जालंधर| अदालत ने मोबाइल छीनने के केस में आरोप साबित न होने पर दो युवक बरी कर दिए हैं। थाना डिवीजन नंबर-6 में चार नवंबर 2022 को आबादपुरा के रहने वाले सोब बहादुर की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। सोब बहादुर ने आरोप लगाया था कि दो लुटेरे उनका मोबाइल छीन कर ले गए हैं। पुलिस ने मामला ट्रेस कर भार्गव कैंप के रहने वाले सोनू और करन को गिरफ्तार किया था। लेकिन आरोप सिद्ध न होे सका। जालंधर| अदालत ने मोबाइल छीनने के केस में आरोप साबित न होने पर दो युवक बरी कर दिए हैं। थाना डिवीजन नंबर-6 में चार नवंबर 2022 को आबादपुरा के रहने वाले सोब बहादुर की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। सोब बहादुर ने आरोप लगाया था कि दो लुटेरे उनका मोबाइल छीन कर ले गए हैं। पुलिस ने मामला ट्रेस कर भार्गव कैंप के रहने वाले सोनू और करन को गिरफ्तार किया था। लेकिन आरोप सिद्ध न होे सका। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में बिजली चोरी पर सरकार का एक्शन:महीने में 298 केस दर्ज, 38 कर्मचारी बर्खास्त, पटियाला जोन में सबसे अधिक FIR
पंजाब में बिजली चोरी पर सरकार का एक्शन:महीने में 298 केस दर्ज, 38 कर्मचारी बर्खास्त, पटियाला जोन में सबसे अधिक FIR पंजाब में बिजली चोरी के मामलों में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। अगस्त महीने में बिजली चोरी की 296 FIR दर्ज की हैं। इसके अलावा 38 कर्मचारियों को भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होने के कारण बर्खास्त किया है। बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने बताया कि पटियाला जोन में सबसे अधिक 90 एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद अमृतसर जोन में 79, बठिंडा जोन में 71, लुधियाना जोन में 29 और जालंधर जोन में 27 केस दर्ज किए गए हैं। बर्खास्त कर्मचारियों में 37 मीटर रीडर बिजली मंत्री ने बताया कि पिछले 37 आउटसोर्स मीटर रीडरों और एक सुपरवाइजर को भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किया गया है। भ्रष्टाचार और बिजली चोरी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिजली मंत्री ने बिजली चोरी करने वालों को सख्त चेतावनी दी कि वे अपनी गतिविधियां बंद कर अपने बिजली कनेक्शन को नियमित करवाएं। बिजली चोरी राज्य के खजाने को बड़ा नुकसान पहुंचाती है और इसे पूरी तरह समाप्त करने के लिए बिजली विभाग दृढ़ संकल्पित है।

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200 से अधिक कुलपति, प्राचार्य, शिक्षक और नीति निर्माता लेंगे सम्मेलन में हिस्सा जालंधर| जेवियर बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन इन इंडिया की ओर से ट्रिनिटी कॉलेज में डिजिटल युग में उच्च शिक्षा में विकास के रुझान पर राष्ट्रीय सम्मेलन करवाया जा रहा है। सम्मेलन 14 से 16 सितंबर तक चलेगा। यह जानकारी शुक्रवार को प्रैस क्लब में आयोजित प्रैस क्रांफैस में दी गई। इस दौरान फादर डॉक्टर जोजी रेड्डी व अन्य सदस्यों ने बताया कि जेवियर बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन इन इंडिया डिजिटल युग में उच्च शिक्षा में विकास के रुझान को लेकर करवाया जा रहा है। इसमें देश भर से उच्च शिक्षा के कैथोलिक संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले 200 से अधिक कुलपति, प्राचार्य, शिक्षक और नीति निर्माता भाग लेगें। डॉ. एल जोजी रेड्डी, (राष्ट्रीय अध्यक्ष- एक्सबी एचईआई) की अध्यक्षता में करवाए जा रहे सम्मेलन में उच्च शिक्षा में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने में हाल की प्रगति और चुनौतियों की खोज पर चर्चा, विशेषज्ञ वार्ता और प्रमुख पैनल और सत्र शामिल होगंे। ये सत्र एक समग्र शैक्षिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर देंगे, जो महत्वपूर्ण सोच, रचनात्मकता और नैतिक विचारों की आवश्यकता के साथ तकनीकी प्रगति को संतुलित करता है। सम्मेलन के अंतिम दिन जेवियर बोर्ड राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार 2024 सर्वश्रेष्ठ सदस्य कॉलेजों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों और सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही फादर डॉक्टर जोजी रेड्डी ने कहा है कि हम एक महत्वपूर्ण क्षण में खड़े हैं, जहां प्रौद्योगिकी हमारे सिखाने और सीखने के तरीके को नया आकार दे रही है। वहीं यह कांफ्रैस उच्च शिक्षा के उभरते परिदृश्य को अकादमिक उत्कृष्टता और मानवीय मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखते हुए नवाचार को बढ़ावा देंगी। कांफ्रैस के उद्घाटन के लिए पंजाब सरकार के बिजली और लोक निर्माण विभाग मंत्री सरदार हरभजन सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे। कांफ्रैस का मुख्य भाषण चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनप्रीत सिंह मन्ना द्वारा दिया जाएगा।

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एनसीएम के पूर्व-अध्यक्ष का मनमोहन सिंह की पत्नी को खत:कहा- सिख धर्म में स्मारक बनाने की अनुमति नहीं; शिक्षण संस्थान बनाने का सुझाव पूरे देश में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम का स्मारक बनाने को लेकर विवाद चल रहा है। राजघाट पर जगह ना दिए जाने के बाद पूरे देश में कांग्रेस की विपक्षीय पार्टियां भी भाजपा का विरोध कर रही हैं। इसी बीच सिख समुदाय के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के पूर्व अध्यक्ष तरलोचन सिंह ने डॉ. मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर को खत लिखा है। तरलोचन सिंह ने इस खत में गुरशरण कौर को लिख सुझाव देते हुए कहा- आप जानती हैं कि सिख धर्म में समाधि/स्मारक की अनुमति नहीं है। सिख धार्मिक नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के लिए भी समाधि को स्वीकार नहीं किया था। इसे लेकर सुझाव है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के समुदाय और परिवार को उनके नाम पर शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव रखना चाहिए। स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स खोलने का दिया सुझाव तरलोचन सिंह ने इस खत में कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह इकोनॉमिक्स के विद्वान थे। ऐसे मे दिल्ली में उनके नाम से अंतर्राष्ट्रीय डॉ. मनमोहन सिंह स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स या डॉ. मनमोहन सिंह स्कूल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन बनाने की मांग रखनी चाहिए। जहां विभिन्न देशों के युवा आकर पढ़ाई कर सकेंगे और डॉ. मनमोहन सिंह का नाम हमेशा याद किया जाएगा। संस्थान परिसर में डॉ. मनमोहन सिंह के जीवन और कार्यों का एक म्यूजियम भी होनी चाहिए। किसी नेता के नाम पर नहीं है कोई समारक विशेषज्ञों का भी मानना है कि सिख धर्म में स्मारकों की अनुमति नहीं है। पंजाब से कई बड़े सिख नेताओं का जन्म हुआ। ज्ञानी जैल सिंह को छोड़ किसी भी नेता के नाम पर कोई स्मारक नहीं है। मास्टर तारा सिंह, बलदेव सिंह या समुदाय के किसी भी महान मुख्यमंत्री के नाम पर कोई स्मारक नहीं है।