चंडीगढ़ में कमीशन फॉर पर्सन विद डिसेबिलिटी में कमिश्नर की नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई है। चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने पूर्व आईएएस अधिकारी माधवी कटारिया के नाम पर मोहर लगाई है। उन्हें इस पद के लिए 75000 मासिक, ₹50000 हाउस रेंट और बाकी दूसरी सुविधाओं के साथ उनकी नियुक्ति दी गई है। यह कमीशन का गठन इसी साल हुआ है। वह इस कमीशन की पहली कमिश्नर हैं। पंजाब कैडर की है अधिकारी माधवी कटारिया मूल रूप से पंजाब कैडर की आईएएस अधिकारी रही हैं। वह अभी रिटायर हो चुकी है। वर्ष 2000 से 2005 में वह चंडीगढ़ में डेपुटेशन पर रही है। उन्होंने सोशल वेलफेयर के डायरेक्टर सहित कई और विभागों में भी काम किया है। कमिश्नर की नियुक्ति के बाद अब डिसेबल्ड लोगों को अपनी समस्या के हल करवाने में आसानी रहेगी। क्योंकि अभी तक अलग से इसके लिए कोई कमीशन नहीं बना था। जिससे उन्हें अलग-अलग अधिकारी के जरिए अपनी समस्याएं भेजनी पड़ती थी। पहले होम सेक्रेटरी देखते थे डिसेबल्ड की समस्या पहले चंडीगढ़ में कमीशन न होने के कारण होम सेक्रेटरी इस तरह के लोगों की समस्याएं सुनते थे। लेकिन अभी चंडीगढ़ में वह पद भी खाली पड़ा है। ऐसे में इन लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है। हालांकि होम सेक्रेटरी के लिए हरियाणा सरकार ने तीन अधिकारियों का पैनल भेज दिया है। इस पैनल में अमित अग्रवाल, मंदीप बरार और जे गणेशन का नाम है। इस पैनल को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। वहां से किसी एक अधिकारी के नाम पर मोहर लगेगी। चंडीगढ़ में कमीशन फॉर पर्सन विद डिसेबिलिटी में कमिश्नर की नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई है। चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने पूर्व आईएएस अधिकारी माधवी कटारिया के नाम पर मोहर लगाई है। उन्हें इस पद के लिए 75000 मासिक, ₹50000 हाउस रेंट और बाकी दूसरी सुविधाओं के साथ उनकी नियुक्ति दी गई है। यह कमीशन का गठन इसी साल हुआ है। वह इस कमीशन की पहली कमिश्नर हैं। पंजाब कैडर की है अधिकारी माधवी कटारिया मूल रूप से पंजाब कैडर की आईएएस अधिकारी रही हैं। वह अभी रिटायर हो चुकी है। वर्ष 2000 से 2005 में वह चंडीगढ़ में डेपुटेशन पर रही है। उन्होंने सोशल वेलफेयर के डायरेक्टर सहित कई और विभागों में भी काम किया है। कमिश्नर की नियुक्ति के बाद अब डिसेबल्ड लोगों को अपनी समस्या के हल करवाने में आसानी रहेगी। क्योंकि अभी तक अलग से इसके लिए कोई कमीशन नहीं बना था। जिससे उन्हें अलग-अलग अधिकारी के जरिए अपनी समस्याएं भेजनी पड़ती थी। पहले होम सेक्रेटरी देखते थे डिसेबल्ड की समस्या पहले चंडीगढ़ में कमीशन न होने के कारण होम सेक्रेटरी इस तरह के लोगों की समस्याएं सुनते थे। लेकिन अभी चंडीगढ़ में वह पद भी खाली पड़ा है। ऐसे में इन लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है। हालांकि होम सेक्रेटरी के लिए हरियाणा सरकार ने तीन अधिकारियों का पैनल भेज दिया है। इस पैनल में अमित अग्रवाल, मंदीप बरार और जे गणेशन का नाम है। इस पैनल को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। वहां से किसी एक अधिकारी के नाम पर मोहर लगेगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पिछले 24 घंटों में हरियाणा में पराली जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया। जबकि पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को खेतों में आग लगने की केवल 13 घटनाएं दर्ज की गईं। जिससे पराली जलाने के मामलों की कुल संख्या 4,145 हो गई। आग की घटनाएं फिरोजपुर में 5, संगरूर में 3, बठिंडा में 2, पटियाला में 2 और फरीदकोट में 1 सामने आई। 14 नवंबर को पंजाब-हरियाणा को देना है आंकड़ा
दिल्ली में प्रदूषण और पराली जलाने के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पंजाब और हरियाणा को पिछले 10 दिनों के दौरान पराली जलाने की घटनाओं का विवरण पेश करने के लिए 14 नवंबर तक शपथ पत्र दाखिल करना होगा। पंजाब सरकार की मांग केंद्र ने ठुकराई
पंजाब सरकार ने किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए उन्हें केंद्र की ओर से प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा सरकार की तरह ही अपने बजट से किसानों को प्रोत्साहन दे सकती है, ताकि पराली जलाने को मामलों में कमी लाई जा सके। पंजाब सरकार ने पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए 1200 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि की आवश्यकता बताई थी। बारिश का इंतजार हो रहा
प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार बारिश की उम्मीद लगाए बैठी हैं। मौसम विभाग के अनुसार मध्य नवंबर तक बारिश होने के आसार नहीं हैं। उत्तर भारत में सर्दियों में बारिश का बड़ा कारण वेस्टर्न डिस्टरबेंस होता है, लेकिन अभी तक वेस्टर्न डिस्टरबेंस बन ही नहीं पा रहा है। इसके पीछे एक तो ईस्ट की तरफ बह रही हवाएं हैं, वहीं बंगाल की खाड़ी में बना दबाव भी उत्तर भारत में मौसम परिवर्तन को रोक रहा है। यही कारण है कि हिमाचल में भी अभी तक ऊपरी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई है। मौसम विभाग के अनुसार नवंबर में भी तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री तक अधिक रहने का अनुमान है।