अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान HC की तल्ख टिप्पणी, IAS को दी जेल भेजने की चेतावनी

अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान HC की तल्ख टिप्पणी, IAS को दी जेल भेजने की चेतावनी

<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan High Court News:</strong> राजस्थान हाई कोर्ट ने गुरुवार (6 मार्च) को एक मामले की सुनवाई के दौरान एक आईएएस अफसर को सीधे कोर्ट रूम से जेल भेजने की बात कहकर फटकार लगाई. आईएएस अफसर पुरषोत्तम शर्मा (राजस्थान रोडवेज के एमडी) को कोर्ट में पेश होने पर ये फटकार लगी. जज ने कोर्ट में गार्ड को भी बुलवा लिया था, लेकिन आईएएस ने कोर्ट से माफी मांगते हुए कोर्ट के आदेश को चंद घंटों में पूरा करने का आश्वासन दिया तब जाकर मामला सुलझा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रोडवेज के एक पूर्व कर्मचारी की याचिका पर पहले हो चुके फैसले को पूरा नहीं करने को लेकर जज नरेंद्र सिंह ढड्ढा की कोर्ट में गुरुवार को अवमानना याचिका पर सुनवाई चल रही थी. इस दौरान जब कोर्ट में रोडवेज एमडी पुरुषोत्तम शर्मा पेश हुए तो जज ढड्ढा ने कहा कि आप कोर्ट के फैसले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. आज आप यही से जेल जाएंगे. इसके बाद जज ने कोर्ट में गार्ड को भी बुलवा लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि, एमडी पुरुषोत्तम शर्मा ने कोर्ट के कड़े रुख को देखकर फौरन अदालत से माफी मांगी. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा. इस पर अदालत ने उन्हें दो बजे तक का समय दिया. वहीं दोपहर दो बजे लंच के बाद जब कोर्ट की कार्रवाई दुबारा शुरू हुई तो रोडवेज एमडी ने कर्मचारी के बकाया साढ़े 10 लाख रुपये का चेक याचिकाकर्ता रोडवेज कर्मचारी को दे दिया. इसके बाद कोर्ट ने नेमीचंद गुप्ता द्वारा दायर अवमानना याचिका का निपटारा कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला?</strong><br />याचिकाकर्ता नेमी चंद गुप्ता के वकील विकास काबरा ने बताया कि उनके मुवक्किल नेमीचंद गुप्ता को रोडवेज ने 24 अप्रैल 2002 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी, जिसे उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने 8 अगस्त 2012 को कर्मचारी के पक्ष में फैसला देते हुए रोडवेज के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द कर दिया था. इसके बाद रोडवेज ने एकलपीठ के फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डबल बेंच ने रोडवेज की अपील खारिज कर दी, जिसके बाद रोडवेज ने डबल बेंच के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी 25 जुलाई 2024 को रोडवेज की याचिका खारिज कर दिया था.याचिका को खारिज करते समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजस्थान रोडवेज 31 दिसंबर 2024 तक हाई कोर्ट की एकलपीठ के 2012 के आदेश की पालना कर दे, लेकिन रोडवेज ने अदालती आदेश की पालना नहीं की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोर्ट ने क्या कहा?<br /></strong>इसके बाद नेमीचंद गुप्ता ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर दी थी. इस मामले की इस साल 19 फरवरी को हुई और तब हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि अगली तारीख पर रोडवेज के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक और भरतपुर डिपो के मुख्य प्रबंधक व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होंगे. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि इस मामले में प्रबंध निदेशक को हाजिरी माफी नहीं मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट में अपने अफसरों की व्यक्तिगत हाजिरी होता देख रोडवेज प्रशासन ने एक दिन पहले बुधवार को याचिकाकर्ता नेमीचंद गुप्ता को उनकी बकाया राशि साढ़े सैंतीस लाख में से सत्ताईस लाख का चेक सौंप दिया था. इसके बाद अब कोर्ट में रोडवेज एमडी ने जवाब दिया कि याचिकाकर्ता की बकाया राशि का भुगतान किया जा चुका है, लेकिन तब नेमीचंद गुप्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि अभी भी साढ़े 10 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया गया है. इस पर जज ढड्ढा नाराज हो गए और रोडवेज एमडी को कोर्ट से सीधे जेल भेजने की बात कही.</p>
