इस्तीफे के बाद कांबोज को मनाने पहुंचे सीएम:मुख्यमंत्री से कर्णदेव ने नहीं मिलाया हाथ, बैठक में BJP को अल्टीमेटम

इस्तीफे के बाद कांबोज को मनाने पहुंचे सीएम:मुख्यमंत्री से कर्णदेव ने नहीं मिलाया हाथ, बैठक में BJP को अल्टीमेटम

हरियाणा में भाजपा के टिकट बंटवारे से खफा नेताओं ने धड़ाधड़ इस्तीफे देने शुरू कर दिए। पूर्व राज्यमंत्री कर्णदेव कांबोज ने अपने पद से इस्तीफा दिया। जिसके बाद सीएम नायब सिंह सैनी और मंत्री सुभाष सुधा यमुनानगर के रादौर में वीरवार शाम को कर्ण देव कांबोज को मनाने के लिए पहुंचे। कांबोज ने नाराजगी इतनी दिखाई कि सीएम ने कांबोज से हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन कांबोज ने उनसे हाथ तक नहीं मिलाया। जिसके बाद सीएम ने उनकी कलाई पकड़ी और पीठ पर सांत्वना वाला हाथ रख दिया। मीटिंग में की टिकट की मांग करीब डेढ़ घंटे तक मीटिंग का दौर चला। जिसमें कांबोज समाज ने कर्णदेव कांबोज के लिए टिकट की मांग की है। उधर समाज ने भी भाजपा को अल्टीमेटम दिया है कि कर्णदेव कांबोज को टिकट दिया जाए, चाहे वह रादौर से हो या फिर इंद्री से। आज सुबह आठ बजे तक कोई फैसला नहीं आता है तो कांबोज समाज उसके बाद बड़ा फैसला लेगा। पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप ​​​​​​​आपको बता दे कि वीरवार सुबह कर्ण देव कांबोज ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा पर आरोप लगाए थे कि पार्टी में सच्ची नियत से सेवा करने वालों को नहीं बल्कि गद्दारों को तवज्जो दी जाती है। ओबीसी समाज की अनदेखी की गई। कांबोज इंद्री से भी तैयारी कर रहे थे और रादौर से भी, लेकिन दोनों ही जगहों से टिकट काट दिया गया। ऐसे में उनके समर्थकों के बीच भी रोष उत्पन्न हो गया। लिहाजा, कांबोज ने बगावती सुर दिखा दिए। पिछली बार भी हुआ था धोखा कांबोज ने आरोप लगाए है कि 2019 में वे इंद्री से तैयारी कर रहे थे, लेकिन ऐन वक्त पर टिकट रादौर से दे दिया गया। उन्होंने बीजेपी से सवाल किया है कि ऐसी क्या वजह थी कि 2019 में श्याम सिंह राणा का टिकट काटना पड़ा और ऐसी क्या मजबूरी आ गई कि इतनी गद्दारी करने के बावजूद भी 2024 में श्याम सिंह राणा को टिकट देना पड़ गया। अगर संतोषजनक जवाब हुआ तो मैं पार्टी के साथ खड़ा होकर काम करूंगा। जिसने पार्टी के साथ गद्दारी की और पार्टी के उम्मीदवार को हराया, वह पांच साल हमें गालियां देता रहा, पीएम को भी नहीं बख्शा। लोकसभा चुनावों में उसको थोड़ी सी वोटे आई और वह दोबारा भाजपा में शामिल हो गया और फिर भी उसे टिकट दे दिया गया। वह न सिर्फ पार्टी का गद्दार है बल्कि सरकार का भी डिफाल्टर है, जिसने 2014 में सरकार के चावल देने थे। इसकी जांच होनी चाहिए। सीएम गिड़गिड़ा रहे थे, सीएम रबड़ स्टैंप कांबोज ने कहा कि मेरे पास सीएम का खुद ही कॉल आया था और वे गिड़गिड़ा रहे थे और ईधर उधर की बाते करते हुए कह रहे थे, कि मुझे तो पता ही नहीं था कि ऐसा हो गया वैसा हो गया। कांबोज ने