भास्कर न्यूज | अमृतसर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा श्री दरबार साहिब में संचालित दुनिया की सबसे बड़ी सांझी रसोई श्री गुरु राम दास जी लंगर में सुरक्षा के नजरिए से बंदोबस्त करने शुरू कर दिए गए हैं। इसकी पहली कड़ी में दाल, सब्जी और खीर आदि बनाने वाले बड़े-बड़े कड़ाहों पर मोटो-मोटे रॉड लगा दिए हैं, ताकि कोई बीच में न गिरे। आगे लंगर तैयार करने वालों के साथ कोई हादसा न हो उसके लिए सेवादारों और मुलाजिमों के लिए सेफ्टी बेल्ट भी तैयार होगी। कमेटी ने विगत में हुए कुछ हादसों से सबक लेते हुए यह पहल की है। गौर हो कि 3 अगस्त को लंगर हॉल में बड़े कड़ाहे में लंगर के लिए आलू उबालते वक्त मुलाजिम बलबीर सिंह, निवासी धालीवाल गुरदास पुर गिर गए थे, जिसमें उनका शरीर 70 फीसदी झुलस गया था। इसके बाद उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। इसी तरह से साल 2017 में अमृतसर निवासी मुलाजिम रणजीत सिंह भी ऐसे ही कड़ाह में गिर गए थे और वह 80 फीसदी जल गए थे और इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई थी। खैर, इन्हीं घटनाओं को रोकने के लिए कमेटी ने सुरक्षा के बंदोबस्त करने शुरू किए हैं। भास्कर न्यूज | अमृतसर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा श्री दरबार साहिब में संचालित दुनिया की सबसे बड़ी सांझी रसोई श्री गुरु राम दास जी लंगर में सुरक्षा के नजरिए से बंदोबस्त करने शुरू कर दिए गए हैं। इसकी पहली कड़ी में दाल, सब्जी और खीर आदि बनाने वाले बड़े-बड़े कड़ाहों पर मोटो-मोटे रॉड लगा दिए हैं, ताकि कोई बीच में न गिरे। आगे लंगर तैयार करने वालों के साथ कोई हादसा न हो उसके लिए सेवादारों और मुलाजिमों के लिए सेफ्टी बेल्ट भी तैयार होगी। कमेटी ने विगत में हुए कुछ हादसों से सबक लेते हुए यह पहल की है। गौर हो कि 3 अगस्त को लंगर हॉल में बड़े कड़ाहे में लंगर के लिए आलू उबालते वक्त मुलाजिम बलबीर सिंह, निवासी धालीवाल गुरदास पुर गिर गए थे, जिसमें उनका शरीर 70 फीसदी झुलस गया था। इसके बाद उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। इसी तरह से साल 2017 में अमृतसर निवासी मुलाजिम रणजीत सिंह भी ऐसे ही कड़ाह में गिर गए थे और वह 80 फीसदी जल गए थे और इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई थी। खैर, इन्हीं घटनाओं को रोकने के लिए कमेटी ने सुरक्षा के बंदोबस्त करने शुरू किए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में जग्गू भगवानपुरिया गैंग का सदस्य गिरफ्तार:6 पिस्तौल, 10 कारतूस बरामद, काउंटर इंटेलिजेंस की कार्रवाई, मध्य प्रदेश से हथियार लाने की आशंका
अमृतसर में जग्गू भगवानपुरिया गैंग का सदस्य गिरफ्तार:6 पिस्तौल, 10 कारतूस बरामद, काउंटर इंटेलिजेंस की कार्रवाई, मध्य प्रदेश से हथियार लाने की आशंका अमृतसर की काउंटर इंटेलिजेंस टीम ने खुफिया ऑपरेशन के तहत अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने जग्गू भगवानपुरिया गिरोह से जुड़े गुरबाज सिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके पास से छह .32 बोर की पिस्तौल और दस जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि ये हथियार आपराधिक गतिविधियों के लिए मध्य प्रदेश से पंजाब में तस्करी करके लाए गए थे। आशंका है कि इन हथियारों का इस्तेमाल गैंगवार, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और अन्य अवैध गतिविधियों में किया जाना था। पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की कोशिश में जुटी पुलिस काउंटर इंटेलिजेंस टीमें अब इस गिरोह की पूरी सप्लाई चेन और अन्य सहयोगियों की पहचान करने के लिए गहन जांच कर रही हैं। पुलिस का उद्देश्य इस अवैध हथियार तस्करी नेटवर्क को जड़ से खत्म करना है। पंजाब पुलिस के मुताबिक इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। गिरफ्तार आरोपी गुरबाज सिंह कुख्यात अपराधी जग्गू भगवानपुरिया गिरोह का सक्रिय सदस्य है, जो पंजाब और आसपास के राज्यों में हत्या, डकैती और जबरन वसूली जैसे अपराधों में शामिल रहा है। इस गिरोह के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं और यह अक्सर अवैध हथियारों की सप्लाई से जुड़ा हुआ है। पंजाब पुलिस का कहना है कि वह राज्य में अवैध हथियारों की सप्लाई और गैंगस्टर संस्कृति को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
