हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में एक सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा जिला मुख्यालय कुल्लू से लगभग 14 किलोमीटर दूर रायसन कैच फैक्ट्री के पास शुक्रवार रात करीब 10 बजे हुआ। घटना में एचआरटीसी की बस और एक ऑल्टो कार की आमने-सामने की टक्कर हुई। हादसे में ऑल्टो कार में सवार नग्गर छाक्की गांव के निवासी दिनेश कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। कार में सवार दूसरे व्यक्ति विजय वर्मा को गंभीर चोटें आईं, जिन्हें तत्काल उपचार के लिए कुल्लू अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुल्लू के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) संजीव शर्मा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में एक सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा जिला मुख्यालय कुल्लू से लगभग 14 किलोमीटर दूर रायसन कैच फैक्ट्री के पास शुक्रवार रात करीब 10 बजे हुआ। घटना में एचआरटीसी की बस और एक ऑल्टो कार की आमने-सामने की टक्कर हुई। हादसे में ऑल्टो कार में सवार नग्गर छाक्की गांव के निवासी दिनेश कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। कार में सवार दूसरे व्यक्ति विजय वर्मा को गंभीर चोटें आईं, जिन्हें तत्काल उपचार के लिए कुल्लू अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुल्लू के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) संजीव शर्मा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल की पर्यटन निगम की वित्तीय हालत खराब:HPTDC की समीक्षा के लिए गठित की गई कमेटी, सेवानिवृत्त IAS तरूण श्रीधर होंगे अध्यक्ष
हिमाचल की पर्यटन निगम की वित्तीय हालत खराब:HPTDC की समीक्षा के लिए गठित की गई कमेटी, सेवानिवृत्त IAS तरूण श्रीधर होंगे अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी तरुण श्रीधर की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) की वित्तीय स्थिति की जांच व समीक्षा करने के लिए एक सदस्यीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी एचपीटीडीसी की वर्तमान वित्तीय स्थिति की जांच/समीक्षा करेगी और छह महीने के भीतर अपने सुझाव सरकार को देगी। समिति वित्तीय स्थिति की जांच व समीक्षा के साथ सीडब्ल्यूपी संख्या 9681/2023-जय कृष्ण मेहता बनाम राज्य एवं अन्य में उठाए गए मुद्दों के आलोक में निगम को लाभ में लाने के लिए कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित करने के लिए आवश्यक सुधारात्मक उपाय सुझाएगी। समिति हिमाचल सरकार के प्रधान सचिव (पर्यटन) को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। 6 महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी समिति
सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक समिति के सचिव के रूप में कार्य करेंगे। एचपीटीडीसी आवश्यकतानुसार समिति को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराएगा। जिसमें कार्य स्थल, आवास एवं भोजन तथा कार्यात्मक परिवहन आदि शामिल होंगे। समिति के कार्य के लिए होने वाला यात्रा व्यय हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम की ओर से वहन किया जाएगा। यह समिति अपनी सिफारिशें राज्य सरकार को शीघ्रता से छह माह की अवधि के भीतर प्रस्तुत करेगी। वित्तीय पारिश्रमिक नही लेंगे समिति अध्यक्ष
प्रधान सचिव पर्यटन कार्यालय से जारी अधिसूचना के अनुसार सरकार के अनुसार तरुण श्रीधर ने समिति का नेतृत्व करने पर सहमति व्यक्त की है और प्रस्तावित बैठक में शुल्क सहित किसी भी प्रकार का वित्तीय पारिश्रमिक स्वीकार करने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया है। हिमाचल सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रहे श्रीधर
बता दें तरुण श्रीधर ने अपने सेवाकाल में हिमाचल प्रदेश की अलग अलग सरकारों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और वह विभिन्न जिलों के उपायुक्त (डीसी) भी रहे हैं। इसके अलावा वह विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों के सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर भी कार्यरत रहे। HPTDC के 55 होटलों में से 35 घाटे में
