इजरायली बाजरा से किसानों की कमाई होगी 3 गुना:इटावा के मिलेट्स महोत्सव में दिखा कमाल, 13 फीट ऊंचा होता है तना

इजरायली बाजरा से किसानों की कमाई होगी 3 गुना:इटावा के मिलेट्स महोत्सव में दिखा कमाल, 13 फीट ऊंचा होता है तना

इटावा में आयोजित दो दिवसीय मिलेट्स महोत्सव में इजरायल से आया एक विशेष प्रकार का बाजरा किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है। यह बाजरा सामान्य बाजरे की तुलना में तीन गुना अधिक उपज देता है और इसकी बाली भी तीन गुना बड़ी होती है। इस बाजरे की सबसे बड़ी खासियत इसकी ऊंचाई है, जो 12-13 फीट तक पहुंच जाती है। इसका तना इतना मजबूत होता है कि तेज हवा और बारिश में भी नहीं गिरता। पशुओं के लिए यह तीन गुना अधिक चारा प्रदान करता है और इसका पोषण मूल्य भी अधिक है। कृषि विज्ञान के छात्र ललित कुमार ने इस बाजरे की क्षमता को पहचानते हुए इजरायल से दो किलो बीज मंगवाए। चकरनगर में अपने खेतों में इसकी खेती करने पर उन्हें तीन गुना अधिक उपज मिली। अब वे अन्य किसानों को भी इसके बीज उपलब्ध करा रहे हैं। जिले के कृषि उपनिदेशक आर.एन. सिंह के अनुसार, यह फसल पूरी तरह जैविक है और बिना सिंचाई वाले क्षेत्रों में भी आसानी से उगाई जा सकती है। इटावा में वर्तमान में 45 हजार हेक्टेयर में बाजरे की खेती होती है। इजरायली बाजरे की खेती को बड़े पैमाने पर अपनाने से न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि क्षेत्र की कृषि को नई दिशा भी मिलेगी। इटावा में आयोजित दो दिवसीय मिलेट्स महोत्सव में इजरायल से आया एक विशेष प्रकार का बाजरा किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है। यह बाजरा सामान्य बाजरे की तुलना में तीन गुना अधिक उपज देता है और इसकी बाली भी तीन गुना बड़ी होती है। इस बाजरे की सबसे बड़ी खासियत इसकी ऊंचाई है, जो 12-13 फीट तक पहुंच जाती है। इसका तना इतना मजबूत होता है कि तेज हवा और बारिश में भी नहीं गिरता। पशुओं के लिए यह तीन गुना अधिक चारा प्रदान करता है और इसका पोषण मूल्य भी अधिक है। कृषि विज्ञान के छात्र ललित कुमार ने इस बाजरे की क्षमता को पहचानते हुए इजरायल से दो किलो बीज मंगवाए। चकरनगर में अपने खेतों में इसकी खेती करने पर उन्हें तीन गुना अधिक उपज मिली। अब वे अन्य किसानों को भी इसके बीज उपलब्ध करा रहे हैं। जिले के कृषि उपनिदेशक आर.एन. सिंह के अनुसार, यह फसल पूरी तरह जैविक है और बिना सिंचाई वाले क्षेत्रों में भी आसानी से उगाई जा सकती है। इटावा में वर्तमान में 45 हजार हेक्टेयर में बाजरे की खेती होती है। इजरायली बाजरे की खेती को बड़े पैमाने पर अपनाने से न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि क्षेत्र की कृषि को नई दिशा भी मिलेगी।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर