सुप्रीम कोर्ट ने किया AMU का अल्पसंख्यक दर्जा बहाल, छात्रों ने तिरंगे के साथ मनाया जश्न <p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News Today:</strong> देश के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानोंम में शुमार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) को दोबारा अल्पसंख्यक का दर्जा बहाल होने पर छात्रों ने तिरंगा लहराकर अपनी खुशी का इजहार किया. शुक्रवार (8 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद अल्पसंख्यक का दर्जा बहाल करने को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस खास मौके पर एएमयू के छात्रों ने बाब ए सैयद पर इकट्ठा हुए और राष्ट्रप्रेम का संदेश देते हुए तिरंगा हाथों में थामे हुए दिखाई दिए. इस ऐतिहासिक दिन पर छात्रों ने एक-दूसरे को गले लगाकर और तिरंगा लहराकर अपनी खुशी का इजहार किया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एएमयू में ईद की तरह रौनक दिखाई पड़ी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लंबे इंतजार के बाद आया फैसला</strong><br />एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा बहाल होना छात्र और शिक्षक लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. यह मुद्दा सालों से कानूनी विवादों में उलझा हुआ था. इसके बहाल होने की खबर आते ही छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”>छात्र अपने क्लास और मकरों से बाहर निकलकर एक दूसरे को बधाई देते हुए नजर आए. छात्रों के मुताबिक, यह न केवल उनकी पहचान की बहाली है बल्कि उनके विशेषाधिकारों की रक्षा की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’ये है AMU की विशेष पहचान'</strong><br />एएमयू के छात्रों का मानना है कि अल्पसंख्यक दर्जा विश्वविद्यालय की विशेष पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो इसकी स्थापना के उद्देश्यों और उद्देश्यपूर्ण शिक्षा के सिद्धांतों को बनाए रखता है. छात्रों के मुताबिक, यह दर्जा न सिर्फ उनके अधिकारों की सुरक्षा करता है बल्कि उन्हें शैक्षणिक संसाधनों और विशेष अवसरों का लाभ भी प्रदान करता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’AMU के इतिहास में मील का पत्थर'</strong><br />इस मौके पर छात्र नेता जानिब हसन ने भी अपनी खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह जीत न केवल एएमयू के छात्रों की है बल्कि यह उन सभी लोगों की जीत है जो भारत में समानता, सद्भाव और विविधता के मूल्यों में विश्वास रखते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जानिब ने इसे एएमयू के इतिहास में एक मील का पत्थर बताया और कहा कि यह कदम विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा. उनके मुताबिक, यह फैसला एएमयू के छात्रों को समाज में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा और उन्हें गर्व की अनुभूति कराएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छात्रों ने दिया खास संदेश</strong><br />छात्रों का यह जश्न केवल तिरंगा लहराने तक सीमित नहीं रहा बल्कि इसमें राष्ट्रभक्ति और एकता का संदेश भी समाहित था. तिरंगा लहराते समय छात्रों ने अपने देश के प्रति अपने प्रेम और समर्पण का इजहार किया. छात्रों ने संदेश दिया कि एएमयू के छात्र न केवल अपनी पहचान के प्रति सजग हैं बल्कि वे भारत के प्रति भी गहरी श्रद्धा और निष्ठा रखते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस जश्न का आयोजन एएमयू के छात्रों के जरिये किया गया था, जिसमें उन्होंने मिल-जुलकर अपनी खुशी का इजहार किया. छात्रों ने इसे एक ऐतिहासिक दिन करार दिया और कहा कि यह जीत एएमयू की उन सभी परंपराओं और मूल्यों की जीत है, जिसके लिए इस विश्वविद्यालय की स्थापनी की गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिक्षक-स्टाफ भी जश्न में शामिल</strong><br />इस अवसर पर एएमयू के शिक्षकों और अन्य स्टाफ भी छात्रों के साथ मिलकर जश्न मनाया. शिक्षकों का मानना है कि यह फैसला न केवल एएमयू के छात्रों के लिए बल्कि पूरे मुस्लिम समुदाय के लिए गर्व का विषय है. उन्होंने कहा कि एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा विश्वविद्यालय की विशिष्टता को दर्शाता है और यह समुदाय के शिक्षा और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>शिक्षकों ने इस अवसर पर छात्रों को उनकी इस सफलता के लिए बधाई दी और उम्मीद जताई कि यह जीत उन्हें आने वाले समय में और भी प्रेरित करेगी.</p>
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