हरियाणा में 3 विधानसभा चुनाव हारे नेता लड़ेंगे मेयर इलेक्शन:कहा-हुड्डा गुट ने मुझे हरवाया, समर्थकों का दबाव, इस बार सारी कसर काढ़ दूंगा

हरियाणा में 3 विधानसभा चुनाव हारे नेता लड़ेंगे मेयर इलेक्शन:कहा-हुड्डा गुट ने मुझे हरवाया, समर्थकों का दबाव, इस बार सारी कसर काढ़ दूंगा

हरियाणा में कांग्रेस की टिकट पर हिसार विधानसभा से चुनाव लड़ चुके रामनिवास राड़ा अब मेयर का चुनाव लड़ेंगे। वे हिसार से ही तैयारी कर रहे हैं। राड़ा ने कहा कि उनके समर्थकों का उन पर काफी दबाव है, इसलिए वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। राड़ा ने कहा कि कांग्रेसियों ने भीतरघात कर उनको विधानसभा चुनाव में हराया। हुड्‌डा गुट की कांग्रेस ने धोखे से उनको हराया इसका बदला वह मेयर चुनाव में लेंगे। हिसार विधानसभा से बड़ा नगर निगम का एरिया है मिल गेट एरिया और छोटी सातरोड़ नगर निगम क्षेत्र में आते हैं यहां से उनको खूब वोट मिलेंगे। बता दें कि रामनिवास राड़ा सैनी समुदाय से हैं और हिसार विधानसभा में सैनी समुदाय के 25 हजार से ज्यादा मतदाता हैं। नगर निगम क्षेत्र में सैनी मतदाताओं की संख्या इससे भी ज्यादा है। राड़ा को उम्मीद है कि सैनी समुदाय और सभी वर्गों के लोग उनका साथ देंगे, क्योंकि हिसार को काम करने वाला सेवक चाहिए, जो लोगों के बीच काम कर सके और 24 घंटे क्षेत्र में रहे। मेयर चुनाव जीतने के लिए राड़ा की रणनीति… 1. हर वार्ड में मीटिंग करेंगे
रामनिवास राड़ा ने बताया कि वह हर वार्ड में बैठक कर वार्ड वाइज टीमें बनाएंगे। इसके बाद एक बड़ी मीटिंग सभी वार्ड की बुलाएंगे और अपने लिए समर्थन मांगेंगे। राड़ा ने बताया कि लोगों की इच्छा है कि वह हिसार मेयर का चुनाव लड़ें। राड़ा ने बताया कि उनको नहीं लगता कांग्रेस सिंबल पर मेयर का चुनाव लड़ेगी। पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था और अंत में कांग्रेस ने निर्दलीय ही प्रत्याशी उतारे थे। 2. मिल गेट और छोटी सातरोड़ में वोट बैंक
राड़ा को बरवाला विधानसभा के क्षेत्र मिल गेट और छोटी सातरोड़ के हिसार नगर निगम में होने से फायदा मिल सकता है। यहां राड़ा का अच्छा वोट बैंक हैं। राड़ा ने 2014 में विधानसभा चुनाव में यहां से अच्छे वोट लिए थे। इसलिए राडा का फोकस हिसार के आउट एरिया पर रहेगा। 3. जनता के मुद्दे उठाएंगे राड़ा चुनाव में जनहित के मुद्दे उठाते रहे हैं। उनका मेन फोकस बेहतर सीवरेज निकासी और शुद्ध पानी लोगों के घरों तक पहुंचाना है। वह गर्मियों में नि:शुल्क वाटर टैंक की व्यवस्था करवा चुके हैं। कोरोना काल में भी लोगों की मदद के लिए राड़ा ने हाथ बढ़ाए थे। इन्हीं मुद्दों को राड़ा जनता के बीच में फिर से जाएंगे। 4.हुड्डा गुट ने मुझे हरवाया
रामनिवास राड़ा ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कांग्रेस गुट ने उन्हें हराने का काम किया। उन्होंने खुलकर उन लोगों के नाम भी लिए, जिन्होंने मुझे हरवाया। इनमें भूपेंद्र हुड्डा, सांसद जयप्रकाश, कांग्रेस नेता बजरंग दास गर्ग, बीर सिंह ख्याली समेत कई अन्य नेता शामिल हैं, जिन्होंने चुनाव में सावित्री जिंदल की मदद की और मेरा विरोध किया। राड़ा ने कहा कि इस बार मैं इसकी भरपाई करूंगा। भाजपा सिंबल पर मेयर का चुनाव लड़ेगी