कहा कि जब आपको पता ही नहीं है तो सीएम किस बात का है। जब सीएम इतनी बात कह रहा है तो वह सीएम ही नहीं बल्कि रबड़ स्टैंप है। केंद्र से हुआ है जो भी कुछ हुआ। पूरा षड्यंत्र रचा गया है। आजाद लड़ेंगे या फिर टिकट पर ​​​​​​​अब कांबोज आजाद चुनाव लड़ेंगे या टिकट पर, इस सवाल पर कांबोज ने कहा कि हमने 22 सदस्यीय कमेटी बनाई है। वही तय करेगी कि चुनाव लड़ना है या फिर किसी ओर दल को समर्थन देना है। पांच साल तक भुगता खामियाजा रामकुमार कश्यप को टिकट मिलने के सवाल पर कांबोज ने कहा कि पिछली बार में कश्यप का समर्थन करने के लिए गया था, जिसका खामियाजा मुझे रादौर में भुगतना पड़ा। पांच साल तक रामकुमार कश्यप सिर्फ एक ही बात कहता रहा कि यह तो मंत्री का आदमी है। पांच साल मेरे खिलाफ ही बोलता रहा। कभी भी उसने आज तक मेरे पास कोई कॉल नहीं किया। वह किस मुंह से कह रहा है कि वह मेरा भाई है। मनोहर लाल को भी दे दिया दो टूक जवाब मनोहर लाल जी ने भी मेरे पास कॉल किया था, लेकिन उन्होंने चिकनी चुपड़ी बाते कि हम आपको कहीं ओर एडजस्ट कर देंगे। अब मैने उनको बोल दिया है कि आप अपना काम करो और मैं अपना काम करूंगा। किसी ने कोई रिजाइन नहीं दिया ​​​​​​​कर्ण देव कांबोज के इस्तीफे के सवाल पर सीएम नायब सैनी ने कहा कि किसी ने कोई इस्तीफा नहीं दिया गया है। टिकट किसी एक व्यक्ति को मिलनी होती है। शीर्ष नेतृत्व का निर्णय सर्वोपरि होता है। कांबोज जी से बात चल रही है। चूंकि हमने हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनानी है और कर्णदेव कांबोज इस जीत के मुख्य कर्णधार होंगे। हरियाणा में भाजपा के टिकट बंटवारे से खफा नेताओं ने धड़ाधड़ इस्तीफे देने शुरू कर दिए। पूर्व राज्यमंत्री कर्णदेव कांबोज ने अपने पद से इस्तीफा दिया। जिसके बाद सीएम नायब सिंह सैनी और मंत्री सुभाष सुधा यमुनानगर के रादौर में वीरवार शाम को कर्ण देव कांबोज को मनाने के लिए पहुंचे। कांबोज ने नाराजगी इतनी दिखाई कि सीएम ने कांबोज से हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन कांबोज ने उनसे हाथ तक नहीं मिलाया। जिसके बाद सीएम ने उनकी कलाई पकड़ी और पीठ पर सांत्वना वाला हाथ रख दिया। मीटिंग में की टिकट की मांग करीब डेढ़ घंटे तक मीटिंग का दौर चला। जिसमें कांबोज समाज ने कर्णदेव कांबोज के लिए टिकट की मांग की है। उधर समाज ने भी भाजपा को अल्टीमेटम दिया है कि कर्णदेव कांबोज को टिकट दिया जाए, चाहे वह रादौर से हो या फिर इंद्री से। आज सुबह आठ बजे तक कोई फैसला नहीं आता है तो कांबोज समाज उसके बाद बड़ा फैसला लेगा। पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप ​​​​​​​आपको बता दे कि वीरवार सुबह कर्ण देव कांबोज ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा पर आरोप लगाए थे कि पार्टी में सच्ची नियत से सेवा करने वालों को नहीं बल्कि गद्दारों को तवज्जो दी जाती है। ओबीसी समाज की अनदेखी की गई। कांबोज इंद्री से भी तैयारी कर रहे थे और