विकास बत्तान | कुरुक्षेत्र श्रीकृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र के कई शिक्षकों ने सामूहिक रूप से राज्यपाल को कुलपति की कार्यप्रणाली और यूनिवर्सिटी में शिक्षकों के साथ भेदभाव करने के आरोप लगाते हुए पत्र लिखा है। 10 प्वॉइंट के इस सामूहिक पत्र में शिक्षकों ने विभिन्न विभागों के मुद्दों को उठाते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा किए जा रहे भेदभाव के बारे में बताया है। शिक्षकों ने सबसे पहले प्वॉइंट में लिखा है कि यूनिवर्सिटी के एक विभाग की वरिष्ठ महिला प्रोफेसर को पहले विभाग के शिक्षकों में आपसी मनमुटाव होने को आधार बताकर विभागाध्यक्ष के पद से हटाया गया। इसके बाद विभाग कॉलेज प्राचार्य को विभागाध्यक्ष का पदभार सौंपा लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अब प्राचार्य से पदभार वापस लेकर विभाग के ही एक जूनियर शिक्षक को विभागाध्यक्ष बना दिया। शिक्षकों ने कहा कि यह मामला सीधे तौर पर वरिष्ठता के नियमों के खिलाफ है। इतना ही नहीं शिक्षकों ने कहा कि जिस शिक्षक को विभागाध्यक्ष बनाया, उनके खिलाफ पुलिस में केस भी लंबित है। दूसरे प्वॉइंट में शिक्षकों ने द्रव्यगुण विभाग की टीचिंग फैकल्टी डॉ. संगीता नेहरा से एमडी का गाइड पद छीनने को भी पूरी तरह से गलत बताया। शिक्षकों ने कहा कि जब एनसीआईएसएम की ओर से डॉ. संगीता नेहरा को टीचिंग कोड मिला हुआ है तो उनसे एमडी का गाइड पद छीनना भेदभाव को दिखाता है। इसके साथ ही तीसरे प्वॉइंट में कुलपति पर नियमों को दरकिनार कर पीएचडी गाइड बनने के बारे में लिखा है। शिक्षकों ने अपने सामूहिक पत्र के चौथे प्वॉइंट में पीएचडी की परीक्षा के दौरान मोबाइल में फोटो खींचने के आरोपी शिक्षक को पकड़कर उनका मोबाइल जब्त करने वाले परीक्षा नियंत्रक को हटाने और मोबाइल में फोटो खींचने वाले शिक्षक को डीन बनाने का मामला उठाया है। इसके साथ ही 5वें प्वॉइंट में यूनिवर्सिटी में पीएचडी कार्यक्रम यूजीसी गाइडलाइन के अनुरूप न चलने के आरोप लगाए गए हैं। छठे प्वॉइंट में शिक्षकों ने लिखा कि कुलपति के निर्देश पर चहेते शिक्षक की हाजिरी कॉलेज के हाजिरी रजिस्टर में न लगवाकर अलग रजिस्टर में लगवाई जा रही है। जबकि उनका वेतन कॉलेज से शिक्षक पद का ही जारी हो रहा है न कि कुलपति द्वारा दिए गए अतिरिक्त कार्यभार का। 7वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कौमार भृत्य विभाग की वरिष्ठता को दरकिनार कर जूनियर को सीनियर और सीनियर को जूनियर बनाने के मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। 8वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने एनसीआईएसएम के नियमों का हवाला देते हुए गैर शिक्षक वर्ग से चिकित्सा प्रभारी बनाने की बात कही जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से शिक्षक वर्ग से चिकित्सा प्रभारी बनाया गया है। 9वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कहा कि जो शिक्षक पीएचडी नहीं हैं उन्हें पीएचडी सैल इंचार्ज जैसे महत्वपूर्ण पद दिए गए हैं। इतना ही नहीं जो शिक्षक खुद पीएचडी नहीं है या खुद पीएचडी कर रहा है उसे भी पीएचडी का गाइड यूनिवर्सिटी में बनाया गया है। वहीं 10वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कहा कि भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से एसीआर भी खराब की जा सकती है। सामूहिक रूप से पत्र लिखकर की जांच की मांग श्रीकृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी के शिक्षक व आयुर्वेदिक शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक राणा ने बताया कि 5 शिक्षकों की ओर से राज्यपाल को सामूहिक रूप से पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी में नियमों के विरुद्ध हो रहे कार्यों की जांच की मांग की गई है। डॉ. राणा ने कहा कि इन सभी मामलों में वे यूनिवर्सिटी प्रशासन से जांच की मांग पहले भी कर चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते अब शिक्षकों ने एकजुट होकर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति राज्यपाल को सामूहिक पत्र लिखा है। विकास बत्तान | कुरुक्षेत्र श्रीकृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र के कई शिक्षकों ने सामूहिक रूप से राज्यपाल को कुलपति की कार्यप्रणाली और यूनिवर्सिटी में शिक्षकों के साथ भेदभाव करने के आरोप लगाते हुए पत्र लिखा है। 10 प्वॉइंट के इस सामूहिक पत्र में शिक्षकों ने विभिन्न विभागों के मुद्दों को उठाते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा किए जा रहे भेदभाव के बारे में बताया है। शिक्षकों ने सबसे पहले प्वॉइंट में लिखा है कि यूनिवर्सिटी के एक विभाग की वरिष्ठ महिला प्रोफेसर को पहले विभाग के शिक्षकों में आपसी मनमुटाव होने को आधार बताकर विभागाध्यक्ष के पद से हटाया गया। इसके बाद विभाग कॉलेज प्राचार्य को विभागाध्यक्ष का पदभार सौंपा लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अब प्राचार्य से पदभार वापस लेकर विभाग के ही एक जूनियर शिक्षक को विभागाध्यक्ष बना दिया। शिक्षकों ने कहा कि यह मामला सीधे तौर पर वरिष्ठता के नियमों के खिलाफ है। इतना ही नहीं शिक्षकों ने कहा कि जिस शिक्षक को विभागाध्यक्ष बनाया, उनके खिलाफ पुलिस में केस भी लंबित है। दूसरे प्वॉइंट में शिक्षकों ने द्रव्यगुण विभाग की टीचिंग फैकल्टी डॉ. संगीता नेहरा से एमडी का गाइड पद छीनने को भी पूरी तरह से गलत बताया। शिक्षकों ने कहा कि जब एनसीआईएसएम की ओर से डॉ. संगीता नेहरा को टीचिंग कोड मिला हुआ है तो उनसे एमडी का गाइड पद छीनना भेदभाव को दिखाता है। इसके साथ ही तीसरे प्वॉइंट में कुलपति पर नियमों को दरकिनार कर पीएचडी गाइड बनने के बारे में लिखा है। शिक्षकों ने अपने सामूहिक पत्र के चौथे प्वॉइंट में पीएचडी की परीक्षा के दौरान मोबाइल में फोटो खींचने के आरोपी शिक्षक को पकड़कर उनका मोबाइल जब्त करने वाले परीक्षा नियंत्रक को हटाने और मोबाइल में फोटो खींचने वाले शिक्षक को डीन बनाने का मामला उठाया है। इसके साथ ही 5वें प्वॉइंट में यूनिवर्सिटी में पीएचडी कार्यक्रम यूजीसी गाइडलाइन के अनुरूप न चलने के आरोप लगाए गए हैं। छठे प्वॉइंट में शिक्षकों ने लिखा कि कुलपति के निर्देश पर चहेते शिक्षक की हाजिरी कॉलेज के हाजिरी रजिस्टर में न लगवाकर अलग रजिस्टर में लगवाई जा रही है। जबकि उनका वेतन कॉलेज से शिक्षक पद का ही जारी हो रहा है न कि कुलपति द्वारा दिए गए अतिरिक्त कार्यभार का। 7वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कौमार भृत्य विभाग की वरिष्ठता को दरकिनार कर जूनियर को सीनियर और सीनियर को जूनियर बनाने के मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। 8वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने एनसीआईएसएम के नियमों का हवाला देते हुए गैर शिक्षक वर्ग से चिकित्सा प्रभारी बनाने की बात कही जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से शिक्षक वर्ग से चिकित्सा प्रभारी बनाया गया है। 9वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कहा कि जो शिक्षक पीएचडी नहीं हैं उन्हें पीएचडी सैल इंचार्ज जैसे महत्वपूर्ण पद दिए गए हैं। इतना ही नहीं जो शिक्षक खुद पीएचडी नहीं है या खुद पीएचडी कर रहा है उसे भी पीएचडी का गाइड यूनिवर्सिटी में बनाया गया है। वहीं 10वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कहा कि भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से एसीआर भी खराब की जा सकती है। सामूहिक रूप से पत्र लिखकर की जांच की मांग श्रीकृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी के शिक्षक व आयुर्वेदिक शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक राणा ने बताया कि 5 शिक्षकों की ओर से राज्यपाल को सामूहिक रूप से पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी में नियमों के विरुद्ध हो रहे कार्यों की जांच की मांग की गई है। डॉ. राणा ने कहा कि इन सभी मामलों में वे यूनिवर्सिटी प्रशासन से जांच की मांग पहले भी कर चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते अब शिक्षकों ने एकजुट होकर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति राज्यपाल को सामूहिक पत्र लिखा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में आज से बारिश-ओलावृष्टि:17 जिलों में यलो अलर्ट, दक्षिण क्षेत्र में धुंध पड़ने की संभावना, दिन का तापमान गिरेगा
हरियाणा में आज से बारिश-ओलावृष्टि:17 जिलों में यलो अलर्ट, दक्षिण क्षेत्र में धुंध पड़ने की संभावना, दिन का तापमान गिरेगा हरियाणा में आज शनिवार से वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होगा। अगले 2 से 3 दिन तक राज्य में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है। मौसम विभाग ने 17 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, कैथल, जींद, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, भिवानी, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, झज्जर, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात और पलवल शामिल हैं। दक्षिण हरियाणा में बारिश के साथ कई जगह धुंध भी रह सकती है। शुक्रवार रात को पानीपत, हिसार, भिवानी और जींद के आसपास के क्षेत्रों में घनी धुंध छाई। यहां विजिबिलिटी शून्य रही। हालांकि, आज सुबह हिसार में मौसम साफ है और तेज हवा चल रही है। 12 जनवरी से छाएगा घना कोहरा हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के कृषि मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ का कहना है कि अगर बादलवाई छाएगी तो धुंध का असर कम हो जाएगा। उत्तरी राजस्थान पर एक चक्रवातीय सर्कुलेशन बन रहा है, जिसको अरब सागर से नमी मिलेगी। यह हवाएं राजस्थान से होते हुए हरियाणा में भी बारिश करेगी। बारिश के साथ कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है। बादलवाई व बारिश के कारण अधिकतर स्थानों पर दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। बादल छाए रहने से रात के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। बारिश के बाद 12 जनवरी से कुछ इलाकों में गहरा कोहरा देखने को मिल सकता है। इससे दिन के तापमान में भी गिरावट आएगी, वहीं बारिश के बाद रात का तापमान फिर से गिरेगा, लेकिन तापमान के जमाव बिंदु पर जाने के चांस अभी कम दिखाई दे रहे हैं। बारिश के कारण नमी रहेगी जिससे तापमान में गिरावट तो आएगी, लेकिन वह जमाव बिंदु की ओर नहीं जाएगा। सिरसा में ट्रक-कार में टक्कर, 5 लोग घायल एक दिन पहले 10 जनवरी को सिरसा के चक रूलदू सिंह वाला गांव के पास हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर घने कोहरे के कारण डबवाली से बठिंडा जा रही कार की ट्रक से जबरदस्त टक्कर हो गई, जिसमें कार सवार 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने तत्काल मदद करते हुए सभी घायलों को बठिंडा के नागरिक अस्पताल पहुंचाया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे के समय धुंध के कारण दृश्यता बेहद कम थी। पांचों लोगों ने सीट बेल्ट बांधी हुई थी, इसलिए उनकी जान बच गई। घायलों में 3 बेहोश मिले और 2 को सिर पर चोट लगी हुई थी।
हरियाणा पूर्व डिप्टी CM ने सैलजा को भावी CM बताया:सिरसा सांसद बोलीं-मैं ही मुख्यमंत्री हूं, यह कहना गलत, मेरे नाम पर भी विचार होगा
हरियाणा पूर्व डिप्टी CM ने सैलजा को भावी CM बताया:सिरसा सांसद बोलीं-मैं ही मुख्यमंत्री हूं, यह कहना गलत, मेरे नाम पर भी विचार होगा हरियाणा कांग्रेस में लोकसभा चुनाव के बाद अब मुख्यमंत्री के फेस को लेकर गुटबाजी दिखने लगी है। पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई ने सिरसा से नवनिर्वाचित सांसद कुमारी सैलजा को भावी CM बताकर और हवा दे दी। पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के सबसे बड़े बेटे ने इसको लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म (X) पर एक पोस्ट भी डाली है। पोस्ट में चंद्रमोहन बिश्नोई ने लिखा, ‘हरियाणा प्रदेश की भावी मुख्यमंत्री व सिरसा लोकसभा से नवनिर्वाचित सांसद आदरणीय बहन कुमारी सैलजा से उनके दिल्ली आवास पर मुलाकात कर उनको ऐतिहासिक जीत की बधाई दी।’ दरअसल, सैलजा सिरसा से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इन दिनों दिल्ली में हैं। सोमवार को उन्होंने सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर चुनाव का पूरा फीडबैक दे चुकी हैं। इस अहम मुलाकात के बाद सैलजा ने खुद इसकी जानकारी मीडिया को दी थी। उधर, कुमारी सैलजा ने बिना किसी का नाम लिए कहा- मैं ही सीएम हूं, मैं ही सीएम हूं, यह कहना गलत है। सीएम पद के कई दावेदार हैं। इन नामों पर कांग्रेस हाईकमान विचार करता है। मेरा मानना है कि जब कांग्रेस हाईकमान हरियाणा में मुख्यमंत्री के दावेदारों के नामों पर विचार करेगा तो उनमें से मेरा नाम भी एक होगा। कुमारी सैलजा ने एक मीडिया प्लेटफार्म पर खुलासा किया कि अंबाला में वरुण चौधरी को उन्होंने ही टिकट दिलाया है। कांग्रेस हाईकमान ने मुझसे अंबाला के उम्मीदवार के बारे में राय जानी। मैंने ‘वरुण मुलाना का नाम लिया और यह हर कोई जानता है। यह बात किसी से छिपी नहीं है। सिरसा की जीत को सैलजा बता चुकी हरियाणा की नींव
सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने BJP उम्मीदवार अशोक तंवर को 2 लाख 67 हजार 826 वोट से हराया है। कुमारी सैलजा को 7,32,298 वोट मिले हैं। जबकि अशोक तंवर को 4,64,472 वोट मिले। कुमारी सैलजा ने सिरसा से तीसरी बार और कुल पांचवीं बार सांसद बनी है। इस जीत को लेकर वह काफी उत्साहित हैं। रिजल्ट के बाद कुमारी सैलजा लगातार कह रही हैं कि सिरसा की जीत हरियाणा की नींव है। उनके इस बयान को लेकर उनके समर्थकों के द्वारा एक पोस्टर भी जारी किया गया है। जिसके बाद अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि वह विधानसभा चुनाव में बतौर सीएम फेस तैयारी कर रही हैं। हुड्डा भी विधानसभा चुनाव को लेकर एक्टिव
इधर, हरियाणा में लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर जीत मिलने के बाद कांग्रेस का पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमा भी काफी एक्टिव है। इसकी वजह अब सूबे में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। दिल्ली में 4 सांसदों के साथ पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा केंद्रीय नेतृत्व को चुनाव का फीडबैक दे चुके हैं। साथ ही चंडीगढ़ में सोमवार को CLP मीटिंग भी बुला चुके हैं। इस मीटिंग में उन्होंने सूबे के पार्टी सांसदों के साथ विधानसभा चुनाव को लेकर प्लानिंग की। साथ ही यह संकेत भी दिए कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव में वह ही मुख्यमंत्री के सबसे बड़े दावेदार हैं। कांग्रेस में अभी दो गुट एक्टिव
हरियाणा कांग्रेस में भी अभी दो गुट एक्टिव हैं। पहला गुट पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है। दूसरा गुट कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी का है, जिसको SRK गुट भी कहते हैं। हालांकि सूबे में हुड्डा गुट सबसे पावरफुल है। यही वजह है कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर हुड्डा गुट का ही दबदबा रहा। इसके कारण ही SRK गुट की तोशाम से विधायक किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी का टिकट काटकर हाईकमान ने हुड्डा के करीबी राव दान सिंह को दे दी। अब यहां पढ़िए क्यों एक्टिव हैं दोनों गुट के नेता… लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर मिली जीत लोकसभा चुनाव में 0 से 5 सांसदों की जीत मिलने को लेकर पार्टी के नेता खासे उत्साहित हैं। 2014 के बाद यह जीत इन नेताओं के लिए संजीवनी से कम नहीं है। चूंकि अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में पार्टी के नेता यह तय मान रहे हैं कि इस चुनाव में भी उन्हें जीत मिलेगी। सियासी जानकारों का भी यही कहना है कि प्रदेश में 70% विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत मिल सकती है। सूबे में 15 सालों बाद वोट शेयर बढ़ा हुड्डा और SRK गुट के एक्टिव होने की दूसरी बड़ी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में 18% की बढ़ोतरी हुई है। पार्टी को सूबे की 9 लोकसभा सीटों में 47.07 प्रतिशत वोट पड़े हैं, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले सिर्फ 28% वोट ही मिले थे। इस वोट प्रतिशत का सीधा फायदा कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में होगा। विधानसभा चुनाव में CM फेस
हरियाणा में कांग्रेस सत्ता से 10 सालों से दूर है। चूंकि लोकसभा चुनाव के परिणाम कांग्रेस के लिए सुखद रहे हैं। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी यही मान रहा है कि अब होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए अच्छे परिणाम आने वाले हैं। चूंकि केंद्रीय नेतृत्व ने अभी यहां से सीएम फेस का ऐलान नहीं किया है, इसलिए दोनों गुट के समर्थक अपने-अपने नेताओं को सीएम फेस बता रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कई सार्वजनिक मंचों पर खुद को बतौर मुख्यमंत्री पेश कर चुके हैं, वहीं एसआरके गुट के समर्थक भी सैलजा को सीएम बता चुके हैं।
हरियाणा में JJP संगठन का पुनर्गठन शुरू:3 कमेटियां बनाई; सलाहकार, PAC, अनुशासन समिति में कुल 27 नेताओं को दी गई जिम्मेदारी
हरियाणा में JJP संगठन का पुनर्गठन शुरू:3 कमेटियां बनाई; सलाहकार, PAC, अनुशासन समिति में कुल 27 नेताओं को दी गई जिम्मेदारी जननायक जनता पार्टी (JJP) ने संगठन नवनिर्माण की शुरुआत कर दी है। इसके लिए पार्टी ने सलाहकार समिति, पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी और अनुशासन समिति का गठन किया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व में बनाई गई 10 सदस्यीय सलाहकार समिति में डॉ. केसी बांगड़, अनंत राम तंवर, फूलवती, सरदार जगरूप सिंह सक्ताखेड़ा, रामकुमार कटवाल, पूर्व विधायक गंगा राम, मास्टर राजकुमार सैनी, कंवर सिंह कलवाड़ी और बलवान सुहाग शामिल हैं। जेजेपी की नवगठित पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला, बृज शर्मा, पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, पूर्व मंत्री अनूप धानक, विधायक अमरजीत ढांडा, पूर्व चेयरमैन राजेंद्र लितानी, रणधीर सिंह, शीला भ्याण, मोहसीन चौधरी, धर्मपाल प्रजापत और सुरजीत सौंडा शामिल किए गए हैं। साथ ही कोषाध्यक्ष के तौर पर हरबंस सिंगला, कार्यालय सचिव के तौर पर रणधीर सिंह और राष्ट्रीय प्रधान महासचिव के तौर पर राधेश्याम शर्मा को जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा जेजेपी ने एडवोकेट रणबीर दहिया की अध्यक्षता में चार सदस्यीय अनुशासन समिति भी बनाई है जिसमें एडवोकेट कलम सिंह, एडवोकेट विजय कुमार बंसल और एडवोकेट रिम्पल सोही को सदस्य बनाया गया है।