आग के मुहाने पर मेरठ के अस्पताल:बागपत, दिल्ली, राजकोट हादसे के बाद टूटी स्वास्थ्य विभाग की नींद

आग के मुहाने पर मेरठ के अस्पताल:बागपत, दिल्ली, राजकोट हादसे के बाद टूटी स्वास्थ्य विभाग की नींद

तपती गर्मी में मेरठ के अस्पतालों में कभी भी आग लगने का हादसा हो सकता है। अस्पतालों में आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग भी अस्पतालों की लापरवाही पर चुप्पी साधे बैठा है। अस्पताल में जरा सी चिंगारी किसी भी भीषण अग्निकांड का रूप ले सकती है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इसकी चिंता नहीं हैं। 3 दिन में देश में 3 बड़े अग्निकांड पिछले तीन दिनों में देश में आग लगने की तीन बड़ी घटनाएं हुईं हैं। गुजरात के राजकोट के गेमिंग जोन में भीषण अग्निकांड हुआ। उधर दिल्ली में बेबी केयर यूनिट में आग लगने से 7 नवजातों की जान चली गई। इनसे अलग पिछले दो दिन में वेस्ट यूपी में बागपत और बिजनौर दो जगह बड़े अग्निकांड हुए हैं। बागपत में अस्पताल में आग लग गई इसी तरह बिजनौर में एक प्राइवेट अस्पताल में आग लग गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी है। 290 में कुल 229 पर फायर एनओसी
मेरठ सीएमओ की तरफ से एक सार्वजनिक सूचना जारी की गई है। जिसमें उन्होंने अस्पतालों को फायर विभाग की एनओसी लेकर आग से बचाव के सारे इंतजाम करने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य विभाग के पास जिले में 290 अस्पताल रजिस्टर्ड हैं। फायर विभाग के अनुसार 290 में से 229 अस्पतालों के पास ही फायर की एनओसी है। बाकी के अस्पताल ऐसे ही बिना फायर एनओसी के चल रहे हैं। जिन पर आज तक स्वास्थ्य विभाग का कभी ध्यान नहीं गया। CMO डॉ अखिलेश मोहन ने कहा यदि अस्पताल द्वारा अग्निशमन विभाग की एनओसी नहीं ली जाती तो हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। तपती गर्मी में मेरठ के अस्पतालों में कभी भी आग लगने का हादसा हो सकता है। अस्पतालों में आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग भी अस्पतालों की लापरवाही पर चुप्पी साधे बैठा है। अस्पताल में जरा सी चिंगारी किसी भी भीषण अग्निकांड का रूप ले सकती है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इसकी चिंता नहीं हैं। 3 दिन में देश में 3 बड़े अग्निकांड पिछले तीन दिनों में देश में आग लगने की तीन बड़ी घटनाएं हुईं हैं। गुजरात के राजकोट के गेमिंग जोन में भीषण अग्निकांड हुआ। उधर दिल्ली में बेबी केयर यूनिट में आग लगने से 7 नवजातों की जान चली गई। इनसे अलग पिछले दो दिन में वेस्ट यूपी में बागपत और बिजनौर दो जगह बड़े अग्निकांड हुए हैं। बागपत में अस्पताल में आग लग गई इसी तरह बिजनौर में एक प्राइवेट अस्पताल में आग लग गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी है। 290 में कुल 229 पर फायर एनओसी
मेरठ सीएमओ की तरफ से एक सार्वजनिक सूचना जारी की गई है। जिसमें उन्होंने अस्पतालों को फायर विभाग की एनओसी लेकर आग से बचाव के सारे इंतजाम करने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य विभाग के पास जिले में 290 अस्पताल रजिस्टर्ड हैं। फायर विभाग के अनुसार 290 में से 229 अस्पतालों के पास ही फायर की एनओसी है। बाकी के अस्पताल ऐसे ही बिना फायर एनओसी के चल रहे हैं। जिन पर आज तक स्वास्थ्य विभाग का कभी ध्यान नहीं गया। CMO डॉ अखिलेश मोहन ने कहा यदि अस्पताल द्वारा अग्निशमन विभाग की एनओसी नहीं ली जाती तो हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर