इत्र व्यापारी के घर 15 घंटे से ED की जांच:अखिलेश यादव के करीबी, IT और GST अफसर भी मौजूद, 3 पीढ़ियों से चल रहा कारोबार

इत्र व्यापारी के घर 15 घंटे से ED की जांच:अखिलेश यादव के करीबी, IT और GST अफसर भी मौजूद, 3 पीढ़ियों से चल रहा कारोबार

कन्नौज में अखिलेश यादव के करीबी इत्र व्यापारी मनोज दीक्षित और उनके भाइयों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED), इनकम टैक्स विभाग (IT) और GST की छापेमारी जारी है। 15 घंटों से टीम की जांच चल रही है। रात भर जांच चलेगी। बुधवार को जब अधिकारी फर्म पहुंचे तो कारोबारी के परिवार ने गेट नहीं खोला। अफसर दीवार फांदकर अंदर गए। अधिकारी दस्तावेज और वित्तीय लेन-देन की जांच में जुटे हैं। इत्र कारोबारियों के 26 कोल्ड स्टोरेज, 5 स्कूल (इंस्टीट्यूट) और 3 होटलों की पड़ताल टीम कर रही है। इसके अलावा उड़ीसा में भी प्रॉपर्टी से संबंधित पत्रावलियां खंगाली जा रही हैं। कारोबारी मनोज दीक्षित सपा के प्रदेश सचिव रह चुके हैं। उनकी फर्म पिछले तीन पीढ़ियों से इत्र का कारोबार कर रही है। दैनिक भास्कर ने मौके पर जाकर पड़ताल की। कारोबारी और उनके परिवार के बार में जानकारी जुटाई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले जानिए पूरा मामला… सरायमीरा-कन्नौज रोड स्थित अशोक नगर में इत्र फर्म चंद्रवली एंड संस नाम से इत्र की फर्म है। यहां सुबह करीब 7 बजे आईटी और जीएसटी की टीम पहुंची। एक ही कैंपस में 6 भाइयों सुबोध दीक्षित, अतुल, मनोज, विपिन, राम, श्याम का घर और कारखाना है। इत्र कारोबारी सुबोध और उनके भाइयों के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग को गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। इसके बाद टीम ने कार्रवाई की। फिलहाल, अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है। एक साल पहले भी उनके यहां जीएसटी की टीम ने छापामारी की थी। हालांकि उस वक्त कोई बड़ी गड़बड़ी सामने नहीं आई थी। अब पढ़िए कैसे फर्म की हुई शुरुआत… इत्र फर्म चंद्रवली एंड संस की कहानी तीन पीढ़ी पुरानी है। इसकी शुरुआत ठठिया थाना क्षेत्र के होलेपुर गांव निवासी किसान के बेटे पंडित चन्द्रवली ने की थी। उन्होंने कड़ी मेहनत के बलबूते कन्नौज के बड़े इत्र कारोबारियों से प्रतिस्पर्धा की और खुद का नाम कन्नौज के गिने-चुने इत्र कारोबारियों में शुमार कराया। इसके बाद उनके बेटे वीरेंद्र दीक्षित ने पिता की विरासत को सम्हाला और कई गुना ज्यादा कारोबार बढ़ा दिया। मनोज दीक्षित ने छिबरामऊ से लड़ा था चुनाव तीसरी पीढ़ी में वीरेंद्र दीक्षित के 6 बेटे सुबोध दीक्षित, अतुल दीक्षित, मनोज दीक्षित, विपिन दीक्षित, राम दीक्षित और श्याम दीक्षित दीक्षित ने व्यापार को आगे बढ़ाया। हालांकि तीसरी पीढ़ी कारोबार के साथ ही साथ राजनीति में भी सक्रिय रही। मनोज दीक्षित ने राजनीति में किस्मत आजमाने के लिए राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के टिकट से छिबरामऊ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, हालांकि वह हार गए। पूर्व भाजपा सांसद सुब्रत पाठक पर दिया था विवादित बयान इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन पकड़ लिया और वह अखिलेश यादव के करीबियों में गिने जाने लगे। समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रदेश सचिव का पद दे दिया। जिसके बाद से वह लगातार सपा में सक्रिय हैं। 