विकास बत्तान | कुरुक्षेत्र श्रीकृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र के कई शिक्षकों ने सामूहिक रूप से राज्यपाल को कुलपति की कार्यप्रणाली और यूनिवर्सिटी में शिक्षकों के साथ भेदभाव करने के आरोप लगाते हुए पत्र लिखा है। 10 प्वॉइंट के इस सामूहिक पत्र में शिक्षकों ने विभिन्न विभागों के मुद्दों को उठाते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा किए जा रहे भेदभाव के बारे में बताया है। शिक्षकों ने सबसे पहले प्वॉइंट में लिखा है कि यूनिवर्सिटी के एक विभाग की वरिष्ठ महिला प्रोफेसर को पहले विभाग के शिक्षकों में आपसी मनमुटाव होने को आधार बताकर विभागाध्यक्ष के पद से हटाया गया। इसके बाद विभाग कॉलेज प्राचार्य को विभागाध्यक्ष का पदभार सौंपा लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अब प्राचार्य से पदभार वापस लेकर विभाग के ही एक जूनियर शिक्षक को विभागाध्यक्ष बना दिया। शिक्षकों ने कहा कि यह मामला सीधे तौर पर वरिष्ठता के नियमों के खिलाफ है। इतना ही नहीं शिक्षकों ने कहा कि जिस शिक्षक को विभागाध्यक्ष बनाया, उनके खिलाफ पुलिस में केस भी लंबित है। दूसरे प्वॉइंट में शिक्षकों ने द्रव्यगुण विभाग की टीचिंग फैकल्टी डॉ. संगीता नेहरा से एमडी का गाइड पद छीनने को भी पूरी तरह से गलत बताया। शिक्षकों ने कहा कि जब एनसीआईएसएम की ओर से डॉ. संगीता नेहरा को टीचिंग कोड मिला हुआ है तो उनसे एमडी का गाइड पद छीनना भेदभाव को दिखाता है। इसके साथ ही तीसरे प्वॉइंट में कुलपति पर नियमों को दरकिनार कर पीएचडी गाइड बनने के बारे में लिखा है। शिक्षकों ने अपने सामूहिक पत्र के चौथे प्वॉइंट में पीएचडी की परीक्षा के दौरान मोबाइल में फोटो खींचने के आरोपी शिक्षक को पकड़कर उनका मोबाइल जब्त करने वाले परीक्षा नियंत्रक को हटाने और मोबाइल में फोटो खींचने वाले शिक्षक को डीन बनाने का मामला उठाया है। इसके साथ ही 5वें प्वॉइंट में यूनिवर्सिटी में पीएचडी कार्यक्रम यूजीसी गाइडलाइन के अनुरूप न चलने के आरोप लगाए गए हैं। छठे प्वॉइंट में शिक्षकों ने लिखा कि कुलपति के निर्देश पर चहेते शिक्षक की हाजिरी कॉलेज के हाजिरी रजिस्टर में न लगवाकर अलग रजिस्टर में लगवाई जा रही है। जबकि उनका वेतन कॉलेज से शिक्षक पद का ही जारी हो रहा है न कि कुलपति द्वारा दिए गए अतिरिक्त कार्यभार का। 7वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कौमार भृत्य विभाग की वरिष्ठता को दरकिनार कर जूनियर को सीनियर और सीनियर को जूनियर बनाने के मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। 8वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने एनसीआईएसएम के नियमों का हवाला देते हुए गैर शिक्षक वर्ग से चिकित्सा प्रभारी बनाने की बात कही जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से शिक्षक वर्ग से चिकित्सा प्रभारी बनाया गया है। 9वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कहा कि जो शिक्षक पीएचडी नहीं हैं उन्हें पीएचडी सैल इंचार्ज जैसे महत्वपूर्ण पद दिए गए हैं। इतना ही नहीं जो शिक्षक खुद पीएचडी नहीं है या खुद पीएचडी कर रहा है उसे भी पीएचडी का गाइड यूनिवर्सिटी में बनाया गया है। वहीं 10वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कहा कि भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से एसीआर भी खराब की जा सकती है। सामूहिक रूप से पत्र लिखकर की जांच की मांग श्रीकृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी के शिक्षक व आयुर्वेदिक शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक राणा ने बताया कि 5 शिक्षकों की ओर से राज्यपाल को सामूहिक रूप से पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी में नियमों के विरुद्ध हो रहे कार्यों की जांच की मांग की गई है। डॉ. राणा ने कहा कि इन सभी मामलों में वे यूनिवर्सिटी प्रशासन से जांच की मांग पहले भी कर चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते अब शिक्षकों ने एकजुट होकर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति राज्यपाल को सामूहिक पत्र लिखा है। विकास बत्तान | कुरुक्षेत्र श्रीकृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र के कई शिक्षकों ने सामूहिक रूप से राज्यपाल को कुलपति की कार्यप्रणाली और यूनिवर्सिटी में शिक्षकों के साथ भेदभाव करने के आरोप लगाते हुए पत्र लिखा है। 10 प्वॉइंट के इस सामूहिक पत्र में शिक्षकों ने विभिन्न विभागों के मुद्दों को उठाते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा किए जा रहे भेदभाव के बारे में बताया है। शिक्षकों ने सबसे पहले प्वॉइंट में लिखा है कि यूनिवर्सिटी के एक विभाग की वरिष्ठ महिला प्रोफेसर को पहले विभाग के शिक्षकों में आपसी मनमुटाव होने को आधार बताकर विभागाध्यक्ष के पद से हटाया गया। इसके बाद विभाग कॉलेज प्राचार्य को विभागाध्यक्ष का पदभार सौंपा लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अब प्राचार्य से पदभार वापस लेकर विभाग के ही एक जूनियर शिक्षक को विभागाध्यक्ष बना दिया। शिक्षकों ने कहा कि यह मामला सीधे तौर पर वरिष्ठता के नियमों के खिलाफ है। इतना ही नहीं शिक्षकों ने कहा कि जिस शिक्षक को विभागाध्यक्ष बनाया, उनके खिलाफ पुलिस में केस भी लंबित है। दूसरे प्वॉइंट में शिक्षकों ने द्रव्यगुण विभाग की टीचिंग फैकल्टी डॉ. संगीता नेहरा से एमडी का गाइड पद छीनने को भी पूरी तरह से गलत बताया। शिक्षकों ने कहा कि जब एनसीआईएसएम की ओर से डॉ. संगीता नेहरा को टीचिंग कोड मिला हुआ है तो उनसे एमडी का गाइड पद छीनना भेदभाव को दिखाता है। इसके साथ ही तीसरे प्वॉइंट में कुलपति पर नियमों को दरकिनार कर पीएचडी गाइड बनने के बारे में लिखा है। शिक्षकों ने अपने सामूहिक पत्र के चौथे प्वॉइंट में पीएचडी की परीक्षा के दौरान मोबाइल में फोटो खींचने के आरोपी शिक्षक को पकड़कर उनका मोबाइल जब्त करने वाले परीक्षा नियंत्रक को हटाने और मोबाइल में फोटो खींचने वाले शिक्षक को डीन बनाने का मामला उठाया है। इसके साथ ही 5वें प्वॉइंट में यूनिवर्सिटी में पीएचडी कार्यक्रम यूजीसी गाइडलाइन के अनुरूप न चलने के आरोप लगाए गए हैं। छठे प्वॉइंट में शिक्षकों ने लिखा कि कुलपति के निर्देश पर चहेते शिक्षक की हाजिरी कॉलेज के हाजिरी रजिस्टर में न लगवाकर अलग रजिस्टर में लगवाई जा रही है। जबकि उनका वेतन कॉलेज से शिक्षक पद का ही जारी हो रहा है न कि कुलपति द्वारा दिए गए अतिरिक्त कार्यभार का। 7वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कौमार भृत्य विभाग की वरिष्ठता को दरकिनार कर जूनियर को सीनियर और सीनियर को जूनियर बनाने के मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। 8वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने एनसीआईएसएम के नियमों का हवाला देते हुए गैर शिक्षक वर्ग से चिकित्सा प्रभारी बनाने की बात कही जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से शिक्षक वर्ग से चिकित्सा प्रभारी बनाया गया है। 9वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कहा कि जो शिक्षक पीएचडी नहीं हैं उन्हें पीएचडी सैल इंचार्ज जैसे महत्वपूर्ण पद दिए गए हैं। इतना ही नहीं जो शिक्षक खुद पीएचडी नहीं है या खुद पीएचडी कर रहा है उसे भी पीएचडी का गाइड यूनिवर्सिटी में बनाया गया है। वहीं 10वें प्वॉइंट में शिक्षकों ने कहा कि भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से एसीआर भी खराब की जा सकती है। सामूहिक रूप से पत्र लिखकर की जांच की मांग श्रीकृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी के शिक्षक व आयुर्वेदिक शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक राणा ने बताया कि 5 शिक्षकों की ओर से राज्यपाल को सामूहिक रूप से पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी में नियमों के विरुद्ध हो रहे कार्यों की जांच की मांग की गई है। डॉ. राणा ने कहा कि इन सभी मामलों में वे यूनिवर्सिटी प्रशासन से जांच की मांग पहले भी कर चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते अब शिक्षकों ने एकजुट होकर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति राज्यपाल को सामूहिक पत्र लिखा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सपना चौधरी ने बिग बॉस के 11वें सीजन में हिस्सा लिया था। जिसके बाद यह हरियाणवी सिंगर देशभर में काफी फेमस हो गईं। इस दौरान उन्होंने बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के साथ डांस भी किया। सपना को बिग बॉस के इस सीजन में 1 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। मौत की अफवाह भी उड़ी, सपना ने कहा- ये बहुत अजीब था
करीब 3 साल पहले सोशल मीडिया पर उनकी मौत की अफवाह उड़ा दी गई। इसमें कहा गया कि सिरसा में हुए एक सड़क हादसे में सपना की जान चली गई है। ये खबर आते ही उनके घरवाले और फैंस परेशान हो उठे थे। इसको लेकर सपना ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मेरी मौत की अफवाह से मेरे परिवार वाले बहुत परेशान हो गए थे। सब कॉल पर कॉल करके मेरा हालचाल जान रहे थे। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वो इससे कैसे डील करें। इस प्रोफेशन में हमें कई तरह की अफवाहों से जूझना पड़ता है लेकिन इस तरह की अफवाहें बेहद अजीब होती हैं। सोचिए, किसी के मां-बाप से कॉल करके कोई पूछे कि क्या आपकी बेटी का निधन हो गया तो उन्हें कैसा लगेगा? शायद कोई सिंगर थी जिसकी डेथ हो गई थी और लोग उससे कंफ्यूज हो गए…पता नहीं। ये बेहद दुखद है कि किसी आर्टिस्ट का निधन हो गया लेकिन मुझे लगता है कि अच्छा होता अगर ये कंफ्यूजन ना हुआ होता। लॉकडाउन में भी वीडियो बनाती रहीं, बॉलीवुड में भी दिख चुकीं
लॉकडाउन के दौरान भी वो अपने इंस्टाग्राम वीडियोज से अपने फैंस का मनोरंजन कर रही थीं। सपना के कई डांस वीडियो इंटरनेट पर धूम मचा चुके हैं। जिनमें ब, ‘छोरी भैंस बड़ी बिंदास’ उनके सबसे पापुलर गानों में से हैं। सपना ने फिल्म ‘वीरे की वेडिंग’ में एक स्पेशल डांस नंबर ‘हट जा ताऊ’ पर परफॉर्म करते हुए अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था। इसके बाद वे अभय देओल स्टारर फिल्म ‘नानू की जानू’ के ‘लव बाइट’ और ‘तेरे ठुमके सपना चौधरी’ गाने में नजर आई थीं। सपना ने की थी गुपचुप शादी
सपना हरियाणवी सिंगर वीर साहू के साथ शादी के चलते सुर्खियों में रहीं। दरअसल, वीर साहू ने फेसबुक पर खुलासा किया था कि उनकी शादी सपना से हो गई है और सपना एक बेटे की मां भी बन गई हैं। 24 जनवरी 2020 में दोनों ने गुपचुप तरीके से मंदिर में शादी की थी। हालांकि बाद में उन्होंने स्पष्ट किया किया परिवार में मौत होने की वजह से वे प्रशंसकों के साथ खुशियां साझा नहीं कर पाए थे। इसके साथ ही गर्भवती होने की खबरों पर सपना को ट्रोल करने वालों पर भड़कते हुए उन्होंने कहा था कि किसी के निजी जीवन में लोगों का हस्तक्षेप बिल्कुल भी ठीक नहीं है। हमने अपनी इच्छा से शादी की है, लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।

अंबाला में मिला नवजात बच्ची का क्षत विक्षत शव:गांव में बाड़े में पड़ा मिला; कुत्ते ने नोचा, सरपंच ने बुलाई पुलिस
अंबाला में मिला नवजात बच्ची का क्षत विक्षत शव:गांव में बाड़े में पड़ा मिला; कुत्ते ने नोचा, सरपंच ने बुलाई पुलिस हरियाणा के अंबाला जिले में एक नवजात बच्ची का शव क्षत विक्षत हालत में मिला है। गांव के सरपंच की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और नवजात शिशु के शव को कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। मामला पंजोखरा थाना के अंतर्गत आने वाले गांव भड़ोग का है। अंबाला जिले के गांव भड़ोग के सरपंच बलविंदर ने बताया कि बुधवार शाम 4 बजे उसे सूचना मिली कि गुरदयाल सिंह के घर के पास बाड़े में एक नवजात शिशु पड़ा है। वह तुरंत मौके पर पहुंचा। उन्होंने देखा कि नवजात की मौत हाे चुकी थी। नवजात की एक बाजू थोड़ी सी बाहर निकली हुई थी। सरपंच के मुताबिक, नवजात को किसी कुत्ते या अन्य जानवर द्वारा नोचा गया था। शव क्षत विक्षत हालत में था। सरपंच ने बताया कि यह नवजात को किसी महिला ने जन्म से पहले मृत अवस्था में खुर्द-बुर्द करने की नीयत से फेंक दिया है। पंजोखरा थाने की पुलिस ने भारतीय न्याय सहिंता की धारा 94 व 238 के तहत केस दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है।