अमेरिका से डिपोर्ट युवक, जो नंगे सिर दिखा:बोला- अमेरिकी सैनिकों ने पगड़ी कूड़ेदान में फेंकी, कहीं टॉयलेट न जाने दें, इसलिए सिर्फ पानी पिया

अमेरिका से डिपोर्ट युवक, जो नंगे सिर दिखा:बोला- अमेरिकी सैनिकों ने पगड़ी कूड़ेदान में फेंकी, कहीं टॉयलेट न जाने दें, इसलिए सिर्फ पानी पिया

सबसे पहले ये तस्वीर देखिए अमृतसर एयरपोर्ट पर बिना पगड़ी पहने जा रहा यह युवक मंदीप है। वह शनिवार (15 फरवरी) रात को अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 116 भारतीयों में शामिल था। उसकी बिना पगड़ी के फोटो वायरल हुई थी। तस्वीर में दिख रहा था कि उसके केश (बालों) से छेड़छाड़ हुई है। फोटो वायरल होने के बाद वह खुद मीडिया के सामने आया। मंदीप ने बताया कि वह भारतीय सेना में सेवाएं दे चुका है। रिटायर होने के बाद वह अपनी सारी कमाई (40 लाख) लगाकर अमेरिका गया था। इसके बाद 14 लाख का कर्ज भी हो गया। जब वह अमेरिका पहुंचा तो उसे वहां आर्मी ने गिरफ्तार कर लिया। उसकी पगड़ी उतारकर कूड़ेदान में फेंक दी। उसकी दाढ़ी और बाल भी काट दिए। जब उन्हें भारत लाया जा रहा था तो रास्ते में सिर्फ एक फ्रूटी, सेब और लेज (चिप्स) का पैकेट दिया, लेकिन उन्होंने नहीं खाया। उन्हें डर था कि कहीं ये लोग हमें टॉयलेट में न जाने दें, इसलिए सिर्फ पानी ही पिया। रिटायरमेंट पर 35 लाख लगाए, पत्नी के गहने बेचे
मंदीप सिंह ने बताया- मैंने 17 साल भारतीय सेना में सेवाएं दीं। रिटायरमेंट पर मुझे 35 लाख रुपए मिले। उसने अमेरिका जाना का सोच लिया। मैंने पत्नी के गहने बेचकर कुछ पैसे जुटाए। एजेंट से उससे 40 लाख रुपए की डिमांड की थी। एजेंट ने उससे 14 लाख रुपए और देने को कहा। मैंने उससे कहा कि मेरे पास पैसे नहीं है तो एजेंट ने उसे भेजने से इनकार दिया गया। पिछले साल अमृतसर से निकला
पिछले साल 13 अगस्त को मैं घर से अमेरिका जाने के लिए निकला था। अमृतसर से दिल्ली, दिल्ली से मुंबई, केन्या, डकार, एम्स्टर्डम होते हुए सूरीनाम पहुंचे। यहां तक वह फ्लाइट में पहुंचे। इसके बाद गाड़ियां या फिर पैदल सूरीनाम से गुयाना, बोलिविया, पेरू, ब्राजील, एक्वाडोर, कोलंबिया, पनामा के जंगलों से होते हुए अमेरिका तक का रास्ता तय किया। अमेरिका जाने के लिए कभी कारों में छिपे तो कभी चार-चार दिन जंगलों में भटकते रहे। डौंकरों (डंकी लगवाने वाले) ने पूरे रास्ते अमानवीय व्यवहार किया। मुझे और साथियों को नांव में बैठकर 30-30 फीट ऊंची लहरों के बीच छोड़ दिया गया। किसी तरह वे अपनी जान बचाकर वहां से निकले। रास्ते में ऐसा व्यवहार बेहद पीड़ादायक था। जब वह रास्ते में था तो करीब 70 से ज्यादा दिनों तक उन्हें सिर्फ मैगी खाने को मिली। उसी से उनका पूरे रास्ते गुजारा हुआ। जब जंगलों और सारे रास्ते को पार कर वह अमेरिका में घुसे। बाल काटने से रोका तो अधिकारियों ने नहीं सुनी
वहां सेना के अधिकारियों ने मेरी पगड़ी उतारकर कूड़ेदान में फेंक दी। उन्होंने मेरी दाढ़ी और बाल काट दिए। मैंने अधिकारियों को ऐसा न करने को कहा, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। उन्होंने मेरे केश काटकर छोटे कर दिए। गिरफ्तारी के बाद उन्हें कैंप में रखा गया। उनके पैर में बेड़ियां और हाथ में हथकड़ियां लगाईं। इसके बाद वह बिना कपड़ों के ही वहां से निकला। 30 घंटे के हवाई यात्रा के सफर में उन्हें सिर्फ एक फ्रूटी, एक सेब और चिप्स का पैकेट खाने को दिया। हमें ये भी नहीं पता था कि प्लेन में उन्हें बाथरूम में जाने देंगे या नहीं। इसलिए उन्होंने पूरे रास्ते में उन्होंने सिर्फ पानी पीकर ही गुजारा किया। जब वह पानी पीने को कहते थे तो उनके हाथ की एक हथकड़ी खोल देते थे। हरियाणा के परिवार ने दुकान बेचकर बेटा भेजा अमेरिका…
अमेरिका से डिपोर्ट होकर भारत पहुंचे 116 लोगों में हरियाणा के पानीपत का मनीष भी शामिल है। मनीष के परिवार वालों ने भी अपने बेटे के लिए कई सपने देखे थे लेकिन उनके सारे सपने धरे रह गए हैं। गांव सौदापुर निवासी सरोज पशुपालन का काम करते हैं वह बताते हैं कि उनका छोटा बेटा मनीष अमेरिका जाकर पैसे कमाना चाहता था। अमेरिका पहुंचाने के लिए एजेंट ने 45 लाख रुपए मांगे तो 37 लाख में सौदापुर की दुकान बेच दी और 8 लाख रुपए एक रिश्तेदार से ले लिए। एजेंट ने नवंबर में मनीष को दिल्ली एयरपोर्ट पर बुलाया, यहां उसे एक महीने तक होटल में रखा गया। इसके बाद उसे कोलंबिया ले जाया गया। यहां से नांव में उसे तेजवाना ले जाया गया। फिर वह पनामा के खतरनाक जंगलों में पहुंचा। जंगलों को पार करते हुए वह घायल भी हो गया। मनीष रोज वीडियो कॉल कर घरवालों को अपनी स्थिति बताता था। सरोज बताते हैं कि एक डोंकर ने तो उनके बेटे को बीच रास्ते में ही किडनैप भी कर लिया था। बेटे को छोड़ने की एवज में पांच लाख रुपए मांगे जा रहे थे। जब उन्होंने एजेंट को इस बारे में बताया तो एजेंट ने कहा वो डोंकर खतरनाक है पैसे देदो, जिसके बाद उन्होंने पैसे दे दिए। इसके बाद 5 जनवरी को डोंकर ने अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर की दीवार से मनीष को अमेरिका में कूदा दिया। मनीष ने अमेरिका में पुलिस चौकी में जाकर अपनी गिरफ्तारी दी। इसके बाद उनका मनीष से कोई संपर्क नहीं हुआ। सबसे पहले ये तस्वीर देखिए अमृतसर एयरपोर्ट पर बिना पगड़ी पहने जा रहा यह युवक मंदीप है। वह शनिवार (15 फरवरी) रात को अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 116 भारतीयों में शामिल था। उसकी बिना पगड़ी के फोटो वायरल हुई थी। तस्वीर में दिख रहा था कि उसके केश (बालों) से छेड़छाड़ हुई है। फोटो वायरल होने के बाद वह खुद मीडिया के सामने आया। मंदीप ने बताया कि वह भारतीय सेना में सेवाएं दे चुका है। रिटायर होने के बाद वह अपनी सारी कमाई (40 लाख) लगाकर अमेरिका गया था। इसके बाद 14 लाख का कर्ज भी हो गया। जब वह अमेरिका पहुंचा तो उसे वहां आर्मी ने गिरफ्तार कर लिया। उसकी पगड़ी उतारकर कूड़ेदान में फेंक दी। उसकी दाढ़ी और बाल भी काट दिए। जब उन्हें भारत लाया जा रहा था तो रास्ते में सिर्फ एक फ्रूटी, सेब और लेज (चिप्स) का पैकेट दिया, लेकिन उन्होंने नहीं खाया। उन्हें डर था कि कहीं ये लोग हमें टॉयलेट में न जाने दें, इसलिए सिर्फ पानी ही पिया। रिटायरमेंट पर 35 लाख लगाए, पत्नी के गहने बेचे
मंदीप सिंह ने बताया- मैंने 17 साल भारतीय सेना में सेवाएं दीं। रिटायरमेंट पर मुझे 35 लाख रुपए मिले। उसने अमेरिका जाना का सोच लिया। मैंने पत्नी के गहने बेचकर कुछ पैसे जुटाए। एजेंट से उससे 40 लाख रुपए की डिमांड की थी। एजेंट ने उससे 14 लाख रुपए और देने को कहा। मैंने उससे कहा कि मेरे पास पैसे नहीं है तो एजेंट ने उसे भेजने से इनकार दिया गया। पिछले साल अमृतसर से निकला
