अति का भला न बोलना…,अति की भली न धूप…। 500 साल पहले कबीर ने ये सीख दी थी। आज का रिजल्ट इसी अति का परिणाम है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी के दिनों में जो कदम उठाए गए, वह अतिवादी थे। एजेंसियों के ताबड़तोड़ छापों की बात हो या किसी मुख्यमंत्री के जेल भेजने की… लोगों के मन में धारणा तो बनने लगी थी कि ऐसे में तो ये कुछ भी कर देंगे…। भाजपा को सपोर्ट करने वाले भी कहने लगे थे- यह ठीक नहीं है…। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर तीखी टिप्पणी की। यूपी के वोटर्स ने ज्यादातर सीटों पर सबक सिखाया है। जिन्हें हरा दिया वहां तो स्पष्ट सबक है ही लेकिन जो जीत गए हैं, वहां भी पिछली बार से जीत का अंतर बहुत कम हो गया। यानी यह संकेत दे दिया है कि खबरदार… जिता रहे हैं लेकिन आगे से ख्याल रखिएगा…! इस हार में भाजपा नेताओं की हल्की भाषा और टीका-टिप्पणी ने भी तड़का लगाया। अमेठी में स्मृति ईरानी का जो रवैया रहा, इसे कौन ठीक कहेगा। उन्होंने मंच से प्रियंका की नकल की, वोटर को शायद वह अच्छी नहीं लगी और उन्हें बुरी तरह हरा दिया। इलेक्शन कैंपेनिंग की शुरुआत ठीक हुई थी, लग रहा था भाजपा विकास, राष्ट्रवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और मोदी के व्यक्तित्व के दम पर वोट मांगेगी, लेकिन तीसरा-चौथा चरण आते-आते हिंदू-मुस्लिम की बातें ज्यादा होने लगीं। अब बात अयोध्या की। भाजपा अयोध्या भी हार गई… इसे क्या कहेंगे…। जिस अयोध्या के दम पर भाजपा ने पूरे देश में जीत की लकीर खींची थी, वहां भी हार झेलनी पड़ी। यह भी सबक है। संगठन को वोटरों ने बता दिया- हम किसी को भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। पार्टी ने यहां तीसरी बार लल्लू सिंह को टिकट दिया था, जिनकी उम्मीदवारी का बहुत विरोध हो रहा था। भला हो मेरठ के वोटरों का, शुरुआती झटके देने के बाद आखिर उन्होंने रामानंद सागर के ‘राम’ को जिता दिया। यूपी में सपा का तो जैसे नया उदय हुआ है। यह इसलिए कि समाजवादी पार्टी के इतिहास में पहली बार सबसे ज्यादा सीटें और वोट शेयर मिला है। अब समझ में आ रहा है कि आखिर अखिलेश की रैलियों में युवाओं का इतना हुड़दंग क्यों था। उन्हें शायद उम्मीद थी कि ये वो आदमी है जो मेरी किस्मत बदल सकता है… मुझे काम दे सकता है, नौकरी दे सकता है। अखिलेश ने अपने कैंपेन में ज्यादातर महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर ही भाजपा सरकार को घेरा। केंद्र की नई सरकार और राज्य की सरकार को अब इसे समझना पड़ेगा…बगैर देरी किए इस दिशा में ठोस काम भी करना पड़ेगा। इस रिजल्ट ने यह भी साबित कर दिया है कि यहां के लोग गंगा-जमुनी तहजीब को कभी छोड़ने वाले नहीं हैं। चुनाव के दौरान इन्हें बांटने की कोशिश देखने को मिली थी। हर बार धुव्रीकरण का फायदा भाजपा को मिलता रहा है, लेकिन इस बार मुस्लिमों ने समीकरण बिगाड़ दिए। यूपी में मुस्लिमों ने तय कर लिया था कि वोट उसी कैंडिडेट को देना है जो जीत रहा है, उसे नहीं जो वोट काटने के लिए खड़ा किया गया है। अब आगे क्या… दबाव बना रहना चाहिए…। असर दिखने भी लगा है…सहयोगी दल जो अब तक किसी कोने-कुचाले में पड़े थे, उनकी पूछ-परख होने लगी है। धीरे-धीरे उनकी आवभगत भी होगी। मोदी के साथ योगी की लीडरशिप पर भी सवाल उठेगा। नई लीडरशिप की तरफ पार्टियों को जाना पड़ेगा। जैसा कि अखिलेश ने किया। सपा के 67 में से 10 कैंडिडेट तो 40 साल से कम उम्र के उतारे थे। भाजपा में अब व्यक्ति नहीं संगठन को फिर आगे किया जाएगा। काम करने के तौर-तरीकों में बदलाव भी देखने को मिलेंगे। यूपी सरकार पर भले इस हार का कोई असर नहीं पड़े लेकिन आगे की दिशा जरूर बदलेगी। सरकार के कामकाज के तरीके बदलेंगे, व्यवहार और बोलचाल का अंदाज भी बदलेगा… यह जरूरी भी था। भाषणों में कटुता कम होगी। फिर से सामंजस्य और सौहार्द की बातें होंगी। अति का भला न बोलना…,अति की भली न धूप…। 500 साल पहले कबीर ने ये सीख दी थी। आज का रिजल्ट इसी अति का परिणाम है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी के दिनों में जो कदम उठाए गए, वह अतिवादी थे। एजेंसियों के ताबड़तोड़ छापों की बात हो या किसी मुख्यमंत्री के जेल भेजने की… लोगों के मन में धारणा तो बनने लगी थी कि ऐसे में तो ये कुछ भी कर देंगे…। भाजपा को सपोर्ट करने वाले भी कहने लगे थे- यह ठीक नहीं है…। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर तीखी टिप्पणी की। यूपी के वोटर्स ने ज्यादातर सीटों पर सबक सिखाया है। जिन्हें हरा दिया वहां तो स्पष्ट सबक है ही लेकिन जो जीत गए हैं, वहां भी पिछली बार से जीत का अंतर बहुत कम हो गया। यानी यह संकेत दे दिया है कि खबरदार… जिता रहे हैं लेकिन आगे से ख्याल रखिएगा…! इस हार में भाजपा नेताओं की हल्की भाषा और टीका-टिप्पणी ने भी तड़का लगाया। अमेठी में स्मृति ईरानी का जो रवैया रहा, इसे कौन ठीक कहेगा। उन्होंने मंच से प्रियंका की नकल की, वोटर को शायद वह अच्छी नहीं लगी और उन्हें बुरी तरह हरा दिया। इलेक्शन कैंपेनिंग की शुरुआत ठीक हुई थी, लग रहा था भाजपा विकास, राष्ट्रवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और मोदी के व्यक्तित्व के दम पर वोट मांगेगी, लेकिन तीसरा-चौथा चरण आते-आते हिंदू-मुस्लिम की बातें ज्यादा होने लगीं। अब बात अयोध्या की। भाजपा अयोध्या भी हार गई… इसे क्या कहेंगे…। जिस अयोध्या के दम पर भाजपा ने पूरे देश में जीत की लकीर खींची थी, वहां भी हार झेलनी पड़ी। यह भी सबक है। संगठन को वोटरों ने बता दिया- हम किसी को भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। पार्टी ने यहां तीसरी बार लल्लू सिंह को टिकट दिया था, जिनकी उम्मीदवारी का बहुत विरोध हो रहा था। भला हो मेरठ के वोटरों का, शुरुआती झटके देने के बाद आखिर उन्होंने रामानंद सागर के ‘राम’ को जिता दिया। यूपी में सपा का तो जैसे नया उदय हुआ है। यह इसलिए कि समाजवादी पार्टी के इतिहास में पहली बार सबसे ज्यादा सीटें और वोट शेयर मिला है। अब समझ में आ रहा है कि आखिर अखिलेश की रैलियों में युवाओं का इतना हुड़दंग क्यों था। उन्हें शायद उम्मीद थी कि ये वो आदमी है जो मेरी किस्मत बदल सकता है… मुझे काम दे सकता है, नौकरी दे सकता है। अखिलेश ने अपने कैंपेन में ज्यादातर महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर ही भाजपा सरकार को घेरा। केंद्र की नई सरकार और राज्य की सरकार को अब इसे समझना पड़ेगा…बगैर देरी किए इस दिशा में ठोस काम भी करना पड़ेगा। इस रिजल्ट ने यह भी साबित कर दिया है कि यहां के लोग गंगा-जमुनी तहजीब को कभी छोड़ने वाले नहीं हैं। चुनाव के दौरान इन्हें बांटने की कोशिश देखने को मिली थी। हर बार धुव्रीकरण का फायदा भाजपा को मिलता रहा है, लेकिन इस बार मुस्लिमों ने समीकरण बिगाड़ दिए। यूपी में मुस्लिमों ने तय कर लिया था कि वोट उसी कैंडिडेट को देना है जो जीत रहा है, उसे नहीं जो वोट काटने के लिए खड़ा किया गया है। अब आगे क्या… दबाव बना रहना चाहिए…। असर दिखने भी लगा है…सहयोगी दल जो अब तक किसी कोने-कुचाले में पड़े थे, उनकी पूछ-परख होने लगी है। धीरे-धीरे उनकी आवभगत भी होगी। मोदी के साथ योगी की लीडरशिप पर भी सवाल उठेगा। नई लीडरशिप की तरफ पार्टियों को जाना पड़ेगा। जैसा कि अखिलेश ने किया। सपा के 67 में से 