स्नेचिंग के आरोपी को पांच साल कैद की सुनाई सजा
स्नेचिंग के आरोपी को पांच साल कैद की सुनाई सजा स्नेचिंग के मामले में एडिशनल सेशन कोर्ट के जज शिव मोहन गर्ग की तरफ से आरोपी कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। मामला साल 2016 में थाना साहनेवाल में दर्ज किया गया था। जिसमें शिकायतकर्ता सर्वोत्तम सिंह ने कहा कि वह थाने के सामने ही होटल चलाता है। घटना वाले दिन वो रामगढ़ एक रैली के सम्बन्ध में गया था। तभी सनराइज पैलेस के बाहर खड़े होकर उसने अपने पर्स में से पैसे निकाल अपने भाई को देने लगा तो दो लड़के मोटरसाइकिल पर आए। जो उससे पर्स छीन कर भाग गए। उस समय पर्स में 17 हज़ार रुपये और पैन कार्ड था। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच के दौरान दो लड़कों सोबित कुमार और कुलविंदर सिंह किन्दा को गिरफ्तार कर उनसे 17 हज़ार रिकवर किए। फिर अदालत में चालान पेश करने पर सोबित को अक्टूबर 2017 मे पांच साल की सजा हुई, जबकि किन्दा कोर्ट से गैर हाजिर होने पर भगोड़ा करार कर दिया गया। बाद में पुलिस ने उसे पकड़ दोबारा से चालान पेश किया। फिर उसे सजा सुनाई गई।

नौकरी की मांग को लेकर साइकिल पर निकला खिलाड़ी:मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलेगा; गुरदासपुर से चंडीगढ़ की ओर निकला
नौकरी की मांग को लेकर साइकिल पर निकला खिलाड़ी:मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलेगा; गुरदासपुर से चंडीगढ़ की ओर निकला गुरदासपुर में एक मैराथन खिलाड़ी नौकरी मांग को लेकर साइकिल पर सवार होकर मुख्यमंत्री भगवंत मान और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के लिए रवाना हो चुका है। खिलाड़ी का नाम सरबजीत सिंह है, जिसने 1856 में उसने जिला स्तर, 1987 में पंजाब स्तर और 1988 में सीनियर लेवल पर मुकाबले जीते। 1989-90 में दिल्ली में हुई स्कूल नेशनल खेलों में सरबजीत ने गोल्ड मेडल जीता था। इसके लिए सरबजीत को दिल्ली के राज्यपाल अर्जुन सिंह और फिर पंजाब के राज्यपाल ओपी मल्होत्रा ने सम्मानित भी किया था। सरबजीत ने कहा वह सरकारी नौकरी के लिए 1990 से 2002 तक कई मंत्रियों और अधिकारियों से मिला पर उसे नौकरी नहीं मिली। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद उसने 2022 में मुख्यमंत्री भगवंत मान मिलने के लिए पहुंचा लेकिन किसी ने मिलने नहीं दिया, जिसके बाद वह पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर से मिले। लेकिन, उन्होंने कहा कि उनकी उम्र निकल चुकी है। वह उन्हें नौकरी नहीं दे सकते। मुख्यमंत्री चाहे तो कोई पॉलिसी बना सकते हैं।
सरबजीत सिंह की दो तस्वीरें… राष्ट्रपति से भी मिलकर नौकरी की मांग करेंगे
अब वह एक चपरासी की नौकरी की मांग को लेकर गले में मेडल डालकर साइकिल पर चंडीगढ़ और दिल्ली के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले मुख्यमंत्री से चंडीगढ़ में मिलेंगे। इसके बाद दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। उनसे मिलकर वे नौकरी की मांग करेंगे। सरबजीत ने कहा कि अगर उनको नौकरी नहीं मिलती है तो वह गुरदासपुर से कन्या कुमारी तक गले में मेडल डालकर साइकिल पर ही देश का चक्कर लगाएंगे। सभी लोगों को बताइए की खिलाड़ियों के साथ इस देश में क्या होता है। उन्होंने कहा कि मैंने 2011 से 2014 तक लगातार मैराथन में हिस्सा लिया। इसी दौरान उन्होंने दुबई में एथलीट की तैयारियां शुरू कर दी थी। सरबजीत के परिवार में पिता, पत्नी और 2 बेटियां हैं। जिनकी जिम्मेदारी उन्हीं पर है।