली बार नाकामयाब होने के बाद संपत ने दूसरी बार सलमान खान पर हमला करने का प्लान बनाया। इस बार उसने अपने गांव के दिनेश फौजी के जरिए एक RK स्प्रिंग राइफल मंगवाई थी। ये राइफल लॉरेंस ने अपने जानकार अनिल पंड्या से 3-4 लाख में खरीदी थी, लेकिन जब राइफल दिनेश के पास थी, तभी वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उससे पूछताछ के बाद संपत नेहरा भी गिरफ्तार हो गया। तीन राज्यों का इनामी गैंगस्टर संपत नेहरा
संपत नेहरा हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के साथ दिल्ली में भी एक्टिव रहा। इन चारों जगह उस पर 65 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इसके अलावा गैरइरादतन हत्या, फिरौती और डकैती के भी केस चल रहे हैं। संपत पर हरियाणा पुलिस ने 1 लाख, राजस्थान और पंजाब पुलिस ने 50-50 हजार का इनाम रखा हुआ था। बठिंडा जेल से निकलते वक्त सवा लाख रुपए के जूते, 18 हजार की जींस पहने मिला
करीब 9 महीने पहले राजस्थान पुलिस संपत नेहरा को बठिंडा की हाई सिक्योरिटी जेल से रिमांड पर लेने आई थी। उस दौरान संपत के बाल काफी लंबे थे। संपत ने करीब सवा लाख रुपए के जूते पहने हुए थे। उसकी जींस लगभग 18 हजार रुपए की थी। वहीं टी-शर्ट करीब 4 हजार रुपए और जैकेट करीब 35 हजार रुपए का था। राजस्थान पुलिस नहीं चाहती थी कि बदमाश अच्छे लुक में आमजन के सामने आए। इसलिए राजस्थान पुलिस ने संपत को लाने के दौरान उसके बाल छोटे करा दिए। फिर उसके जूते उतरवाकर उसे चप्पल दी। कपड़े उतरवा कर उसे फटी हुई टी-शर्ट दे दी। पंजाब पुलिस को बताई थी गोगामेड़ी कत्ल की साजिश
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लॉरेंस इंटरव्यू केस: बर्खास्त DSP गुरशेर की जमानत खारिज:भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में हुई सुनवाई, याचिका में लिखा- मुझे बलि का बकरा बनाया
लॉरेंस इंटरव्यू केस: बर्खास्त DSP गुरशेर की जमानत खारिज:भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में हुई सुनवाई, याचिका में लिखा- मुझे बलि का बकरा बनाया गैंगस्टर लॉरेंस की पुलिस कस्टडी में हुए इंटरव्यू मामले में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह की मुश्किलें बढ़ गईं है। उन्हें मोहाली जिला अदालत से झटका लगा है। अदालत ने उनकी तरफ से करप्शन केस में दायर की गई जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। ऐसे में अब उन्हें जेल से बचने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ेगी। पंजाब पुलिस की तरफ से आज सीनियर अधिकारी अदालत में पेश हुए । साथ ही केस की जांच से जुड़ा रिकॉर्ड अदालत में पेश किया है। याचिका में दी थी 2 दलीलें याचिका में गुरशेर सिंह सिद्धू ने मुख्य रूप से दो दलीलें दी थीं। उनका कहना था कि मोहाली के स्टेट क्राइम पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर गलत है। बलजिंदर सिंह उर्फ टाहला की शिकायत की जांच मोहाली के तत्कालीन एसएसपी संदीप गर्ग ने की थी। जिन्होंने शिकायत को झूठा पाया था। हालांकि बाद में एफआईआर रोपड़ के एसपी द्वारा की गई जांच के आधार पर की गई थी। जो कि एसएसपी गर्ग से जूनियर है। अर्जी में दूसरी दलील है कि लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू विवाद में भी उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है।