सहारनपुर प्रशासन ने भोजपुर में 29 मई को एक मस्जिद ढहा दी। इस कार्रवाई को कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने गलत बताया। उन्होंने कहा- मस्जिद ढहाना संविधान पर हमला है। प्रशासन चाहता कि हम लोग ध्वस्तीकरण का विरोध करें। ताकि फिर गोली चले। किसी के सीने में तो किसी के सिर में गोली लगे। खून बहे और एक बड़ा हंगामा हो। मगर हम कानून के दायरे में रहकर लड़ेंगे। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, रिट फाइल करेंगे। जब उनसे पूछा गया जब मस्जिद गिर रही थी तब कहां थे? उस दिन विरोध क्यों नहीं किया? इस सवाल पर वह नाराज हो गए और चले गए। मस्जिद को शहीद किया गया, कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का मामला है
शुक्रवार को इमरान मसूद डीएम और एसएसपी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने मस्जिद ध्वस्तीकरण को लेकर शिकायती पत्र सौंपा। पत्रकारों से बात करते हुए सांसद इमरान मसूद ने कहा- यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन है। कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का मामला है। इस मस्जिद को पूरी तरह से शहीद किया गया। कहा- वह जमीन तीन भाइयों की है, वे अपनी जमीन पर धार्मिक स्थल बना रहे थे। जिला पंचायत से आदेश लिया गया। मगर अब अधिकारियों किसी भी आदेश से इनकार कर दिया। मसूद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में एक गाइडलाइन जारी की थी। जिसमें डिमोलिशन से पहले उचित नोटिस, सुनवाई और उसका पोर्टल पर प्रकाशन अनिवार्य था। इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। हम रिट फाइल करेंगे और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
उन्होंने कहा- ये सीधा सुप्रीम कोर्ट की अवमानना और संविधान पर हमला है। हमारे अधिकारों को रौंदा जा रहा है। धार्मिक स्थान निर्माण के लिए सिर्फ सूचना देना आवश्यक है, अनुमति का कहीं उल्लेख नहीं है। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और रिट फाइल करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि ध्वस्तीकरण के समय कोई विरोध क्यों नहीं हुआ? उन्होंने कहा- यही तो वे चाहते थे, लोग सामने आएं और गोलियां चलें। हमें कानून को हाथ में नहीं लेना है। हमें कानून पर भरोसा है और हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। 3 JCB ने डेढ़ घंटे में ढहा दी थी मस्जिद
29 मई को चिलकाना थाना क्षेत्र के भोजपुर गांव में अवैध रूप से बनाई जा रही मस्जिद को प्रशासन ने ढहा दिया था। 3 JCB ने सिर्फ डेढ़ घंटे में पूरी इमारत को जमींदोज कर दिया। हंगामे की आशंका थी, इसलिए गांव में RRF, PAC और कई थानों की फोर्स तैनात है। भोजपुर गांव में रहने वाले इस्तखार, नदीम और एहतेशाम की गांव के बाहर जमीन है। वह पिछले 2 महीने से यहां एक कंस्ट्रक्शन करवा रहे थे। पहले लोगों को लगा कि यह रिहायशी इमारत है, मगर जब इमारत ने स्वरूप लिया, तब पता चला कि ये मस्जिद बना रहे हैं। पुलिस में शिकायत जाने के बाद निर्माण रुकवा दिया गया। बिना अनुमति मस्जिद बनाने का मुद्दा जिला पंचायत तक पहुंचा। अवर अभियंता आदेश कुमार ने कहा, निर्माण करने वालों को 7 मई को नोटिस दिया गया था। वह बिना अनुमति धार्मिक स्थल का निर्माण कर रहे थे। जवाब में उन्होंने लिखित सहमति दी थी कि वह निर्माण रोक देंगे। इसके बावजूद गुपचुप तरीके से लिंटर डालने की तैयारी की जा रही थी। गुरुवार को SDM सदर सुबोध कुमार, ASP मनोज यादव, जिला पंचायत के JE आदेश कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी 3 बुलडोजर के साथ गांव पहुंचे। गांव में मुस्लिम लोगों की आबादी भी है, इसलिए फोर्स को पहले गांव में तैनात किया गया। सिर्फ डेढ़ घंटे में यह इमारत तोड़ दी गई। इस इमारत को लेकर जिला पंचायत में मुद्दा उठाया गया था। पंचायत अध्यक्ष के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है। …………………..
ये खबर भी पढ़िए- सहारनपुर में मस्जिद जमींदोज…3 JCB ने डेढ़ घंटे में तोड़ी:घरों की छतों से ईंट-पत्थर हटवाए; गांव में RRF-PAC तैनात, 3 भाई बनवा रहे थे सहारनपुर में गुरुवार को प्रशासन ने मस्जिद ढहा दी। 3 JCB ने सिर्फ डेढ़ घंटे में पूरी इमारत को जमींदोज कर दिया। हंगामे की आशंका थी, इसलिए गांव में RRF, PAC और कई थानों की फोर्स तैनात है। ड्रोन से लगातार निगरानी होती रही। जिन छतों पर पत्थर रखे हुए थे। उन्हें हटवाया गया। प्रशासन के मुताबिक, जिस जमीन पर मस्जिद थी, वह 3 भाइयों की है। बिना अनुमति यहां मस्जिद बनाई जा रही थी। इमारत को तोड़ दिया गया। पढ़ें पूरी खबर सहारनपुर प्रशासन ने भोजपुर में 29 मई को एक मस्जिद ढहा दी। इस कार्रवाई को कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने गलत बताया। उन्होंने कहा- मस्जिद ढहाना संविधान पर हमला है। प्रशासन चाहता कि हम लोग ध्वस्तीकरण का विरोध करें। ताकि फिर गोली चले। किसी के सीने में तो किसी के सिर में गोली लगे। खून बहे और एक बड़ा हंगामा हो। मगर हम कानून के दायरे में रहकर लड़ेंगे। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, रिट फाइल करेंगे। जब उनसे पूछा गया जब मस्जिद गिर रही थी तब कहां थे? उस दिन विरोध क्यों नहीं किया? इस सवाल पर वह नाराज हो गए और चले गए। मस्जिद को शहीद किया गया, कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का मामला है
शुक्रवार को इमरान मसूद डीएम और एसएसपी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने मस्जिद ध्वस्तीकरण को लेकर शिकायती पत्र सौंपा। पत्रकारों से बात करते हुए सांसद इमरान मसूद ने कहा- यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन है। कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का मामला है। इस मस्जिद को पूरी तरह से शहीद किया गया। कहा- वह जमीन तीन भाइयों की है, वे अपनी जमीन पर धार्मिक स्थल बना रहे थे। जिला पंचायत से आदेश लिया गया। मगर अब अधिकारियों किसी भी आदेश से इनकार कर दिया। मसूद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में एक गाइडलाइन जारी की थी। जिसमें डिमोलिशन से पहले उचित नोटिस, सुनवाई और उसका पोर्टल पर प्रकाशन अनिवार्य था। इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। हम रिट फाइल करेंगे और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
उन्होंने कहा- ये सीधा सुप्रीम कोर्ट की अवमानना और संविधान पर हमला है। हमारे अधिकारों को रौंदा जा रहा है। धार्मिक स्थान निर्माण के लिए सिर्फ सूचना देना आवश्यक है, अनुमति का कहीं उल्लेख नहीं है। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और रिट फाइल करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि ध्वस्तीकरण के समय कोई विरोध क्यों नहीं हुआ? उन्होंने कहा- यही तो वे चाहते थे, लोग सामने आएं और गोलियां चलें। हमें कानून को हाथ में नहीं लेना है। हमें कानून पर भरोसा है और हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। 3 JCB ने डेढ़ घंटे में ढहा दी थी मस्जिद
29 मई को चिलकाना थाना क्षेत्र के भोजपुर गांव में अवैध रूप से बनाई जा रही मस्जिद को प्रशासन ने ढहा दिया था। 3 JCB ने सिर्फ डेढ़ घंटे में पूरी इमारत को जमींदोज कर दिया। हंगामे की आशंका थी, इसलिए गांव में RRF, PAC और कई थानों की फोर्स तैनात है। भोजपुर गांव में रहने वाले इस्तखार, नदीम और एहतेशाम की गांव के बाहर जमीन है। वह पिछले 2 महीने से यहां एक कंस्ट्रक्शन करवा रहे थे। पहले लोगों को लगा कि यह रिहायशी इमारत है, मगर जब इमारत ने स्वरूप लिया, तब पता चला कि ये मस्जिद बना रहे हैं। पुलिस में शिकायत जाने के बाद निर्माण रुकवा दिया गया। बिना अनुमति मस्जिद बनाने का मुद्दा जिला पंचायत तक पहुंचा। अवर अभियंता आदेश कुमार ने कहा, निर्माण करने वालों को 7 मई को नोटिस दिया गया था। वह बिना अनुमति धार्मिक स्थल का निर्माण कर रहे थे। जवाब में उन्होंने लिखित सहमति दी थी कि वह निर्माण रोक देंगे। इसके बावजूद गुपचुप तरीके से लिंटर डालने की तैयारी की जा रही थी। गुरुवार को SDM सदर सुबोध कुमार, ASP मनोज यादव, जिला पंचायत के JE आदेश कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी 3 बुलडोजर के साथ गांव पहुंचे। गांव में मुस्लिम लोगों की आबादी भी है, इसलिए फोर्स को पहले गांव में तैनात किया गया। सिर्फ डेढ़ घंटे में यह इमारत तोड़ दी गई। इस इमारत को लेकर जिला पंचायत में मुद्दा उठाया गया था। पंचायत अध्यक्ष के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है। …………………..
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इमरान मसूद बोले-प्रशासन चाहता फिर गोली चले, खून बहे:सहारनपुर में हंगामा हो; मस्जिद गिरने के सवाल पर नाराज होकर चले गए
