अंबाला में कांग्रेसी पिता पुत्री में भी बगावत देखने को मिली है। जहां चौधरी निर्मल सिंह ने अंबाला शहर विधानसभा से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी नामांकन भरा, तो दूसरी तरफ उनकी बेटी चित्रा सरवारा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अंबाला छावनी से नामांकन भर दिया है। चित्रा अंबाला छावनी विधानसभा से कांग्रेस की टिकट मांग रही थी। लेकिन टिकट नहीं मिलने के बाद अब वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जमीनी स्तर पर उतर गई है। अंबाला में गुट बाजी के चलते जहां कांग्रेस की टिकट अनाउंस होने के बाद एक तरफ परी के समर्थक कांग्रेस भवन पर इकट्ठे होने शुरू हो गए। तो दूसरी ओर चौधरी परिवार से लगाव रखने वाले कांग्रेस समर्थक निर्मल सिंह की कोठी पर एकत्रित हुए। अपना रोष व्यक्त करते हुए समर्थकों ने चित्रा सरवारा को आजाद नामांकन भरने के लिए कहा। हवन यज्ञ करने के बाद परविंदर ने किया नामांकन कांग्रेस की टिकट प्राप्त करने वाले परविंदर सिंह परी ने अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ कांग्रेस भवन तक शक्ति प्रदर्शन किया। वह इसके बाद कांग्रेस भवन में हवन यज्ञ आहुति डालकर नामांकन भरने के लिए अंबाला छावनी एसडीएम कार्यालय में पहुंचे। जहां उन्होंने नामांकन भरा। इसी दौरान आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरने के लिए पहुंची चित्रा सरवारा के समर्थकों ने सड़क पर जमकर चित्रा सरवारा के पक्ष में नारे लगाए। एसडीएम कार्यालय में दोनों प्रत्याशी आमने सामने नामांकन भरते नजर आए। मौजूदा विधायक व बीजेपी से हमारी लड़ाई- सरवारा चित्रा सरवारा ने कहा कि हम सरकार को पहले भी घेर रहे थे अब भी भाजपा सरकार और मौजूदा विधायक अनिल विज को घेरेंगे। उन्हें बताएंगे के विकास के नाम पर कहां-कहां भ्रष्टाचार हुआ है। हम अपनी लड़ाई भाजपा व मौजूदा विधायक से मानते हैं। इसे लेकर हम आश्वस्त हैं और हमारे कार्यकर्ता भी आश्वस्त हैं कि यह लड़ाई हम जीतेंगे। अंबाला में कांग्रेसी पिता पुत्री में भी बगावत देखने को मिली है। जहां चौधरी निर्मल सिंह ने अंबाला शहर विधानसभा से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी नामांकन भरा, तो दूसरी तरफ उनकी बेटी चित्रा सरवारा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अंबाला छावनी से नामांकन भर दिया है। चित्रा अंबाला छावनी विधानसभा से कांग्रेस की टिकट मांग रही थी। लेकिन टिकट नहीं मिलने के बाद अब वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जमीनी स्तर पर उतर गई है। अंबाला में गुट बाजी के चलते जहां कांग्रेस की टिकट अनाउंस होने के बाद एक तरफ परी के समर्थक कांग्रेस भवन पर इकट्ठे होने शुरू हो गए। तो दूसरी ओर चौधरी परिवार से लगाव रखने वाले कांग्रेस समर्थक निर्मल सिंह की कोठी पर एकत्रित हुए। अपना रोष व्यक्त करते हुए समर्थकों ने चित्रा सरवारा को आजाद नामांकन भरने के लिए कहा। हवन यज्ञ करने के बाद परविंदर ने किया नामांकन कांग्रेस की टिकट प्राप्त करने वाले परविंदर सिंह परी ने अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ कांग्रेस भवन तक शक्ति प्रदर्शन किया। वह इसके बाद कांग्रेस भवन में हवन यज्ञ आहुति डालकर नामांकन भरने के लिए अंबाला छावनी एसडीएम कार्यालय में पहुंचे। जहां उन्होंने नामांकन भरा। इसी दौरान आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरने के लिए पहुंची चित्रा सरवारा के समर्थकों ने सड़क पर जमकर चित्रा सरवारा के पक्ष में नारे लगाए। एसडीएम कार्यालय में दोनों प्रत्याशी आमने सामने नामांकन भरते नजर आए। मौजूदा विधायक व बीजेपी से हमारी लड़ाई- सरवारा चित्रा सरवारा ने कहा कि हम सरकार को पहले भी घेर रहे थे अब भी भाजपा सरकार और मौजूदा विधायक अनिल विज को घेरेंगे। उन्हें बताएंगे के विकास के नाम पर कहां-कहां भ्रष्टाचार हुआ है। हम अपनी लड़ाई भाजपा व मौजूदा विधायक से मानते हैं। इसे लेकर हम आश्वस्त हैं और हमारे कार्यकर्ता भी आश्वस्त हैं कि यह लड़ाई हम जीतेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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गूगल सर्च में टॉप पर विनेश फोगाट:7 दिनों में भारत समेत 23 देशों में सबसे ज्यादा सर्च, ओलिंपिक से अयोग्य करार देने पर विवाद
गूगल सर्च में टॉप पर विनेश फोगाट:7 दिनों में भारत समेत 23 देशों में सबसे ज्यादा सर्च, ओलिंपिक से अयोग्य करार देने पर विवाद पेरिस ओलिंपिक में हरियाणा की पहलवान विनेश फोगाट को फाइनल मुकाबले से पहले डिसक्वालीफाई करने का मामला देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में सुर्खियों में है। उन्हें 7 अगस्त को महज 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण अयोग्य करार दे दिया गया। इसके बाद पहलवान सिल्वर मेडल को लेकर वर्ल्ड खेल कोर्ट में पहुंची। 13 अगस्त को कोर्ट ने 16 अगस्त तक के लिए फैसला टाल दिया है। इस फैसले पर दुनिया नजर बनाए हुए है। भारत भी विनेश के हक में सिल्वर मेडल दिए जाने की उम्मीद लगाए बैठा है। ऐसे में विनेश फोगाट दुनियाभर में गूगल सर्चिंग में टॉप पर पहुंच गई हैं। गूगल पर पिछले एक हफ्ते से वह दुनियाभर के एथलीटों से आगे रहीं। गूगल सर्च पर विनेश फोगाट दुनियाभर में सबसे ज्यादा खोजी जाने वाली एथलीट रहीं। दुनिया के 22 देशों में किया गया सर्च
गूगल के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 7 दिनों में विनेश फोगाट को दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में सर्च किया गया। इनमें से 23 देश ऐसे हैं जहां इंटरनेट यूजर्स के मुकाबले सर्च प्रतिशत 1 से लेकर 100 फीसदी तक रही है। अन्य देशों में सर्च प्रतिशत 1 से नीचे है। सर्च में 100 प्रतिशत स्कोर के साथ भारत सबसे टॉप पर हैं। वहीं दूसरे नंबर पर यूनाइटेड अरब हैं, जहां सर्च स्कोर 22 फीसदी है। भारत के तो सभी राज्यों में विनेश फोगाट सर्च ट्रेंडिंग में हैं। ट्रेंडिंग में हरियाणा में 100, दिल्ली में 93, गोवा में 84 और चंडीगढ़ में 84 फीसदी स्कोर है। सबसे कम स्कोर मिजोरम में 18, मेघालय में 27, बिहार में 28 और त्रिपुरा में 31 फीसदी है। बढ़ गई विनेश केस की तारीख
विनेश फोगाट ने फाइनल से डिसक्वालीफाई होने के बाद खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) में सिल्वर मेडल को लेकर अपील की थी। जिसके बाद सीएएस इस मामले पर 11 अगस्त को फैसला सुनाने वाला था। इसके बाद तारीख को 13 अगस्त कर दिया गया। लेकिन फिर तीसरी बार तारीख को बदलते हुए 16 अगस्त कर दिया गया है। अब विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल केस पर 16 अगस्त को फैसला आना है। जिसका करोड़ों भारतीय फैंस को बेसब्री से इंतजार हो रहा है। विनेश फोगाट मामले में अब तक क्या हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के बाद उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना खिलाया गया, जिससे उनका वजन 52.700 किग्रा तक बढ़ गया। 2. विनेश का वजन 2.7 किलो ज्यादा था
भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट मिले, 100 ग्राम ज्यादा था
बुधवार सुबह दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। इसके बाद नियमानुसार सिर्फ 15 मिनट मिले, लेकिन इतने कम समय में विनेश का वजन घटाकर 50KG तक नहीं लाया जा सका। लास्ट में जब वेट किया गया तो विनेश का वजन तय सीमा से 100 ग्राम अधिक निकला। ओलिंपिक कमेटी के फैसले के बाद विनेश की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल भर्ती करवाया। 5. PM मोदी ने कहा- इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन कड़ा विरोध दर्ज करे
इस मामले में PM नरेंद्र मोदी ने IOA प्रेसिडेंट पी टी ऊषा से बात की और पूरी जानकारी ली है। इस मामले में हर विकल्प आजमाने और समाधान के प्रयास के साथ साथ PM ने पीटी ऊषा से विनेश फोगाट मामले में भारत का कड़ा विरोध दर्ज कराने को भी कहा। इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन के प्रधान पीटी ऊषा विनेश से मिलीं। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने विनेश को लेकर संसद में बयान दिया। 6. खेल मंत्री बोले- कोच हमेशा साथ रहता है
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा- कोच साथ रहता है। फिजियो अश्विनी पाटिल हमेशा साथ रहते हैं। अतिरिक्त सहायक स्टाफ भी रहता है। इन्हें 70 लाख की सहायता दी गई है। स्पेन के मेड्रिड, फ्रांस में प्रशिक्षण के लिए वित्तीय सहायता दी गई है। हंगरी में 4 दिन तक इंटरनेशनल प्रशिक्षण के लिए स्टाफ को वित्तीय सहायता दी गई है। 7. डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील भी की
विनेश ने संन्यास के ऐलान से पहले बुधवार रात अपने डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ अपील दायर की है। उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स से मांग की कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए। विनेश ने पहले फाइनल खेलने की मांग भी की थी। फिर उन्होंने अपील बदली और अब संयुक्त रूप से सिल्वर दिए जाने की मांग की। 8. विनेश ने लिया संन्यास, सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट
विनेश ने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया (X) पर इसका ऐलान किया। विनेश ने 5 लाइनों की पोस्ट में लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।” 9. खेल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी
विनेश फोगाट की याचिका पर पेरिस स्थित खेल कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें विनेश भी वर्चुअल तरीके से शामिल हुई। विनेश ने करीब एक घंटे अपना पक्ष रखा। करीब 3 घंटे तक बहस हुई। विनेश की तरफ से भारतीय वकील हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया ने भी उनका पक्ष रखा। डॉक्टर एनाबेल बैनेट ने करीब 3 घंटे तक विनेश, युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग, इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी और IOA का पक्ष सुना। इससे पहले सभी को अपना एफिडेविट भी दाखिल करने को कहा गया था। जिसके बाद ये मौखिक बहस हुई है। 10. विनेश मामले में फैसला टला
