लुधियाना| बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने असिस्टेंट इंजीनियर के पदों पर भर्ती निकाली है। 118 पदों पर भर्ती की जाएगी। जिनके लिए 30 जून तक आवेदन किया गया है। उम्मीदवार वेबसाइट bpsc.bih.nic.in के माध्यम से अप्लाई कर सकते हैं। पद के अनुसार संबंधित विषय में बीटेक की डिग्री होनी जरूरी है। अधिकतम उम्र सीमा 37 साल निर्धारित की गई है। नियमों के तहत उम्र सीमा में रिजर्व्ड श्रेणी के उम्मीदवारों को राहत मिलेगी। रिटन एग्जाम के बेसिस पर चुनाव किया जाएगा। लुधियाना| बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने असिस्टेंट इंजीनियर के पदों पर भर्ती निकाली है। 118 पदों पर भर्ती की जाएगी। जिनके लिए 30 जून तक आवेदन किया गया है। उम्मीदवार वेबसाइट bpsc.bih.nic.in के माध्यम से अप्लाई कर सकते हैं। पद के अनुसार संबंधित विषय में बीटेक की डिग्री होनी जरूरी है। अधिकतम उम्र सीमा 37 साल निर्धारित की गई है। नियमों के तहत उम्र सीमा में रिजर्व्ड श्रेणी के उम्मीदवारों को राहत मिलेगी। रिटन एग्जाम के बेसिस पर चुनाव किया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब का हलवारा एयरपोर्ट नए साल पर होगा शुरू:90% काम पूरा, डेल्टा लिंक और बेल्स सिक्योरिटी सिस्टम इंस्टॉलेशन बाकी; 4 जिलों को फायदा
पंजाब का हलवारा एयरपोर्ट नए साल पर होगा शुरू:90% काम पूरा, डेल्टा लिंक और बेल्स सिक्योरिटी सिस्टम इंस्टॉलेशन बाकी; 4 जिलों को फायदा पंजाब के लुधियाना शहर से करीब 31 किलोमीटर दूर रायकोट कस्बे में स्थित हलवारा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू होने में अभी करीब 2 महीने और लगेंगे। क्योंकि इससे जुड़े अधिकारियों का सुझाव है कि इस महीने भी परियोजना का काम पूरा नहीं हो पाएगा। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा निर्माण एजेंसियों के माध्यम से इम्पलीमेंट की जा रही इस परियोजना की कई समय सीमाएं पहले ही समाप्त हो चुकी हैं। दिसंबर के अंत तक एयरपोर्ट को लोगों के लिए खोला जा सकता है। पहले चरण में घरेलू उड़ानें शुरू होंगी। यहां 172 सीटों वाला विमान आसानी से उतर सकेगा। हलवारा में बना एयरपोर्ट 161.28 एकड़ में फैला है। इस क्षेत्र में बना टर्मिनल एरिया 2,000 वर्ग मीटर है। जमीन को छोड़कर कुल परियोजना लागत करीब 70 करोड़ रुपये है। पीडब्ल्यूडी द्वारा 90 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। अब भारतीय वायुसेना द्वारा 10 फीसदी काम किया जाना बाकी है। सुरक्षा कारणों से इस काम में समय लग रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने हलवारा में अत्याधुनिक सिविल एयर टर्मिनल के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए 50 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिए हैं। 2007 में पास हुई थी एयरपोर्ट की योजना गौरतलब है कि लुधियाना में एयरपोर्ट बनाने की योजना 2007 में पास हुई थी। 2010 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इसका शिलान्यास करना था, लेकिन किसी कारणवश तमाम तैयारियों के बावजूद यह काम नहीं हो सका। इसके बाद पंजाब सरकार ने जमीन अधिग्रहण करने से मना कर दिया। दिसंबर 2018 में इस योजना पर दोबारा काम शुरू हुआ। इसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की 51 फीसदी और पंजाब सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी थी। ये है एयरपोर्ट के मौजूदा काम की स्थिति अभी तक टर्मिनल, लाइटिंग, शौचालय, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), बागवानी, रनवे, टैक्सीवे, सुरक्षा