10 कैंडिडेट तो 40 साल से कम उम्र के उतारे थे। भाजपा में अब व्यक्ति नहीं संगठन को फिर आगे किया जाएगा। काम करने के तौर-तरीकों में बदलाव भी देखने को मिलेंगे। यूपी सरकार पर भले इस हार का कोई असर नहीं पड़े लेकिन आगे की दिशा जरूर बदलेगी। सरकार के कामकाज के तरीके बदलेंगे, व्यवहार और बोलचाल का अंदाज भी बदलेगा… यह जरूरी भी था। भाषणों में कटुता कम होगी। फिर से सामंजस्य और सौहार्द की बातें होंगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Maharashtra Election 2024: प्रकाश अंबेडकर की पार्टी ने जारी की प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट, 10 मुस्लिम नेताओं को दिया मौका
Maharashtra Election 2024: प्रकाश अंबेडकर की पार्टी ने जारी की प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट, 10 मुस्लिम नेताओं को दिया मौका <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> प्रकाश अंबेडकर (Prakash Ambedkar) की वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) ने <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> के लिए अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची बुधवार को जारी कर दी. दूसरी लिस्ट में 10 मुस्लिम नेताओं को टिकट दिया गया है. महाराष्ट्र में अगले महीने चुनाव की संभावना है. जिन सीटों पर प्रत्याशी उतारे गए हैं उनमें मलकापुर, बालापुर, परभनी, औरंगाबाद सेंट्रल, कल्याण पश्चिम, गंगापुर, हडपसर, मान, शिरोई और सांगली शामिल है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वंचित बहुजन अघाड़ी ने मलकापुर से शहजाद खान सलीम खान, बालापुर से खातिब सैयद नतिकुद्दीन, परभनी से सैयद सामी सैयद साहेबजान, औरंगाबाद सेंट्रल से मोहम्मद जाविद मोहम्मद इसाक, गंगापुर से सैयद गुलाम नबी, कल्याण पश्चिम से अयाज गुल्जार मोलवी, हडपसर से मोहम्मद अफरोज मुल्ला, मान से इम्तियाज जफर नदफ, शिरोई से आरिफ महामदाली पटेल और सांगली से अल्लाउद्दीन हयातचंद कांजी को टिकट दिया है. </p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>The Vanchit Bahujan Aaghadi is pleased to declare its second list of candidates for the Maharashtra Assembly elections. <a href=”https://twitter.com/hashtag/MaharashtraAssembly2024?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#MaharashtraAssembly2024</a> <a href=”https://twitter.com/hashtag/VoteForVBA?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#VoteForVBA</a> <a href=”https://twitter.com/hashtag/VoteForGasCylinder?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#VoteForGasCylinder</a> <a href=”https://t.co/giKQ2aiYrd”>pic.twitter.com/giKQ2aiYrd</a></p>
— Vanchit Bahujan Aaghadi (@VBAforIndia) <a href=”https://twitter.com/VBAforIndia/status/1843917478784839740?ref_src=twsrc%5Etfw”>October 9, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अब तक कुल 21 प्रत्याशी उतार चुकी है प्रकाश अंबेडकर की पार्टी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>VBA ने इससे पहले 21 सितंबर को पहली सूची जारी की थी जिसमें 11 नाम थे. पार्टी अब तक रावेर, सिंदखेड़ राजा, वासिम, धमनगांव, नागपुर साउथर वेस्ट, सकोली, नांदेड़ दक्षिण, लोहा, औरंगाबाद पूर्व, शेवगांव और खानापुर से प्रत्याशी उतारा है. पहली सूची में वंजारी, बौद्ध, ओबीसी, मुस्लिम, लिंगायत, मराठा और आदिवासी समुदाय के नेता को मौका दिया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आज ही पार्टी ज्वाइन करने वाले नेता प्रकाश अंबेडकर ने दिया टिकट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आज ही VBA में कांग्रेस के 10 मुस्लिम नेता शामिल हुए हैं. पार्टी का कहना है कि ”कांग्रेस के सॉफ्ट-हिंदुत्व से असंतुष्ट वरिष्ठ नेता खतीब सय्यद संग 9 अन्य मुस्लिम नेता कांग्रेस छोड़ के वंचित बहुजन आघाडी में शामिल हुए. मुस्लिम मुसलमानों की हिस्सेदारी और बराबरी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.” प्रकाश अंबेडकर ने खतीब अहमद को भी पार्टी का टिकट दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में पिछला चुनाव 21 अक्टूबर 2019 को कराया गया था. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. उसने 105 सीटें जीती थीं. जबकि अविभाजित शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं. कांग्रेस ने 44 और अविभाजित एनसीपी ने 54 सीटें जीती थीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Mumbai Rape: मुंबई में घर छोड़ने के बहाने पहले दी लिफ्ट, फिर नशीली दवा पिलाकर किया रेप” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/mumbai-rape-case-two-men-raped-girl-after-drugged-in-bandra-maharashtra-police-arrested-one-accused-2800225″ target=”_self”>Mumbai Rape: मुंबई में घर छोड़ने के बहाने पहले दी लिफ्ट, फिर नशीली दवा पिलाकर किया रेप</a></strong></p>
Agra News: पीएम ग्रामीण आवास योजना में हुआ बड़ा बदलाव, सर्वे कराकर बैठकों में लाभार्थियों का होगा चयन
Agra News: पीएम ग्रामीण आवास योजना में हुआ बड़ा बदलाव, सर्वे कराकर बैठकों में लाभार्थियों का होगा चयन <p style=”text-align: justify;”><strong>Agra News:</strong> प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में बदलाव हुआ है, अब जो व्यक्ति 2018 के सर्वे में अपात्र हो गए थे. अब वो भी व्यक्ति पीएम आवास योजना का लाभ ले सकेंगे. पात्र व्यक्तियों के चयन हेतु पीएम आवास योजना की प्रत्येक चरण पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी. पात्र, निराश्रित, वास्तविक हकदार, जरूरतमंद को सर्वे में शामिल किया जाएगा. वर्ष 2018 के सर्वे में दो पहिया वाहन, फ्रिज, आवेदन कर्ता के परिवार के किसी सदस्य की 10 हजार प्रतिमाह कमाने नियम को हटाया गया है. अब 2024 के सर्वे में 15 हजार तक की धनराशि को सर्वे में शामिल किया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह द्वारा प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत दो पहिया वाहन, फ्रिज, दो कमरों के आवास स्वामी तथा 15 हजार कमाने वाले भी अब पात्रता की श्रेणी में होंगे. योजना के तहत ग्राम स्तर पर सर्वे कराकर खुली बैठकों में पात्र लाभार्थियों चयन किया जाएगा. ग्राम, विकास खंड एवं जनपद स्तर पर लाभार्थियों का सत्यापन कर लाभ दिया जाएगा. योजना मे पारदर्शिता एवं अपात्रों की छंटनी के लिए हर स्तर पर निगरानी की व्यवस्था होगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोली सीडीओ प्रतिभा सिंह</strong><br />सीडीओ प्रतिभा सिंह ने बताया कि चयन तथा चिन्हीकरण के मानक में बदलाव हुए है. चयन की प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा करते हुए शासन द्वारा पात्रता शर्तों में बदलाव करते हुए आवेदनकर्ता या उनके परिवार का कोई सदस्य रुपये 15 हजार प्रतिमाह तक कमा रहा हो तो वह भी योजना के लिए पात्र है. जबकि पहले यह सीमा 10 हजार रुपए थी. इसके अलावा दो पहिया वाहन, फ्रिज, दो कमरों के आवास स्वामी को भी पात्रता श्रेणी में रखा गया है .