इसके बाद 10 अगस्त को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखकर 13 अगस्त को फैसले की तारीख तय की थी, लेकिन फैसला टाल दिया गया। अब कोर्ट की तरफ से फैसले के लिए 16 अगस्त की तारीख तय की गई है।
नारनौंद में महिला ने की आत्महत्या:घर में फंदे पर लटकी मिली 2 बेटों की मां; चाचा बोले- मानसिक तौर से थी परेशान
नारनौंद में महिला ने की आत्महत्या:घर में फंदे पर लटकी मिली 2 बेटों की मां; चाचा बोले- मानसिक तौर से थी परेशान हरियाणा के हिसार के नारनौंद क्षेत्र के गांव खेड़ी लोहचब में एक महिला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। महिला का शव फंदे पर लटका मिला था। ससुरालवालों ने जहां महिला की मौत को आत्महत्या बताया। नारनौंद थाना पुलिस ने फिलहाल महिला के चाचा के बयान दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई गई है। पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट से ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा। जींद जिले के गांव ढाठरथ निवासी बलवंत ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह मेहनत मजदूरी का काम करता है। उसके भाई जगबीर कि मृत्यु हो चुकी है। जगबीर की बेटी 28 वर्षीय आरती की शादी गांव खेडी लोहचब निवासी अशोक के साथ 2013 में हुई थी। आरती के 4 व 6 साल के दो बेटे हैं। उसकी भतीजी आरती कई दिनों से मानसिक तौर पर परेशान चली आ रही थी। 6 जून को दोपहर करीब 12:30 बजे उनको सूचना मिली कि उसकी भतीजी आरती ने गले में फन्दा लगाकर अपनी जीवन लीला को समाप्त कर ली है। सूचना मिलते ही वह अपने परिवार सहित गांव खेड़ी लोहचब गांव में मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि उसकी भतीजी आरती का शव बैड पर रखा हुआ था। उसने आस पास व अपने तौर पर तसल्ली कर ली है। आरती ने मानसिक परेशानी के चलते अपने गले में फन्दा लगाकर अपनी जीवन लीला को समाप्त कर दिया है। आरती को उसके ससुराल में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं थी और ससुरालजन उसको अच्छी तरह से रखते थे। आरती ने मानसिक परेशानी के चलते ही यह कदम उठाया है। नारनौंद पुलिस द्वारा मृतक महिला आरती के चाचा के बयानों के आधार पर इत्फ़ाकिया कार्रवाई अमल में लाई गई है। पुलिस ने महिला के शव का हांसी के नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया है।
घरौंडा में कांग्रेस की वापसी पर संकट:भीतरघात का खतरा, मंच से गायब टिकट के प्रबल दावेदार, 3 दशक से नहीं बना पार्टी का विधायक
घरौंडा में कांग्रेस की वापसी पर संकट:भीतरघात का खतरा, मंच से गायब टिकट के प्रबल दावेदार, 3 दशक से नहीं बना पार्टी का विधायक हरियाणा में करनाल जिले की घरौंडा विधानसभा सीट पर 3 दशक से कांग्रेस पार्टी अपना विधायक नहीं बना पाई है। विधानसभा-2024 के चुनावी कैंपेन में भी घरौंडा के बड़े चेहरे कांग्रेस प्रत्याशी के मंच पर नजर नहीं आ रहे। टिकट के मजबूत दावेदारों में टिकट कटने की टीस अभी तक नजर आ रही है। सतीश रणा को छोड़कर कोई भी बड़ा कांग्रेस का नेता मंच पर नजर नहीं आ रहा है। टिकट के प्रबल दावेदार पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान और युवा नेता भूपिंद्र सिंह लाठर तो पहले ही घोषणा कर चुके है कि वे राठौर के साथ मंच सांझा नहीं करेंगे। सतपाल कश्यप भी इशारा कर चुके है कि वे कांग्रेस के साथ है। वीरेंद्र राठौर ने अनिल