भिवानी स्थित हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम, प्रश्न-पत्र डिजाइन, सैंपल प्रश्न-पत्र और मूल्यांकन योजना को तैयार करने का काम तेज कर दिया है। बोर्ड अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) पवन कुमार ने बताया कि इस काम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP-2020) के अनुरूप किया जा रहा है। विषय विशेषज्ञों के साथ हुई कार्यशाला बुधवार को बोर्ड कार्यालय में सामाजिक विज्ञान, इतिहास, राजनीतिक शास्त्र, समाजशास्त्र, लोक प्रशासन, सैनिक विज्ञान और भूगोल के विषय विशेषज्ञों की एक कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम को बेहतर और प्रभावी बनाने पर चर्चा की गई। बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए विषय विशेषज्ञों से सुझाव लिए गए हैं, ताकि अध्यापक और विद्यार्थी के बीच बेहतर तालमेल बने और पढ़ाई को अधिक सरल व प्रभावशाली बनाया जा सके। बौद्धिक क्षमता के अनुसार पढ़ाई कराने पर जोर बोर्ड अध्यक्ष ने शिक्षकों को निर्देश दिए कि वे विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता के अनुरूप पाठ योजना बनाएं, जिससे वे तर्कशील बनें और विषयों को आसानी से समझ सकें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी इस बात पर जोर दिया गया है कि शिक्षा सिर्फ रटने तक सीमित न रहे, बल्कि बच्चों में सोचने और समझने की क्षमता विकसित करे। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम बढ़ाए हैं कि विद्यार्थियों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और पठन-पाठन की प्रक्रिया को ज्यादा तर्कसंगत और सरल बनाया जाए। भिवानी स्थित हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम, प्रश्न-पत्र डिजाइन, सैंपल प्रश्न-पत्र और मूल्यांकन योजना को तैयार करने का काम तेज कर दिया है। बोर्ड अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) पवन कुमार ने बताया कि इस काम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP-2020) के अनुरूप किया जा रहा है। विषय विशेषज्ञों के साथ हुई कार्यशाला बुधवार को बोर्ड कार्यालय में सामाजिक विज्ञान, इतिहास, राजनीतिक शास्त्र, समाजशास्त्र, लोक प्रशासन, सैनिक विज्ञान और भूगोल के विषय विशेषज्ञों की एक कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम को बेहतर और प्रभावी बनाने पर चर्चा की गई। बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए विषय विशेषज्ञों से सुझाव लिए गए हैं, ताकि अध्यापक और विद्यार्थी के बीच बेहतर तालमेल बने और पढ़ाई को अधिक सरल व प्रभावशाली बनाया जा सके। बौद्धिक क्षमता के अनुसार पढ़ाई कराने पर जोर बोर्ड अध्यक्ष ने शिक्षकों को निर्देश दिए कि वे विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता के अनुरूप पाठ योजना बनाएं, जिससे वे तर्कशील बनें और विषयों को आसानी से समझ सकें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी इस बात पर जोर दिया गया है कि शिक्षा सिर्फ रटने तक सीमित न रहे, बल्कि बच्चों में सोचने और समझने की क्षमता विकसित करे। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम बढ़ाए हैं कि विद्यार्थियों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और पठन-पाठन की प्रक्रिया को ज्यादा तर्कसंगत और सरल बनाया जाए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