व्यवस्था और अनाउंसमेंट सिस्टम समेत लगभग हर काम पूरा हो चुका है। टर्मिनल पर लगाए गए एयर कंडीशनिंग सिस्टम की टेस्टिंग हो चुकी है और ये टेस्टिंग भी सफल रही। अब सिर्फ डेल्टा लिंक तैयार होना बाकी है। इसके साथ ही एप्रन और रनवे लिंक पर सुरक्षा बेल्स सिस्टम लगाया जाना बाकी है। प्रोजेक्ट का 90% से ज्यादा काम पूरा हो चुका है और निर्माणाधीन प्रोजेक्ट साइट के अंदर सिविल वर्क पूरा हो चुका है। लिंक टैक्सीवे का पहला चरण पूरा हो चुका है और अब लिंक टैक्सीवे के दूसरे चरण के काम को शुरू करने के लिए भारतीय वायुसेना की हरी झंडी का इंतजार है। एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया टर्मिनल बिल्डिंग के बाहर बाईं तरफ कर्मचारी टाइल बिछा रहे हैं। फुटपाथ का थोड़ा सा काम बाकी है और एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग से ऐतियाना लिंक रोड को जोड़ने वाले पुल की फिनिशिंग का काम होना है। अब जबकि सिविल वर्क पूरा हो गया है, विभाग ने एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एएआई (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को पत्र लिखा है। काम की प्रगति पर नजर रखने वाली एएआई की टीम आने वाले समय में टर्मिनल बिल्डिंग का दौरा करेगी और जानकारी साझा करेगी और कुछ छोटे-मोटे बदलाव भी कर सकती है। हलवारा में लंबा रनवे और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम वहीं एएआई सूत्रों की मानें तो निर्माण कार्य लगभग पूरा होने को है, लेकिन ऐसा नहीं लगता कि इस साल हलवारा एयरपोर्ट से परिचालन शुरू हो पाएगा। हालांकि निर्माणाधीन एयरपोर्ट परियोजना के पूरा होने पर एएआई साहनेवाल एयरपोर्ट से परिचालन हलवारा एयरपोर्ट पर स्थानांतरित कर सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हलवारा में लंबा रनवे और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) है, जिससे विमान कम ऊंचाई पर भी उतर सकते हैं। इस बीच लुधियाना के लोग हलवारा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यातायात आंकड़ों के अनुसार प्रस्तावित परियोजना आधार वर्ष में 0.25 मिलियन यात्रियों और 2031-32 तक 1.38 मिलियन यात्रियों को संभालेगी। 172 बोइंग उड़ानों को संभालने की क्षमता होगी एएआई अधिकारियों का कहना है कि हलवारा हवाई अड्डे में 172 बोइंग उड़ानों को संभालने की क्षमता होगी, जबकि साहनेवाल में 172 सीटर एटीआर उड़ानों की क्षमता है। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे की इमारत में अंतरराष्ट्रीय, घरेलू और कार्गो टर्मिनल सहित तीन टर्मिनल होंगे। रनवे की लंबाई अभी नहीं बताई जा सकती क्योंकि सुरक्षा कारणों से वायुसेना इस पर काम कर रही है। हलवारा हवाई अड्डा का इतिहास हलवारा वायु सेना स्टेशन एक भारतीय वायु सेना (IAF) बेस रहा है और इसका उपयोग द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सहयोगी वायु सेना के स्टेजिंग बेस के रूप में किया गया था और युद्ध के बाद इसे छोड़ दिया गया था। इसे 16 मार्च 1950 को भारतीय वायु सेना के तहत पुनः सक्रिय किया गया। PWD के पीएसआई इंजीनियर राजीव कुमार ने बताया…
एयरपोर्ट का सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है। एयरफोर्स कैंपस के अंदर का काम अभी प्रक्रिया में है। हमारी पूरी कोशिश है कि दिसंबर के अंत तक बाकी काम पूरा हो जाए। अभी डी लिंक और कनेक्टिंग टैक्सवे का काम बाकी है। सुरक्षा के मद्देनजर सिक्यूरिटी बेल्स का काम भी बाकी है। सुरक्षा कारणों से अभी यह नहीं बताया जा सकता कि रनवे कितने किलोमीटर लंबा बन रहा है। एएआई को तय करना है कि किन शहरों से सबसे पहले उड़ानें शुरू होंगी। यहां 172 सीटों की क्षमता वाला विमान भी आसानी से उतर सकेगा। टिकट दरों को लेकर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। इस बारे में भी एएआई ही फैसला करेगा। एयरपोर्ट बनने से ये होंगे फायदे
एयरपोर्ट बनने के बाद सबसे पहले घरेलू उड़ानें शुरू होंगी। जिसके बाद एएआई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शुरू करेगा। अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा जो विदेश जाने के लिए अमृतसर, मोहाली और दिल्ली जाते थे। उन्हें दोबारा वहां नहीं जाना पड़ेगा। उद्योगपतियों के लिए बड़ी सुविधा होगी। कारोबारी आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। आस-पास की रियल एस्टेट की कीमतें बढ़ेंगी। सीआईसीयू के अध्यक्ष उपकार सिंह आहूजा ने कहा… चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल अंडरटेकिंग (सीआईसीयू) के अध्यक्ष उपकार सिंह आहूजा ने कहा कि इंडस्ट्री को हलवारा एयरपोर्ट की बहुत जरूरत है। विदेशों से बहुत से ग्राहक आते हैं, लेकिन वे दिल्ली होकर लौटते हैं। जिससे व्यापार में घाटा होता है। विदेशी ग्राहक सड़क और रेल से यात्रा करना पसंद नहीं करते। हमारी सरकार हमेशा मांग करती रही है कि एयरपोर्ट के साथ कार्गो की सुविधा भी दी जाए। टेक्सटाइल होजरी का बहुत निर्यात होता है, इसलिए कार्गो से कारोबारियों को फायदा होगा। पंजाब में कार्गो शुरू होने से जब सब्जियां, फूल और फल भी निर्यात होंगे, तो किसानों को भी फायदा होगा। हलवारा एयरपोर्ट को जल्द शुरू करने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा गया है। लुधियाना में करीब 95 हजार एमएसएमई हैं। यहां से रोजाना 400 टैक्सियां विदेश यात्रा के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जाती हैं। साहनेवाल एयरपोर्ट पर बड़े बोइंग विमान नहीं उतर सकते
साहनेवाल एयरपोर्ट पहले ही बन चुका है, लेकिन यह तकनीकी रूप से सही नहीं था। साहनेवाल एयरपोर्ट भीड़भाड़ वाले इलाके में बनाया गया है। वहां बड़े बोइंग विमान नहीं उतर सकते। हलवारा को अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनाया जा रहा है, इससे लोगों को राहत मिलेगी। राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा ने भी मांग की थी, जिसके बाद एयर इंडिया के साथ बैठक भी हुई थी। अब सामने आया है कि सिविल वर्क पूरा हो चुका है और एयरफोर्स की तरफ से काम बाकी है। जब एयरपोर्ट चालू होगा तो सबसे पहले घरेलू उड़ानें शुरू होंगी। एयर टिकटिंग ट्रैवल एजेंसी संचालक निधि बहल ने बताया…
हलवारा एयरपोर्ट खुलने से कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। एएआई ने अभी यह घोषणा नहीं की है कि किन शहरों से सबसे पहले उड़ानें शुरू होंगी। न ही टिकटों की कीमत का अभी पता है। अगर डेली टिकटिंग की बात करें तो हर दिन करीब 500 ग्राहक डोमेस्टिक और इंटरनेशनल टिकट के लिए आते हैं। इन ग्राहकों में ज्यादातर व्यापारी, छात्र और एनआरआई शामिल हैं। अमृतसर, मोहाली या दिल्ली एयरपोर्ट से लुधियाना लौटने वाले लोगों की संख्या भी इतनी ही है। हलवारा एयरपोर्ट बनने से लोगों का समय बचेगा।
संगरुर में पत्नी से परेशान युवक ने दी जान:नहर में कूदा, हुई थी दूसरी शादी, सुसाइड से पहले पिता को किया फोन
संगरुर में पत्नी से परेशान युवक ने दी जान:नहर में कूदा, हुई थी दूसरी शादी, सुसाइड से पहले पिता को किया फोन पंजाब के संगरुर में गांव नदामपुर के पास पत्नी से परेशान एक युवक द्वारा नहर में कूदकर आत्महत्या किए जाने मामला सामने आया है। नहर में कूदने के 2 दिन बाद भट्टीवाल के पास नहर से व्यक्ति का शव बरामद कर लिया गया है। मृतक की पहचान सोमा सिंह निवासी लहरागागा के रूप में हुई है। पुलिस ने मृतक की पत्नी की शिकायत पर मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, मलकीत सिंह निवासी लहरागागा ने भवानीगढ़ पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 14 अगस्त को उसके बेटे सोमा सिंह ने उसे फोन कर बताया कि उसकी पत्नी अमनदीप कौर का उसके साथ झगड़ा होता रहता है, जिससे वह बहुत दुखी है और अब वह जीना नहीं चाहता, इसलिए नहर में कूद जाएगा। नहर किनारे खड़ी मिली बाइक शिकायतकर्ता मलकीत सिंह ने बताया कि कुछ देर बाद सोमा सिंह का फोन बंद हो गया। मौके पर पहुंचने पर सोमा सिंह की बाइक नदामपुर नहर के किनारे खड़ी मिली। पुलिस को सूचना देने के बाद परिजनों ने सोमा सिंह की तलाश शुरू की। इसी दौरान शुक्रवार को गांव भट्टीवाल के पास नहर पुल के पास से सोमी सिंह का शव बरामद हुआ। मामले की जांच कालाझार थाने के एएसआई जसवीर सिंह ने बताया कि मृतक सोमा सिंह की दूसरी शादी भवानीगढ़ की अमनदीप कौर से हुई थी। पुलिस ने मृतक के पिता के बयानों के आधार पर सोमा सिंह की पत्नी अमनदीप कौर निवासी संगतसर नगर भवानीगढ़ के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अमृतसर गोल्डन टेंपल में बदले गए निशान साहिब:केसरी उतार बसंती रंग चढ़ाया गया; श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों पर एक्शन
अमृतसर गोल्डन टेंपल में बदले गए निशान साहिब:केसरी उतार बसंती रंग चढ़ाया गया; श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों पर एक्शन पंजाब के अमृतसर में गोल्डन टेंपल में आज शुक्रवार सभी निशान साहिबों को बदल दिया गया। बीते दिनों श्री अकाल तख्त साहिब ने निशान साहिब का रंग बसंती (पीला) व सुरमई (नीला) करने के आदेश दिए थे। आदेशों के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अंतर्गत आते सभी गुरुद्वारों के निशान साहिबों के केसरी रंग (भगवा) उतार बसंती या सुरमई किया गया है। गोल्डन टेंपल में आज सुबह अरदास के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के पास मीरी-पीरी को समर्पित निशान साहिब से केसरी कपड़ा उतार बसंती चढ़ाया गया। इसके बाद गोल्डन टेंपल के अंतर्गत आते सभी निशान साहिबों को एक-एक कर उतार उस पर बसंती निशान साहिब किया जा रहा है। दरअसल, 15 जुलाई को अमृतसर में हुई पांच तख्तों के जत्थेदारों की बैठक में इसे लेकर फैसला किया गया था। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के तहत आते हर गुरुद्वारा साहिब में अब केसरी रंग की जगह सुरमई (नेवी ब्लू) या बसंती (पीले) रंग का निशान साहिब ही फहराया जाएगा। SGPC ने जारी किया था सर्कुलर श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से दिए गए आदेशों के बाद अब SGPC ने 26 जुलाई को एक सर्कुलर जारी किया गया था। धर्म प्रचार समिति की ओर से जारी परिपत्र में सिख प्रचारकों को सिख राहत मर्यादा के बारे में संगत और गुरुद्वारा प्रबंधनों के बीच जागरूकता पैदा करने के आदेश भी हैं। भगवा रंग का भी होता था निशान साहिब वर्तमान में, निशान साहिब ज्यादातर केसरी (भगवा) रंग में देखा जाता है। अधिकांश गुरुद्वारों में भी केसरी रंग का निशान साहिब होता है वहीं निहंग समूहों और उनकी छावनियों द्वारा प्रबंधित गुरुद्वारों में यह सुरमई रंग में होता है। जुड़वां निशान साहिब झंडे, जो मिरी पीरी के प्रतीक हैं वहां भी केसरी रंग के निशान साहिब फहराए जाते रहे हैं।