भास्कर न्यूज | पटियाला इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) के द्वारा 43 ऑनलाइन कोर्स चलाए जा रहे हैं। इन कोर्सेज के जरिए घर बैठे ही पढ़ाई और डिग्री प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए इग्नू ऑफिस तक जाने की आवश्यकता नहीं है। इन कोर्स में घर बैठे ही ऑनलाइन ही नामांकन ले सकते हैं। क्लास से लेकर परीक्षाएं तक सबकुछ ऑनलाइन होगा। उम्मीदवार इसके लिए 30 जून 2024 तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते है। छात्र-छात्राएं अगर उक्त कोर्स में नामांकन लेते हैं तो उन्हें बिना कहीं गये घर बैठे ही उक्त कोर्स को कर सकते हैं। इन कोर्स में कुछ कोर्स ऐसे हैं जो ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन मोड में भी चल रहे हैं। दोनों की मान्यता समान है। इग्नू के द्वारा 43 कोर्स ऑनलाइन मोड में करवाए जाते हैं। इनमें कुछ ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन मोड में भी कराए जाते हैं। दोनों की मान्यता एक जैसी है। इग्नू से फॉरेन लैंग्वेज कोर्स भी मौजूद है। विस्तृत जानकारी के लिए छात्र इग्नू का वेबसाइट देख सकते हैं। फ्रेंच, कोरियन समेत कई विदेशी भाषाओं में सर्टिफिकेट कोर्स इसके अलावा छात्र-छात्राएं कई विदेशी भाषाओं में छात्र-छात्राएं सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। इसमें अरबी, फ्रेंच, रसियन, जापानी, कोरियन, स्पैनिश, जर्मन, पर्शियन कोर्स शामिल है। बीए इन टूरिज्म स्टडीज बीकॉम (तीन वर्षीय) बीसीए (तीन वर्षीय) बैचलर इन लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस (एक वर्षीय) बैचलर इन सोशल वर्क सर्टिफिकेट इन रशियन लैंग्वेज सर्टिफिकेट इन इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी (6 महीने) सर्टिफिकेट इन लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस ( छह महीने) सर्टिफिकेट इन टूरिज्म स्टडीज सर्टिफिकेट इन पीस स्टडीज एंड कनफ्लिक्ट मैनेजमेंट (6महीने) सर्टिफिकेट इन ट्राइबल स्टडीज कम्युनिकेटिव संस्कृत फूड एंड न्यूट्रिशन सर्टिफिकेट इन फ्रेंच लैंग्वेज सर्टिफिकेट इन रूरल डेवलपमेंट सर्टिफिकेट इन स्पैनिश लैंग्वेज एंड कल्चर (छह महीने) डिप्लोमा इन उर्दू लैंग्वेज डिप्लोमा इन न्यूट्रिशन एंड हेल्थ एजुकेशन (एक वर्षीय) एमए इन हिंदी (दो वर्षीय) एमए इन डिस्टेंस एजुकेशन एमए इन इंग्लिश (दो वर्षीय) एमए इन रूरल डेवलपमेंट एमए इन ट्रांसलेशन स्टडीज एमबीए ( दो वर्षीय) एमकॉम ( दो वर्षीय) एमसीए ( दो वर्षीय) पीजी सर्टिफिकेट इन गांधी एंड पीस स्टडीज (छह महीने) पीजी सर्टिफिकेट इन एग्रीकल्चरल पॉलिसी पीजी डिप्लोमा इन गांधी एंड पीस स्टडीज ( एक वर्षीय) पीजी डिप्लोमा इन सस्टेनेब्लिटी साइंस (एक वर्षीय) पीजी डिप्लोमा इन क्रिएटिव राइटिंग (एक वर्षीय) पीजी डिप्लोमा इन डेवलपमेंट कम्यूनिकेशन (एक वर्षीय) पीजी डिप्लोमा इन डिस्टेंस एजुकेशन ( एक वर्षीय) पीजी डिप्लोमा इन इंवायरमेंटल एंड ऑक्यूपेशनल हेल्थ पीजी डिप्लोमा रूरल डेवलपमेंट पीजी डिप्लोमा इन डिजिटल मीडिया (एक वर्षीय) भास्कर न्यूज | पटियाला इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) के द्वारा 43 ऑनलाइन कोर्स चलाए जा रहे हैं। इन कोर्सेज के जरिए घर बैठे ही पढ़ाई और डिग्री प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए इग्नू ऑफिस तक जाने की आवश्यकता नहीं है। इन कोर्स में घर बैठे ही ऑनलाइन ही नामांकन ले सकते हैं। क्लास से लेकर परीक्षाएं तक सबकुछ ऑनलाइन होगा। उम्मीदवार इसके लिए 30 जून 2024 तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते है। छात्र-छात्राएं अगर उक्त कोर्स में नामांकन लेते हैं तो उन्हें बिना कहीं गये घर बैठे ही उक्त कोर्स को कर सकते हैं। इन कोर्स में कुछ कोर्स ऐसे हैं जो ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन मोड में भी चल रहे हैं। दोनों की मान्यता समान है। इग्नू के द्वारा 43 कोर्स ऑनलाइन मोड में करवाए जाते हैं। इनमें कुछ ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन मोड में भी कराए जाते हैं। दोनों की मान्यता एक जैसी है। इग्नू से फॉरेन लैंग्वेज कोर्स भी मौजूद है। विस्तृत जानकारी के लिए छात्र इग्नू का वेबसाइट देख सकते हैं। फ्रेंच, कोरियन समेत कई विदेशी भाषाओं में सर्टिफिकेट कोर्स इसके अलावा छात्र-छात्राएं कई विदेशी भाषाओं में छात्र-छात्राएं सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। इसमें अरबी, फ्रेंच, रसियन, जापानी, कोरियन, स्पैनिश, जर्मन, पर्शियन कोर्स शामिल है। बीए इन टूरिज्म स्टडीज बीकॉम (तीन वर्षीय) बीसीए (तीन वर्षीय) बैचलर इन लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस (एक वर्षीय) बैचलर इन सोशल वर्क सर्टिफिकेट इन रशियन लैंग्वेज सर्टिफिकेट इन इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी (6 महीने) सर्टिफिकेट इन लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस ( छह महीने) सर्टिफिकेट इन टूरिज्म स्टडीज सर्टिफिकेट इन पीस स्टडीज एंड कनफ्लिक्ट मैनेजमेंट (6महीने) सर्टिफिकेट इन ट्राइबल स्टडीज कम्युनिकेटिव संस्कृत फूड एंड न्यूट्रिशन सर्टिफिकेट इन फ्रेंच लैंग्वेज सर्टिफिकेट इन रूरल डेवलपमेंट सर्टिफिकेट इन स्पैनिश लैंग्वेज एंड कल्चर (छह महीने) डिप्लोमा इन उर्दू लैंग्वेज डिप्लोमा इन न्यूट्रिशन एंड हेल्थ एजुकेशन (एक वर्षीय) एमए इन हिंदी (दो वर्षीय) एमए इन डिस्टेंस एजुकेशन एमए इन इंग्लिश (दो वर्षीय) एमए इन रूरल डेवलपमेंट एमए इन ट्रांसलेशन स्टडीज एमबीए ( दो वर्षीय) एमकॉम ( दो वर्षीय) एमसीए ( दो वर्षीय) पीजी सर्टिफिकेट इन गांधी एंड पीस स्टडीज (छह महीने) पीजी सर्टिफिकेट इन एग्रीकल्चरल पॉलिसी पीजी डिप्लोमा इन गांधी एंड पीस स्टडीज ( एक वर्षीय) पीजी डिप्लोमा इन सस्टेनेब्लिटी साइंस (एक वर्षीय) पीजी डिप्लोमा इन क्रिएटिव राइटिंग (एक वर्षीय) पीजी डिप्लोमा इन डेवलपमेंट कम्यूनिकेशन (एक वर्षीय) पीजी डिप्लोमा इन डिस्टेंस एजुकेशन ( एक वर्षीय) पीजी डिप्लोमा इन इंवायरमेंटल एंड ऑक्यूपेशनल हेल्थ पीजी डिप्लोमा रूरल डेवलपमेंट पीजी डिप्लोमा इन डिजिटल मीडिया (एक वर्षीय) पंजाब | दैनिक भास्कर
