<p style=”text-align: justify;”><strong>Transgender in uttarakhand:</strong> उत्तराखंड सरकार ने समाज के हर वर्ग के विकास को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में ट्रांसजेंडर पर्सनल कल्याण बोर्ड के गठन को मंजूरी दी गई. इस कदम को राज्य के ट्रांसजेंडर समुदाय के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस कल्याण बोर्ड का उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में योजनाएं तैयार करना और उन्हें लागू करना है. गृह सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि यह बोर्ड राज्य में ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा, “सरकार का यह कदम ट्रांसजेंडर समुदाय को सशक्त करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाया गया है. इस बोर्ड के माध्यम से उनके अधिकारों और हितों की रक्षा की जाएगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ट्रांसजेंडर समुदाय ने सरकार के फैसले का स्वागत किया<br /></strong>सरकार के इस फैसले का ट्रांसजेंडर समुदाय में सकारात्मक असर देखने को मिला है. देहरादून की समाजसेवी अदिति शर्मा, जो खुद ट्रांसजेंडर समुदाय का हिस्सा हैं,उन्होंने इस पहल का स्वागत किया. अदिति ने कहा, “यह कदम हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है. यह बोर्ड न केवल हमारे जीवन को बेहतर बनाएगा, बल्कि समाज में हमें समानता और सम्मान दिलाने में भी मदद करेगा. यह फैसला पहले ही लिया जाना चाहिए था, लेकिन यह खुशी की बात है कि मौजूदा सरकार ने हमारे अधिकारों को पहचाना है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>ट्रांसजेंडर समुदाय लंबे समय से भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार का सामना करता आया है. इस बोर्ड के माध्यम से राज्य सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करेगी. अदिति शर्मा ने यह भी कहा कि इससे ट्रांसजेंडर समुदाय को आत्मसम्मान और स्वाभिमान के साथ जीवन जीने का अवसर मिलेगा. सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि बोर्ड के माध्यम से ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे. इसके अलावा, स्वास्थ्य योजनाओं और आवास योजनाओं में भी प्राथमिकता दी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उत्तराखंड सरकार राज्य के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है<br /></strong>उत्तराखंड सरकार ने इस फैसले के माध्यम से यह साबित किया है कि वह राज्य के हर वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है. गृह सचिव शैलेश बगोली ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ट्रांसजेंडर समुदाय को उनका हक और सम्मान मिले. यह बोर्ड न केवल उनकी समस्याओं को हल करेगा, बल्कि उनके भविष्य को उज्जवल बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा. उत्तराखंड में ट्रांसजेंडर पर्सनल कल्याण बोर्ड का गठन सरकार का स्वागत योग्य कदम है. इससे ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज में समान अधिकार और सम्मान पाने का मार्ग प्रशस्त होगा. यह पहल न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण साबित हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/sambhal-violence-samajwadi-party-zia-ur-rahman-barq-father-says-atmosphere-will-not-improve-if-police-action-stop-2841993″>संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क के पिता बोले- ‘पुलिस के गिरफ्तारियां नहीं रोकने तक माहौल नहीं सुधरेगा'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Transgender in uttarakhand:</strong> उत्तराखंड सरकार ने समाज के हर वर्ग के विकास को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में ट्रांसजेंडर पर्सनल कल्याण बोर्ड के गठन को मंजूरी दी गई. इस कदम को राज्य के ट्रांसजेंडर समुदाय के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस कल्याण बोर्ड का उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में योजनाएं तैयार करना और उन्हें लागू करना है. गृह सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि यह बोर्ड राज्य में ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा, “सरकार का यह कदम ट्रांसजेंडर समुदाय को सशक्त करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाया गया है. इस बोर्ड के माध्यम से उनके अधिकारों और हितों की रक्षा की जाएगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ट्रांसजेंडर समुदाय ने सरकार के फैसले का स्वागत किया<br /></strong>सरकार के इस फैसले का ट्रांसजेंडर समुदाय में सकारात्मक असर देखने को मिला है. देहरादून की समाजसेवी अदिति शर्मा, जो खुद ट्रांसजेंडर समुदाय का हिस्सा हैं,उन्होंने इस पहल का स्वागत किया. अदिति ने कहा, “यह कदम हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है. यह बोर्ड न केवल हमारे जीवन को बेहतर बनाएगा, बल्कि समाज में हमें समानता और सम्मान दिलाने में भी मदद करेगा. यह फैसला पहले ही लिया जाना चाहिए था, लेकिन यह खुशी की बात है कि मौजूदा सरकार ने हमारे अधिकारों को पहचाना है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>ट्रांसजेंडर समुदाय लंबे समय से भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार का सामना करता आया है. इस बोर्ड के माध्यम से राज्य सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करेगी. अदिति शर्मा ने यह भी कहा कि इससे ट्रांसजेंडर समुदाय को आत्मसम्मान और स्वाभिमान के साथ जीवन जीने का अवसर मिलेगा. सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि बोर्ड के माध्यम से ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे. इसके अलावा, स्वास्थ्य योजनाओं और आवास योजनाओं में भी प्राथमिकता दी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उत्तराखंड सरकार राज्य के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है<br /></strong>उत्तराखंड सरकार ने इस फैसले के माध्यम से यह साबित किया है कि वह राज्य के हर वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है. गृह सचिव शैलेश बगोली ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ट्रांसजेंडर समुदाय को उनका हक और सम्मान मिले. यह बोर्ड न केवल उनकी समस्याओं को हल करेगा, बल्कि उनके भविष्य को उज्जवल बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा. उत्तराखंड में ट्रांसजेंडर पर्सनल कल्याण बोर्ड का गठन सरकार का स्वागत योग्य कदम है. इससे ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज में समान अधिकार और सम्मान पाने का मार्ग प्रशस्त होगा. यह पहल न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण साबित हो सकती है.</p>
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