आशा किरण शेल्टर होम में हुई मौत के मामले में हाई कोर्ट सख्त, दिल्ली सरकार को दिए ये निर्देश

आशा किरण शेल्टर होम में हुई मौत के मामले में हाई कोर्ट सख्त, दिल्ली सरकार को दिए ये निर्देश

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Latest News:</strong> दिल्ली के आशा किरण शेल्टर होम में हुई मौत के मामले में आज दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने आशा किरण शेल्टर होम के decongestion के लिए यानी शेल्टर होम में क्षमता से ज्यादा व्यक्ति होने पर उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए कहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिसके लिए दिल्ली नगर निगम की एक इमारत को चिह्नित भी किया गया था, जिसमें शेल्टर होम के व्यक्तियों को शिफ्ट किया जा सके जिसके लिए सोशल वेलफेयर विभाग की तरफ से एमसीडी को धन आवंटित किया जाना था लेकिन सोशल वेलफेयर विभाग की ओर से धन आवंटित करने में विफलता के लिए कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वित्त विभाग को फटकार लगाई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मामले में सुबह सुनवाई के वक्त दिल्ली हाई कोर्ट ने फंड लागू न करने पर दिल्ली सरकार के वित्त विभाग के एडिशनल मुख्य सचिव को भी तलब किया. इसके अलावा हाई कोर्ट ने वित्त विभाग के एडिशनल मुख्य सचिव को धन आवंटन के मुद्दे से संबंधित सवालों का सामना करने में उनके लापरवाह दृष्टिकोण के लिए भी फटकार लगाई. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट ने कहा कि आप पर इस जरूरी काम की गंभीरता नहीं दिख रही है. 14 लोगों की मौत हो चुकी है. आपको एमसीडी अधिकारी को बुलाकर सवाल पूछने चाहिए थे. वित्त विभाग के एडिशनल मुख्य सचिव ने हाई कोर्ट को आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश का पालन न करने पर अधिकारियों के बीच खराब समन्वय पर नाराजगी जताई. इसके अलावा कोर्ट ने सोशल वेलफेयर विभाग के सचिव को भी अगली सुनवाई की तारीख पर उपस्थित रहने का निर्देश भी दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट ने आशा किरण शेल्टर होम में हुई मौत के मामले देरी से FIR दर्ज करने पर भी सवाल उठाया और 8 महीने बाद एफआईआर दर्ज करने पर नाराज़गी जताई. हाई कोर्ट ने कहा कि 8 महीने बाद क्या सबूत मिलेंगे, 8 महीने बाद तो खून के धब्बे भी नहीं मिलेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली सरकार के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि अगली सुनवाई की तारीख तक मामले ताजा स्थिति की एक रिपोर्ट भी दाखिल की जाएगी.&nbsp;हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई अब 13 दिसंबर को होगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Latest News:</strong> दिल्ली के आशा किरण शेल्टर होम में हुई मौत के मामले में आज दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने आशा किरण शेल्टर होम के decongestion के लिए यानी शेल्टर होम में क्षमता से ज्यादा व्यक्ति होने पर उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए कहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिसके लिए दिल्ली नगर निगम की एक इमारत को चिह्नित भी किया गया था, जिसमें शेल्टर होम के व्यक्तियों को शिफ्ट किया जा सके जिसके लिए सोशल वेलफेयर विभाग की तरफ से एमसीडी को धन आवंटित किया जाना था लेकिन सोशल वेलफेयर विभाग की ओर से धन आवंटित करने में विफलता के लिए कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वित्त विभाग को फटकार लगाई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मामले में सुबह सुनवाई के वक्त दिल्ली हाई कोर्ट ने फंड लागू न करने पर दिल्ली सरकार के वित्त विभाग के एडिशनल मुख्य सचिव को भी तलब किया. इसके अलावा हाई कोर्ट ने वित्त विभाग के एडिशनल मुख्य सचिव को धन आवंटन के मुद्दे से संबंधित सवालों का सामना करने में उनके लापरवाह दृष्टिकोण के लिए भी फटकार लगाई. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट ने कहा कि आप पर इस जरूरी काम की गंभीरता नहीं दिख रही है. 14 लोगों की मौत हो चुकी है. आपको एमसीडी अधिकारी को बुलाकर सवाल पूछने चाहिए थे. वित्त विभाग के एडिशनल मुख्य सचिव ने हाई कोर्ट को आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश का पालन न करने पर अधिकारियों के बीच खराब समन्वय पर नाराजगी जताई. इसके अलावा कोर्ट ने सोशल वेलफेयर विभाग के सचिव को भी अगली सुनवाई की तारीख पर उपस्थित रहने का निर्देश भी दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट ने आशा किरण शेल्टर होम में हुई मौत के मामले देरी से FIR दर्ज करने पर भी सवाल उठाया और 8 महीने बाद एफआईआर दर्ज करने पर नाराज़गी जताई. हाई कोर्ट ने कहा कि 8 महीने बाद क्या सबूत मिलेंगे, 8 महीने बाद तो खून के धब्बे भी नहीं मिलेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली सरकार के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि अगली सुनवाई की तारीख तक मामले ताजा स्थिति की एक रिपोर्ट भी दाखिल की जाएगी.&nbsp;हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई अब 13 दिसंबर को होगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p>  दिल्ली NCR Jharkhand Election: BJP के लिए कोल्हान चुनौती, अग्निपरीक्षा में पास हो पाएंगे चंपाई सोरेन?