अमेरिका से डिपोर्ट हुआ कपूरथला का युवक:घर गिरवी रखकर भेजा था विदेश, 22 दिन पहले बेस कैंप में पहुंचा, परिजन बोले- तनाव में

अमेरिका से डिपोर्ट हुआ कपूरथला का युवक:घर गिरवी रखकर भेजा था विदेश, 22 दिन पहले बेस कैंप में पहुंचा, परिजन बोले- तनाव में

अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए पंजाब के लोगों में कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी के गांव तरफ बहबल बहादुर का रहने वाला गुरप्रीत सिंह भी भारत लौट आया है। वह देर रात करीब ढाई-तीन बजे अपने घर पहुंचा। परिजनों का कहना है कि युवक तनाव में है और अभी किसी से कोई बात नहीं कर सकता। बता दें कि, बुधवार की दोपहर को अमेरिकी मिलिट्री का सी-17 विमान भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरा था। यह विमान 4 फरवरी की सुबह 3 बजे अमेरिका से रवाना हुआ था। यह पहली बार है जब अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के लिए अमेरिकी सेना के विमान का इस्तेमाल किया गया। गुरप्रीत के पिता तरसेम सिंह, जो एक दिहाड़ी मजदूर हैं, ने बताया कि उन्होंने अपना घर गिरवी रखकर और रिश्तेदारों से उधार लेकर 45 लाख रुपए जुटाए थे। महज 6 महीने पहले बेटे को विदेश भेजा था। उन्होंने बताया कि गुरप्रीत 22 दिन पहले ही अमेरिका के बेस कैंप में पहुंचा था। बेटे के डिपोर्ट होने की खबर मिलने के बाद से परिवार टूट चुका है। पिता को केंद्र और पंजाब सरकार से उम्मीद बेटे के इस तरह से वापस लौटने से तरसेम सिंह बेहद दुखी हैं। उनकी आंखों से आंसू छल रहे थे। उन्होंने कहा कि अब उनकी एकमात्र उम्मीद केंद्र और पंजाब सरकार है। वे चाहते हैं कि सरकार उनके बेटे को पंजाब में ही कोई रोजगार दिलवा दे, जिससे वह अपने ऊपर चढ़े भारी कर्ज को चुका सकें। थाना सुल्तानपुर लोधी के SHO हरगुरदेव सिंह ने बताया कि अमेरिका से डिपोर्ट हुए गुरप्रीत सिंह को देर रात उसके घर पहुंचा दिया गया है। अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए पंजाब के लोगों में कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी के गांव तरफ बहबल बहादुर का रहने वाला गुरप्रीत सिंह भी भारत लौट आया है। वह देर रात करीब ढाई-तीन बजे अपने घर पहुंचा। परिजनों का कहना है कि युवक तनाव में है और अभी किसी से कोई बात नहीं कर सकता। बता दें कि, बुधवार की दोपहर को अमेरिकी मिलिट्री का सी-17 विमान भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरा था। यह विमान 4 फरवरी की सुबह 3 बजे अमेरिका से रवाना हुआ था। यह पहली बार है जब अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के लिए अमेरिकी सेना के विमान का इस्तेमाल किया गया। गुरप्रीत के पिता तरसेम सिंह, जो एक दिहाड़ी मजदूर हैं, ने बताया कि उन्होंने अपना घर गिरवी रखकर और रिश्तेदारों से उधार लेकर 45 लाख रुपए जुटाए थे। महज 6 महीने पहले बेटे को विदेश भेजा था। उन्होंने बताया कि गुरप्रीत 22 दिन पहले ही अमेरिका के बेस कैंप में पहुंचा था। बेटे के डिपोर्ट होने की खबर मिलने के बाद से परिवार टूट चुका है। पिता को केंद्र और पंजाब सरकार से उम्मीद बेटे के इस तरह से वापस लौटने से तरसेम सिंह बेहद दुखी हैं। उनकी आंखों से आंसू छल रहे थे। उन्होंने कहा कि अब उनकी एकमात्र उम्मीद केंद्र और पंजाब सरकार है। वे चाहते हैं कि सरकार उनके बेटे को पंजाब में ही कोई रोजगार दिलवा दे, जिससे वह अपने ऊपर चढ़े भारी कर्ज को चुका सकें। थाना सुल्तानपुर लोधी के SHO हरगुरदेव सिंह ने बताया कि अमेरिका से डिपोर्ट हुए गुरप्रीत सिंह को देर रात उसके घर पहुंचा दिया गया है।   पंजाब | दैनिक भास्कर