पिछले साल 13 अगस्त को मैं घर से अमेरिका जाने के लिए निकला था। अमृतसर से दिल्ली, दिल्ली से मुंबई, केन्या, डकार, एम्स्टर्डम होते हुए सूरीनाम पहुंचे। यहां तक वह फ्लाइट में पहुंचे। इसके बाद गाड़ियां या फिर पैदल सूरीनाम से गुयाना, बोलिविया, पेरू, ब्राजील, एक्वाडोर, कोलंबिया, पनामा के जंगलों से होते हुए अमेरिका तक का रास्ता तय किया। अमेरिका जाने के लिए कभी कारों में छिपे तो कभी चार-चार दिन जंगलों में भटकते रहे। डौंकरों (डंकी लगवाने वाले) ने पूरे रास्ते अमानवीय व्यवहार किया। मुझे और साथियों को नांव में बैठकर 30-30 फीट ऊंची लहरों के बीच छोड़ दिया गया। किसी तरह वे अपनी जान बचाकर वहां से निकले। रास्ते में ऐसा व्यवहार बेहद पीड़ादायक था। जब वह रास्ते में था तो करीब 70 से ज्यादा दिनों तक उन्हें सिर्फ मैगी खाने को मिली। उसी से उनका पूरे रास्ते गुजारा हुआ। जब जंगलों और सारे रास्ते को पार कर वह अमेरिका में घुसे। बाल काटने से रोका तो अधिकारियों ने नहीं सुनी
वहां सेना के अधिकारियों ने मेरी पगड़ी उतारकर कूड़ेदान में फेंक दी। उन्होंने मेरी दाढ़ी और बाल काट दिए। मैंने अधिकारियों को ऐसा न करने को कहा, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। उन्होंने मेरे केश काटकर छोटे कर दिए। गिरफ्तारी के बाद उन्हें कैंप में रखा गया। उनके पैर में बेड़ियां और हाथ में हथकड़ियां लगाईं। इसके बाद वह बिना कपड़ों के ही वहां से निकला। 30 घंटे के हवाई यात्रा के सफर में उन्हें सिर्फ एक फ्रूटी, एक सेब और चिप्स का पैकेट खाने को दिया। हमें ये भी नहीं पता था कि प्लेन में उन्हें बाथरूम में जाने देंगे या नहीं। इसलिए उन्होंने पूरे रास्ते में उन्होंने सिर्फ पानी पीकर ही गुजारा किया। जब वह पानी पीने को कहते थे तो उनके हाथ की एक हथकड़ी खोल देते थे। हरियाणा के परिवार ने दुकान बेचकर बेटा भेजा अमेरिका…
अमेरिका से डिपोर्ट होकर भारत पहुंचे 116 लोगों में हरियाणा के पानीपत का मनीष भी शामिल है। मनीष के परिवार वालों ने भी अपने बेटे के लिए कई सपने देखे थे लेकिन उनके सारे सपने धरे रह गए हैं। गांव सौदापुर निवासी सरोज पशुपालन का काम करते हैं वह बताते हैं कि उनका छोटा बेटा मनीष अमेरिका जाकर पैसे कमाना चाहता था। अमेरिका पहुंचाने के लिए एजेंट ने 45 लाख रुपए मांगे तो 37 लाख में सौदापुर की दुकान बेच दी और 8 लाख रुपए एक रिश्तेदार से ले लिए। एजेंट ने नवंबर में मनीष को दिल्ली एयरपोर्ट पर बुलाया, यहां उसे एक महीने तक होटल में रखा गया। इसके बाद उसे कोलंबिया ले जाया गया। यहां से नांव में उसे तेजवाना ले जाया गया। फिर वह पनामा के खतरनाक जंगलों में पहुंचा। जंगलों को पार करते हुए वह घायल भी हो गया। मनीष रोज वीडियो कॉल कर घरवालों को अपनी स्थिति बताता था। सरोज बताते हैं कि एक डोंकर ने तो उनके बेटे को बीच रास्ते में ही किडनैप भी कर लिया था। बेटे को छोड़ने की एवज में पांच लाख रुपए मांगे जा रहे थे। जब उन्होंने एजेंट को इस बारे में बताया तो एजेंट ने कहा वो डोंकर खतरनाक है पैसे देदो, जिसके बाद उन्होंने पैसे दे दिए। इसके बाद 5 जनवरी को डोंकर ने अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर की दीवार से मनीष को अमेरिका में कूदा दिया। मनीष ने अमेरिका में पुलिस चौकी में जाकर अपनी गिरफ्तारी दी। इसके बाद उनका मनीष से कोई संपर्क नहीं हुआ।   पंजाब | दैनिक भास्कर