पहले उन्हें अपात्रता श्रेणी में रखा गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बैठक की होगी फोटोग्राफी</strong><br />इसके अतिरिक्त आश्रयविहीन परिवार, बेसहारा भीख मांग कर जीवनयापन करने वाले परिवार, हाथ से मैला ढोने वाले परिवार, आदिम जनजातीय समूह से सम्बन्धित परिवारों और वैधानिक रूप से मुक्त कराये गये बंधुआ मजदूरों को भी पात्रता श्रेणी में रखा गया है. इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में तीन दिन पूर्व बैठक के सम्बन्ध में नोटिस निर्गत कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बैठक में गाँव के लोग प्रतिभाग करें. बैठक की फोटोग्राफी कराकर इसे एलबम के रूप में जनपद स्तर पर संरक्षित किया जायेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>योजना की जानकारी रजिस्टर में होगी दर्ज</strong><br />खण्ड विकास अधिकारी प्रत्येक ग्राम पंचायत की बैठक की प्रतिभागिता हेतु स्वयं को या अपने अधीनस्थ सहायक विकास अधिकारियों को नामित करेंगे. इस रजिस्टर को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण लाभार्थी चयन-2024 रजिस्टर कहा जायेगा. योजना मे चयन से जुड़ी प्रत्येक पहलू की जानकारी इस रजिस्टर में दर्ज की जाएगी. ग्रामीणों को इस योजना में हुए बदलाव के लिए जागरूक किया जाएगा. जिसके लिए अधिकारी समय समय पर ग्रामीण क्षेत्र में प्रचार प्रसार करेंगे. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो को इस योजना का लाभ मिल सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-announces-recruitment-on-40-000-posts-in-next-6-months-2787996″>यूपी में नौकरियों की बहार, अगले 6 महीनों में 40,000 पदों पर होगी भर्ती, CM योगी का ऐलान</a></strong></p>
हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री का विपक्ष पर तंज:विज बोले-नतीजे देख राजनेताओं के उड़ेंगे होश; भगवान की जगह कोई नहीं ले सकता
हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री का विपक्ष पर तंज:विज बोले-नतीजे देख राजनेताओं के उड़ेंगे होश; भगवान की जगह कोई नहीं ले सकता हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आने वाले नतीजों को देखते हुए बहुत सारे राजनेताओं के होश उड़ने वाले हैं। अनिल विज सोमवार को अंबाला कैंट में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान अनिल विज ने विपक्ष के कई नेताओं के बयानों पर पलटवार किया है। बात का भाव समझना हर एक के बस की बात नहीं दरअसल, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने बयान में कहा था कि अगर पीएम मोदी भगवान है तो हम उनके लिए मंदिर बनवाएंगे। फूल और भोग भी चढ़ाएंगे। उनके बयान को लेकर अनिल विज ने कहा कि परमात्मा की जगह कोई नहीं ले सकता। हम डॉक्टर को भगवान का रूप कहते है, लेकिन वो भगवान नहीं बनते। बात का भाव समझना हर एक के बस की बात नहीं है। केजरीवाल हवा में छोड़ते हैं तीर: विज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में कहा था कि पंजाब वाले उन्हें 13 सांसद दे तो वे पंजाब का पैसा वापस लेकर आएंगे। जिस पर निशाना साधते हुए अनिल विज ने कहा कि केजरीवाल को हवा में तीर छोड़ने की आदत है। उन्हें पता है कि अब पंजाब के लोग उनका झूठ और फरेब समझ चुके है इस लिए वो ऐसी बातें कर रहे है। मल्लिकार्जुन खड़गे पर किया पलटवार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि हमें BJP वालों से भी ज्यादा विश्वास है। हम जीतने वाले हैं और वे हारने वाले हैं। इस बयान पर बोलते हुए अनिल विज ने कहा कि 4 जून को 400 पार का नारा सच होने वाला है और एक बार फिर नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।