उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आंनदी बेन पटेल का कार्यकाल 29 जुलाई को खत्म हो गया है। लेकिन अब तक उत्तर प्रदेश के नए राज्यपाल की घोषणा नहीं हुई है। सूत्रों की माने तो आनंदीबेन पटेल को अग्रिम आदेशों तक पद पर बने रहने को कहा गया है। यूपी में अब तक किसी भी गवर्नर को दोबारा मौका नहीं मिला है। आनंदीबेन पटेल को दोबारा मौका मिला है यह उत्तर प्रदेश की राजनीति में इतिहास में पहली बार हुआ है।सूत्रों की माने तो अगले 3 महीने के लिए आनंदीबेन पटेल को सेवा विस्तार दिया जा सकता है। 5 वर्ष की कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए आनंदी बेन पटेल ने 29 जुलाई 2019 को उत्तर प्रदेश में राज्यपाल का पदभार ग्रहण किया था। उनके 5 साल का समय पूरा हो गया है। 29 जुलाई को यह कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक थे। अपने 5 वर्षों के कार्यकाल में आनंदीबेन पटेल ने कई ऐतिहासिक काम भी किए हैं और समय-समय पर कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिया है। आनंदीबेन पटेल ने बढ़ाया राज भवन का प्रोटोकॉल आनंदी बेन पटेल ने 2019 में राज्यपाल बनने के तुरंत बाद से ही सबसे पहले काम राजभवन का प्रोटोकॉल बढ़ाने का किया।राजभवन का दरवाजा सामान्य तौर पर आम लोगों के लिए भी खुला रहता था। मगर आनंदीबेन पटेल के समय में प्रोटोकॉल बढ़ा और एक सख्त प्रशासक की तरह उन्होंने राज भवन को चलाया। विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति राजपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश की उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश भर के विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति की। माना जाता है कि राजपाल आनंदी बेन पटेल तेवर जितना कुलपतियों की नियुक्ति में चलता है उतना ही उनके लिए स्टैंड करने पर भी रहता है। प्रदेश सरकार के तमाम विरोध के बावजूद विनय पाठक को उन्होंने विभिन्न पदों पर बैठाए रखा। सीतापुर में वृक्षारोपण समारोह के दौरान हुई थी नाराज 20 जुलाई को वृक्षारोपण महाअभियान के दौरान राजपाल आनंदीबेन पटेल बतौर मुख्य अतिथि सीतापुर पहुंची थी। जहां पौधरोपण अभियान के दौरान खराब प्रबंधन की वजह से उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी. समय-समय पर आनंदीबेन पटेल सरकार को आईना दिखाती रहीं हैं। नरेंद्र मोदी के साल 2014 में प्रधानमंत्री पद की कुर्सी संभालने के बाद आनंदीबेन पटेल गुजरात की मुख्यमंत्री बनी थीं। इसके बाद मोदी सरकार ने आनंदीबेन पटेल को जनवरी 2018 को मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया था। एमपी की गवर्नर रहते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ का कार्यभार भी संभाला था। इसके बाद मोदी सरकार जब दूसरी बार सत्ता में आई तो देश के कई राज्यों में राज्यपाल की नियुक्तियां की गईं, जिसमें लालजी टंडन को मध्य प्रदेश का गवर्नर नियुक्त किया तो आनंदीबेन पटेल को उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बना दिया। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आंनदी बेन पटेल का कार्यकाल 29 जुलाई को खत्म हो गया है। लेकिन अब तक उत्तर प्रदेश के नए राज्यपाल की घोषणा नहीं हुई है। सूत्रों की माने तो आनंदीबेन पटेल को अग्रिम आदेशों तक पद पर बने रहने को कहा गया है। यूपी में अब तक किसी भी गवर्नर को दोबारा मौका नहीं मिला है। आनंदीबेन पटेल को दोबारा मौका मिला है यह उत्तर प्रदेश की राजनीति में इतिहास में पहली बार हुआ है।सूत्रों की माने तो अगले 3 महीने के लिए आनंदीबेन पटेल को सेवा विस्तार दिया जा सकता है। 5 वर्ष की कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए आनंदी बेन पटेल ने 29 जुलाई 2019 को उत्तर प्रदेश में राज्यपाल का पदभार ग्रहण किया था। उनके 5 साल का समय पूरा हो गया है। 29 जुलाई को यह कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक थे। अपने 5 वर्षों के कार्यकाल में आनंदीबेन पटेल ने कई ऐतिहासिक काम भी किए हैं और समय-समय पर कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिया है। आनंदीबेन पटेल ने बढ़ाया राज भवन का प्रोटोकॉल आनंदी बेन पटेल ने 2019 में राज्यपाल बनने के तुरंत बाद से ही सबसे पहले काम राजभवन का प्रोटोकॉल बढ़ाने का किया।राजभवन का दरवाजा सामान्य तौर पर आम लोगों के लिए भी खुला रहता था। मगर आनंदीबेन पटेल के समय में प्रोटोकॉल बढ़ा और एक सख्त प्रशासक की तरह उन्होंने राज भवन को चलाया। विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति राजपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश की उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश भर के विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति की। माना जाता है कि राजपाल आनंदी बेन पटेल तेवर जितना कुलपतियों की नियुक्ति में चलता है उतना ही उनके लिए स्टैंड करने पर भी रहता है। प्रदेश सरकार के तमाम विरोध के बावजूद विनय पाठक को उन्होंने विभिन्न पदों पर बैठाए रखा। सीतापुर में वृक्षारोपण समारोह के दौरान हुई थी नाराज 20 जुलाई को वृक्षारोपण महाअभियान के दौरान राजपाल आनंदीबेन पटेल बतौर मुख्य अतिथि सीतापुर पहुंची थी। जहां पौधरोपण अभियान के दौरान खराब प्रबंधन की वजह से उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी. समय-समय पर आनंदीबेन पटेल सरकार को आईना दिखाती रहीं हैं। नरेंद्र मोदी के साल 2014 में प्रधानमंत्री पद की कुर्सी संभालने के बाद आनंदीबेन पटेल गुजरात की मुख्यमंत्री बनी थीं। इसके बाद मोदी सरकार ने आनंदीबेन पटेल को जनवरी 2018 को मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया था। एमपी की गवर्नर रहते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ का कार्यभार भी संभाला था। इसके बाद मोदी सरकार जब दूसरी बार सत्ता में आई तो देश के कई राज्यों में राज्यपाल की नियुक्तियां की गईं, जिसमें लालजी टंडन को मध्य प्रदेश का गवर्नर नियुक्त किया तो आनंदीबेन पटेल को उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बना दिया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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दिल्ली में आग की घटनाओं से टेंशन में एमसीडी, संपत्तियों की सुरक्षा के लिए उठाए ये कदम <p style=”text-align: justify;”><strong>MCD Action On Fire Incidents:</strong> बीते कुछ दिनों से राजधानी में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच आगजनी की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है, जिसमें सबसे ज्यादा आग बिजली के शॉर्ट-सर्किट की वजह से लग रहे हैं. जिसे देखते हुए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने अपने भवनों में आग लगने की घटना को कम से कम करने और एहतिहातन बचाव के प्रयास तहत कुछ आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>एमसीडी की ओर से विभागीय स्तर पर जारी निर्देश के अनुसार भवनों में अग्निशमन प्रणाली का निरीक्षण, विद्युत लोड ऑडिट, स्मोक डिटेक्टर, फायर अलार्म और ऑटोमैटिक वाटर स्प्रिंकल लगाने के साथ सभी अधिकारियों को अग्नि सुरक्षा निर्देशों पर अमल करने को कहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा, हाइड्रेंट और अलार्म की जांच करेंगे, जिसमें अग्निशामक यंत्रों की एक्सपायरी की जांच, हाइड्रेंट की उपलब्धता सुनिश्चित करना और पर्याप्त पानी के दबाव की सुनिश्चित करने और अग्नि अलार्म की जांच आदि शामिल हैं. जांच के साथ यह भी कहा गया कि सभी अग्नि सुरक्षा उपकरणों के लिए एक रखरखाव कार्यक्रम बनाया जाएं. जिसमें अग्निशामक यंत्रों की मासिक जांच, अग्नि अलार्म और हाइड्रेंट की त्रैमासिक परीक्षण शामिल हो. इलेक्ट्रियल डक्ट्स के लिए गैर-ज्वलनशील सामग्री व ज्वलनशील सामग्री का प्रबंधन करने पर भी जोर दिया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुरक्षा मानदंडों का पालन सभी के लिए अनिवार्य</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एमसीडी ने ये सभी उपाय अपने सभी भवनों खासतौर पर अस्पतालों, डिस्पेंसरियों, स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों, मल्टी-लेवल पार्किंग प्लेस, जोनल कार्यालयों और अन्य इमारतों में लागू करने के निर्देश दिए हैं. जहां बड़ी संख्या में लोग जमा होते हैं. एमसीडी के निर्देश के मुताबिक इन उपायों को लागू करना और निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इमारत की बिजली खपत खास तौर पर उच्च मांग वाले क्षेत्रों जैसे आईसीयू का मूल्यांकन करने के लिए वर्ष में दो बार विद्युत ऑडिट को एमसीडी ने आवश्यक बताया है. बिजली के लोड की निगरानी और ओवरलोडिंग को रोकने के लिए ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही यह भी सुनिश्चित करने कहा गया कि सिंगल सर्किट में कई हाई पॉवर उपकरणों को कनेक्ट न किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एमसीडी ने अपने अस्पतालों के आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संबंधित अधिकारियों से वाटर स्प्रिंकल और सुलभ होज पाइप फिट कराने को कहा है. साथ ही यह सिस्टम फायर अलार्म सिस्टम के साथ लिंक होना चाहिए. ताकि आग लगने की स्थिति में तत्काल सक्रिय हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्टाफ प्रशिक्षण और ड्रिल्स</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सभी स्टाफ को अग्नि सुरक्षा, आपातकालीन प्रक्रियाओं और अग्निशमन उपकरणों के उपयोग पर एक निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रम अमल करने को कहा गया है. वर्ष में दो बार अग्नि ड्रिल्स व निकासी ड्रिल्स का आयोजन करना शामिल है. ताकि स्टाफ, डॉक्टर और मरीज आपातकालीन स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया करें, यह पता लगाया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एनबीसी का पालन जरूरी </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राष्ट्रीय भवन कोड 2016 के अनुसार नवीनतम अग्नि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल के बुनियादी ढांचे की नियमित समीक्षा एवं अपडेट करने को कहा गया है. इसमें उचित वेंटिलेशन सिस्टम, अग्नि-प्रतिरोधी दरवाजे और गलियारों और सीढ़ियों में आपातकालीन लाइट शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फायर सेफ्टी एनओसी प्राप्त करना </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अग्नि सुरक्षा नियमों के अनुसार अग्नि सुरक्षा अनापत्ति प्रमाणपत्र का वार्षिक नवीनीकरण करें. इसमें अग्नि सुरक्षा योजनाओं और उपकरणों के रखरखाव और स्टाफ प्रशिक्षण के रिकॉर्ड को अपडेट कर जमा करना शामिल है. दिल्ली नगर निगम इन उपायों को लागू करके अपनी इमारतों की अग्नि सुरक्षा की तैयारी को महत्वपूर्ण रूप से बेहतर करना चाहता है जिससे निवासियों, कर्मचारियों और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार की जीत पर क्या बोले राजनीति के एक्सपर्ट योगेंद्र यादव? कह दी बड़ी बात” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/kanhaiya-kumar-congress-election-prediction-delhi-north-east-lok-sabha-election-2024-by-yogendra-yadav-2703067″ target=”_blank” rel=”noopener”>कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार की जीत पर क्या बोले राजनीति के एक्सपर्ट योगेंद्र यादव? कह दी बड़ी बात</a></strong></p>
पेरिस ओलिंपिक में हरियाणा की अंतिम पंघाल का पहला मैच:फोन पर माता-पिता से किया वादा, मेडल लेकर लौटूंगी; विश्व के दिग्गज खिलाड़ियों से मुकाबला
पेरिस ओलिंपिक में हरियाणा की अंतिम पंघाल का पहला मैच:फोन पर माता-पिता से किया वादा, मेडल लेकर लौटूंगी; विश्व के दिग्गज खिलाड़ियों से मुकाबला हरियाणा की धुरंधर पहलवान अंतिम पंघाल बुधवार को पेरिस ओलंपिक में अपना पहला मुकाबला खेलेंगी। हिसार में रहने वाले पहलवान अंतिम पंघाल के माता-पिता ने गांव भगाना के नागा बाबा मंदिर में जाकर बेटी की जीत की प्रार्थना की। अंतिम 53 किलोग्राम भार वर्ग में दमखम दिखाएंगी। मुकाबला दोपहर डेढ़ बजे शुरू होगा। अंतिम की बहन निशा उसका हौसला बढ़ाने के लिए पेरिस गई हैं। अंतिम के पिता रामनिवास ने बताया कि अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप की गोल्ड मेडल विजेता पहलवान अंतिम ने माता-पिता से गोल्ड जीतने का वादा किया है। बड़ी बहन मीनू ने बताया कि सोमवार को अंतिम से बात हुई थी। अंतिम ने बताया कि वह बिल्कुल ठीक है। तैयारियां पूरी हैं। वह पदक जीतकर लौटेगी। वहीं अंतिम की मां कृष्णा ने कहा कि छोटी सी उम्र में बेटी ने कई पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। बेटी पहली बार ओलंपिक खेलेगी। बेटी पदक लेकर आएगी। मेरी तरफ से बेटी को शुभकामनाएं। विनेश फोगाट की जगह 53 किग्रा में खेलेंगी अंतिम
विनेश फोगाट के साथ, पंघाल ने पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए हाल ही में यूरोप में प्रशिक्षण लिया है। अनुभवी पहलवान विनेश फोगट की जगह महिलाओं की 53 किग्रा में भारत की शीर्ष पहलवान बनने के बाद, अंतिम पर पेरिस 2024 में सबकी नज़रें टिकी हैं। पंघाल आगामी ओलंपिक ग्रीष्मकालीन खेलों के लिए विनेश के साथ यूरोप में प्रशिक्षण ले रही थीं, जो अपने पसंदीदा वजन वर्ग के बजाय 50 किग्रा में प्रतिस्पर्धा करेंगी। अंतिम पंघाल को महिलाओं की 53 किग्रा कुश्ती स्पर्धा में कुछ कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जिसमें सबसे खास जापान की अकारी फुजिनामी हैं। मुश्किल है मुकाबला, लेकिन अंतिम का पलड़ा भारी
वह दो बार की विश्व चैंपियन, मौजूदा एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता और दो बार की एशियाई चैंपियन भी हैं। वह वर्तमान में सौ से अधिक मैचों में अपराजित हैं। इस स्पर्धा में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की पैंग कियानयू भी शामिल हैं, जो टोक्यो 2020 की रजत पदक विजेता और दो बार की विश्व पदक विजेता हैं। वह दो बार की एशियाई चैंपियन और एशियाई खेलों की रजत पदक विजेता भी हैं। पूर्व विश्व चैंपियन अमेरिका की डोमिनिक पैरिश, इक्वाडोर की लूसिया येपेज, ग्रीस की मारिया प्रेवोलारकी, रोमानिया की आंद्रेया एना और स्वीडन की जोना माल्मग्रेन महिलाओं की 53 किग्रा कुश्ती स्पर्धा में अन्य बड़े नाम होंगे।
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