अमृतसर | अमृतसर रियल एस्टेट निवेश के लिए एक बेहतरीन जगह है। अमृतसर न केवल अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह रियल एस्टेट निवेश के लिए भी एक उभरता हुआ गंतव्य बनता जा रहा है। यहां का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और सड़क व रेलवे नेटवर्क इसे देश के अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ता है। स्वर्ण मंदिर जैसी धार्मिक स्थलों की मौजूदगी अमृतसर को दुनियाभर में प्रसिद्ध बनाती है। अमृतसर-जामनगर आर्थिक गलियारा, जो 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, शहर की कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। सरकार द्वारा मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है और नए औद्योगिक कॉरिडोर के जरिए व्यापार के अवसर बढ़ रहे हैं। इन सब खूबियों को देखते हुए ही एस्टेट्स अमृतसर में अपना महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट अमृतसर वन लेकर आए हैं। अमृतसर | अमृतसर रियल एस्टेट निवेश के लिए एक बेहतरीन जगह है। अमृतसर न केवल अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह रियल एस्टेट निवेश के लिए भी एक उभरता हुआ गंतव्य बनता जा रहा है। यहां का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और सड़क व रेलवे नेटवर्क इसे देश के अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ता है। स्वर्ण मंदिर जैसी धार्मिक स्थलों की मौजूदगी अमृतसर को दुनियाभर में प्रसिद्ध बनाती है। अमृतसर-जामनगर आर्थिक गलियारा, जो 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, शहर की कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। सरकार द्वारा मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है और नए औद्योगिक कॉरिडोर के जरिए व्यापार के अवसर बढ़ रहे हैं। इन सब खूबियों को देखते हुए ही एस्टेट्स अमृतसर में अपना महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट अमृतसर वन लेकर आए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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खन्ना में डेरा प्रबंधकों-एसजीपीसी में खूनी झड़प:जमीन को लेकर विवाद, एक दर्जन से अधिक लोग घायल, घायलों से मिले हरजिंदर सिंह पुलिस जिला खन्ना के थाना दोराहा के गांव बिलासपुर में जमीनी विवाद को लेकर एसजीपीसी और डेरा महंत प्रबंधकों के बीच खूनी झड़प हो गई। जमीन पर कब्जे को लेकर दोनों पक्ष आमने सामने आ गए। इस झड़प में दोनों पक्षों के एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। झड़प में एसजीपीसी के अतिरिक्त सचिव विजय सिंह समेत कई कर्मी घायल हुए हैं। सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 20 एकड़ से ज्यादा जमीन का विवाद जानकारी के अनुसार बिलासपुर में 20 एकड़ से ज्यादा जमीन है। डेरा महंत प्रबंधक इसे अपनी जमीन बता रहे हैं और एसजीपीसी इसे गुरुघर की जमीन होने का दावा कर रही है। इसे लेकर हाईकोर्ट में केस भी चल रहा है। आज एसजीपीसी अतिरिक्त सचिव विजय सिंह अपनी फोर्स समेत जमीन पर कब्जा लेने आए तो दोनों पक्ष आमने सामने हो गए। जमीन हमारी है, ट्रैक्टर चलाने आए थे अतिरिक्त सचिव विजय सिंह ने कहा कि जमीन पर कब्जे का कोई मसला नहीं है। जमीन गुरुघर की है। वे अपनी जमीन में ट्रैक्टर चलाने आए थे। वहां पहले से तैयार कुछ लोगों ने तलवारों से हमला कर दिया। उनके ऊपर पेट्रोल बम फेंके गए। एसजीपीसी के कई सेवादार घायल हुए। उंगलियां हाथ से अलग हो गईं। किसी की बाजू पर कट लगे। जबरदस्ती कब्जा करने आए एसजीपीसी वाले उधर, डेरा महंत के करणदीप ने कहा कि करीब दो सौ साल पुरानी जमीन है जो राजे महाराजा ने उनके बुजुर्गों को दान दी थी। वर्ष 1960 से इस जमीन को श्री गुरु ग्रंथ साहिब की जमीन से जोड़ा जाने लगा। इसे लेकर काफी समय से केस चल रहे हैं। हाईकोर्ट में केस चल रहा है। किसी भी अदालत ने एसजीपीसी को कब्जा करने के आदेश जारी नहीं किए। आज एसजीपीसी वाले हथियार और ट्रैक्टर लेकर जबरदस्ती जमीन में घुसे। जब उन्होंने विरोध किया तो तलवारों से हमला कर दिया गया। उनके कई लोग घायल हो गए। घायलों का हाल जानने पहुंचे एसजीपीसी अध्यक्ष वहीं, घायलों का हाल जानने के लिए एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी सिविल अस्पताल पायल पहुंचे। उन्होंने डीएसपी पायल से मामले में उचित कार्रवाई की मांग की। धामी ने कहा कि यह जमीन गुरुघर की है। दूसरे पक्ष ने हमला करके गलत किया। जांच कर रहे हैं – डीएसपी पायल के डीएसपी निखिल गर्ग ने बताया कि दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जिनके आधार पर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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