IPS अभिषेक यादव यूपी पुलिस फोर्स में एक बड़ा नाम हैं। 80 से ज्यादा एनकाउंटर करने वाले पुलिस अफसर जहां भी तैनात रहे, कभी कानून-व्यवस्था से समझौता नहीं किया। पुलिस विभाग जॉइन करने से पहले अभिषेक इनकम टैक्स इंस्पेक्टर थे। इसके बाद पहले प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बने। 2012 बैच के IPS अभिषेक यादव इस समय एसपी पीलीभीत हैं। उन्होंने दरोगा की हत्या करने वाले यूपी के कुख्यात बदमाश रोहित सांडू और उसके साथी को ढेर कर दिया। इसके लिए उन्हें गैलेंट्री अवॉर्ड से भी नवाजा गया। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज IPS अभिषेक यादव की कहानी 6 चैप्टर में पढ़िए… हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर गांव पड़ता है डिरोली अहीर। इसी गांव के रहने वाले मुख्तियार सिंह यादव एयरफोर्स में ऑफिसर रहे। उनकी पत्नी पुष्पा यादव गृहिणी हैं। 5 सितंबर, 1987 को उनके घर बेटे का जन्म हुआ। माता- पिता ने नाम रखा अभिषेक। अभिषेक यादव बताते हैं कि मेरी शुरुआती पढ़ाई गुरुग्राम में हुई। साल 2002 में सीबीएसई बोर्ड से हाई स्कूल पास किया। उसके बाद 2004 में इंटर की परीक्षा पास की। मेरे पिता भी चाहते थे कि बेटा इंजीनियर बने, इसलिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए तैयारी शुरू की। इंटर के बाद मेरा सिलेक्शन हरियाणा की गवर्नमेंट यूनिवर्सिटी मुरथल में हो गया, जहां इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से बीटेक की पढ़ाई शुरू की। 2008 में जब बीटेक फाइनल इयर में था। तभी कैंपस प्लेसमेंट के जरिए मेरा सिलेक्शन मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर हुआ। यहां 1 साल तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर एक बड़े पैकेज पर काम किया। एक साल तक गुरुग्राम में जॉब करने के बाद इलाहाबाद बैंक चंडीगढ़ में पीओ के पद पर जॉइन कर लिया। मगर मैंने सिविल सेवा और पुलिस ऑफिसर बनने की तैयारी को जारी रखा। अभिषेक यादव बताते हैं कि मैं साल 2010 में इनकम टैक्स इंस्पेक्टर बना। यहीं से आईपीएस अधिकारियों के बारे में पढ़ा और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। मैंने मन में ठान लिया था कि आईपीएस ऑफिसर ही बनना है। दिन में ड्यूटी करने के बाद रात में 5 से 6 घंटे नियमित पढ़ाई शुरू कर दी। कई बार मेरे दोस्तों को यह पता चला तो दोस्त भी कहने लगे इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी। अब इनकम टैक्स इंस्पेक्टर तो ठीकठाक नौकरी है। लेकिन मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कई बार ऑफिस से घर आने में देर हो जाती, फिर भी पढ़ाई करता था। 2011 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी। पहले ही अटैंप्ट में आईपीएस बना और बैच मिला 2012। जब दोस्तों व परिवार को पता चला तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जो दोस्त कहते थे कि इतना पढ़कर कहां जाना है? वही अब बधाई दे रहे थे। आईपीएस बनने के बाद नोएडा में पहली तैनाती मिली, जहां क्राइम की हर घटनाओं को बड़ी बारीकी से देखता और फिर फोरेंसिक एक्सपर्ट की राय से उसके कारणों तक पहुंचता। नोएडा के बाद साल 2015 में एएसपी बुलंदशहर रहते हुए सीओ कोतवाली और डिबाई में रहा। बुलंदशहर में शराब माफिया के खिलाफ पूरे जिले में अभियान चलाया। कई बड़े माफिया पर कार्रवाई की। शासन ने फिर से नोएडा में SPRA बना दिया। यहां रंगदारी और अवैध वसूली मांगने वाले वेस्ट यूपी के सबसे बड़े गैंग भाटी और दुजाना गैंग के गुर्गों को जेल भेजना शुरू कर दिया। अवैध कब्जे हटवाकर परिवारों की जमीन कब्जा मुक्त कराई। इसके बाद मुझे मुरादाबाद में एसपी सिटी की जिम्मेदारी मिली। अभिषेक यादव कहते हैं कि जुलाई 2017 की बात है। मैं उस समय मऊ में एसपी था। घोसी थाना क्षेत्र में मझवाड़ा मोड़ के पास बाइक सवार बदमाश सराफ व्यापारी विनोद सेठ की दुकान पर पहुंचे। बदमाशों ने व्यापारी से जेवरात व पैसों से भरा बैग छीनने का प्रयास किया। व्यापारी ने विरोध किया तो उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। मुझे जैसे ही सूचना मिली मैं तत्काल फोर्स के साथ मौके पर पहुंचा। बदमाशों की घेराबंदी के लिए टीम लगाई। जांच में सामने आया कि व्यापारी की रेकी के बाद हत्या की गई है। इसमें 2 नहीं बल्कि 3 बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया है। एसओजी की टीम भी घटना के खुलासे के लिए लगाई गईं। पुलिस ने घटना स्थल से 1 किमी के दायरे में सभी सीसीटीवी खंगाले। एक मुखबिर ने इस केस को सॉल्व करने में मदद की। उसने बताया कि पुलिस कस्टडी से फरार रामाश्रय नाम के बदमाश ने हत्या करवाई है। देवरिया जिले के सत्य प्रकाश ने अपने साथी के साथ मिलकर लूट की है। पुलिस ने सराफ व्यापारी की हत्या में चारों बदमाशों को अरेस्ट कर इस केस को सॉल्व किया। यह मऊ का खासा चर्चित केस रहा। अभिषेक यादव बताते हैं कि जुलाई 2019 की बात है। कुख्यात बदमाश रोहित सांडू को उसके साथियों ने छुड़ा लिया। रोहित सांडू को मिर्जापुर की जेल से मुजफ्फरनगर लाया जा रहा था। इसी बीच पुलिसकर्मी एक ढाबे पर खाना खाने के लिए रुके। वहीं पर कार से कुछ बदमाश पहुंचे और पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्च पाउडर डाल दिया। पुलिस ने गोली चलाई तो बदमाशों ने निशाना बनाते हुए फायरिंग कर दी। बदमाशों ने मिर्जापुर के दरोगा दुर्ग विजय सिंह की हत्या कर रोहित सांडू को छुड़ा लिया। इस घटना के बाद पुलिस बदमाशों की तलाश जुट गई। डीजीपी और एडीजी मेरठ जोन खुद इस घटना के खुलासे की मॉनिटरिंग कर रहे थे, जहां वेस्ट यूपी के कुख्यात भूपेंद्र बाफर को अरेस्ट किया गया। वह भी रोहित सांडू को छुड़ाने वालों में शामिल था। उसने पुलिस को बताया कि वेस्ट यूपी के सबसे बड़े अपराधियों में शामिल सुशील मूंछ के कहने पर सुपारी किलर रोहित सांडू को छुड़ाया था। दरोगा ने गोली चलाई तो उनकी हत्या कर दी गई। रोहित सांडू भी सुपारी किलर था, जिस पर 40 से ज्यादा मुकदमे थे। रोहित सांडू पर एक लाख का इनाम था, जबकि इसके दूसरे साथी राकेश यादव पर 50 हजार का इनाम था। घटना के 14 दिन बाद रात के 3 बजे का वक्त था, मैं चेकिंग कर रहा था। पता चला कि मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार जो अब डीजीपी हैं, वह भी बॉर्डर की तरफ पहुंचे हैं। तभी पुलिस को सूचना मिली की दो बाइकों पर संदिग्ध बदमाश भोपा की तरफ जा रहे हैं। जैसे ही पुलिस ने इन्हें रुकने का इशारा किया, बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक लाख का इनामी रोहित सांडू और 50 हजार का इनामी राकेश यादव मारा गया। इन्होंने ही यूपी पुलिस के दरोगा की हत्या की थी। इस गैंग के 2 अन्य बदमाश मेरठ में एनकाउंटर में मारे गए। इस घटना में एक सिपाही व दरोगा भी गोली लगने से घायल हुए थे। अभिषेक यादव कहते हैं कि नवंबर 2021 में मथुरा में यमुना एक्सप्रेस वे के पास 2 बच्चों के शव मिले थे। इस घटना के बाद 4 नवंबर को एक महिला का शव मिला। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि शव करिश्मा और इनके दो बेटे दिव्यांश व सूर्यांश के शव थे। इस तिहरे हत्याकांड को सॉल्व करने के लिए मथुरा पुलिस की चार से 5 टीमें काम कर रही थीं। एसओजी और स्वाट टीम भी लगाई गई थी। इस ट्रिपल मर्डर केस की मैं खुद मॉनिटरिंग कर रहा था। घटनास्थल से लेकर फोरेंसिक एक्सपर्ट के साथ लगातार बात की। एक बात सामने आई कि इस हत्याकांड को अंजाम देने वाला कोई नजदीकी हो सकता है। पुलिस ने परिवार के लोगों से भी जानकारी ली, लेकिन केस में मदद नहीं मिली। फिर मरने वाली महिला करिश्मा के बारे में जानकारी जुटाई गई। करिश्मा की शादी करीब 12 साल पहले औरैया निवासी विक्की से हुई थी। लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही पति विक्की की बीमारी से मौत हो गई। पहले पति से करिश्मा को एक बेटा दिव्यांश था। पति की मौत के बाद करिश्मा की शादी उसी के देवर उपेंद्र के साथ कर दी गई। इस महिला ने अपनी दूसरी शादी के करीब 10 साल बाद फिराेजाबाद निवासी एक ट्रक चालक यशपाल से कोर्ट मैरिज कर ली। इस दौरान करिश्मा के पहले और दूसरे पति से दोनों बेटे भी साथ थे। वह चाहती थी कि तीसरा पति यशपाल बच्चों को भी स्वीकार कर ले। यहीं से उसका विवाद शुरू हुआ। फिर यशपाल ने तीनों की हत्या की प्लानिंग बनाई। उसने अपने साथी की स्कॉर्पियो में तीनों को बैठाया और दिल्ली से गांव जाने की बात कही, जहां तीनों की गला दबाकर हत्या कर मथुरा में फेंक दिया। 11 महीने बाद पुलिस ने इस केस को सॉल्व कर आरोपी को अरेस्ट किया। अभिषेक बताते हैं कि मुजफ्फरनगर में नवंबर 2019 की बात है। भोकरहेड़ी के खादर क्षेत्र में साध्वी की हत्या कर दी गई। वह मौके पर पहुंचे और पूरा क्राइम सीन देखा। आसपास के लोगों से भी हत्या के बारे में जानकारी ली। जांच में सामने आया है कि साध्वी सुनीता छपार के खामपुर की रहने वाली थी। जहां शव मिला था वहीं से कुछ दूरी पर एक स्विफ्ट कार भी मिली थी। जांच में आया कि साध्वी सुनीता का जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। यह विवाद महंत शंकरदास से था। पूर्व में साध्वी ने एक वाद भी सिविल कोर्ट में दायर किया था। कुछ लोग साध्वी को एक कार से शुक्रताल आश्रम ले जाने की बात कहकर ले गए, जहां साध्वी की उसी के सिर पर बंधे कपड़े से गला दबाकर हत्या कर दी। आरोपियों ने उसके सिर पर डंडे भी मारे थे, जिसके बाद शव को खादर में फेंकने के लिए ले गए। लेकिन इसी बीच कार रेत में फंस गई। इस केस को सॉल्व करते हुए सभी को जेल भेजा। मैंने एसएसपी मुजफ्फरनगर रहते हुए कई बड़े केस सॉल्व किए। कई बड़े अपराधियों का एनकाउंटर किया। जुलाई 2019 में तितावी क्षेत्र में एक किसान की हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड को अंजाम देने वाला किसान का ही बेटा निकला। मुजफ्फरनगर में शराब माफियाओं की रीढ़ तोड़ते हुए 100 से ज्यादा लोगों को जेल भेजा। यहां माफिया दिल्ली व दूसरे राज्यों से शराब