हरियाणा के सोनीपत जिले में कंबाइन से गेहूं की कटाई के उपरांत फसल अवशेष में चिंगारी के चलते भयंकर आग लग गई। इस चिंगारी ने खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को भी अपनी चपेट में ले लिया। तीन गांवों के किसानों की गेहूं की खड़ी खेती और फसल अवशेष जलकर खाक हो गए हैं। सूचना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम और स्थानीय किसानों ने आग पर कड़ी मशक्कत के बाद कई घंटों में काबू पाया। आग से लाखों रुपए का चारा और गेहूं जलकर राख हो गया। मौके पर आसपास के गांव के लोग और स्थानीय पुलिस भी पहुंची। ट्रैक्टर से निकली चिंगारी से लगी आग गांव किशोरा निवासी किसान राजेश के मुताबिक गांव दीपालपुर, किशोरा और चौहान जोशी के अलग-अलग गांव के खेत एक साथ सीमा पर लगाते हैं। किसान राजेश ने बताया कि गांव दीपालपुर में कंबाइन मशीन गेहूं की कटाई करने के उपरांत किसान की ट्रॉली में डाल रही थी। इस दौरान ट्रैक्टर जब स्टार्ट किया गया तो अचानक के उसमें से चिंगारी निकली और आग लग गई। किसानों के मुताबिक सोनीपत के गांव किशोरा, दीपालपुर और चौहान जोशी के खेतों में आग फैल गई थी। जहां शुरुआती तौर पर फसल अवशेष में आग लगी, उसके बाद खड़ी गेहूं की चपेट में आ गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और उसके बाद चारों तरफ हड़कंप मच गया आसपास के गांव के किसान अपने-अपने ट्रैक्टर और हेर्रो खेतों की तरफ दौड़ पड़े और फैली हुई आग को बुझाने के लिए करीबन 30 ट्रैक्टर हेर्रो के साथ जमीन काटकर आग बुझाने में लगे। घंटों की मशक्कत के बाद पाया काबू किसानों ने बताया कि करीबन 35 से 40 एकड़ में फसल अवशेष और खड़ी फसल जलकर राख हो गई है। जानकारी के मुताबिक के करीबन 15 किले गेहूं की खड़ी फसल में आग लगी जलकर खाक हो गई है। बाकी 20 एकड़ फसल अवशेष भी जलकर खाक हो गए हैं। वही गेहूं की फसल और अवशेष कि आग को बढ़ती हुई देखकर गांव के अन्य किसान अपने-अपने ट्रैक्टर और हेर्रो लेकर पहुंचे। दर्जन भर किसानों ने आपको कंट्रोल करने के लिए लगी हुई आग के चारों तरफ ट्रैक्टर और हेर्रो से जमीन काटकर आग बुझाने का प्रयास किया। करीबन 30 ट्रैक्टर के माध्यम से जमीन को काट कर आग को बुझाया गया। हालांकि इस दौरान ने कुछ फसल को ट्रैक्टर और हेर्रो के कारण भी नष्ट हो गई। अगर ऐसा नहीं करते तो और भी ज्यादा आग फैल जाती। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर कंट्रोल पाया गया। फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी मौके पर पहुंची थी। समय रहते हुए अगर किसान नहीं पहुंचते तो आसपास के सैकड़ों एकड़ फसल जलकर खाक हो सकती थी। लाखों का चारा और गेहूं जलकर खाक कंबाइन मशीन द्वारा गेहूं की फसल की कटाई के उपरांत फसल अवशेष बचे रह जाते हैं। किसान फसल अवशेष को पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल करता है। काफी किसान इसे व्यापारिक रूप में भी प्रयोग करते हैं। जिससे हरियाणा और यूपी के अलग-अलग हिस्सों में तूड़े की बिक्री होती है। लाखों रुपए का चारा जलकर खाक हो गया है। करीबन 15 एकड़ फसल गेहूं की भी जलकर खाक हो गई है। इससे किसानों के लिए भी बड़े नुकसान की संभावना है। मौके पर पटवारी ने किया मुआयना आग की सूचना मिलते ही कुमासपुर हल्के के अमित कुमार पटवारी मौके पर पहुंचे। आज के कारण हुए नुकसान का रिपोर्ट तैयार की है। वही रिपोर्ट जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाई जाती है। जिसके लिए नियम भी बनाए गए हैं। मेरी फसल मेरा ब्योरा पर रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य होता है। यहां तक की फसल बीमा योजना के तहत भी रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य होता है। पटवारी द्वारा मौके पर पहुंचकर रिपोर्ट तैयार कर विभाग को भेजी गई है। पटवारी अमित का कहना है कि मौके पर काफी आग फैली हुई थी। करीबन 25 से 30 एकड़ से ज्यादा फसल अवशेष में आग थी, किसानों की सूझबूझ के कारण आग पर काबू पाया गया है। हरियाणा के सोनीपत जिले