इंडियन हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत को खेल रत्न:डिफेंडर और शानदार ड्रैग-फ्लिकर; पेरिस ओलिंपिक 2024 में भारत को ब्रॉन्ज दिलाया

इंडियन हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत को खेल रत्न:डिफेंडर और शानदार ड्रैग-फ्लिकर; पेरिस ओलिंपिक 2024 में भारत को ब्रॉन्ज दिलाया

भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और शानदार ड्रैग-फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह को अपने दमदार खेल और असाधारण प्रतिभा के बल पर इस साल मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवार्ड मिलने जा रहा है। डिफेंडर होते हुए भी हरमनप्रीत को अक्सर विपक्षी टीम के खिलाफ शानदार गोल कर जश्न मनाते दिखाई दिए। उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में टोक्यो 2020 ओलिंपिक में कांस्य पदक, 2023 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलिंपिक 2024 में ब्राँज मेडल शामिल है। हरमनप्रीत सिंह का जन्म 6 जनवरी 1996 को पंजाब के अमृतसर जिले के जंडियाला गुरु बस्ती में एक किसान परिवार में हुआ। बचपन में हरमनप्रीत खेतों में परिवार का हाथ बंटाते थे और ट्रैक्टर चलाते थे। खेतों में काम करते हुए उनके हाथों ने ड्रैग-फ्लिक के हुनर को तराशा। 2011 में हरमनप्रीत ने जालंधर के सुरजीत अकादमी में दाखिला लिया। जहां स्पेशलिस्ट गगनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह उनकी पेनल्टी कॉर्नर की कला में और सुधार लाए। जूनियर स्तर पर हरमनप्रीत का प्रदर्शन हरमनप्रीत ने 2011 में सुल्तान जोहोर कप के जरिए भारतीय जूनियर टीम में डेब्यू किया। 2014 में इसी टूर्नामेंट में उन्होंने 9 गोल किए और ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का खिताब जीता। इसके बाद 2016 में जूनियर विश्व कप जीतने में अहम भूमिका निभाई। सीनियर टीम में डेब्यू और ओलिंपिक सफर हरमनप्रीत ने 2015 में जापान के खिलाफ सीनियर टीम के लिए डेब्यू किया। 2016 में रियो ओलिंपिक के लिए चुने जाने के बाद वह टीम का हिस्सा बने। हालांकि रियो में भारत का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा, लेकिन हरमनप्रीत ने 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में शानदार वापसी की। टोक्यो 2020 में हरमनप्रीत ने 6 गोल कर भारत को 41 वर्षों बाद ओलिंपिक पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एशियन गेम्स 2023 में स्वर्णिम सफलता भारतीय पुरुष हॉकी टीम के हरमनप्रीत सिंह ने पेरिस 2024 ओलिंपिक में भारत को कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई और गोल-स्कोरिंग चार्ट में शीर्ष स्थान पर रहे। हरमनप्रीत सिंह ने पेरिस 2024 पुरुष हॉकी टूर्नामेंट में आठ मैचों में 10 गोल किए। उनका ये स्कोर ऑस्ट्रेलिया के ब्लेक गोवर्स से तीन गोल अधिक रहा। हरमनप्रीत सिंह की मुख्य उपलब्धियां भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और शानदार ड्रैग-फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह को अपने दमदार खेल और असाधारण प्रतिभा के बल पर इस साल मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवार्ड मिलने जा रहा है। डिफेंडर होते हुए भी हरमनप्रीत को अक्सर विपक्षी टीम के खिलाफ शानदार गोल कर जश्न मनाते दिखाई दिए। उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में टोक्यो 2020 ओलिंपिक में कांस्य पदक, 2023 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलिंपिक 2024 में ब्राँज मेडल शामिल है। हरमनप्रीत सिंह का जन्म 6 जनवरी 1996 को पंजाब के अमृतसर जिले के जंडियाला गुरु बस्ती में एक किसान परिवार में हुआ। बचपन में हरमनप्रीत खेतों में परिवार का हाथ बंटाते थे और ट्रैक्टर चलाते थे। खेतों में काम करते हुए उनके हाथों ने ड्रैग-फ्लिक के हुनर को तराशा। 2011 में हरमनप्रीत ने जालंधर के सुरजीत अकादमी में दाखिला लिया। जहां स्पेशलिस्ट गगनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह उनकी पेनल्टी कॉर्नर की कला में और सुधार लाए। जूनियर स्तर पर हरमनप्रीत का प्रदर्शन हरमनप्रीत ने 2011 में सुल्तान जोहोर कप के जरिए भारतीय जूनियर टीम में डेब्यू किया। 2014 में इसी टूर्नामेंट में उन्होंने 9 गोल किए और ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का खिताब जीता। इसके बाद 2016 में जूनियर विश्व कप जीतने में अहम भूमिका निभाई। सीनियर टीम में डेब्यू और ओलिंपिक सफर हरमनप्रीत ने 2015 में जापान के खिलाफ सीनियर टीम के लिए डेब्यू किया। 2016 में रियो ओलिंपिक के लिए चुने जाने के बाद वह टीम का हिस्सा बने। हालांकि रियो में भारत का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा, लेकिन हरमनप्रीत ने 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में शानदार वापसी की। टोक्यो 2020 में हरमनप्रीत ने 6 गोल कर भारत को 41 वर्षों बाद ओलिंपिक पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एशियन गेम्स 2023 में स्वर्णिम सफलता भारतीय पुरुष हॉकी टीम के हरमनप्रीत सिंह ने पेरिस 2024 ओलिंपिक में भारत को कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई और गोल-स्कोरिंग चार्ट में शीर्ष स्थान पर रहे। हरमनप्रीत सिंह ने पेरिस 2024 पुरुष हॉकी टूर्नामेंट में आठ मैचों में 10 गोल किए। उनका ये स्कोर ऑस्ट्रेलिया के ब्लेक गोवर्स से तीन गोल अधिक रहा। हरमनप्रीत सिंह की मुख्य उपलब्धियां   पंजाब | दैनिक भास्कर