लाकर बेचते थे। यूपी के 19 जिलों में सरकार को करीब 100 करोड़ रुपए की शराब में हानि पहुंचाने वाले गैंग को अरेस्ट कर जेल भेजा। पहली बार ऐसा किया गया कि यूपी पुलिस ने दिल्ली में पहुंचकर शराब की फैक्ट्री सील की। इंडिया का पहला पुलिस कैफे तैयार कराया अभिषेक यादव कहते हैं कि एसएसपी मुजफ्फरनगर रहते हुए इंडिया का पहला पुलिस कैफे तैयार कराया। इसे पूरे आधुनिक तरह से तैयार कराया गया। इसमें लाइब्रेरी, वॉक के लिए अलग से पार्क बनवाया गया। यह देश में पहला पुलिस कैफे था, इसे डीजीपी और प्रदेश सरकार ने भी सराहा। लव मैरिज की, परिवार का हमेशा साथ मिला अभिषेक यादव कहते हैं कि कभी परिवार ने शादी का दबाव नहीं डाला। उन्होंने कॉर्पोरेट की लायर तन्वी से लैव मैरिज की। मुझे आगे बढ़ने में परिवार ने हमेशा साथ दिया। जब इंजीनियर से बैंक की नौकरी में आए तब भी पिता ने यही कहा, जो भी करोगे वह बेहतर होगा। सिविल सेवा की तैयारी शुरू की तो मां और पिता यही कहते थे कि एक दिन बड़ी सफलता मिलेगी। अचीवमेंट्स —————— ये खबर भी पढ़ें… यूपी पुलिस पर कैसे भारी पड़े हिस्ट्रीशीटर:गाजियाबाद में 7 पुलिसकर्मी को मारने वाले थे, बदमाश बोले- कोई बचना नहीं चाहिए नाहल गांव में आज भी पुलिस के बूटों की थाप सुनाई पड़ रही थी। ये वही गांव है, जहां हिस्ट्रीशीटर कादिर ने यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल की हत्या कर दी। लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। हालांकि सिर्फ 2 घंटे के अंदर पुलिस ने कादिर को दोबारा अरेस्ट कर लिया। पढ़ें पूरी खबर IPS अभिषेक यादव यूपी पुलिस फोर्स में एक बड़ा नाम हैं। 80 से ज्यादा एनकाउंटर करने वाले पुलिस अफसर जहां भी तैनात रहे, कभी कानून-व्यवस्था से समझौता नहीं किया। पुलिस विभाग जॉइन करने से पहले अभिषेक इनकम टैक्स इंस्पेक्टर थे। इसके बाद पहले प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बने। 2012 बैच के IPS अभिषेक यादव इस समय एसपी पीलीभीत हैं। उन्होंने दरोगा की हत्या करने वाले यूपी के कुख्यात बदमाश रोहित सांडू और उसके साथी को ढेर कर दिया। इसके लिए उन्हें गैलेंट्री अवॉर्ड से भी नवाजा गया। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज IPS अभिषेक यादव की कहानी 6 चैप्टर में पढ़िए… हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर गांव पड़ता है डिरोली अहीर। इसी गांव के रहने वाले मुख्तियार सिंह यादव एयरफोर्स में ऑफिसर रहे। उनकी पत्नी पुष्पा यादव गृहिणी हैं। 5 सितंबर, 1987 को उनके घर बेटे का जन्म हुआ। माता- पिता ने नाम रखा अभिषेक। अभिषेक यादव बताते हैं कि मेरी शुरुआती पढ़ाई गुरुग्राम में हुई। साल 2002 में सीबीएसई बोर्ड से हाई स्कूल पास किया। उसके बाद 2004 में इंटर की परीक्षा पास की। मेरे पिता भी चाहते थे कि बेटा इंजीनियर बने, इसलिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए तैयारी शुरू की। इंटर के बाद मेरा सिलेक्शन हरियाणा की गवर्नमेंट यूनिवर्सिटी मुरथल में हो गया, जहां इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से बीटेक की पढ़ाई शुरू की। 