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नोएडा IT कंपनी के कर्मचारी ने खन्ना आकर निगला जहर:लोगों ने कार में तड़पता देखा, अस्पताल पहुंचते ही मौत, पिता भेजी लोकेशन उत्तर प्रदेश के वशुंधरा गाजियाबाद इलाके के रहने वाले एक युवक ने मानसिक परेशानी के चलते जहरीला पदार्थ निगलकर खुदकुशी कर ली। मृतक की पहचान गौरव शर्मा (35) के तौर पर हुई। गौरव को खन्ना नेशनल हाईवे किनारे कार में तड़पते देखा गया। सिविल अस्पताल पहुंचते ही उसकी मौत हो गई। वह नोएडा की आईटी कंपनी में कार्यरत था। गौरव की पत्नी सोनिका शर्मा ने बताया कि उनकी शादी गौरव के साथ 2019 में हुई थी। उनके दो बेटियां (4 साल और 8 महीने) हैं। गौरव शर्मा आईटी कंपनी में काम करते थे। फिलहाल कंपनी ने उन्हें वर्क फ्राम होम दे रखा था। कुछ समय से गौरव शर्मा मानसिक तौर पर परेशान रहते थे। परिवार से भी कम ही बात करते थे। कुछ दिनों पहले वे कानपुर में अपने मायके घर गौरव के साथ गई थीं। वापस आने पर 2 जुलाई को गौरव शर्मा परिवार को बिना बताए हांडा सिटी कार लेकर निकले। पिता को भेजी आखिरी लोकेशन गौरव शर्मा काफी देर घर नहीं लौटा तो परिवार वाले फोन कर रहे थे। इसी बीच गौरव शर्मा ने उन्हें अपनी आखिरी लोकेशन पिता को भेजी। वे खुद हैरान रह गए कि गौरव पंजाब कैसे पहुंच गया। क्योंकि, पंजाब में उनकी कोई रिश्तेदारी और जानकार नहीं है। लोकेशन मिलने के बाद गौरव का मोबाइल बंद आता रहा। आखिर परिवार को सूचना मिली कि गौरव गाड़ी से मिला है और उसकी मौत जहरीला पदार्थ निगलने से हो गई है। उधर, सिटी थाना 2 की पुलिस ने गौरव की पत्नी सोनिका शर्मा के बयानों पर बीएनएस की धारा 194 के तहत कार्रवाई करते हुए गुरुवार की शाम पोस्टमार्टम के बाद शव वारिसों को सौंप दिया।

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पंजाब के प्राइवेट अस्पतालों ने बीमा कंपनियों को भेजा नोटिस:क्लेम मांगने पर हॉस्पिटलों को ब्लैकलिस्ट करने को बताया गैर कानूनी प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन (PHANA) पंजाब ने बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का हवाला देते हुए स्टार हेल्थ और केयर हेल्थ इंश्योरेंस को औपचारिक रूप से कानूनी नोटिस जारी किया है। मामला अस्पतालों को बिना किसी उचित कारण के मनमाने ढंग से ब्लैकलिस्ट करने से जुड़ा है। यह निर्णय PHANA पंजाब की कोर कमेटी की बैठक में लिया गया, जो पंजाब में निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम का एक संघ है, जिसमें 500 सदस्य शामिल हैं। इस सबंधी सचिव पंजाब डाक्टर दिव्यांशु गप्ता ने बताया कि स्टार हेल्थ के अधिकारियों के साथ कई बैठकों के बावजूद, जिन्होंने सभी ब्लैकलिस्टेड अस्पतालों को बहाल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन कंपनियो ने धोखा करते हुए अपने वादे पूरे नहीं किए। जिस कारण यह कानूनी कार्रवाई की गई। इसी तरह, केयर हेल्थ इंश्योरेंस ने भी IRDA दिशा-निर्देशों के उल्लंघन में कई अस्पतालों को ब्लैकलिस्ट किया है। अस्पतालों को पहुंचाया जा रहा नुकसान उन्होंने कहा कि इस अनुचित ब्लैकलिस्टिंग से अस्पतालों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है। इससे उनके प्रतिपूर्ति दावा अनुपात को कम करना प्रतीत होता है। बीमा कंपनियां प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए कम प्रीमियम वाली पॉलिसी पेश करके पॉलिसी बहिष्करण के बारे में मरीजों को गुमराह करती हैं। जब दावे प्रस्तुत किए जाते हैं, तो ये कंपनियां अक्सर उन्हें अस्वीकार करने के लिए कारण ढूंढ़ लेती हैं। इन पर आपत्ति करने वाले अस्पतालों को ब्लैकलिस्ट करने की धमकी दी जाती है, जिससे उन्हें अनुपालन करने के लिए बाध्य होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि, यदि ये कंपनियां हमारी मांगों का समर्थन नहीं करती हैं, तो PHANA पंजाब सर्वसम्मति से पूरे पंजाब में इन बीमा कंपनियों का बहिष्कार करेगा। उनके खिलाफ अभियान चलाएगा।

एसजीपीसी अंतरिम कमेटी की बैठक आज:सुखबीर बादल पर हमले के बाद बुलाई; प्रधान व कमेटी सदस्य कर चुके जत्थेदार से मुलाकात
एसजीपीसी अंतरिम कमेटी की बैठक आज:सुखबीर बादल पर हमले के बाद बुलाई; प्रधान व कमेटी सदस्य कर चुके जत्थेदार से मुलाकात शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की अंतरिम कमेटी की बैठक आज सोमवार होने जा रही है। श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से सजा सुनाए जाने और सुखबीर बादल पर हमले के बाद ये पहली बैठक है। इस बैठक का मुख्य एजेंडा भी सुखबीर बादल पर हुआ हमला ही रखा गया है। इसके अलावा कुछ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की जानी है। इस बैठक की घोषणा से पहले कमेटी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी और घोषणा के बाद अंतरिम कमेटी के सदस्य श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मिलने भी पहुंचे थे। वहीं, सुखबीर बादल की सजा अभी भी चल रही है। तीन गुरुद्वारों पर सेवा के बाद अब दमदमा साहिब और श्री मुक्तसर साहिब में सुखबीर बादल को सजा पूरी करने के लिए जाना है। विज्ञापन का 90 लाख भी वसूलना है एसजीपीसी ने सुखबीर बादल को सजा सुनाए जाने के बाद डेरा सच्चा साध की सजा माफी के बाद दिए गए 90 लाख के विज्ञापन पर भी श्री अकाल तख्त साहिब ने टिप्पणी की थी। श्री अकाल तख्त साहिब ने साफ किया था कि सुखबीर बादल व उनके सहयोगियों से ब्याज सहित इस राशि को वसूला जाना है। इस पैसे को वसूलने की जिम्मेदारी एसजीपीसी को दी गई है। अनुमान है कि इस बैठक में ये पैसा वापस लेने की प्रक्रिया पर भी चर्चा की जाएगी। 13 दिसंबर को होगी सुखबीर बादल की सजा पूरी सुखबीर बादल की सजा 3 दिसंबर को गोल्डन टेंपल से शुरू हुई थी, जो 13 दिसंबर को पूरी होगी। श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से सुखबीर बादल व अन्य के दिए गए इस्तीफों को परवान करने और इसकी रिपोर्ट भेजने का भी आदेश दिया गया है। लेकिन अकाली दल ने सजा के चलते श्री अकाल तख्त साहिब से इसे मंजूर करने व रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांग लिया था और उनकी इस मांग को श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से मान भी लिया गया है। वहीं, सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर करने में देरी पर बागी गुट एक बार फिर अलग नजर आया। बागी गुट ने सुखबीर बादल के इस्तीफे को मंजूर करने में देरी को श्री अकाल तख्त साहिब के हुकमों का निरादर बताया है। बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली 1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली- 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी- श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई- बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए- अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया।