<p style=”text-align: justify;”><strong>Ahilyabai Holkar News:</strong> राजधानी लखनऊ में गुरुवार को बीजेपी ने अहिल्याबाई होल्कर स्मृति दिवस मनाया, इस अवसर पर बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष भी शामिल हुए, उन्होंने अहिल्याबाई के योगदान को याद करते हुए कहा कि अगर अहिल्याबाई होल्कर न होतीं, तो शायद आज काशी का यह भव्य रूप न देख पाते. उन्होंने धर्म और संस्कृति के पुनरुत्थान के लिए जो कार्य किए, वह इतिहास में अद्वितीय हैं. वह कभी किसी युद्ध में नहीं हारीं और उन्होंने शासन से ज्यादा सेवा को महत्व दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएल संतोष गुरुवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में आयोजित ‘पुण्यश्लोक पूज्य देवी अहिल्याबाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष स्मृति अभियान-2025’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 300 साल पहले जब देश में महिला सशक्तिकरण की कोई कल्पना भी नहीं थी, तब अहिल्याबाई ने विधवाओं को गोद लेने, संपत्ति रखने और निर्णय लेने का अधिकार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को किया याद</strong><br />उन्होंने कहा कि मणिकर्णिका घाट, अयोध्या का सरयू घाट, हरिद्वार, प्रयागराज, कांची, रामेश्वरम, श्रीशैलम सहित सैकड़ों तीर्थस्थलों का जीर्णोद्धार और धर्मशालाएं बनवाकर अहिल्याबाई ने देशभर में सनातन परंपरा को मजबूती दी. उनकी बनाई हुई कई धर्मशालाएं और पूजा की व्यवस्थाएं आज भी चल रही हैं. उनका शासन न्याय आधारित था. उन्होंने किसानों, महिलाओं, व्यापारियों और कारीगरों के लिए ठोस काम किए. ‘माहेश्वरी’ साड़ी को उन्होंने एक ब्रांड बना दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएल संतोष ने कहा कि महाराष्ट्र में उनके जमाने में जमीन देने की नीति में यह प्रावधान था कि लाभार्थी को 12 पेड़ लगाने होंगे, जिनमें से सात पेड़ के फल खुद रखे जा सकते थे और पांच से होने वाली आय राज्य को टैक्स के रूप में देनी होती थी. उन्होंने इस पर दुख जताया कि देश के शिक्षा तंत्र ने अहिल्याबाई होल्कर जैसे महापुरुषों को पाठ्यक्रम से दूर रखा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि अहिल्याबाई का जीवन भारतीय राजनीति, समाज और प्रशासन के लिए आदर्श है। 1767 में उन्होंने राज्य की बागडोर संभाली और करीब 28 वर्षों तक कुशल प्रशासन दिया। उन्होंने कर नहीं बढ़ाया लेकिन राजस्व को 75 लाख से सवा करोड़ तक पहुंचाया. होल्कर रानी ने काशी, अयोध्या, हरिद्वार, सोमनाथ, रामेश्वरम, जगन्नाथपुरी सहित कई तीर्थ स्थलों का पुनर्निर्माण कराया और समाज में समानता और न्याय की भावना को बढ़ावा दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जानें- कौन थी अहिल्याबाई होल्कर?</strong><br />बता दें कि अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के एक साधारण परिवार में हुआ था. उनका अल्पायु में विवाह हुआ और जीवन में कई दुख झेलने के बाद भी उन्होंने होल्कर साम्राज्य की जिम्मेदारी उठाई. महेश्वर को राजधानी बनाकर उन्होंने नारी शक्ति, न्याय और सेवा के ऐसे आदर्श प्रस्तुत किए, जिनकी मिसाल आज भी दी जाती है. भारत सरकार ने 1996 में उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव मौर्य, महिला मंत्री बेबी रानी मौर्य, माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, होल्कर वंश के उत्तराधिकारी उदयराज होल्कर समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Ahilyabai Holkar News:</strong> राजधानी लखनऊ में गुरुवार को बीजेपी ने अहिल्याबाई होल्कर स्मृति दिवस मनाया, इस अवसर पर बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष भी शामिल हुए, उन्होंने अहिल्याबाई के योगदान को याद करते हुए कहा कि अगर अहिल्याबाई होल्कर न होतीं, तो शायद आज काशी का यह भव्य रूप न देख पाते. उन्होंने धर्म और संस्कृति के पुनरुत्थान के लिए जो कार्य किए, वह इतिहास में अद्वितीय हैं. वह कभी किसी युद्ध में नहीं हारीं और उन्होंने शासन से ज्यादा सेवा को महत्व दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएल संतोष गुरुवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में आयोजित ‘पुण्यश्लोक पूज्य देवी अहिल्याबाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष स्मृति अभियान-2025’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 300 साल पहले जब देश में महिला सशक्तिकरण की कोई कल्पना भी नहीं थी, तब अहिल्याबाई ने विधवाओं को गोद लेने, संपत्ति रखने और निर्णय लेने का अधिकार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को किया याद</strong><br />उन्होंने कहा कि मणिकर्णिका घाट, अयोध्या का सरयू घाट, हरिद्वार, प्रयागराज, कांची, रामेश्वरम, श्रीशैलम सहित सैकड़ों तीर्थस्थलों का जीर्णोद्धार और धर्मशालाएं बनवाकर अहिल्याबाई ने देशभर में सनातन परंपरा को मजबूती दी. उनकी बनाई हुई कई धर्मशालाएं और पूजा की व्यवस्थाएं आज भी चल रही हैं. उनका शासन न्याय आधारित था. उन्होंने किसानों, महिलाओं, व्यापारियों और कारीगरों के लिए ठोस काम किए. ‘माहेश्वरी’ साड़ी को उन्होंने एक ब्रांड बना दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएल संतोष ने कहा कि महाराष्ट्र में उनके जमाने में जमीन देने की नीति में यह प्रावधान था कि लाभार्थी को 12 पेड़ लगाने होंगे, जिनमें से सात पेड़ के फल खुद रखे जा सकते थे और पांच से होने वाली आय राज्य को टैक्स के रूप में देनी होती थी. उन्होंने इस पर दुख जताया कि देश के शिक्षा तंत्र ने अहिल्याबाई होल्कर जैसे महापुरुषों को पाठ्यक्रम से दूर रखा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि अहिल्याबाई का जीवन भारतीय राजनीति, समाज और प्रशासन के लिए आदर्श है। 1767 में उन्होंने राज्य की बागडोर संभाली और करीब 28 वर्षों तक कुशल प्रशासन दिया। उन्होंने कर नहीं बढ़ाया लेकिन राजस्व को 75 लाख से सवा करोड़ तक पहुंचाया. होल्कर रानी ने काशी, अयोध्या, हरिद्वार, सोमनाथ, रामेश्वरम, जगन्नाथपुरी सहित कई तीर्थ स्थलों का पुनर्निर्माण कराया और समाज में समानता और न्याय की भावना को बढ़ावा दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जानें- कौन थी अहिल्याबाई होल्कर?</strong><br />बता दें कि अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के एक साधारण परिवार में हुआ था. उनका अल्पायु में विवाह हुआ और जीवन में कई दुख झेलने के बाद भी उन्होंने होल्कर साम्राज्य की जिम्मेदारी उठाई. महेश्वर को राजधानी बनाकर उन्होंने नारी शक्ति, न्याय और सेवा के ऐसे आदर्श प्रस्तुत किए, जिनकी मिसाल आज भी दी जाती है. भारत सरकार ने 1996 में उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव मौर्य, महिला मंत्री बेबी रानी मौर्य, माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, होल्कर वंश के उत्तराधिकारी उदयराज होल्कर समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड बिहार में फिर दिखा UP वाला एक्शन! ट्रिपल मर्डर कांड में बक्सर के अहियापुर में चला बुलडोजर
‘आज काशी का ये भव्य रूप…’ अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर बोले बीजेपी नेता बीएल संतोष