2008 में जब बीटेक फाइनल इयर में था। तभी कैंपस प्लेसमेंट के जरिए मेरा सिलेक्शन मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर हुआ। यहां 1 साल तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर एक बड़े पैकेज पर काम किया। एक साल तक गुरुग्राम में जॉब करने के बाद इलाहाबाद बैंक चंडीगढ़ में पीओ के पद पर जॉइन कर लिया। मगर मैंने सिविल सेवा और पुलिस ऑफिसर बनने की तैयारी को जारी रखा। अभिषेक यादव बताते हैं कि मैं साल 2010 में इनकम टैक्स इंस्पेक्टर बना। यहीं से आईपीएस अधिकारियों के बारे में पढ़ा और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। मैंने मन में ठान लिया था कि आईपीएस ऑफिसर ही बनना है। दिन में ड्यूटी करने के बाद रात में 5 से 6 घंटे नियमित पढ़ाई शुरू कर दी। कई बार मेरे दोस्तों को यह पता चला तो दोस्त भी कहने लगे इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी। अब इनकम टैक्स इंस्पेक्टर तो ठीकठाक नौकरी है। लेकिन मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कई बार ऑफिस से घर आने में देर हो जाती, फिर भी पढ़ाई करता था। 2011 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी। पहले ही अटैंप्ट में आईपीएस बना और बैच मिला 2012। जब दोस्तों व परिवार को पता चला तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जो दोस्त कहते थे कि इतना पढ़कर कहां जाना है? वही अब बधाई दे रहे थे। आईपीएस बनने के बाद नोएडा में पहली तैनाती मिली, जहां क्राइम की हर घटनाओं को बड़ी बारीकी से देखता और फिर फोरेंसिक एक्सपर्ट की राय से उसके कारणों तक पहुंचता। नोएडा के बाद साल 2015 में एएसपी बुलंदशहर रहते हुए सीओ कोतवाली और डिबाई में रहा। बुलंदशहर में शराब माफिया के खिलाफ पूरे जिले में अभियान चलाया। कई बड़े माफिया पर कार्रवाई की। शासन ने फिर से नोएडा में SPRA बना दिया। यहां रंगदारी और अवैध वसूली मांगने वाले वेस्ट यूपी के सबसे बड़े गैंग भाटी और दुजाना गैंग के गुर्गों को जेल भेजना शुरू कर दिया। अवैध कब्जे हटवाकर परिवारों की जमीन कब्जा मुक्त कराई। इसके बाद मुझे मुरादाबाद में एसपी सिटी की जिम्मेदारी मिली। अभिषेक यादव कहते हैं कि जुलाई 2017 की बात है। मैं उस समय मऊ में एसपी था। घोसी थाना क्षेत्र में मझवाड़ा मोड़ के पास बाइक सवार बदमाश सराफ व्यापारी विनोद सेठ की दुकान पर पहुंचे। बदमाशों ने व्यापारी से जेवरात व पैसों से भरा बैग छीनने का प्रयास किया। व्यापारी ने विरोध किया तो उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। मुझे जैसे ही सूचना मिली मैं तत्काल फोर्स के साथ मौके पर पहुंचा। बदमाशों की घेराबंदी के लिए टीम लगाई। जांच में सामने आया कि व्यापारी की रेकी के बाद हत्या की गई है। इसमें 2 नहीं बल्कि 3 बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया है। एसओजी की टीम भी घटना के खुलासे के लिए लगाई गईं। पुलिस ने घटना स्थल से 1 किमी के दायरे में सभी सीसीटीवी खंगाले। एक मुखबिर ने इस केस को सॉल्व करने में मदद की। उसने बताया कि पुलिस कस्टडी से फरार रामाश्रय नाम के बदमाश ने हत्या करवाई है। देवरिया जिले के सत्य प्रकाश ने अपने साथी के साथ मिलकर लूट की है। पुलिस ने सराफ व्यापारी की हत्या में चारों बदमाशों को अरेस्ट कर इस केस को सॉल्व किया। यह मऊ का खासा चर्चित केस रहा। अभिषेक यादव बताते हैं कि जुलाई 2019 की बात है। कुख्यात बदमाश रोहित सांडू को उसके साथियों ने छुड़ा लिया। रोहित सांडू को मिर्जापुर की जेल से मुजफ्फरनगर लाया जा रहा था। इसी बीच पुलिसकर्मी एक ढाबे पर खाना खाने के लिए रुके। वहीं पर कार से कुछ बदमाश पहुंचे और पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्च पाउडर डाल दिया। पुलिस ने गोली चलाई तो बदमाशों ने निशाना बनाते हुए फायरिंग कर दी। बदमाशों ने मिर्जापुर के दरोगा दुर्ग विजय सिंह की हत्या कर रोहित सांडू को छुड़ा लिया। इस घटना के बाद पुलिस बदमाशों की तलाश जुट गई। डीजीपी और एडीजी मेरठ जोन खुद इस घटना के खुलासे की मॉनिटरिंग कर रहे थे, जहां वेस्ट यूपी के कुख्यात भूपेंद्र बाफर को अरेस्ट किया गया। वह भी रोहित सांडू को छुड़ाने वालों में शामिल था। उसने पुलिस को बताया कि वेस्ट यूपी के सबसे बड़े अपराधियों में शामिल सुशील मूंछ के कहने पर सुपारी किलर रोहित सांडू को छुड़ाया था। दरोगा ने गोली चलाई तो उनकी हत्या कर दी गई। रोहित सांडू भी सुपारी किलर था, जिस पर 40 से ज्यादा मुकदमे थे। रोहित सांडू पर एक लाख का इनाम था, जबकि इसके दूसरे साथी राकेश यादव पर 50 हजार का इनाम था। घटना के 14 दिन बाद रात के 3 बजे का वक्त था, मैं चेकिंग कर रहा था। पता चला कि मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार जो अब डीजीपी हैं, वह भी बॉर्डर की तरफ पहुंचे हैं। तभी पुलिस को सूचना मिली की दो बाइकों पर संदिग्ध बदमाश भोपा की तरफ जा रहे हैं। जैसे ही पुलिस ने इन्हें रुकने का इशारा किया, बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक लाख का इनामी रोहित सांडू और 50 हजार का इनामी राकेश यादव मारा गया। इन्होंने ही यूपी पुलिस के दरोगा की हत्या की थी। इस गैंग के 2 अन्य बदमाश मेरठ में एनकाउंटर में मारे गए। इस घटना में एक सिपाही व दरोगा भी गोली लगने से घायल हुए थे। अभिषेक यादव कहते हैं कि नवंबर 2021 में मथुरा में यमुना एक्सप्रेस वे के पास 2 बच्चों के शव मिले थे। इस घटना के बाद 4 नवंबर को एक महिला का शव मिला। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि शव करिश्मा और इनके दो बेटे दिव्यांश व सूर्यांश के शव थे। इस तिहरे हत्याकांड को सॉल्व करने के लिए मथुरा पुलिस की चार से 5 टीमें काम कर रही थीं। एसओजी और स्वाट टीम भी लगाई गई थी। इस ट्रिपल मर्डर केस की मैं खुद मॉनिटरिंग कर रहा था। घटनास्थल से लेकर फोरेंसिक एक्सपर्ट के साथ लगातार बात की। एक बात सामने आई कि इस हत्याकांड को अंजाम देने वाला कोई नजदीकी हो सकता है। पुलिस ने परिवार के लोगों से भी जानकारी ली, लेकिन केस में मदद नहीं मिली। फिर मरने वाली महिला करिश्मा के बारे में जानकारी जुटाई गई। करिश्मा की शादी करीब 12 साल पहले औरैया निवासी विक्की से हुई थी। लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही पति विक्की की बीमारी से मौत हो गई। पहले पति से करिश्मा को एक बेटा दिव्यांश था। पति की मौत के बाद करिश्मा की शादी उसी के देवर उपेंद्र के साथ कर दी गई। इस महिला ने अपनी दूसरी शादी के करीब 10 साल बाद फिराेजाबाद निवासी एक ट्रक चालक यशपाल से कोर्ट मैरिज कर ली। इस दौरान करिश्मा के पहले और दूसरे पति से दोनों बेटे भी साथ थे। वह चाहती थी कि तीसरा पति यशपाल बच्चों को भी स्वीकार कर ले। यहीं से उसका विवाद शुरू हुआ। फिर यशपाल ने तीनों की हत्या की प्लानिंग बनाई। उसने अपने साथी की स्कॉर्पियो में तीनों को बैठाया और दिल्ली से गांव जाने की बात कही, जहां तीनों की गला दबाकर हत्या कर मथुरा में फेंक दिया। 