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महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए 25 जून से भरे जाएंगे नामांकन फार्म, जानिए कब होगा मतदान और किस दिन आएंगे नतीजे?
महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए 25 जून से भरे जाएंगे नामांकन फार्म, जानिए कब होगा मतदान और किस दिन आएंगे नतीजे? <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra MLC Election 2024:</strong> महाराष्ट्र विधान परिषद की 11 सीटों पर चुनाव घोषित कर दिए गए हैं. 25 जून (मंगलवार) से नामांकन भरे जाएंगे और 12 जुलाई को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा. उसी शाम चुनाव नतीजे भी घोषित किए जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस चुनाव में महाराष्ट्र विधानसभा के विधायक मतदान कर विधान परिषद में अपना प्रतिनिधि चुनेंगे. महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल इस साल 23 नवंबर को समाप्त हो रहा है. माना जा रहा है कि राज्य में 15 से 20 अक्टूबर के बीच विधानसभा चुनाव होंगे. लेकिन इससे पहले विधान परिषद के 11 सदस्य 27 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं. उनके रिटायर होने से पहले चुनाव कराने होंगे, जिसके लिए विधानसभा के विधायक मतदान करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नामांकन करने की अंतिम तारीख कब है?</strong><br />चुनाव आयोग ने मंगलवार को उन 11 सीटों पर चुनाव घोषित किए हैं. कार्यक्रम के अनुसार, 25 जून से 2 जुलाई के बीच उम्मीदवार नामांकन भर सकेंगे. रिपोर्ट के अनुसार, विधान परिषद की 11 सीटों के लिए विधायक ही मतदान करेंगे. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 विधायक है. इसमें से 274 विधायक मतदान कर सकेंगे. विधानसभा के मौजूदा संख्या बल को देखते हुए महायुति और कांग्रेस के लिए चुनाव आसान होगा, जबकि शिवसेना-यूबीटी और शरद पवार की एनसीपी में पड़ी फूट के कारण से उनके लिए चुनाव मुश्किल साबित होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”‘शिवसेना UBT ने लोकसभा में ज्यादा सीटें जीतीं, लेकिन…’, स्ट्राइक रेट का जिक्र CM शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर बोला हमला” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/eknath-shinde-reaction-on-uddhav-thackeray-winning-more-seats-than-shiv-sena-in-2024-election-2722779″ target=”_blank” rel=”noopener”>’शिवसेना UBT ने लोकसभा में ज्यादा सीटें जीतीं, लेकिन…’, स्ट्राइक रेट का जिक्र CM शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर बोला हमला</a></strong></p>
Maha Kumbh 2025: मां-बाप ने महाकुंभ में दान दे दी 13 साल की बेटी, जूना अखाड़ा ने रखा नया नाम, बनेगी नागा साधु!
Maha Kumbh 2025: मां-बाप ने महाकुंभ में दान दे दी 13 साल की बेटी, जूना अखाड़ा ने रखा नया नाम, बनेगी नागा साधु! <p style=”text-align: justify;”><strong>Maha Kumbh 2025 Prayagraj:</strong> प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू हो रहा है. इस बीच देशभर से साधु-संतों और अखाड़ों का महाकुंभ में पहुंचना शुरू हो गया है. इसी क्रम में एक बेहद हैरान करने वाली घटना सामने आई है. आगरा के रहने वाले परिवार ने अपनी 13 साल की बेटी को जूना अखाड़े को दान कर दिया है. जल्द ही महाकुंभ में उसका पिंडदान किया जाएगा, जिसके बाद वो सांसारिक जीवन त्याग कर संन्यासी जीवन में प्रवेश कर लेगी. माता-पिता का कहना है कि उनकी बेटी शुरू से साध्वी बनना चाहती थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बच्ची का नाम राखी सिंह है. जूना अखाड़ा को दान देने के बाद बच्ची के गुरु और जूना अखाड़ा के संत कौशल गिरि ने विधि विधान के साथ उसका शिविर में प्रवेश कराया और उसका नया नाम गौरी रखा है. गुरु ने बताया कि जल्द ही बच्ची के पिंडदान की प्रक्रिया कराई जाएगी, जिसके बाद धीरे-धीरे उसे साध्वी के रूप में ढाला जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जूना अखाड़ा को दान दी बेटी</strong><br />एबीपी न्यूज़ ने जब इस बारे में गौरी के परिवार से बात की तो उसकी मां ने बताया कि हम महाकुंभ में आए थे. इसी दौरान बच्ची के मन में आया कि वो भी साध्वी बने. उसकी खुशी इसी में थी, उसने साध्वी का जीवन चुना. मां ने कहा कि उनकी बेटी शुरू से ही साध्वी बनना चाहती थी. उसने कई बार अपनी इस इच्छा का जिक्र परिवार से भी किया था. इसके बाद मां ने कहा कि तुम जो भी करना चाहती हो उसकी छूट है. अगर तुम्हारी यही इच्छा है तो हम कुछ नहीं कहेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बचपन से ही साध्वी बनना चाहती थी </strong><br />जूना अखाड़ा के शिविर में शामिल होने के बाद गौरी उर्फ राखी ने कहा कि उसका बचपन से ही पूजा-पाठ में बहुत ज्यादा मन लगता था. साध्वियों को देखकर उसका मन भी करता था कि वो भी साध्वी बने. वो इस जीवन में आकर ख़ुश हैं, गौरी ने कहा कि साध्वी बनने के बाद उसके कभी अपने माता-पिता की याद नहीं आएगी. मैं बहुत छोटी थी तभी से उन्हें ये कहती आ रही हूं कि मुझे अनाथ आश्रम में छोड़ दो. मैं पहले भी कहती थी मुझे घर में नहीं रहना. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाकुंभ में कराया जाएगा पिंड दान</strong><br />जूना अखाड़ा के संत कौशल गिरि ने इसे परमात्मा की कृपा बताया और कहा कि ये इनके पूर्व जन्म के संस्कार है इसलिए वो इतनी कम उम्र में साध्वी बनी है. इनका परिवार तो कुंभ के दर्शन करने ही आए थे. उन्होंने इस घटना को एक संयोग बताया और कहा कि अब वो सीधा भगवान की शरण में आ गई है. हमारा इनका संयोग तो न जाने कब से परमात्मा ने जोड़ा हुआ है. कब का विधि विधान चला आ रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>संत कौशल गिरी ने कहा कि हमने गौरी को पहले ही समझाया है कि फकीरी लोहे के चने के समान है, ये जितना सरल दिखकर रहा है उससे कहीं ज्यादा कठिन है. लेकिन उसका कहना है कि चाहे कितनी भी कठिनाई आए मुझे इनके साथ ही रहना है. धीरे-धीरे इनका साध्वी के जीवन में प्रवेश होगा. इनका पिंड दान होगा और जो भी विधि है उसे पूरा किया जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/swami-avimukteshwaranand-saraswati-protest-against-slogan-darenge-to-marenge-in-maha-kumbh-ann-2859413″>स्वामी अविमुक्तेश्वरान्द ने ‘डरेंगे तो मरेंगे’ नारे का जताया विरोध, बोले- ‘ऐसे नारे धर्म विरोधी'</a></strong></p>
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा- चौधरी बीरेंद्र सिंह मार्गदर्शक:उदयभान बोले- 42 साल कांग्रेस,10 BJP में लगाए; पूर्व मंत्री का जवाब- मैं एक्टिव पॉलिटिशियन
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा- चौधरी बीरेंद्र सिंह मार्गदर्शक:उदयभान बोले- 42 साल कांग्रेस,10 BJP में लगाए; पूर्व मंत्री का जवाब- मैं एक्टिव पॉलिटिशियन हरियाणा में 10 साल BJP में रहकर कांग्रेस में वापस लौटे पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह पर पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान तंज कसने से नहीं चूके। यह मौका उन्हें गुरूवार को चंडीगढ़ में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मिला। जहां हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान ने उन्हें कांग्रेस और भाजपा में रहने की याद दिला दी। यह सुनकर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने उन्हें मार्गदर्शक कह दिया। हालांकि इनके तंज को बीरेंद्र सिंह भी समझने से नहीं चूके। उनकी बोलने की बारी आई तो उन्होंने कहा कि मैं मार्गदर्शक नहीं, एक्टिव पॉलिटिशियन हूं। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। पहले सिलसिलेवार ढंग से पूरा वाक्या पढ़िए… चंडीगढ़ में कांग्रेस के प्रधान उदयभान ने अपना संबोधन खत्म किया। फिर वह सांसद दीपेंद्र हुड्डा को माइक देने वाले थे। दीपेंद्र ने चौधरी बीरेंद्र सिंह की तरफ इशारा कर दिया। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने कहा- ”हमारे प्रदेश के वरिष्ठ नेता हैं चौधरी बीरेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री, बड़ा लंबा तजुर्बा है। (हंसते हुए) 42 साल कांग्रेस का है, 10 साल BJP का है। उनका मार्गदर्शन बहुत ही बेहतर रहा है। वह भी अपने विचार रखेंगे।” इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने उदयभान के हाथ से माइक पकड़कर चौधरी बीरेंद्र सिंह के लिए कहा-”मार्गदर्शक बन चुके हैं।”(यह सुनकर सब हंसने लगे) (इस पर बीरेंद्र सिंह ने कहा- और ये (मार्गदर्शक) होने वाले हैं) इसके बाद चौधरी बीरेंद्र सिंह ने माइक थामा। उन्होंने कहा- ” मैं जो सोचता हूं। मेरी अपनी असेसमेंट है और ये में मार्गदर्शक के रूप में नहीं एक्टिव पॉलिटिशियन के रूप में बता रहा हूं कि हरियाणा में 70 से 75% मतदाता BJP का विरोधी है।” JJP से गठजोड़ न तोड़ने पर छोड़ी भाजपा
चौधरी बीरेंद्र सिंह और उनके बेटे बृजेंद्र सिंह ने लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले भाजपा छोड़ी। उस वक्त बृजेंद्र सिंह हिसार से भाजपा के सांसद थे। बीरेंद्र सिंह भाजपा के जजपा से गठबंधन को लेकर नाराज थे। उन्होंने भाजपा को गठबंधन तोड़ने को कहा लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो पहले उनके बेटे बृजेंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल हुए। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गठबंधन तो टूट गया लेकिन तब तक बीरेंद्र-बृजेंद्र कांग्रेस छोड़ चुके थे। हालांकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने झटका देते हुए उनके बेटे को टिकट नहीं दी।