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान मनोज दीक्षित ने कन्नौज में अखिलेश यादव के मंच से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने भाजपा सांसद के टुकड़े-टुकड़े कराने की बात मंच से कही। अखिलेश यादव ने इशारे में उनको कुछ समझाया तो उन्होंने कहा कि वह वोटों से सांसद के टुकड़े करेंगे चुनाव में। तब से मनोज दीक्षित और पूर्व सांसद सुब्रत पाठक में खींचतान चली आ रही है। मनोज दीक्षित के भाई विपिन दीक्षित, राम दीक्षित और सुबोध दीक्षित की पत्नी ऊषा दीक्षित भाजपा से जुड़े हैं। राजनीतिक रसूख रखता है परिवार मनोज के भाई सुबोध के परिवार का सभी राजनीतिक पार्टियों से अच्छे संबंध हैं। उनके एक भाई विपिन समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के करीबी हैं। इसके अलावा, राम दीक्षित के भाजपा के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक से अच्छे संबंध हैं। सुबोध दीक्षित की पत्नी उमा दीक्षित ने पिछले साल कन्नौज नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। उमा ने भाजपा की ओर से दावेदारी पेश की थी। हालांकि, उन्हें बसपा प्रत्याशी कौसरजहां अंसारी ने हरा दिया था। ————————– यह खबर भी पढ़ें… संत प्रेमानंद से पुलिस अफसर बोला-एनकाउंटर का पश्चाताप कैसे करूं:हाथ जोड़कर कहा- मन अशांत है, महाराज ने बताया उपाय महाराज जी! मैं पुलिस में नौकरी करता हूं। थानाध्यक्ष के पद पर मेरठ में तैनात हूं। मैंने अब तक बहुत एनकाउंटर किए। बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान मेरे सीने में गोली लगी। मेरी मौत का समाचार भी जारी हो गया था, प्रभु कृपा से बच गया। अब मेरा मन विचलित रहता है, पश्चाताप क्या होगा?’ ये सवाल मेरठ में तैनात एनकाउंटर स्पेशलिस्ट SSI मुनेश सिंह ने संत प्रेमानंद जी महाराज किया। मुनेश परिवार के साथ 10 फरवरी को मथुरा पहुंचे थे। कहा- मैंने 32 साल इस नौकरी को दिए। मगर अब मन अशांत है। पढ़ें पूरी खबर… कन्नौज में अखिलेश यादव के करीबी इत्र व्यापारी मनोज दीक्षित और उनके भाइयों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED), इनकम टैक्स विभाग (IT) और GST की छापेमारी जारी है। 15 घंटों से टीम की जांच चल रही है। रात भर जांच चलेगी। बुधवार को जब अधिकारी फर्म पहुंचे तो कारोबारी के परिवार ने गेट नहीं खोला। अफसर दीवार फांदकर अंदर गए। अधिकारी दस्तावेज और वित्तीय लेन-देन की जांच में जुटे हैं। इत्र कारोबारियों के 26 कोल्ड स्टोरेज, 5 स्कूल (इंस्टीट्यूट) और 3 होटलों की पड़ताल टीम कर रही है। इसके अलावा उड़ीसा में भी प्रॉपर्टी से संबंधित पत्रावलियां खंगाली जा रही हैं। कारोबारी मनोज दीक्षित सपा के प्रदेश सचिव रह चुके हैं। उनकी फर्म पिछले तीन पीढ़ियों से इत्र का कारोबार कर रही है। दैनिक भास्कर ने मौके पर जाकर पड़ताल की। कारोबारी और उनके परिवार के बार में जानकारी जुटाई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले जानिए पूरा मामला… सरायमीरा-कन्नौज रोड स्थित अशोक नगर में इत्र फर्म चंद्रवली एंड संस नाम से इत्र की फर्म है। यहां सुबह करीब 7 बजे आईटी और जीएसटी की टीम पहुंची। एक ही कैंपस में 6 भाइयों सुबोध दीक्षित, अतुल, मनोज, विपिन, राम, श्याम का घर और कारखाना है। इत्र कारोबारी सुबोध और उनके भाइयों के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग को गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। इसके बाद टीम ने कार्रवाई की। फिलहाल, अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है। एक साल पहले भी उनके यहां जीएसटी की टीम ने छापामारी की थी। हालांकि उस वक्त कोई बड़ी गड़बड़ी सामने नहीं आई थी। अब पढ़िए कैसे फर्म की हुई शुरुआत… इत्र फर्म चंद्रवली एंड संस की कहानी तीन पीढ़ी पुरानी है। इसकी शुरुआत ठठिया थाना क्षेत्र के होलेपुर गांव निवासी किसान के बेटे पंडित चन्द्रवली ने की थी। उन्होंने कड़ी मेहनत के बलबूते कन्नौज के बड़े इत्र कारोबारियों से प्रतिस्पर्धा की और खुद का नाम कन्नौज के गिने-चुने इत्र कारोबारियों में शुमार कराया। इसके बाद उनके बेटे वीरेंद्र दीक्षित ने पिता की विरासत को सम्हाला और कई गुना ज्यादा कारोबार बढ़ा दिया। मनोज दीक्षित ने छिबरामऊ से लड़ा था चुनाव तीसरी पीढ़ी में वीरेंद्र दीक्षित के 6 बेटे सुबोध दीक्षित, अतुल दीक्षित, मनोज दीक्षित, विपिन दीक्षित, राम दीक्षित और श्याम दीक्षित दीक्षित ने व्यापार को आगे बढ़ाया। हालांकि तीसरी पीढ़ी कारोबार के साथ ही साथ राजनीति में भी सक्रिय रही। मनोज दीक्षित ने राजनीति में किस्मत आजमाने के लिए राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के टिकट से छिबरामऊ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, हालांकि वह हार गए। पूर्व भाजपा सांसद सुब्रत पाठक पर दिया था विवादित बयान इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन पकड़ लिया और वह अखिलेश यादव के करीबियों में गिने जाने लगे। समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रदेश सचिव का पद दे दिया। जिसके बाद से वह लगातार सपा में सक्रिय हैं। 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान मनोज दीक्षित ने कन्नौज में अखिलेश यादव के मंच से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने भाजपा सांसद के टुकड़े-टुकड़े कराने की बात मंच से कही। अखिलेश यादव ने इशारे में उनको कुछ समझाया तो उन्होंने कहा कि वह वोटों से सांसद के टुकड़े करेंगे चुनाव में। तब से मनोज दीक्षित और पूर्व सांसद सुब्रत पाठक में खींचतान चली आ रही है। मनोज दीक्षित के भाई विपिन दीक्षित, राम दीक्षित और सुबोध दीक्षित की पत्नी ऊषा दीक्षित भाजपा से जुड़े हैं। राजनीतिक रसूख रखता है परिवार मनोज के भाई सुबोध के परिवार का सभी राजनीतिक पार्टियों से अच्छे संबंध हैं। उनके एक भाई विपिन समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के करीबी हैं। इसके अलावा, राम दीक्षित के भाजपा के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक से अच्छे संबंध हैं। सुबोध दीक्षित की पत्नी उमा दीक्षित ने पिछले साल कन्नौज नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। उमा ने भाजपा की ओर से दावेदारी पेश की थी। हालांकि, उन्हें बसपा प्रत्याशी कौसरजहां अंसारी ने हरा दिया था। ————————– यह खबर भी पढ़ें… संत प्रेमानंद से पुलिस अफसर बोला-एनकाउंटर का पश्चाताप कैसे करूं:हाथ जोड़कर कहा- मन अशांत है, महाराज ने बताया उपाय महाराज जी! मैं पुलिस में नौकरी करता हूं। थानाध्यक्ष के पद पर मेरठ में तैनात हूं। मैंने अब तक बहुत एनकाउंटर किए। बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान मेरे सीने में गोली लगी। मेरी मौत का समाचार भी जारी हो गया था, प्रभु कृपा से बच गया। अब मेरा मन विचलित रहता है, पश्चाताप क्या होगा?’ ये सवाल मेरठ में तैनात एनकाउंटर स्पेशलिस्ट SSI मुनेश सिंह ने संत प्रेमानंद जी महाराज किया। मुनेश परिवार के साथ 10 फरवरी को मथुरा पहुंचे थे। कहा- मैंने 32 साल इस नौकरी को दिए। मगर अब मन अशांत है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर