भास्कर न्यूज|फतेहाबाद रतिया में बाहरी उम्मीदवार के विरोध कर रहे भाजपा नेताओं को लेकर भाजपा किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव ठाकुर भवानी सिंह ने कहा कि पार्टी जिसे टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारेगी, भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता उसके साथ पूरी शिद्दत के साथ काम करेगा। भवानी सिंह ने कहा कि भाजपा अनुशासित कार्यकर्ताओं की पार्टी है और पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता पूरी अनुशासन में रह कर काम करता है। पत्रकारों से बात करते हुए ठाकुर भवानी सिंह ने पार्टी में कोई बाहरी नहीं है, पार्टी नेतृत्व जिसे भी टिकट देता है, पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता पूरी शिद्दत के साथ उसका साथ देकर चुनाव जिताने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के नेतृत्व में यह पहला लोकसभा चुनाव था, लेकिन बढिय़ा काम हुआ होता तो इतनी बड़ी हार नहीं होनी थी। उन्होंने कहा कि 2014 के इलेक्शन में सुनीता दुग्गल यहां से उम्मीदवार थीं, तब वे मात्र 400 वोटों से हार गई थीं, यदि उस समय भी तन-मन-धन से साथ दिया होता तो वे हारती नहीं। भास्कर न्यूज|फतेहाबाद रतिया में बाहरी उम्मीदवार के विरोध कर रहे भाजपा नेताओं को लेकर भाजपा किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव ठाकुर भवानी सिंह ने कहा कि पार्टी जिसे टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारेगी, भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता उसके साथ पूरी शिद्दत के साथ काम करेगा। भवानी सिंह ने कहा कि भाजपा अनुशासित कार्यकर्ताओं की पार्टी है और पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता पूरी अनुशासन में रह कर काम करता है। पत्रकारों से बात करते हुए ठाकुर भवानी सिंह ने पार्टी में कोई बाहरी नहीं है, पार्टी नेतृत्व जिसे भी टिकट देता है, पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता पूरी शिद्दत के साथ उसका साथ देकर चुनाव जिताने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी जिला अध्यक्ष बलदेव ग्रोहा के नेतृत्व में यह पहला लोकसभा चुनाव था, लेकिन बढिय़ा काम हुआ होता तो इतनी बड़ी हार नहीं होनी थी। उन्होंने कहा कि 2014 के इलेक्शन में सुनीता दुग्गल यहां से उम्मीदवार थीं, तब वे मात्र 400 वोटों से हार गई थीं, यदि उस समय भी तन-मन-धन से साथ दिया होता तो वे हारती नहीं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा BJP अध्यक्ष ने की PM से मुलाकात:सोशल मीडिया पर शेयर की फोटो, विधानसभा चुनाव को लेकर हुई चर्चा हरियाणा BJP के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। जिसकी फोटो उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया पर शेयर की है। X पर फोटो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से भेंटकर आगामी विधानसभा चुनाव एवं विभिन्न संगठनात्मक विषयों पर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। 13 दिन पहले बने थे प्रदेश अध्यक्ष बता दें कि, 13 दिन पहले यानी 9 जुलाई को ही भाजपा ने सोनीपत के राई से विधायक मोहन लाल बड़ौली को नया अध्यक्ष बनाया है। मोहन लाल बड़ौली ने हाल ही में सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि वें कांग्रेस के उम्मीदवार सतपाल ब्रह्मचारी से हार गए थे। छोटे वर्कर के रूप में की राजनीतिक पारी शुरू मोहन लाल बड़ौली ने बड़ौली ने छोटे वर्कर के रूप में राजनीतिक पारी शुरू की थी। पहले उन्होंने सोनीपत के बहालगढ़ चौक के पास कपड़ा मार्केट में एक दुकान चलाई। इसके बाद 1989 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) में शामिल हुए। जिसके बाद भाजपा में आ गए। 2019 में कांग्रेस के गढ़ राई में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने।

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हरियाणा में 3 सीटों पर साइलेंट बागियों का खतरा:BJP-कांग्रेस के 4 नेताओं ने नहीं छोड़ी पार्टी, उम्मीदवारों के समर्थन में भी नहीं हरियाणा में रेवाड़ी जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के प्रत्याशियों को ‘साइलेंट’ बागियों से खतरा है। कोसली में कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश यादव और बीजेपी प्रत्याशी अनिल डहीना के अलावा बावल में बीजेपी प्रत्याशी डॉ. कृष्ण कुमार और रेवाड़ी सीट से कैंडिडेट लक्ष्मण सिंह यादव के सामने बागियों से निपटना चुनौती है। कुछ बागी पार्टी छोड़ निर्दलीय मैदान में उतार चुके हैं, लेकिन 4 बड़े चेहरे राव यादवेंद्र, बिक्रम ठेकेदार, रणधीर सिंह कापड़ीवास और डॉ. बनवारी लाल ने ना पार्टी छोड़ी और ना ही प्रत्याशी के समर्थन में दिख रहे हैं। चारों के पास खुद का जनाधार भी है। ऐसे में तीनों सीटों पर भीतरघात की पूरी संभावनाएं दिख रही है। इन्हें मनाने की कोशिशें भी अभी तक नहीं हुई हैं। दरअसल, इस बार बीजेपी और कांग्रेस को इन तीनों ही सीटों पर प्रत्याशियों का चयन करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। बीजेपी ने तीनों ही सीटों पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पसंद से उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं कांग्रेस ने बावल और कोसली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट के नेताओं को तरजीह दी और रेवाड़ी सीट पर कांग्रेस ने सिटिंग MLA चिरंजीव राव को फिर से प्रत्याशी बनाया है। बावल में 52 नेताओं ने टिकट के लिए दावेदारी की थी, लेकिन यहां पार्टी ने डॉ. एमएल रंगा को टिकट दी। हुड्डा गुट से होने के कारण उनका अभी विरोध देखने को नहीं मिला है। इसी तरह चिरंजीव के खिलाफ भी अभी तक किसी तरह का विरोध नहीं हुआ। हालांकि कोसली सीट पर कांग्रेस को बड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है। जगदीश के सामने यादवेंद्र चुनौती
कांग्रेस की तरफ से कोसली में प्रत्याशी बनाए गए जगदीश यादव के सामने दो चुनौतियां हैं। एक हैं यहां से टिकट के दावेदारों में शामिल पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह, जो की पहले ही अपने बागी तेवर अपना चुके हैं। हालांकि निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में नही उतरे हैं और ना ही उन्होंने अभी तक पार्टी छोड़ी है। वह इशारों-इशारों में कह चुके हैं कि वह जगदीश को नहीं जीतने देंगे। वहीं दूसरी चुनौती हैं टिकट के एक और दावेदार मनोज कोसलिया, जो कि निर्दलीय ही मैदान में उतार चुके हैं। अनिल के सामने खतरा बन सकते हैं बिक्रम ठेकेदार
राव इंद्रजीत सिंह की साफारिश पर बीजेपी ने कोसली सीट पर अनिल डहीना को चुनावी मैदान में उतारा है। अनिल डहीना एक बार जिला पार्षद रह चुके हैं। हालांकि 2 साल पहले हुए जिला पार्षद चुनाव में वो हार गए थे। उनका इस सीट पर खुद का कोई जनाधार नहीं है। उनकी नौका पूरी तरह राव इंद्रजीत सिंह के भरोसे पर है, लेकिन चुनौती पूर्व मंत्री बिक्रम ठेकेदार से भी है। बिक्रम ठेकेदार भी टिकट के दावेदार थे। जब उन्हें टिकट नहीं मिली तो उन्होंने अपने बागी तेवर भी दिखाए। हालांकि वो ना तो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं और ना ही उन्होंने पार्टी से किनारा किया है। ऐसे में अनिल के सामने भी भीतरघात से निपटना दोहरी चुनौती होगी। लक्ष्मण का खेल बिगाड़ सकते हैं कापड़ीवास
रेवाड़ी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव के लिए सबसे बड़ा खतरा पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास हैं, जिन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले। टिकट कटने से नाराज होकर दो बड़े चेहरे सतीश यादव आप की टिकट पर और सन्नी यादव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन कापड़ीवास पूरी तरह शांत बैठे हुए हैं। उन्हें पार्टी नेतृत्व की तरफ से मनाने के भी खूब प्रयास किए गए लेकिन वे अभी तक लक्ष्मण सिंह यादव से दूरी बनाए हुए हैं। 2019 के चुनाव में टिकट कटने पर रणधीर सिंह कापड़ीवास ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिसमें वो 35 हजार से ज्यादा वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे। बीजेपी की हार का कारण भी रणधीर सिंह कापड़ीवास के निर्दलीय चुनाव लड़ने को ही माना गया था। बावल में हैं डॉ. बनवारी साइलेंट
बीजेपी ने बावल सीट पर पूर्व मंत्री और विधायक डॉ. बनवारी लाल की टिकट काटकर हेल्थ डिपार्टमेंट में डायरेक्टर पद से नौकरी छोड़कर राजनीति में आए डॉ. कृष्ण कुमार को टिकट दी है। राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी के चलते डॉ. बनवारी लाल की टिकट काटी गई। ऐसे में डॉ. कृष्ण कुमार की जीत की जिम्मेदारी भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के कंधों पर है। डॉ. बनवारी लाल टिकट कटने से नाराज तो है, लेकिन उन्होंने अभी तक अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर जाहिर नहीं की है। 8 साल से ज्यादा मंत्री रहने के दौरान डॉ. बनवारी लाल ने इलाके में अपनी खुद की पकड़ मजबूत की है। जबकि डॉ. कृष्ण कुमार अभी नए हैं। डॉ. बनवारी का साइलेंट रहना बगावती संकेत है। ऐसे में इस बगावत से निपटना कृष्ण कुमार के लिए एक चुनौती है। रूठों के मान जाने के चांस कम
तीनों ही सीटों पर अभी रूठों को मनाने की कोई गंभीर कोशिशें नहीं हुई हैं। पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास को जरूर सीएम नायब सैनी ने मिलने के लिए बुलाया था। बाकी अन्य रूठे अभी शांत बैठे हुए हैं। उनके मान जाने के चांस भी बहुत कम है। यही वजह है कि बागी संकेत दे चुके नेता अब टिकट कटने का बदला लेने के लिए रूप रेखाएं तैयार कर रहे है। सबसे ज्यादा खतरा कोसली और रेवाड़ी सीट पर नजर आ रहा है। यहां कांग्रेस के लिए भी स्थिति कुछ ठीक नहीं है। कांग्रेस की टिकट के दावेदार रहे नेताओं के भी भीतरघात करने की पूरी संभावनाएं हैं।

बहन की मौत पर नहीं पिघला भाई का दिल:पड़ोसियों को बोला- अंतिम संस्कार कर देना; फोन बंद किया, अकेली रहती थी
बहन की मौत पर नहीं पिघला भाई का दिल:पड़ोसियों को बोला- अंतिम संस्कार कर देना; फोन बंद किया, अकेली रहती थी हरियाणा में एक पारिवारिक रिश्तों में खटास का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सेक्टर-6 के एक फ्लैट में रहने वाली 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला नीलम की मृत्यु हो गई। उनकी मौत के बाद कोई अपना उनका अंतिम संस्कार करने तक नहीं पहुंचा। सगे भाई ने बहन की मौत की सूचना मिलने के बावजूद आने से इनकार कर दिया। उसने पड़ोसियों को फोन पर कहा कि दाह संस्कार कर देना, मैं नहीं आ सकता। उसने अपना फोन भी बंद कर दिया। महिला की मौत की सूचना मिलने के बाद ‘अपना आशियाना’ संस्था की टीम मौके पर पहुंच गई। उन्होंने शव को अपने कब्जे में लिया और अब वे ही महिला नीलम का अंतिम संस्कार करवाएंगे। टीम के सदस्य राजकुमार अरोड़ा ने बताया कि पड़ोसियों से बात करने पर पता चला है कि महिला बेहद लाचार स्थिति में थी। उनका कूल्हा टूट चुका था और इसकी वजह से वे चलने-फिरने में सक्षम नहीं थी। सुबह बेड से नीचे गिरी मिली महिला
पड़ोसियों की मानें तो सेक्टर-6 में रहने वाली नीलम ने जिंदगी के आखिरी दिन बड़ी मुश्किलों में गुजारे। वे अकेली रहती थी और खुद का ख्याल रखने के लिए उन्होंने एक सहायिका को लगाया हुआ था। सहायिका मीरा ने बताती है की वो रोज नीलम की देखभाल के लिए उसके फ्लैट पर आती थी। आज भी जब वह फ्लैट के सामने पहुंची तो दरवाजा खुला हुआ था। वह अंदर घुसी तो नीलम बेड से नीचे गिरी हुई थी। कभी कोई मिलने नहीं आता था- मीरा
सहायिका ने कहा- मैं पिछले 5 सालों से नीलम की देखभाल कर रही थी। लेकिन मैंने कभी नहीं देखा की नीलम का कोई रिश्तेदार उनसे मिलने आया हो। नीलम को नीचे गिरा देखो तो उसने आसपास के पड़ोसियों को बुलाया, कुछ लोगों ने नीलम की सांसे चेक की तो पता चला की उनकी मौत हो चुकी है। भाई ने किया आने से मना
पड़ोसियों ने तुरंत नीलम के भाई को मौत की जानकारी दी, लेकिन उसने आने से मना कर दिया। भाई ने पड़ोसियों को कहा कि दाह संस्कार कर देना। उसके बाद बताया जा रहा है कि फोन बंद कर लिया। अपना आशियाना संस्था के सदस्य राजकुमार अरोडा ने बताया कि मृतका के कमरे से मिले दस्तावेजों से पता चला कि वे किसी आयुर्वेदिक औषधालय से इलाज करवा रही थीं। खाने की व्यवस्था के लिए उन्होंने टिफिन सर्विस लगवाई हुई थी। अरोड़ा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज के दौर में रिश्तेदार इस हद तक गैर-जिम्मेदार और बेरुख हो गए हैं। लेकिन हम इंसानियत के नाते सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनका अंतिम संस्कार करेंगे।