बता दें कि विश्व भर में पर्यटन राज्य के रूप में अपनी पहचान रखने वाले हिमाचल प्रदेश की पर्यटन निगम की वित्तीय हालत खराब है। एक अनुमान के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में भी पर्यटन कारोबार का लगभग नौ फीसदी हिस्सा है। जानकारी के अनुसार HPTDC प्रदेश में 55 होटल का संचालन कर रहा है, जिसमें से 35 होटल घाटे में चल रहे हैं। पर्यटन विकास निगम के सिर्फ 20 होटल ही फायदे का सौदा है और अगर घाटे की बात करें तो घाटे में चल रहे निगम के होटल की संख्या 63 फीसदी से अधिक है।
हिमाचल सीएम पर होशियार सिंह का निशाना:बोले- सुक्खू के मित्रों पर ED-IT की कार्रवाई; मुख्यमंत्री भी चपेट में आने वाले, शिकंजा उनके गले में
हिमाचल सीएम पर होशियार सिंह का निशाना:बोले- सुक्खू के मित्रों पर ED-IT की कार्रवाई; मुख्यमंत्री भी चपेट में आने वाले, शिकंजा उनके गले में हिमाचल प्रदेश की देहरा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी होशियार सिंह ने वोट देने के बाद मीडिया से बातचीत में कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, बीते दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) और इनकम टैक्स (IT) की रेड CM सुक्खू के मित्रों के ठिकानों पर हुई है। इसमें जांच एजेंसी को कई किलो सोना और करोड़ों रुपए पास मिले है। होशियार सिंह ने कहा, सीएम सुक्खू भी इनकी चपेट में आने वाले हैं। उन्होंने दावा किया, CM की पत्नी ने एफेडेविड भी गलत दिया है, जिसमे उन्होंने गैर मुमकिन दरिया भी अपने परिवार के नाम दिखाया है, जबकि गैर मुमकिन दरिया किसी की संपत्ति नहीं हो सकती। इस दरिया से 200 करोड़ की माइनिंग की जा चुकी है। हर रोज 100 से 200 टिप्पर निकाले जा रहे है। होशियार ने कहा, उन्होंने शपथ पत्र में दी गई जानकारी को इलेक्शन कमीशन के पास चेलेंज कर दिया है। उन्होंने कहा, सीएम के दो साथी ईडी की चपेट में आ गए हैं। इनके खिलाफ दस्तावेज मिल चुके हैं। अब सुखविंदर सुक्खू के गले में भी शिकंजा फंसने वाला है। जयराम ने भी सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप शिमला में प्रेस कॉफ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, बीते दिनों ED-IT की कार्रवाई बड़े लोगों पर की गई। इन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है। जिन प्रभावशाली लोगों को सरकार का संरक्षण है, वह फल फूल रहे हैं। उन्होंने कहा, बिजली बोर्ड में 175 करोड़ का टैंडर 245 करोड़ रुपए में दिया जा रहा है। स्कूल के बच्चों को पानी की बोतल देने के लिए 90 करोड़ का टेंडर किया गया। बोतल की क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा जा रहा। रेट भी बहुत ज्यादा खोलने की तैयारी है। इसमें अगर जांच की जाए तो बहुत बड़ा भ्रष्टाचार निकलेगा। उन्होंने कहा कि 18 महीने के छोटे से कार्यकाल में सरकार पर इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगना गंभीर बात है। ED-IT की कार्रवाई को राजनीति से जोड़ना सही नहीं: जयराम जयराम ने कहा, ED-IT की कार्रवाई को राजनीति से जोड़ना सही नहीं है। क्योंकि केंद्रीय एजेंसी की रेड किसी भी राजनीतिक व्यक्ति पर नहीं पड़ी है। निश्चित रूप से इसके तार आगे जुड़ सकते हैं। वो हैरान करने वाली जरूर है।
हिमाचल में हाटी समुदाय से जुड़ा मुद्दा फिर गरमाया:कानून बनने के बाद भी लोगों को नहीं मिल रहा लाभ, हाईकोर्ट में लटका मामला
हिमाचल में हाटी समुदाय से जुड़ा मुद्दा फिर गरमाया:कानून बनने के बाद भी लोगों को नहीं मिल रहा लाभ, हाईकोर्ट में लटका मामला हिमाचल प्रदेश जिला सिरमौर के गिरी पार हाटी समुदाय के करीब तीन लाख लोगों से जुड़ा अनुसूचित जनजाति का मामला एक बार फिर गरमा गया है। यह मामला हिमाचल हाईकोर्ट में विचाराधीन है। हाटी समुदाय के लोग इसको जल्दी निपटाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि एक साल से ज्यादा का समय केंद्र से कानून बनने के बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसको लेकर हाटी समुदाय का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार देर शाम कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान से मिला। जिसके बाद मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के साथ हिमाचल हाईकोर्ट में महाधिवक्ता के साथ एक संयुक्त बैठक की। इस बैठक में उन्होंने हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति से जुड़े मामले को हाईकोर्ट से जल्द निपटाने को लेकर चर्चा की। मामले का जल्द निपटारा करने की मांग
कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जा देने को लेकर सरकार का पक्ष साफ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के मामले में असमंजस की स्थिति केंद्र सरकार की अधिसूचना की वजह से हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र का जैसे ही इस मामले में स्पष्टीकरण आया, हिमाचल सरकार ने 24 घंटे के भीतर उसको लागू किया। मगर मामला कोर्ट पहुंच गया जिसके कारण यह लंबित हो गया और इसके लिए उन्होंने लोगों के साथ मिलकर एडवोकेट जनरल से बैठक की है। उनसे आग्रह किया कि इस मामले को जल्द से जल्द निपटाया जाए। मंत्री ने कहा कि इसके लिए एक अच्छा वकील हायर करेंगे, जो मजबूती से हाटी समुदाय का पक्ष रखेंगे, सरकार पूरी मदद करेगी। मंत्री हर्षवर्धन ने भाजपा पर बोला हमला
इस दौरान मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने भाजपा पर भी जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस मामले को हाई जैक करने का प्रयास किया। लेकिन यह मामला राजनीतिक नहीं है, सभी लोगों ने इसके लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय हाटी संघर्ष समिति आज भाजपा का पिट्ठू बनी हुई है। समिति जनता से हाटी के नाम पर इसलिए पैसे इकट्ठे कर रही है कि सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि समिति के लोग सुप्रीम कोर्ट की बात सिर्फ इसलिए करते हैं क्योंकि उन्होंने अपनी राजनीति चमकानी है। परंतु हाटी कल्याण मंच इस लड़ाई को हाईकोर्ट में मजबूती से लड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई के लिए बहुत लोगों ने काम किया है जो आज इस दुनिया में नहीं हैं वह उन्हें नमन करता है। कैबिनेट मंत्री ने दिया मदद का आश्वासन
वहीं हाटी कल्याण मंच गिरी पार के अध्यक्ष प्रताप सिंह तोमर ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जा देने के मामले की वर्तमान स्थिति को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जा लागू करने को लेकर हाईकोर्ट के स्टे को हटाया जाए। इसको लेकर हाईकोर्ट में एडवोकेट जनरल के साथ विस्तृत रूप से चर्चा की। प्रताप सिंह तोमर ने कहा कि कैबिनेट मंत्री की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया है, कि इस मामले में सरकार हाटी समुदाय की पूरी तरह से मदद करने का प्रयास करेगी। 21 नवंबर को मामले की होगी सुनवाई
वहीं हिमाचल हाईकोर्ट में महाधिवक्ता अनूप रतन ने कहा कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदेश में लागू करने के मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है। अनूप ने बताया कि आज एक प्रतिनिधि मंडल ने उनसे मुलाकात की है। वह दलीलों के जरिए जल्द से जल्द इस मामले का निपटारा करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि 21 नवंबर को इस मामले में सुनवाई होनी है। मगर सरकार न्यायालय से दरख़्वास्त करेगी कि जल्द से जल्द मामले को सुना जाए। क्या है मामला.?
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी क्षेत्र में हाटी समुदाय के लोग 1967, यानी 55 सालों से उत्तराखंड के जौनसार बाबर को जनजाति दर्जा मिलने के बाद से उसी तर्ज पर जनजाति दर्जे की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने हाटी समुदाय की मांग को 14 सितंबर 2022 को अपनी मंजूरी दी थी। उसके बाद 16 दिसंबर 2022 को यह बिल लोकसभा से पारित हुआ और जुलाई 2023 में राज्यसभा से भी पारित हो गया। बाद में इसे राष्ट्रपति के लिए भेजा गया था, जहां 9 दिनों में ही राष्ट्रपति ने भी विधेयक पर मुहर लगा दी। लेकिन फिर मामला हाईकोर्ट पहुंच गया और तब से लंबित पड़ा है। इसका लाभ लोगों को नही मिल रहा है। बता दें कि सिरमौर जिले के हाटी समुदाय में करीब तीन लाख लोग, शिलाई, श्रीरेणुकाजी, पच्छाद और पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्रों में रहते हैं। जिला सिरमौर की कुल 269 पंचायतों में से ट्रांसगिरी में 154 पंचायतें आती हैं। इन 154 पंचायतों की 14 जातियों तथा उप जातियों को एसटी संशोधित विधेयक में शामिल किया गया है।