आतंकी खतरे के बीच वाराणसी के प्रमुख मंदिरों की सुरक्षा अभेद! चप्पे-चप्पे पर रहता है कड़ा पहरा

आतंकी खतरे के बीच वाराणसी के प्रमुख मंदिरों की सुरक्षा अभेद! चप्पे-चप्पे पर रहता है कड़ा पहरा

<p style=”text-align: justify;”><strong>Varanasi News:</strong> वाराणसी को दुनिया का सबसे प्राचीन शहर के साथ-साथ मंदिरों का शहर भी कहा जाता है. यहां अनेक ऐसे प्राचीन धार्मिक स्थल है जिनका पौराणिक महत्व है और वहां पर न सिर्फ दूसरे राज्यों से बल्कि विदेशों से भी लोग दर्शन पूजन करने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से भी ये मंदिर बेहद अहम हो जाते हैं. वाराणसी में दो ऐसे प्रमुख धार्मिक स्थल हैं जहां की सुरक्षा व्यवस्था अभेद मानी जाती है. खासतौर पर इन दो जगह पर कड़ा पहरा रहता है. इसमें श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा श्री संकट मोचन मंदिर का नाम आता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक भगवान श्री काशी विश्वनाथ का मंदिर वाराणसी में स्थित है. यहां पर दर्शन करने के लिए सामान्य दिनों में भी लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. साल 2021 दिसंबर माह में एक अलग स्वरूप श्री काशी विश्वनाथ धाम के तौर पर भी इस प्राचीन धर्मस्थल का शुभारंभ किया गया. विशेष तौर पर इस दिन के बाद से ही यहां पर दर्शन करने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचते रहें हैं. ऐसे में इस मंदिर की सुरक्षा अभेद मानी जाती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिरों के हरेक प्वाइंट्स पर कड़ी सुरक्षा</strong><br />गंगा घाट से लेकर 4 से 5 मंदिर के अन्य गेटों पर स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ-साथ स्पेशल कमांडोज की भी तैनाती रहती है. प्रवेश द्वार के साथ-साथ मंदिर परिसर के हर एक पॉइंट पर सुरक्षा कर्मियों की पैनी नजर रहती है. वहीं इसी शहर में स्थित श्री संकट मोचन मंदिर में भी सुरक्षाकर्मियों का कड़ा पहरा रहता है. यहां पर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक &nbsp;डिवाइस, मोबाइल, प्रसाद के अलावा कोई वस्तु के साथ लोगों को अंदर जाने की इजाजत नहीं रहती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>श्री संकट मोचन मंदिर में 2006 बम कांड के बाद से यहां पर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया था. काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा सबसे ज्यादा श्री संकट मोचन मंदिर में भी दर्शन करने के लिए मंगलवार और शनिवार के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>काशी खंड में भी इस बात का जिक्र है कि प्राचीन शहर वाराणसी में हजारों मंदिर स्थित है, जिनके पौराणिक महत्व हैं. पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक अनेक धार्मिक स्थल है जहां आज भी भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. इसमें 12 ज्योतिर्लिंग में से एक &nbsp;श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर, काल भैरव मंदिर, सारंगनाथ महादेव मंदिर, तिलभांडेश्वर महादेव, लाट भैरव, श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर, मारकंडेय महादेव, मां शीतला मंदिर , बड़ा गणेश जैसे अनेक धर्मस्थल हैं. जिनकी सुरक्षा को लेकर एजेंसियां हमेशा सतर्क रहती हैं.&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Varanasi News:</strong> वाराणसी को दुनिया का सबसे प्राचीन शहर के साथ-साथ मंदिरों का शहर भी कहा जाता है. यहां अनेक ऐसे प्राचीन धार्मिक स्थल है जिनका पौराणिक महत्व है और वहां पर न सिर्फ दूसरे राज्यों से बल्कि विदेशों से भी लोग दर्शन पूजन करने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से भी ये मंदिर बेहद अहम हो जाते हैं. वाराणसी में दो ऐसे प्रमुख धार्मिक स्थल हैं जहां की सुरक्षा व्यवस्था अभेद मानी जाती है. खासतौर पर इन दो जगह पर कड़ा पहरा रहता है. इसमें श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा श्री संकट मोचन मंदिर का नाम आता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक भगवान श्री काशी विश्वनाथ का मंदिर वाराणसी में स्थित है. यहां पर दर्शन करने के लिए सामान्य दिनों में भी लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. साल 2021 दिसंबर माह में एक अलग स्वरूप श्री काशी विश्वनाथ धाम के तौर पर भी इस प्राचीन धर्मस्थल का शुभारंभ किया गया. विशेष तौर पर इस दिन के बाद से ही यहां पर दर्शन करने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचते रहें हैं. ऐसे में इस मंदिर की सुरक्षा अभेद मानी जाती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिरों के हरेक प्वाइंट्स पर कड़ी सुरक्षा</strong><br />गंगा घाट से लेकर 4 से 5 मंदिर के अन्य गेटों पर स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ-साथ स्पेशल कमांडोज की भी तैनाती रहती है. प्रवेश द्वार के साथ-साथ मंदिर परिसर के हर एक पॉइंट पर सुरक्षा कर्मियों की पैनी नजर रहती है. वहीं इसी शहर में स्थित श्री संकट मोचन मंदिर में भी सुरक्षाकर्मियों का कड़ा पहरा रहता है. यहां पर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक &nbsp;डिवाइस, मोबाइल, प्रसाद के अलावा कोई वस्तु के साथ लोगों को अंदर जाने की इजाजत नहीं रहती है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>श्री संकट मोचन मंदिर में 2006 बम कांड के बाद से यहां पर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया था. काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा सबसे ज्यादा श्री संकट मोचन मंदिर में भी दर्शन करने के लिए मंगलवार और शनिवार के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>काशी खंड में भी इस बात का जिक्र है कि प्राचीन शहर वाराणसी में हजारों मंदिर स्थित है, जिनके पौराणिक महत्व हैं. पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक अनेक धार्मिक स्थल है जहां आज भी भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. इसमें 12 ज्योतिर्लिंग में से एक &nbsp;श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर, काल भैरव मंदिर, सारंगनाथ महादेव मंदिर, तिलभांडेश्वर महादेव, लाट भैरव, श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर, मारकंडेय महादेव, मां शीतला मंदिर , बड़ा गणेश जैसे अनेक धर्मस्थल हैं. जिनकी सुरक्षा को लेकर एजेंसियां हमेशा सतर्क रहती हैं.&nbsp;</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड अतीक अहमद के भाई अशरफ की बीवी जैनब फातिमा की याचिका,पर सुनवाई आज, ढाई साल से है फरार