<div id=”article-hstick-inner” class=”abp-story-detail “>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-&nbsp;<a title=”बाइक सवार तीन लोगों को ट्रक ने मारी टक्कर, पिता-पुत्र की मौत, बच्चे के चाचा की हालत गंभीर” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/bharatpur-accident-bike-hit-by-a-truck-father-and-son-died-in-rajasthan-ann-2898456″ target=”_self”>बाइक सवार तीन लोगों को ट्रक ने मारी टक्कर, पिता-पुत्र की मौत, बच्चे के चाचा की हालत गंभीर</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><iframe class=”vidfyVideo” style=”border: 0px;” src=”https://www.youtube.com/embed/V-RLDqfdLNQ?si=xtGD2ttIsWVd1BsR” width=”631″ height=”381″ scrolling=”no”></iframe></strong></p>
</div> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan High Court News:</strong> राजस्थान हाई कोर्ट ने गुरुवार (6 मार्च) को एक मामले की सुनवाई के दौरान एक आईएएस अफसर को सीधे कोर्ट रूम से जेल भेजने की बात कहकर फटकार लगाई. आईएएस अफसर पुरषोत्तम शर्मा (राजस्थान रोडवेज के एमडी) को कोर्ट में पेश होने पर ये फटकार लगी. जज ने कोर्ट में गार्ड को भी बुलवा लिया था, लेकिन आईएएस ने कोर्ट से माफी मांगते हुए कोर्ट के आदेश को चंद घंटों में पूरा करने का आश्वासन दिया तब जाकर मामला सुलझा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रोडवेज के एक पूर्व कर्मचारी की याचिका पर पहले हो चुके फैसले को पूरा नहीं करने को लेकर जज नरेंद्र सिंह ढड्ढा की कोर्ट में गुरुवार को अवमानना याचिका पर सुनवाई चल रही थी. इस दौरान जब कोर्ट में रोडवेज एमडी पुरुषोत्तम शर्मा पेश हुए तो जज ढड्ढा ने कहा कि आप कोर्ट के फैसले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. आज आप यही से जेल जाएंगे. इसके बाद जज ने कोर्ट में गार्ड को भी बुलवा लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि, एमडी पुरुषोत्तम शर्मा ने कोर्ट के कड़े रुख को देखकर फौरन अदालत से माफी मांगी. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा. इस पर अदालत ने उन्हें दो बजे तक का समय दिया. वहीं दोपहर दो बजे लंच के बाद जब कोर्ट की कार्रवाई दुबारा शुरू हुई तो रोडवेज एमडी ने कर्मचारी के बकाया साढ़े 10 लाख रुपये का चेक याचिकाकर्ता रोडवेज कर्मचारी को दे दिया. इसके बाद कोर्ट ने नेमीचंद गुप्ता द्वारा दायर अवमानना याचिका का निपटारा कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला?</strong><br />याचिकाकर्ता नेमी चंद गुप्ता के वकील विकास काबरा ने बताया कि उनके मुवक्किल नेमीचंद गुप्ता को रोडवेज ने 24 अप्रैल 2002 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी, जिसे उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने 8 अगस्त 2012 को कर्मचारी के पक्ष में फैसला देते हुए रोडवेज के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द कर दिया था. इसके बाद रोडवेज ने एकलपीठ के फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डबल बेंच ने रोडवेज की अपील खारिज कर दी, जिसके बाद रोडवेज ने डबल बेंच के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी 25 जुलाई 2024 को रोडवेज की याचिका खारिज कर दिया था.याचिका को खारिज करते समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजस्थान रोडवेज 31 दिसंबर 2024 तक हाई कोर्ट की एकलपीठ के 2012 के आदेश की पालना कर दे, लेकिन रोडवेज ने अदालती आदेश की पालना नहीं की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोर्ट ने क्या कहा?<br /></strong>इसके बाद नेमीचंद गुप्ता ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर दी थी. इस मामले की इस साल 19 फरवरी को हुई और तब हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि अगली तारीख पर रोडवेज के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक और भरतपुर डिपो के मुख्य प्रबंधक व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होंगे. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि इस मामले में प्रबंध निदेशक को हाजिरी माफी नहीं मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट में अपने अफसरों की व्यक्तिगत हाजिरी होता देख रोडवेज प्रशासन ने एक दिन पहले बुधवार को याचिकाकर्ता नेमीचंद गुप्ता को उनकी बकाया राशि साढ़े सैंतीस लाख में से सत्ताईस लाख का चेक सौंप दिया था. इसके बाद अब कोर्ट में रोडवेज एमडी ने जवाब दिया कि याचिकाकर्ता की बकाया राशि का भुगतान किया जा चुका है, लेकिन तब नेमीचंद गुप्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि अभी भी साढ़े 10 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया गया है. इस पर जज ढड्ढा नाराज हो गए और रोडवेज एमडी को कोर्ट से सीधे जेल भेजने की बात कही.</p>
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