जालंधर| भगवान वाल्मीकि जी का प्रकाश पर्व 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा। आयोजन स्थल पर कार्यक्रम की तैयारियां जारी हैं। भगवान वाल्मीकि उत्सव कमेटी पंजाब और वाल्मीकि वेल्फेयर ट्रस्ट शक्ति नगर जालंधर के चेयरमैन विपन सभ्रवाल ने बताया कि 11 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे बस यात्रा पावन वाल्मीकि तीर्थ अमृतसर को संत समाज की अध्यक्षता में प्राचीन वाल्मीकि मंदिर अली मोहल्ला से रवाना होंगी। 16 अक्टूबर को जालंधर शहर में भव्य शोभा यात्रा दोपहर 2 बजे प्राचीन वाल्मीकि मंदिर से निकलेगी । जालंधर| भगवान वाल्मीकि जी का प्रकाश पर्व 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा। आयोजन स्थल पर कार्यक्रम की तैयारियां जारी हैं। भगवान वाल्मीकि उत्सव कमेटी पंजाब और वाल्मीकि वेल्फेयर ट्रस्ट शक्ति नगर जालंधर के चेयरमैन विपन सभ्रवाल ने बताया कि 11 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे बस यात्रा पावन वाल्मीकि तीर्थ अमृतसर को संत समाज की अध्यक्षता में प्राचीन वाल्मीकि मंदिर अली मोहल्ला से रवाना होंगी। 16 अक्टूबर को जालंधर शहर में भव्य शोभा यात्रा दोपहर 2 बजे प्राचीन वाल्मीकि मंदिर से निकलेगी । पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब के 24 गांवों के पंचायत चुनाव रद्द:राज्य निर्वाचन आयोग का फैसला; नामांकन और पर्चा वापसी में मेल नहीं खा रहे थे साइन
पंजाब के 24 गांवों के पंचायत चुनाव रद्द:राज्य निर्वाचन आयोग का फैसला; नामांकन और पर्चा वापसी में मेल नहीं खा रहे थे साइन पंजाब चुनाव आयोग ने श्री मुक्तसर साहिब के कस्बा गिद्दड़बाहा के 24 गांवों में पंचायत चुनावों को रद्द कर दिया है। पंजाब चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आदेशों उक्त मामले की जानकारी दी गई है। ये फैसला नामांकन वापस लेने को लेकर हुए फर्जीवाड़े के आधार पर लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार नामांकन और पर्चा वापस लेने के दौरान फार्म पर किए गए साइन मैच नहीं कर रहे थे। जिसके चलते 24 गांवों में पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी गई है। हाईकोर्ट ने 250 पंचायतों के चुनाव करवाने पर लगाई थी रोक पंजाब में पंचायत चुनावों को लेकर 300 के करीब नई याचिकाएं दाखिल हुई थी। जिनकी सुनवाई 14 अक्टूबर तक अदालत ने टाल दी है। इससे पहले बुधवार को 250 के करीब जिन पंचायतों के चुनाव प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी। उस संबंधी कोर्ट का डिटेल ऑर्डर आ गया है। अदालत ने उक्त पंचायतों की चुनाव प्रक्रिया पर 16 अक्टूबर तक रोक लगा दी है। नामाकंन रद्द करने पर हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणियां की हैं। अदालत का कहना है चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। लोगों के विश्वास के लिए पारदर्शी प्रक्रिया जरूरी है। वोट देना संवैधानिक ही नहीं कानूनी अधिकार भी है। कुछ उम्मीदवारों के मामूली कारणों के नामांकन रद्द हुए, जो कि बिल्कुल गलत है। उसे रद्द नहीं किया जा सकता है। ऐसे में चुनाव होना चाहिए। चुनाव रद्द होने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने दी प्रतिक्रिया चुनाव रद्द किए जाने पर पंजाब कांग्रेस के प्रधान और लुधियाना सीट से लोकसभा सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा- गिद्दड़बाहा के लोगों को बधाई हो। जो कि आप सरकार द्वारा धक्का किया गया, इस पर चुनाव आयोग ने दशहरे पर बड़ा फैसला लिया है। ये हमारी जीत है और हम सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। पंजाब के किसी भी व्यक्ति के साथ पंजाब में धक्का नहीं होने दिया जाएगा। चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया पत्र, जिसमें चुनाव रद्द का आदेश…. पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं, फिर भी विवाद पंजाब में 15 अक्टूबर को पंचायत चुनाव होने हैं। इस बार पार्टी सिंबल पर भी चुनाव नहीं हो रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद विपक्षी दलों का आरोप है कि उनसे जुड़े लोगों और उम्मीदवारों के नामांकन जबरन रद्द किए गए हैं। किसी को भी एनओसी जारी नहीं की गई है। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल आम आदमी पार्टी पर सवाल उठा रहे हैं। मामला चुनाव आयोग तक भी पहुंच गया है। हालांकि, आम आदमी पार्टी का कहना है कि अकाली दल और कांग्रेस धक्का-मुक्की कर रहे हैं। यहां तक कि हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या भी हो चुकी है। अब लोगों ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली है।

EX-MLA अंगुराल ने बताया AAP छोड़ने का कारण:बोले-पार्टी ने मुझे बेइज्जत किया, इसीलिए आप छोड़ी; भगत के साथ भी ऐसा ही हुआ
EX-MLA अंगुराल ने बताया AAP छोड़ने का कारण:बोले-पार्टी ने मुझे बेइज्जत किया, इसीलिए आप छोड़ी; भगत के साथ भी ऐसा ही हुआ पंजाब के जालंधर में हुए उपचुनाव के बाद पहली बार पूर्व विधायक और बीजेपी के प्रत्याशी रहे शीतल अंगुराल सामने आए हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लाइव होकर पार्टी छोड़ने की वजह बताई। शीतल अंगुराल ने कहा- आम आदमी पार्टी द्वारा इज्जत नहीं दी गई। मेरी इज्जत से बढ़कर कुछ नहीं है, इसलिए मैंने पार्टी छोड़ दी। शीतल अंगुराल ने कहा- मैंने हमेशा सच पर अपनी राजनीति की है, मैंने पार्टी भी इसीलिए छोड़ी। चुनाव मुख्यमंत्री ने खुद लड़ा, भगत ने नहीं पूर्व विधायक शीतल अंगुराल ने कहा- ये चुनाव सिर्फ मोहिंदर भगत ने नहीं लड़ा, ये चुनाव राज्य के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान द्वारा लड़ा गया था। मैं उन्हें उनकी जीत की बधाई देता हूं। शीतल अंगुराल ने आगे कहा- लोगों ने सीएम पर विश्वास किया है तो उन्हें हमारे एरिया के काम करवाने चाहिए। आज जालंधर वेस्ट में सरकार बने को 12 दिन का समय बीत गया है, मगर इसका एस्टीमेट इतने दिनों में नहीं मिल सकता। इसलिए एक माह बाद मैं दोबारा लाइव होकर बताऊंगा कि वेस्ट हलके में आप ने क्या काम किए। एक माह बाद मैं इसका हिसाब लोगों को दूंगा। जालंधर में प्रोग्राम के दौरान जिले के MLA को जगह नहीं दी गई शीतल अंगुराल ने कहा- सरकार आने के बाद आम आदमी पार्टी द्वारा जालंधर लुधियाना हाईवे पर स्थित एक स्थानीय फाइव स्टार होटल में तीन पर कार्यक्रम रखा गया। एक बार जब मैं उक्त कार्यक्रम में पहुंचा तो पता चला कि मेरी कुर्सी स्टेज पर नहीं है। ऐसा ही कुछ बीते दिन हुए सीएम के प्रोग्राम में मोहिंदर भगत के साथ हुआ। शीतल अंगुराल ने आरोप लगाया है कि मोहिंदर भगत को सीएम ने अपनी सिक्योरिटी की कुर्सी पर बैठा दिया। जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में AAP ने दर्ज की जीत आपको बता दें कि जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव हुए। जिसमें आम आदमी पार्टी ने भाजपा छोड़कर आए पूर्व मंत्री के बेटे मोहिंदर भगत को अपना उम्मीदवार बनाया था। जिसमें आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने भारी अंतर से जीत दर्ज की। मोहिंदर भगत ने आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए शीतल अंगुराल को करीब साढ़े 37 हजार वोटों से हराया। ऐसे में यह पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की अब तक की सबसे बड़ी जीत है।

गुरमीत के राम रहीम बनने की पूरी कहानी:17 की उम्र में शादी, 23 में संन्यासी बना; एक पोशाक से हिंसा फैली, रेप-मर्डर में सजा
गुरमीत के राम रहीम बनने की पूरी कहानी:17 की उम्र में शादी, 23 में संन्यासी बना; एक पोशाक से हिंसा फैली, रेप-मर्डर में सजा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 22 साल पुराने रणजीत सिंह मर्डर केस में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। राम रहीम अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। वह जेल से बाहर नहीं आएगा। एक सामान्य इंसान से डेरा सच्चा का प्रमुख बनने तक राम रहीम की कहानी दिलचस्प है। राम रहीम का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की गुरुसर मोडिया गांव में जट सिख परिवार में हुआ। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता मघर सिंह गांव के जमींदार थे। माता का नाम नसीब कौर है। राम रहीम ने जन्म को लेकर ये किया था वादा
राम रहीम ने खुद दावा किया था कि उसका जन्म संतों के आशीर्वाद की वजह से हुआ। उसने बताया था कि शादी के काफी साल बीतने के बावजूद उसके माता-पिता को बच्चे नहीं हो रहे थे। परिवार डेरा से जुड़ा था। माता-पिता ने संतान न होने की बात संत त्रिवेणी दास के सामने रखी। तब संत ने कहा बच्चे होंगे, पर इसकी एक शर्त है। बच्चा उनके पास सिर्फ 23 साल तक रहेगा। इसके बाद वह जिस काम के लिए आया है वह करेगा। राम रहीम ने दावा किया था कि माता-पिता के राजी होने के 9 महीने बाद उसका जन्म हुआ। इसलिए 17 की उम्र में हो गई शादी
राम रहीम ने बताया कि पिता को मालूम था मैं 23 साल की उम्र के बाद संन्यास ले लूंगा। इसी वजह से पिता ने महज 17 साल की उम्र में हरजीत कौर के साथ शादी करवा दी। इसके बाद पत्नी ने 1 बेटा और 2 बेटियों को जन्म दिया। 23 साल की उम्र पूरी होने पर डेरा के आदेश के बाद घर छोड़ दिया और संन्यास ले लिया। राम रहीम का दावा है कि संन्यास लेने के बाद उसने ब्रह्मचर्य का पालन किया है। परिवार में ये लोग
राम रहीम की बड़ी बेटी का नाम चरणप्रीत और छोटी का नाम अमरप्रीत है। इसके साथ उसने हनीप्रीत को गोद ले रखा है। राम रहीम की बड़ी बेटी चरणप्रीत का पति भी डेरा अनुयायी है। उसका नाम डॉक्टर शान-ए-मीत इंसा है। छोटी बेटी का पति रूह-ए-मीत इंसा है। बेटे का नाम जसमीत है। उसकी शादी बठिंडा के पूर्व विधायक हरमिंदर सिंह जस्सी की बेटी हुस्नमीत इंसा से हुई है। 34 साल पहले बना था डेरा प्रमुख
राम रहीम ने 1990 में तीसरे प्रमुख के रूप में डेरा सच्चा सौदा को संभाला। यह डेरा 1948 में शाह मस्ताना ने स्थापित किया था। डेरे का दावा है कि दुनियाभर में उनके 5 करोड़ अनुयायी हैं। पूरे देश में डेरे के 50 से भी ज्यादा आश्रम हैं। राम रहीम को डेरा सच्चा सौदा को आधुनिक बनाने का श्रेय दिया जाता है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में डेरा के सबसे ज्यादा समर्थक हैं। हरियाणा के सिरसा में डेरे का मुख्यालय है। यह कई सौ एकड़ में फैला हुआ है। उसमें स्टेडियम, स्कूल, सिनेमा हॉल, सभास्थल आदि हैं। फिल्मों की वजह से बदला हुलिया
राम रहीम ने युवाओं को लेकर रॉक स्टार का रूप धारण किया। उसने कई रॉक स्टार की तरह कॉन्सर्ट किए। बाद में उसने कई फिल्में भी की, इनमें मैसेंजर ऑफ गॉड प्रमुख है। उसने फिल्म में खुद कहानी लिखी, डायरेक्शन किया और गाने गाए। राम रहीम ने सबसे पहली फिल्म ‘एमएसजी-द मैसेंजर’ फरवरी 2015 में रिलीज की थी। इसके बाद ‘एसएजी-2’, ‘एसएजी-ऑनलाइन गुरुकुल’, ‘एसएजी-द वारियर लायन हार्ट’, ‘हिन्द का नापाक को जवाब’ आईं। गुरु की ड्रेस को लेकर विवाद
2007 में राम रहीम विवाद में फंसा था। वह एक एड में सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह जी के लिबास जैसा परिधान पहने नजर आया था। राम रहीम के इस गेटअप के बाद पंजाब और हरियाणा में हिंसा फैल गई थी। इससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ। पंजाब के बठिंडा में मामला भी दर्ज किया गया। हालांकि बाद में पंजाब सरकार ने ये मामला वापस ले लिया। 2017 से जेल में राम रहीम
25 अगस्त 2017 को 2 साध्वियों के यौन शोषण केस में राम रहीम को 20 साल कैद हुई। इसके बाद 17 जनवरी 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्र कैद हुई। वहीं डेरा मैनेजर रणजीत सिंह के हत्या मामले में अक्टूबर 2021 में CBI कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई। सजा मिलने के तीन साल बाद राम रहीम को इस मामले में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया। अभी राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। ये खबरें भी पढ़ें… राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी। राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा। (पूरी खबर पढ़ें) वह गुमनाम चिट्ठी, जिसके बाद रणजीत का मर्डर हुआ:इसी केस में राम रहीम बरी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। यह चिट्ठी 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित कर लिखी गई थी।इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ (पूरी खबर पढ़ें) रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को बरी कर दिया है। इस फैसले से रणजीत सिंह का परिवार मायूस है। परिवार का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए वकीलों से राय ली जा रही है। जल्द ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे। (पूरी खबर पढ़ें)