अयोध्या शहर के एक मोहल्ले में रहने वाली महिला कॉन्स्टेबल से शादी का झांसा देकर तीन बच्चों के पिता ने 4 साल तक दुष्कर्म किया। साथ ही कॉन्स्टेबल से 7 लाख 90 हजार भी हड़प लिए। कोर्ट ने मामले में फाइनेंसर को दोषी पाते हुए 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। उस पर एक लाख 72 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला प्रदीप कुमार सिंह की कोर्ट में सुनाया गया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेश चंद्र पांडेय और सतीश चंद्र देवरस ने बताया कि घटना 2019 में हुई। उन्होंने बताया- जिला मुख्यालय पर तैनात एक महिला कॉन्स्टेबल से बीकापुर कोतवाली क्षेत्र के मंगारी गांव के रहने वाले मनोज शुक्ला की मुलाकात हुई। जो कि फाइनेंसर का काम करते थे। बिजनेस के नाम पर खाते में ट्रांसफर करवाए रुपए
महिला कॉन्स्टेबल से पहले दोस्ती हुई और फिर घर आना जाना शुरू हुआ। इस दौरान फाइनेंसर ने शादी करने का झांसा देकर महिला कॉन्स्टेबल से दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं बिजनेस के बहाने 7 लाख 90 हजार रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए। कॉन्स्टेबल के गर्भवती होने पर करा दिया गर्भपात
सिपाही के गर्भवती होने पर पर सुलतानपुर जिले में ले जाकर गर्भपात करवा दिया। इसके बाद युवक ने महिला सिपाही से बात करना बंद कर दिया। वहीं जब कॉन्स्टेबल फाइनेंसर का पता लगाते हुए उसके घर पहुंची तो देखा कि वह 3 बच्चों का बाप है। वहां हंगामे के बाद फाइनेंसर ने महिला कॉन्स्टेबल को मारपीट कर भगा दिया। पीड़िता महिला कॉन्स्टेबल की तहरीर पर थाना कैंट पुलिस ने आरोपी मनोज शुक्ला उसके भाई तथा पत्नी के खिलाफ संबंधित धाराओं में दर्ज किया था। विवेचना के बाद पुलिस ने केवल मनोज शुक्ला के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने मनोज शुक्ला दोषी पाते हुए सजा दी। अयोध्या शहर के एक मोहल्ले में रहने वाली महिला कॉन्स्टेबल से शादी का झांसा देकर तीन बच्चों के पिता ने 4 साल तक दुष्कर्म किया। साथ ही कॉन्स्टेबल से 7 लाख 90 हजार भी हड़प लिए। कोर्ट ने मामले में फाइनेंसर को दोषी पाते हुए 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। उस पर एक लाख 72 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला प्रदीप कुमार सिंह की कोर्ट में सुनाया गया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेश चंद्र पांडेय और सतीश चंद्र देवरस ने बताया कि घटना 2019 में हुई। उन्होंने बताया- जिला मुख्यालय पर तैनात एक महिला कॉन्स्टेबल से बीकापुर कोतवाली क्षेत्र के मंगारी गांव के रहने वाले मनोज शुक्ला की मुलाकात हुई। जो कि फाइनेंसर का काम करते थे। बिजनेस के नाम पर खाते में ट्रांसफर करवाए रुपए
महिला कॉन्स्टेबल से पहले दोस्ती हुई और फिर घर आना जाना शुरू हुआ। इस दौरान फाइनेंसर ने शादी करने का झांसा देकर महिला कॉन्स्टेबल से दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं बिजनेस के बहाने 7 लाख 90 हजार रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए। कॉन्स्टेबल के गर्भवती होने पर करा दिया गर्भपात
सिपाही के गर्भवती होने पर पर सुलतानपुर जिले में ले जाकर गर्भपात करवा दिया। इसके बाद युवक ने महिला सिपाही से बात करना बंद कर दिया। वहीं जब कॉन्स्टेबल फाइनेंसर का पता लगाते हुए उसके घर पहुंची तो देखा कि वह 3 बच्चों का बाप है। वहां हंगामे के बाद फाइनेंसर ने महिला कॉन्स्टेबल को मारपीट कर भगा दिया। पीड़िता महिला कॉन्स्टेबल की तहरीर पर थाना कैंट पुलिस ने आरोपी मनोज शुक्ला उसके भाई तथा पत्नी के खिलाफ संबंधित धाराओं में दर्ज किया था। विवेचना के बाद पुलिस ने केवल मनोज शुक्ला के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने मनोज शुक्ला दोषी पाते हुए सजा दी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर