जेल में हुए गैंगस्टर लॉरेंस बिस्नोई के इंटरव्यू मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के अमृतसर नॉर्थ से विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़ा किया है। उनका कहना है कि अब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की SIT ने जो रिपोर्ट दी है, उन्होंने पहले ही कह दिया था कि ये इंटरव्यू पंजाब की जेल में हुआ है। विधायक व पूर्व आईजी रिटायर्ड कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर पोस्ट कर अपनी सरकार पर ही सवाल उठाया। अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर कुंवर ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- लॉरेंस बिश्नोई की जेल इंटरव्यू का मामला। अब हाईकोर्ट की SIT ने रिपोर्ट दी कि गैंगस्टर का इंटरव्यू पंजाब में हुआ था। मैंने 28 मार्च 2023 को कहा था कि ये इंटरव्यू पंजाब जेल में हुआ था। आश्चर्य की बात है कि जब मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इंटरव्यू पंजाब में नहीं हुआ तो पंजाब के डीजीपी साहब ने यह तर्क दिया। किस दिशा में जा रहा है पंजाब? कुंवर विजय प्रताप ने वीडियो भी किया पोस्ट विधायक ने इस पोस्ट के साथ अपना पुराना 28 मार्च 2023 का इंटरव्यू भी पोस्ट किया है। जिसमें वे कह रहे हैं – वे जो इंटरव्यू हुआ था 13 मार्च को हुआ था। 15 दिन हो चुके हैं। एक स्मार्टफोन, एक गैंगस्टर, एक जेल और एक पत्रकार जेल में ये सब कुछ उपलब्ध है। अभी तक हालात के अनुसार ये इंटरव्यू बठिंडा जेल में करवाया गया। कुछ कह रहे हैं कि ये इंटरव्यू किसी और जेल का है। डीजीपी साहिब लाइव आकर क्लैरिफिकेशन दे रहे हैं। डीजीपी साहिब को चाहिए था कि इस क्लैरिफिकेशन से पहले FIR दर्ज करते। ये एक नेशनल सिक्योरिटी मैटर है। सरकारें दो ही हैं। एक केंद्र की और दूसरी पंजाब की। देखने वाली बात है कि किस सरकार ने तो ये सब करवाया है। या दो सरकारों से ऊपर भी एक गैंगस्टर सरकार हो गई। जो अपनी मर्जी से सरकार चला रहे हैं। यहां हर तरह की एजेंसियां हैं। केंद्र की भी और राज्य की भी अलग-अलग एजेंसियां है। क्लैरिफिकेशन से पहले डीजीपी पंजाब को एफआईआर करवानी चाहिए थी और जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए था। पुलिस में लीडरशिप क्वालिटी की कमी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने वीडियो इंटरव्यू में कहा कि जो नीचे वाली पुलिस होती है, वो कमजोर पड़ जाती है। आज कल जो हालात बने हुए हैं, पंजाब पुलिस में लीडरशिप क्राइसिस आ चुके हैं। 2022 से जो हालात बने हैं, UPSC से चुना गया डीजीपी हाउसिंग बोर्ड में लगाया गया है। यहां एक्टिंग डीजीपी है। हालात ऐसे हैं कि डीजीपी के ऊपर भी डीजीपी हैं और नीचे 7 डीजीपी हैं, जो डीजीपी के लिए ट्राय करने में लगे हैं। ऐसे में एक डीजीपी को फुल पावर देनी चाहिए। आज पंजाब पुलिस को लीडरशिप व गाइडेंस की जरूरत हे। डीजीपी की क्लैरिफिकेशन के बाद एक और इंटरव्यू कुंवर उस समय के इंटरव्यू में कहते हैं अनफोर्च्यूनेट पार्ट रहा डीजीपी की क्लैरिफिकेशन के बाद एक और इंटरव्यू हुआ। ऐसे में डीजीपी को दूसरे इंटरव्यू के बाद तो जरूर एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थी। आज आम जनता सिक्योर फील नहीं करती। हम आप सिक्योर फील नहीं करते। कम से कम गैंगस्टर का राज नहीं चलना चाहिए। डीजीपी ने किया था दावा, पंजाब से नहीं हुआ इंटरव्यू गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के दो इंटरव्यू साल 2023 में 14 और 17 मार्च को प्रसारित किए गए थे। उस समय पंजाब पुलिस पर सवाल उठे गए थे। लेकिन डीजीपी गौरव यादव ने मीडिया के सामने आकर दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जेलों से मोबाइल के प्रयोग की जांच शुरू करवाई। इसमें ये मामला फिर उजागर हुआ और हाईकोर्ट के आदेशों पर विशेष डीजीपी प्रबोध कुमार की अगुवाई में SIT का गठन किया गया था। फिलहाल गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गुजरात की जेल में नशा तस्करी से जुड़े केस में बंद है। पाकिस्तानी डॉन को बधाई देने पर फिर सुर्खियों में आया था लॉरेंस कुछ महीने पहले ही लॉरेंस को पंजाब की जेल से गुजरात में ट्रांसफर किया गया। बीते ईद के दौरान लॉरेंस का 17 सेकेंड का वीडियो कॉल वायरल हुआ था। जिसमें वह पाकिस्तान के कुख्यात डॉन शहजाद भट्टी से बात करता दिखा था। लॉरेंस ने भट्टी को ईद की बधाई दी थी। वीडियो को लेकर गुजरात पुलिस ने भी दावा किया था कि वीडियो साबरमती जेल का नहीं है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर भी सवाल खड़े हुए थे। जेल में हुए गैंगस्टर लॉरेंस बिस्नोई के इंटरव्यू मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के अमृतसर नॉर्थ से विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़ा किया है। उनका कहना है कि अब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की SIT ने जो रिपोर्ट दी है, उन्होंने पहले ही कह दिया था कि ये इंटरव्यू पंजाब की जेल में हुआ है। विधायक व पूर्व आईजी रिटायर्ड कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर पोस्ट कर अपनी सरकार पर ही सवाल उठाया। अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर कुंवर ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- लॉरेंस बिश्नोई की जेल इंटरव्यू का मामला। अब हाईकोर्ट की SIT ने रिपोर्ट दी कि गैंगस्टर का इंटरव्यू पंजाब में हुआ था। मैंने 28 मार्च 2023 को कहा था कि ये इंटरव्यू पंजाब जेल में हुआ था। आश्चर्य की बात है कि जब मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इंटरव्यू पंजाब में नहीं हुआ तो पंजाब के डीजीपी साहब ने यह तर्क दिया। किस दिशा में जा रहा है पंजाब? कुंवर विजय प्रताप ने वीडियो भी किया पोस्ट विधायक ने इस पोस्ट के साथ अपना पुराना 28 मार्च 2023 का इंटरव्यू भी पोस्ट किया है। जिसमें वे कह रहे हैं – वे जो इंटरव्यू हुआ था 13 मार्च को हुआ था। 15 दिन हो चुके हैं। एक स्मार्टफोन, एक गैंगस्टर, एक जेल और एक पत्रकार जेल में ये सब कुछ उपलब्ध है। अभी तक हालात के अनुसार ये इंटरव्यू बठिंडा जेल में करवाया गया। कुछ कह रहे हैं कि ये इंटरव्यू किसी और जेल का है। डीजीपी साहिब लाइव आकर क्लैरिफिकेशन दे रहे हैं। डीजीपी साहिब को चाहिए था कि इस क्लैरिफिकेशन से पहले FIR दर्ज करते। ये एक नेशनल सिक्योरिटी मैटर है। सरकारें दो ही हैं। एक केंद्र की और दूसरी पंजाब की। देखने वाली बात है कि किस सरकार ने तो ये सब करवाया है। या दो सरकारों से ऊपर भी एक गैंगस्टर सरकार हो गई। जो अपनी मर्जी से सरकार चला रहे हैं। यहां हर तरह की एजेंसियां हैं। केंद्र की भी और राज्य की भी अलग-अलग एजेंसियां है। क्लैरिफिकेशन से पहले डीजीपी पंजाब को एफआईआर करवानी चाहिए थी और जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए था। पुलिस में लीडरशिप क्वालिटी की कमी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने वीडियो इंटरव्यू में कहा कि जो नीचे वाली पुलिस होती है, वो कमजोर पड़ जाती है। आज कल जो हालात बने हुए हैं, पंजाब पुलिस में लीडरशिप क्राइसिस आ चुके हैं। 2022 से जो हालात बने हैं, UPSC से चुना गया डीजीपी हाउसिंग बोर्ड में लगाया गया है। यहां एक्टिंग डीजीपी है। हालात ऐसे हैं कि डीजीपी के ऊपर भी डीजीपी हैं और नीचे 7 डीजीपी हैं, जो डीजीपी के लिए ट्राय करने में लगे हैं। ऐसे में एक डीजीपी को फुल पावर देनी चाहिए। आज पंजाब पुलिस को लीडरशिप व गाइडेंस की जरूरत हे। डीजीपी की क्लैरिफिकेशन के बाद एक और इंटरव्यू कुंवर उस समय के इंटरव्यू में कहते हैं अनफोर्च्यूनेट पार्ट रहा डीजीपी की क्लैरिफिकेशन के बाद एक और इंटरव्यू हुआ। ऐसे में डीजीपी को दूसरे इंटरव्यू के बाद तो जरूर एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थी। आज आम जनता सिक्योर फील नहीं करती। हम आप सिक्योर फील नहीं करते। कम से कम गैंगस्टर का राज नहीं चलना चाहिए। डीजीपी ने किया था दावा, पंजाब से नहीं हुआ इंटरव्यू गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के दो इंटरव्यू साल 2023 में 14 और 17 मार्च को प्रसारित किए गए थे। उस समय पंजाब पुलिस पर सवाल उठे गए थे। लेकिन डीजीपी गौरव यादव ने मीडिया के सामने आकर दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जेलों से मोबाइल के प्रयोग की जांच शुरू करवाई। इसमें ये मामला फिर उजागर हुआ और हाईकोर्ट के आदेशों पर विशेष डीजीपी प्रबोध कुमार की अगुवाई में SIT का गठन किया गया था। फिलहाल गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गुजरात की जेल में नशा तस्करी से जुड़े केस में बंद है। पाकिस्तानी डॉन को बधाई देने पर फिर सुर्खियों में आया था लॉरेंस कुछ महीने पहले ही लॉरेंस को पंजाब की जेल से गुजरात में ट्रांसफर किया गया। बीते ईद के दौरान लॉरेंस का 17 सेकेंड का वीडियो कॉल वायरल हुआ था। जिसमें वह पाकिस्तान के कुख्यात डॉन शहजाद भट्टी से बात करता दिखा था। लॉरेंस ने भट्टी को ईद की बधाई दी थी। वीडियो को लेकर गुजरात पुलिस ने भी दावा किया था कि वीडियो साबरमती जेल का नहीं है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर भी सवाल खड़े हुए थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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