राणा, रघबीर संधू, सतीश राणा से मुलाकात की। नेताओं से गले मिलते हुए तस्वीरें भी सामने आई, लेकिन नेताओं के शायद दिल नहीं मिले। नतीजन, नरेंद्र सांगवान, भूप्पी लाठर, सतपाल कश्यप, वीरेंद्र लामरा, रघबीर संधू जैसे टिकट के प्रबल दावेदार मंच से गायब है। कांग्रेस का भीतर घात राठौर के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कांग्रेस में बीजेपी की सेंधमारी घरौंडा सीट से 40 नेताओं ने टिकट के लिए अप्लाई किया था, लेकिन कांग्रेस ने 3 बार हारे हुए प्रत्याशी को टिकट दे दिया। सूत्रों की माने तो टिकट कटने से खफ़ा कांग्रेस नेताओं को बीजेपी अपने पक्ष में करने की जुगत में लगी है। गुप्त बैठकों का भी दौर जारी है। ऐसे में अगर बीजेपी नाराज कांग्रेसियों को अपने पक्ष में करने में कामयाब हो जाती है तो वीरेंद्र सिंह राठौर को मोटा नुकसान होगा। 1991 के बाद नहीं आई कांग्रेस 1991 के बाद कांग्रेस घरौंडा विधानसभा में कभी वापसी नहीं कर पाई। 32 साल के सूखे को खत्म करने के लिए कांग्रेस ने कोशिशें की, लेकिन नाकाम रही। 1967 से आज तक कांग्रेस सिर्फ 3 बार ही घरौंडा में अपना विधायक बना पाई है। 1967 में मूलचंद जैन, 1982 में वेदपाल और 1991 में कंवर रामपाल कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने। 1972 में लाला रूलिया राम इंडियन नेशनल कांग्रेस (ओ) से विधायक बने थे, क्योंकि 12 नवंबर 1969 में कांग्रेस अलग हो गई थी। जिसके मुख्य लीडर के. कामराजा और मोराजी देसाई थे। जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस (आर) की मेन लीडर इंदिरा गांधी थी। 2005 से रहा है त्रिकोणीय मुकाबला घरौंडा विधानसभा चुनाव में 2005 से त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला है। 2019 में आमने-सामने की टक्कर देखी गई थी, और 2024 में भी आमने सामने की टक्कर ही नजर आ रही है। आप पार्टी, इनेलो और जेजेपी तीसरे नंबर की लड़ाई लड़ रही है। 2005 में इनेलो से रेखा राणा, आजाद उम्मीदवार जयपाल शर्मा और कांग्रेस से वीरेंद्र राठौर के बीच मुकाबला था, राठौर तीसरे नंबर पर रहे थे। 2009 में नरेंद्र सांगवान इनेलो, वीरेंद्र राठौर कांग्रेस और हरविंद्र कल्याण बीएसपी के बीच टक्कर थी। राठौर दूसरे नंबर पर रहे थे। 2014 में हरविंद्र कल्याण बीजेपी, नरेंद्र सांगवान इनेलो और वीरेंद्र राठौर कांग्रेस के बीच फाइट हुई, और राठौर फिर तीसरे नंबर पर आए। 2019 में बीजेपी को कांग्रेस के अनिल राणा ने टक्कर दी थी और हार गए थे। नरेंद्र सांगवान के प्रतिद्वंदी थे राठौर 2009 में नरेंद सांगवान इनेलो में थे और इन्होंने राठौर को 1660 वोट से हराया था। 2014 में भी सांगवान दूसरे स्थान पर रहे थे और राठौर तीसरे पर, तब भी सांगवान ने राठौर को 468 वोट से पछाड़ा था। विशेषज्ञों की माने तो राठौर, नरेंद्र सांगवान के प्रतिद्वंदी रहे है और उन्होंने राठौर को बार-बार हराया है।
कांग्रेस के बीच अंदरूनी तौर पर छिड़ी इस गहमागहमी के बीच कांग्रेस का घरौंडा में विधायक बनाने का सपना सिर्फ सपना ही रह सकता है। हालांकि नेता डेमेज कंट्रोल करने की कोशिश जरूर कर रहे है, लेकिन डैमेज कंट्रोल होता नजर नहीं आ रहा। वह देखना है कि आने वाले दिनों में बड़े नेताओं की एंट्री से कितना फर्क पड़ेगा। फिलहाल इतना जरूर है कि बीजेपी के प्रति एंटी इनकेंबेंसी जरूर है, लेकिन कांग्रेस इसका कितना फायदा ले सकती है, वह समय के घेरे में है।