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी सिंबल पर मेयर का चुनाव लड़ सकती है। पिछली बार भी भाजपा ने सिंबल पर मेयर का चुनाव लड़ा था। भाजपा उम्मीदवार गौतम सरदाना ने कांग्रेस समर्थित रेखा ऐरन को हराया था, तब सावित्री जिंदल ने रेखा ऐरन का समर्थन किया था और ऐरन के लिए प्रचार भी किया था। लेकिन दूसरी तरफ भाजपा के तत्कालीन विधायक डॉ. कमल गुप्ता ने गौतम सरदाना के लिए प्रचार किया था और गौतम जीत गए थे। लेकिन अब गौतम सरदाना ने भाजपा से बगावत कर दी है और निर्दलीय के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ा है। ऐसे में अभी इस पर राय बननी बाकी है कि भाजपा सावित्री जिंदल के साथ गठबंधन करके मेयर का चुनाव लड़ेगी या अलग से प्रत्याशी उतारेगी। 2 चरणों में होंगे निकाय चुनाव
हरियाणा के चुनाव आयुक्त धनपत सिंह के मुताबिक निकाय चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण में गुरुग्राम, मानेसर और फरीदाबाद नगर निगम के चुनाव होंगे। इसके अलावा तीन नगर पालिकाओं सिरसा नगर परिषद, पटौदी जटौली मंडी और अंबाला सदर और 21 पालिकाओं के लिए आम चुनाव भी पहले चरण में होगा। ————– निकाय चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें निकाय चुनाव से पहले हरियाणा सरकार का फैसला:पार्षद-मेयर की खर्च सीमा 5 लाख बढ़ाई; कौंसिल-म्युनिसिपल कमेटी अध्यक्ष भी ज्यादा खर्चा कर सकेंगे हरियाणा में मेयर चुनाव के प्रचार के लिए अब उम्मीदवार 5 लाख रुपए ज्यादा खर्च कर सकेंगे। पहले यह सीमा 25 लाख रुपए थे, जिसे बढ़ाकर अब 30 लाख रुपए कर दिया गया है। हरियाणा के निकाय चुनाव को लेकर सरकार ने यह फैसला लिया है। निगम में पार्षद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के लिए भी खर्च की सीमा डेढ़ लाख बढ़ाई गई है। अब वे साढ़े 7 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं। वहीं नगर कौंसिल के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव खर्च की सीमा को 16 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया गया है। इसी तरह नगर कौंसिल मेंबर भी साढ़े 3 लाख की जगह साढ़े 4 लाख खर्च कर सकेंगे। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा में कांग्रेस की टिकट पर हिसार विधानसभा से चुनाव लड़ चुके रामनिवास राड़ा अब मेयर का चुनाव लड़ेंगे। वे हिसार से ही तैयारी कर रहे हैं। राड़ा ने कहा कि उनके समर्थकों का उन पर काफी दबाव है, इसलिए वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। राड़ा ने कहा कि कांग्रेसियों ने भीतरघात कर उनको विधानसभा चुनाव में हराया। हुड्‌डा गुट की कांग्रेस ने धोखे से उनको हराया इसका बदला वह मेयर चुनाव में लेंगे। हिसार विधानसभा से बड़ा नगर निगम का एरिया है मिल गेट एरिया और छोटी सातरोड़ नगर निगम क्षेत्र में आते हैं यहां से उनको खूब वोट मिलेंगे। बता दें कि रामनिवास राड़ा सैनी समुदाय से हैं और हिसार विधानसभा में सैनी समुदाय के 25 हजार से ज्यादा मतदाता हैं। नगर निगम क्षेत्र में सैनी मतदाताओं की संख्या इससे भी ज्यादा है। राड़ा को उम्मीद है कि सैनी समुदाय और सभी वर्गों के लोग उनका साथ देंगे, क्योंकि हिसार को काम करने वाला सेवक चाहिए, जो लोगों के बीच काम कर सके और 24 घंटे क्षेत्र में रहे। मेयर चुनाव जीतने के लिए राड़ा की रणनीति… 1. हर वार्ड में मीटिंग करेंगे
रामनिवास राड़ा ने बताया कि वह हर वार्ड में बैठक कर वार्ड वाइज टीमें बनाएंगे। इसके बाद एक बड़ी मीटिंग सभी वार्ड की बुलाएंगे और अपने लिए समर्थन मांगेंगे। राड़ा ने बताया कि लोगों की इच्छा है कि वह हिसार मेयर का चुनाव लड़ें। राड़ा ने बताया कि उनको नहीं लगता कांग्रेस सिंबल पर मेयर का चुनाव लड़ेगी। पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था और अंत में कांग्रेस ने निर्दलीय ही प्रत्याशी उतारे थे। 2. मिल गेट और छोटी सातरोड़ में वोट बैंक
राड़ा को बरवाला विधानसभा के क्षेत्र मिल गेट और छोटी सातरोड़ के हिसार नगर निगम में होने से फायदा मिल सकता है। यहां राड़ा का अच्छा वोट बैंक हैं। राड़ा ने 2014 में विधानसभा चुनाव में यहां से अच्छे वोट लिए थे। इसलिए राडा का फोकस हिसार के आउट एरिया पर रहेगा। 3. जनता के मुद्दे उठाएंगे राड़ा चुनाव में जनहित के मुद्दे उठाते रहे हैं। उनका मेन फोकस बेहतर सीवरेज निकासी और शुद्ध पानी लोगों के घरों तक पहुंचाना है। वह गर्मियों में नि:शुल्क वाटर टैंक की व्यवस्था करवा चुके हैं। कोरोना काल में भी लोगों की मदद के लिए राड़ा ने हाथ बढ़ाए थे। इन्हीं मुद्दों को राड़ा जनता के बीच में फिर से जाएंगे। 4.हुड्डा गुट ने मुझे हरवाया
रामनिवास राड़ा ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कांग्रेस गुट ने उन्हें हराने का काम किया। उन्होंने खुलकर उन लोगों के नाम भी लिए, जिन्होंने मुझे हरवाया। इनमें भूपेंद्र हुड्डा, सांसद जयप्रकाश, कांग्रेस नेता बजरंग दास गर्ग, बीर सिंह ख्याली समेत कई अन्य नेता शामिल हैं, जिन्होंने चुनाव में सावित्री जिंदल की मदद की और मेरा विरोध किया। राड़ा ने कहा कि इस बार मैं इसकी भरपाई करूंगा। भाजपा सिंबल पर मेयर का चुनाव लड़ेगी
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी सिंबल पर मेयर का चुनाव लड़ सकती है। पिछली बार भी भाजपा ने सिंबल पर मेयर का चुनाव लड़ा था। भाजपा उम्मीदवार गौतम सरदाना ने कांग्रेस समर्थित रेखा ऐरन को हराया था, तब सावित्री जिंदल ने रेखा ऐरन का समर्थन किया था और ऐरन के लिए प्रचार भी किया था। लेकिन दूसरी तरफ भाजपा के तत्कालीन विधायक डॉ. कमल गुप्ता ने गौतम सरदाना के लिए प्रचार किया था और गौतम जीत गए थे। लेकिन अब गौतम सरदाना ने भाजपा से बगावत कर दी है और निर्दलीय के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ा है। ऐसे में अभी इस पर राय बननी बाकी है कि भाजपा सावित्री जिंदल के साथ गठबंधन करके मेयर का चुनाव लड़ेगी या अलग से प्रत्याशी उतारेगी। 2 चरणों में होंगे निकाय चुनाव
हरियाणा के चुनाव आयुक्त धनपत सिंह के मुताबिक निकाय चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण में गुरुग्राम, मानेसर और फरीदाबाद नगर निगम के चुनाव होंगे। इसके अलावा तीन नगर पालिकाओं सिरसा नगर परिषद, पटौदी जटौली मंडी और अंबाला सदर और 21 पालिकाओं के लिए आम चुनाव भी पहले चरण में होगा। ————– निकाय चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें निकाय चुनाव से पहले हरियाणा सरकार का फैसला:पार्षद-मेयर की खर्च सीमा 5 लाख बढ़ाई; कौंसिल-म्युनिसिपल कमेटी अध्यक्ष भी ज्यादा खर्चा कर सकेंगे हरियाणा में मेयर चुनाव के प्रचार के लिए अब उम्मीदवार 5 लाख रुपए ज्यादा खर्च कर सकेंगे। पहले यह सीमा 25 लाख रुपए थे, जिसे बढ़ाकर अब 30 लाख रुपए कर दिया गया है। हरियाणा के निकाय चुनाव को लेकर सरकार ने यह फैसला लिया है। निगम में पार्षद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के लिए भी खर्च की सीमा डेढ़ लाख बढ़ाई गई है। अब वे साढ़े 7 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं। वहीं नगर कौंसिल के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव खर्च की सीमा को 16 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया गया है। इसी तरह नगर कौंसिल मेंबर भी साढ़े 3 लाख की जगह साढ़े 4 लाख खर्च कर सकेंगे। पढ़ें पूरी खबर   हरियाणा | दैनिक भास्कर