रादौर से भी, लेकिन दोनों ही जगहों से टिकट काट दिया गया। ऐसे में उनके समर्थकों के बीच भी रोष उत्पन्न हो गया। लिहाजा, कांबोज ने बगावती सुर दिखा दिए। पिछली बार भी हुआ था धोखा कांबोज ने आरोप लगाए है कि 2019 में वे इंद्री से तैयारी कर रहे थे, लेकिन ऐन वक्त पर टिकट रादौर से दे दिया गया। उन्होंने बीजेपी से सवाल किया है कि ऐसी क्या वजह थी कि 2019 में श्याम सिंह राणा का टिकट काटना पड़ा और ऐसी क्या मजबूरी आ गई कि इतनी गद्दारी करने के बावजूद भी 2024 में श्याम सिंह राणा को टिकट देना पड़ गया। अगर संतोषजनक जवाब हुआ तो मैं पार्टी के साथ खड़ा होकर काम करूंगा। जिसने पार्टी के साथ गद्दारी की और पार्टी के उम्मीदवार को हराया, वह पांच साल हमें गालियां देता रहा, पीएम को भी नहीं बख्शा। लोकसभा चुनावों में उसको थोड़ी सी वोटे आई और वह दोबारा भाजपा में शामिल हो गया और फिर भी उसे टिकट दे दिया गया। वह न सिर्फ पार्टी का गद्दार है बल्कि सरकार का भी डिफाल्टर है, जिसने 2014 में सरकार के चावल देने थे। इसकी जांच होनी चाहिए। सीएम गिड़गिड़ा रहे थे, सीएम रबड़ स्टैंप कांबोज ने कहा कि मेरे पास सीएम का खुद ही कॉल आया था और वे गिड़गिड़ा रहे थे और ईधर उधर की बाते करते हुए कह रहे थे, कि मुझे तो पता ही नहीं था कि ऐसा हो गया वैसा हो गया। कांबोज ने कहा कि जब आपको पता ही नहीं है तो सीएम किस बात का है। जब सीएम इतनी बात कह रहा है तो वह सीएम ही नहीं बल्कि रबड़ स्टैंप है। केंद्र से हुआ है जो भी कुछ हुआ। पूरा षड्यंत्र रचा गया है। आजाद लड़ेंगे या फिर टिकट पर ​​​​​​​अब कांबोज आजाद चुनाव लड़ेंगे या टिकट पर, इस सवाल पर कांबोज ने कहा कि हमने 22 सदस्यीय कमेटी बनाई है। वही तय करेगी कि चुनाव लड़ना है या फिर किसी ओर दल को समर्थन देना है। पांच साल तक भुगता खामियाजा रामकुमार कश्यप को टिकट मिलने के सवाल पर कांबोज ने कहा कि पिछली बार में कश्यप का समर्थन करने के लिए गया था, जिसका खामियाजा मुझे रादौर में भुगतना पड़ा। पांच साल तक रामकुमार कश्यप सिर्फ एक ही बात कहता रहा कि यह तो मंत्री का आदमी है। पांच साल मेरे खिलाफ ही बोलता रहा। कभी भी उसने आज तक मेरे पास कोई कॉल नहीं किया। वह किस मुंह से कह रहा है कि वह मेरा भाई है। मनोहर लाल को भी दे दिया दो टूक जवाब मनोहर लाल जी ने भी मेरे पास कॉल किया था, लेकिन उन्होंने चिकनी चुपड़ी बाते कि हम आपको कहीं ओर एडजस्ट कर देंगे। अब मैने उनको बोल दिया है कि आप अपना काम करो और मैं अपना काम करूंगा। किसी ने कोई रिजाइन नहीं दिया ​​​​​​​कर्ण देव कांबोज के इस्तीफे के सवाल पर सीएम नायब सैनी ने कहा कि किसी ने कोई इस्तीफा नहीं दिया गया है। टिकट किसी एक व्यक्ति को मिलनी होती है। शीर्ष नेतृत्व का निर्णय सर्वोपरि होता है। कांबोज जी से बात चल रही है। चूंकि हमने हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनानी है और कर्णदेव कांबोज इस जीत के मुख्य कर्णधार होंगे।   हरियाणा | दैनिक भास्कर