भास्कर न्यूज | कुरुक्षेत्र कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों से शुक्रवार को परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकुम सिंह सहित कई शिक्षक व कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्त होने वालों में परीक्षा शाखा के नियंत्रक डॉ. हुकुम सिंह, ललित कला विभाग के सीनियर प्रोफेसर राम विरंजन सिंह, टूरिज्म एवं होटल मैनेजमेंट विभाग के प्रोफेसर रमेश एच तक्षक, परीक्षा शाखा से सहायक कुलसचिव राजकुमार ढींगरा, यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल से टीजीटी गणित अध्यापिका चेतना अरोड़ा, बिल सेक्शन से सहायक अनिल कुमार, हार्टिकल्चर विभाग से माली मोती राम व आईआईएचएस से लैब क्लीनर राम रशपाल हैं। केयू कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा और कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। साथ ही यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी लिए। मौके पर प्रो. उषा लोहान, लोक संपर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पुनिया, उप-निदेशक डॉ. जिम्मी शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, डॉ. गुरचरण सिंह, कुटा प्रधान प्रो. दलीप कुमार, डॉ. सुखविंद्र सिंह, उप-कुलसचिव डॉ. दीपक शर्मा, डॉ. जितेंद्र जांगड़ा, रविंद्र तोमर, अधीक्षक मनीष खुराना मौजूद रहे। कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत कर्मचारियों व शिक्षकों के साथ कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा। भास्कर न्यूज | कुरुक्षेत्र कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों से शुक्रवार को परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकुम सिंह सहित कई शिक्षक व कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्त होने वालों में परीक्षा शाखा के नियंत्रक डॉ. हुकुम सिंह, ललित कला विभाग के सीनियर प्रोफेसर राम विरंजन सिंह, टूरिज्म एवं होटल मैनेजमेंट विभाग के प्रोफेसर रमेश एच तक्षक, परीक्षा शाखा से सहायक कुलसचिव राजकुमार ढींगरा, यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल से टीजीटी गणित अध्यापिका चेतना अरोड़ा, बिल सेक्शन से सहायक अनिल कुमार, हार्टिकल्चर विभाग से माली मोती राम व आईआईएचएस से लैब क्लीनर राम रशपाल हैं। केयू कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा और कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। साथ ही यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी लिए। मौके पर प्रो. उषा लोहान, लोक संपर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पुनिया, उप-निदेशक डॉ. जिम्मी शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, डॉ. गुरचरण सिंह, कुटा प्रधान प्रो. दलीप कुमार, डॉ. सुखविंद्र सिंह, उप-कुलसचिव डॉ. दीपक शर्मा, डॉ. जितेंद्र जांगड़ा, रविंद्र तोमर, अधीक्षक मनीष खुराना मौजूद रहे। कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत कर्मचारियों व शिक्षकों के साथ कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की पानीपत सीट, जहां जीतते रहे पुरुष:रोहिता रेवड़ी ने 2014 में खोला था बीजेपी का खाता, इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हरियाणा की पानीपत शहरी विधानसभा का इतिहास भी पुरुष प्रधान सीटों जैसा ही रहा है। यहां से 18 विधायक चुने गए हैं। इनमें से सिर्फ एक बार ही शहरवासियों ने महिला को विधायक बनने का मौका दिया है। इस सीट के बनने के बाद से भाजपा को यहां हमेशा हार का सामना करना पड़ा है। 2014 में मोदी लहर में हुए पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा 32 साल बाद इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी। उस समय यहां से पहली महिला रोहिता रेवड़ी विधायक चुनी गई थीं। इसके बाद 2019 में उनका टिकट काटकर प्रमोद विज को टिकट दिया गया। प्रमोद विज ने यहां से भाजपा को दूसरी बार जीत दिलाई थी। इस बार चुनाव की खास बात यह है कि शहर सीट से एकमात्र विधायक रोहिता रेवड़ी अब निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतर गए हैं। जिसके बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। अब यहां मुकाबला भाजपा-कांग्रेस और निर्दलीय के बीच है। पानीपत शहर विधानसभा का इतिहास
पानीपत शहर विधानसभा के चुनाव पहली बार 1952 में हुए थे। तब यह सीट कांग्रेस ने जीती थी। कांग्रेस के कृष्ण गोपाल दत्त पहली बार विधायक बने थे। उन्होंने जनसंघ के कुंदन लाल को हराया था। लगातार दो चुनावों में यहां कांग्रेस का दबदबा रहा लेकिन 10 साल बाद जनसंघ ने वापसी की
कांग्रेस का रहा वर्चस्व
जनसंघ के फतेहचंद 1967 और 1968 में हुए विधानसभा चुनाव में पानीपत सिटी सीट जीते थे। यह सीट लगातार तीन बार कांग्रेस के खाते में रही लेकिन कांग्रेस के हुकूमत रे शाह ने 1972 के चुनाव में फतेहचंद को हराकर सीट जीत ली थी। 1977 के चुनाव में फतेह सिंह फिर से चुनाव जीत गए थे। देवीलाल के दौर में भी पानीपत से नहीं डगमगाई कांग्रेस
बलबीर पाल शाह ने 1987 में चुनाव जीता था। इस साल उनका राजनीतिक कद काफी बढ़ गया था, क्योंकि वह चौधरी देवीलाल का दौर था। चौधरी देवीलाल की आंधी में भी बलबीर ने अपनी सीट बचाई थी, जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। निर्दलीय से हारी थी कांग्रेस
1996 में बलबीर पाल शाह निर्दलीय प्रत्याशी ओम प्रकाश जैन से चुनाव हार गए थे। बलबीर पाल 2000, 2005 और 2009 में पानीपत सिटी से विधायक रहे। 2014 में कांग्रेस ने उनके छोटे भाई वीरेंद्र बुल्ले शाह को टिकट दिया और वह रोहिता रेवड़ी से चुनाव हार गए। इस बार चार महिलाएं मैदान में
इस बार चार महिलाएं चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। जिसमें से तीन महिलाएं अलग-अलग पार्टियों से जुड़ी हैं। जबकि एक महिला ही निर्दलीय चुनाव लड़ रही है। इस बार सरोज बाला गुर बहुजन समाज पार्टी से, रितु अरोड़ा आम आदमी पार्टी से, भतेरी राष्ट्रीय मजदूर एकता पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं। जबकि निर्दलीय रोहिता रेवड़ी हैं। रोहिता ने 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी।
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झज्जर में डंपर पलटने से ड्राइवर की मौत:बेसहारा पशु सामने आने से हादसा; 2 बच्चों के सिर से उठा पिता का साया हरियाणा के झज्जर के गांव गोयला कलां के पास अचानक से एक बेसहारा पशु हाइवा डंपर के सामने आ गया। ड्राइवर ने डंपर से संतुलन खे दिया और वह पलट गया। हादसे में इसके ड्राइवर की मौत हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए झज्जर के नागरिक अस्पताल में भिजवाया गया l जानकारी अनुसार मृतक की पहचान 32 वर्षीय नीरज पुत्र बलजीत निवासी गांव कबलाना, जिला झज्जर के रूप में की गई है l वह शादीशुदा था। उसके दो बेटे हैं और वह परिवार का इकलौता कमाने वाला था। नीरज के माता और पिता की पहले मौत हो चुकी हैl झज्जर के बादली थाने से आए जांच अधिकारी एचसी सतीश कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि गोयला कलां गांव के पास अचानक हाइवा डंपर के सामने आवारा पशु आने से सड़क हादसा हुआ है। इसमें डंपर चालक की मौत हुई है। भाई राजकुमार के बयान पर कार्रवाई की गई है। नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद शव परिजनों के हवाले किया गया है l
पलवल में बदमाशों ने महिला का पर्स छीना:जेबीटी परीक्षा देकर लौट रही थी महिला, आरोपी फरार, तलाश में जुटी पुलिस
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