में कंबाइन से गेहूं की कटाई के उपरांत फसल अवशेष में चिंगारी के चलते भयंकर आग लग गई। इस चिंगारी ने खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को भी अपनी चपेट में ले लिया। तीन गांवों के किसानों की गेहूं की खड़ी खेती और फसल अवशेष जलकर खाक हो गए हैं। सूचना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम और स्थानीय किसानों ने आग पर कड़ी मशक्कत के बाद कई घंटों में काबू पाया। आग से लाखों रुपए का चारा और गेहूं जलकर राख हो गया। मौके पर आसपास के गांव के लोग और स्थानीय पुलिस भी पहुंची। ट्रैक्टर से निकली चिंगारी से लगी आग गांव किशोरा निवासी किसान राजेश के मुताबिक गांव दीपालपुर, किशोरा और चौहान जोशी के अलग-अलग गांव के खेत एक साथ सीमा पर लगाते हैं। किसान राजेश ने बताया कि गांव दीपालपुर में कंबाइन मशीन गेहूं की कटाई करने के उपरांत किसान की ट्रॉली में डाल रही थी। इस दौरान ट्रैक्टर जब स्टार्ट किया गया तो अचानक के उसमें से चिंगारी निकली और आग लग गई। किसानों के मुताबिक सोनीपत के गांव किशोरा, दीपालपुर और चौहान जोशी के खेतों में आग फैल गई थी। जहां शुरुआती तौर पर फसल अवशेष में आग लगी, उसके बाद खड़ी गेहूं की चपेट में आ गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और उसके बाद चारों तरफ हड़कंप मच गया आसपास के गांव के किसान अपने-अपने ट्रैक्टर और हेर्रो खेतों की तरफ दौड़ पड़े और फैली हुई आग को बुझाने के लिए करीबन 30 ट्रैक्टर हेर्रो के साथ जमीन काटकर आग बुझाने में लगे। घंटों की मशक्कत के बाद पाया काबू किसानों ने बताया कि करीबन 35 से 40 एकड़ में फसल अवशेष और खड़ी फसल जलकर राख हो गई है। जानकारी के मुताबिक के करीबन 15 किले गेहूं की खड़ी फसल में आग लगी जलकर खाक हो गई है। बाकी 20 एकड़ फसल अवशेष भी जलकर खाक हो गए हैं। वही गेहूं की फसल और अवशेष कि आग को बढ़ती हुई देखकर गांव के अन्य किसान अपने-अपने ट्रैक्टर और हेर्रो लेकर पहुंचे। दर्जन भर किसानों ने आपको कंट्रोल करने के लिए लगी हुई आग के चारों तरफ ट्रैक्टर और हेर्रो से जमीन काटकर आग बुझाने का प्रयास किया। करीबन 30 ट्रैक्टर के माध्यम से जमीन को काट कर आग को बुझाया गया। हालांकि इस दौरान ने कुछ फसल को ट्रैक्टर और हेर्रो के कारण भी नष्ट हो गई। अगर ऐसा नहीं करते तो और भी ज्यादा आग फैल जाती। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर कंट्रोल पाया गया। फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी मौके पर पहुंची थी। समय रहते हुए अगर किसान नहीं पहुंचते तो आसपास के सैकड़ों एकड़ फसल जलकर खाक हो सकती थी। लाखों का चारा और गेहूं जलकर खाक कंबाइन मशीन द्वारा गेहूं की फसल की कटाई के उपरांत फसल अवशेष बचे रह जाते हैं। किसान फसल अवशेष को पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल करता है। काफी किसान इसे व्यापारिक रूप में भी प्रयोग करते हैं। जिससे हरियाणा और यूपी के अलग-अलग हिस्सों में तूड़े की बिक्री होती है। लाखों रुपए का चारा जलकर खाक हो गया है। करीबन 15 एकड़ फसल गेहूं की भी जलकर खाक हो गई है। इससे किसानों के लिए भी बड़े नुकसान की संभावना है। मौके पर पटवारी ने किया मुआयना आग की सूचना मिलते ही कुमासपुर हल्के के अमित कुमार पटवारी मौके पर पहुंचे। आज के कारण हुए नुकसान का रिपोर्ट तैयार की है। वही रिपोर्ट जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाई जाती है। जिसके लिए नियम भी बनाए गए हैं। मेरी फसल मेरा ब्योरा पर रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य होता है। यहां तक की फसल बीमा योजना के तहत भी रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य होता है। पटवारी द्वारा मौके पर पहुंचकर रिपोर्ट तैयार कर विभाग को भेजी गई है। पटवारी अमित का कहना है कि मौके पर काफी आग फैली हुई थी। करीबन 25 से 30 एकड़ से ज्यादा फसल अवशेष में आग थी, किसानों की सूझबूझ के कारण आग पर काबू पाया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