11 महीने बाद पुलिस ने इस केस को सॉल्व कर आरोपी को अरेस्ट किया। अभिषेक बताते हैं कि मुजफ्फरनगर में नवंबर 2019 की बात है। भोकरहेड़ी के खादर क्षेत्र में साध्वी की हत्या कर दी गई। वह मौके पर पहुंचे और पूरा क्राइम सीन देखा। आसपास के लोगों से भी हत्या के बारे में जानकारी ली। जांच में सामने आया है कि साध्वी सुनीता छपार के खामपुर की रहने वाली थी। जहां शव मिला था वहीं से कुछ दूरी पर एक स्विफ्ट कार भी मिली थी। जांच में आया कि साध्वी सुनीता का जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। यह विवाद महंत शंकरदास से था। पूर्व में साध्वी ने एक वाद भी सिविल कोर्ट में दायर किया था। कुछ लोग साध्वी को एक कार से शुक्रताल आश्रम ले जाने की बात कहकर ले गए, जहां साध्वी की उसी के सिर पर बंधे कपड़े से गला दबाकर हत्या कर दी। आरोपियों ने उसके सिर पर डंडे भी मारे थे, जिसके बाद शव को खादर में फेंकने के लिए ले गए। लेकिन इसी बीच कार रेत में फंस गई। इस केस को सॉल्व करते हुए सभी को जेल भेजा। मैंने एसएसपी मुजफ्फरनगर रहते हुए कई बड़े केस सॉल्व किए। कई बड़े अपराधियों का एनकाउंटर किया। जुलाई 2019 में तितावी क्षेत्र में एक किसान की हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड को अंजाम देने वाला किसान का ही बेटा निकला। मुजफ्फरनगर में शराब माफियाओं की रीढ़ तोड़ते हुए 100 से ज्यादा लोगों को जेल भेजा। यहां माफिया दिल्ली व दूसरे राज्यों से शराब लाकर बेचते थे। यूपी के 19 जिलों में सरकार को करीब 100 करोड़ रुपए की शराब में हानि पहुंचाने वाले गैंग को अरेस्ट कर जेल भेजा। पहली बार ऐसा किया गया कि यूपी पुलिस ने दिल्ली में पहुंचकर शराब की फैक्ट्री सील की। इंडिया का पहला पुलिस कैफे तैयार कराया अभिषेक यादव कहते हैं कि एसएसपी मुजफ्फरनगर रहते हुए इंडिया का पहला पुलिस कैफे तैयार कराया। इसे पूरे आधुनिक तरह से तैयार कराया गया। इसमें लाइब्रेरी, वॉक के लिए अलग से पार्क बनवाया गया। यह देश में पहला पुलिस कैफे था, इसे डीजीपी और प्रदेश सरकार ने भी सराहा। लव मैरिज की, परिवार का हमेशा साथ मिला अभिषेक यादव कहते हैं कि कभी परिवार ने शादी का दबाव नहीं डाला। उन्होंने कॉर्पोरेट की लायर तन्वी से लैव मैरिज की। मुझे आगे बढ़ने में परिवार ने हमेशा साथ दिया। जब इंजीनियर से बैंक की नौकरी में आए तब भी पिता ने यही कहा, जो भी करोगे वह बेहतर होगा। सिविल सेवा की तैयारी शुरू की तो मां और पिता यही कहते थे कि एक दिन बड़ी सफलता मिलेगी। अचीवमेंट्स —————— ये खबर भी पढ़ें… यूपी पुलिस पर कैसे भारी पड़े हिस्ट्रीशीटर:गाजियाबाद में 7 पुलिसकर्मी को मारने वाले थे, बदमाश बोले- कोई बचना नहीं चाहिए नाहल गांव में आज भी पुलिस के बूटों की थाप सुनाई पड़ रही थी। ये वही गांव है, जहां हिस्ट्रीशीटर कादिर ने यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल की हत्या कर दी। लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। हालांकि सिर्फ 2 घंटे के अंदर पुलिस ने कादिर को दोबारा अरेस्ट कर लिया। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़ IPS बने अभिषेक यादव:दरोगा के हत्यारे को ढेर किया, गैलेंट्री समेत 3 मेडल मिले
